मौसी के चक्कर में माँ चुद गईं

थोड़ी देर बाद मैंने मौसी का हाथ मेरे लण्ड पर महसूस किया। वह मेरे लण्ड को पकड़ कर आगे पीछे कर रही थीं। मैं भी एक हाथ से उनके बूबस दबा रहा था और दुसरे हाथ से उनकी चूत सहला रहा था।

यह काम हुम लोग करिब 5 मिनट्स तक करते रहे फिर मौसी ने मेरे कान में कहा- ‘बेटा तुम मेरी चूत की ओर मुंह रख कर मेरी चूत को चाटो मैं तुम्हारा लण्ड चाटूंगी। अब हुम 69 कि पोजीशन में होकर एक दुसरे के चूत और लण्ड चुमने चाटने लगे।

मैं जब अपनी जीभ से उनकी चूत के फ़न को रगड़ रहा था तो वह आआह्ह ऊऊईई माँआ की धीरे धीरे आवाजें करती थीं। कुछ देर बाद उनकी चूत से सफ़ेद पानी आ गया और उस वक़्त उन्होंने मेरा सिर पूरी तरह से चूत पर दबा रखा था जिस कारण मेरे मुंह पर पूरा चूत का पानी लग गया।

फिर मौसी ने मुझे अपनी तरफ़ करते हुए कहा- ‘बेटा अब रहा नहीं जाता है जल्दी से तुम्हारा यह मोटा लण्ड मेरी चूत में डाल दे।’

मैं भी जोश में आ गया था और मौसी की चूतड के नीचे तकिया रख कर उनकी चूत को थोड़ा उठा दिया और अपने लण्ड का सुपाड़ा चूत के मुंह पर रख कर एक जोरदार धक्का लगाया।

एक ही धक्के में मेरा आधा लण्ड उनकी चूत में चला गया था और जोरदार धक्के के कारण उनकी मुंह से हल्की सी चींख निकल गई।

‘ऊऊईई माँआ धीरेरेए डालोओ!’ उनकी हल्की चींख सुन कर माँ जाग चुकी थीं लेकिन अँधेरा होने के कारण वह हमें या हमारे चुदाई को देख ना सकी और पुछा ‘क्या हुआ?’

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मौसी ने धीमे से माँ के कान में कहा- कुछ नहीं मैं अपनी चूत में उंगली डाल कर अन्दर बाहर कर रही थी कि मुझसे रहा नहीं गया और मैं हल्की सी चींख उठी।

माँ ने कहा- ‘ठीक है आवाज़ धीरे करो क्योंकि बगल में दिनु सोया है।’ हालांकि उन दोनों ने इतनी धीमी आवाज़ में बात चीत की, फिर भी रात होने के कारण मुझे उनकी बात चीत सुनाई पड़ी।

अब मैं कुछ देर रुक गया था। मेरा आधा लण्ड अभी भी मौसी की चूत में घुसा था। थोड़ी देर बाद मैं मौसी के होंठों को चूसना शुरु किया और फ़िर से एक जोरदार धक्का मारा तो मेरा लण्ड पूरा चूत में चला गया।

मेरा लण्ड जड़ तक घुसते ही मौसी चिल्लाने की कोशिश की, लेकिन मेरा मुँह मौसी के मुँह में था इसलिए वह चिल्ला ना सकी।

थोड़ी देर बाद मैं अपना लण्ड अन्दर बाहर करने लगा जिससे मौसी को जोश आ गया और धीरे धीरे ‘ऊऊईई ऊऊफ़्फ़!!’ और चोदो मुझे कहने लगी।

मैं करीब 20 मिनट्स तक उन्हें चोदता रहा इसी बीच मौसी 4 बार झड़ चुकी थी जब मेरा पानी निकलने वाला था।

मौसी की गांड चुदाई की तमन्ना
मैं अपना लण्ड उनकी चूत से निकाल कर मुँह में दे दिया और मेरा पानी मौसी के मुँह में पूरा भर गया और वह मेरे पानी तो गटगट पीने लगी। फिर मैं मौसी के बगल में आकर लेट गया।

कुछ देर बाद मैंने मौसी के हाथ में अपना सिकुड़ा हुआ लण्ड पकड़ा दिया।

मौसी मेरे लण्ड को सहलाने लगी और पूछा कि ‘अभी भी पेट भरा नहीं क्या मुझे चोद कर?’

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मैंने कहा- ‘मौसी मैं अब आपकी गांड भी मारना चाहता हूँ।

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