मौसी के चक्कर में माँ चुद गईं

मौसी- दीदी पता है रात को क्या हुआ?

माँ: क्या हुआ?

मौसी- रात जब मैं क़रीब 2:30 बजे पेशाब के लिए उठी तो देखा कि दिनू बेटा का लण्ड बाहर निकला हुआ था।

माँ- शायद उसका अंडरवियर ढीला होगा इसलिए उसकी नूनी बाहर निकल आई होगी?

मौसी- दीदी अब उसकी नूनी, नूनी नहीं रही, अब तो मर्दों की तरह लण्ड बन चुका है।

माँ- अच्छा, तब तो उसकी शादी की तैयारी करनी पड़ेगी, खैर यह बताओ कितना बड़ा लण्ड था उसका।

मौसी- उसका सिकुड़ा हुआ लण्ड ही काफ़ी बड़ा लग रहा था।

माँ: ‘आश्चर्य से’ अच्छा, तब तो जब उसका लण्ड खड़ाा होगा तो काफ़ी बड़ा होगा!

मौसी- दीदी और जब मैं पेशाब करके उठी और चूत को साफ़ करने लगी तो मेरी हाथेली पर झांटों से और चूत की फांको से कुछ चिपचिपा सा चीज लग गया था। शायद नींद में बेटे का लण्ड का पानी गिरा होगा।

माँ- इसलिए कहती हूँ, रात में नींद में अपनी नाईटी का ख्याल रखाना चाहिए तुझे। क्यों कि अक्सर मैं देखती हूँ तेरी नाईटी कमर पे आ जाती है।

अब मैं समझ गया कि रात को जो कुछ भी मैंने किया उसका मौसी ने बूरा नहीं माना, और मैं उठ कर नाहा धोकर नाश्ते का वेट करने लगा। इतने में माँ ने मौसी से कहा, ‘दिनू को नाश्ता दे दो में कपड़े सुखाने जा रही हूँ।

मौसी मेरे लिए नाश्ता लेकर आई और पास ही बैठ गई रात की घटना के बाद मैं मौसी को कामुक निगाहों से देखता था।

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जब मेरी नज़र उनकी चूची पर पड़ी, तो उन्होंने पूछा ‘क्या देख रहे हो बेटा?’

मौसी की चूत चुदाई
मैंने कहा- ‘मौसी आज आप खूबसुरत लग रही हो।’ मौसी हँसी और उठकर चली गईं।

रात को खाना खाने के बाद हुम सब सोने की तैयारी में लग गए, पर मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैं केवल सोने का नाटक कर रहा था और मौसी को कैसे चोदा जाए यह प्लानिंग बना रहा था।

करिब 12:45 को मैं आँख खोल कर देखा तो मौसी आज रत भी कल रात की तरह सोई थीं लेकिन आज उनकी नाइटी पूरी कमर के उपर थी और उनकी चूत मुझे साफ़ नज़र आ रही थी।

उनकी चूत देख कर मेरा लण्ड खड़ा होकर चोदने के लिए तैयार हो चूका था। इतने में मेरे दिमाग में एक आईडिया आया। मैंने उठ कर लाइट बंद कर दी और मेरे लण्ड पर ढेर सारा तेल लगा के आया।

अब मैं मौसी की ओर करवट कर कल रात की तरह उनकी चूत के मुख पर लण्ड रख दिया। मेरा लण्ड का सुपाड़ा चिकना होने के कारण थोड़ा मौसी की चूत में चला गया।

मुझे मौसी की चूत का एहसास लण्ड पर महसूस हुआ। जिस कारण मैं और उत्तेजित हो गया और धीरे से जोर लगा कर आधा सुपाड़ा मौसी की चूत में डाल दिया।

आधा सुपाड़ा जाते ही मौसी के शरीर में कुछ हरकत हुई। मैंने सोचा शायद मौसी जाग गई होंगी इसलिए कुछ देर तक ऐसे ही सोने का नाटक करने लगा।

जब कुछ देर तक मेरे शरीर से कुछ हरकत ना होने पर मौसी ने थोड़ी गांड मेरी ओर सरका दी जिस कारण मेरा पूरा सुपाड़ा उनकी चूत में घुस गया।

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मैं समझ नहीं पाया कि मौसी ने नींद में यह हरकत की या जानबूझ कर रखीं। मैंने हिम्मत जुटाई और एक हाथ उनकी बूब्स पर रख दिया और हौले हौले दबाने लगा। इतने में मौसी सीधी होकर सो गई जिस कारण मेरा लण्ड चूत से बाहर निकल गया।

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