हेलो दोस्तों, मैं सोनू. कैसे हो आप लोग? जैसा की आप लोगों ने पिछले पार्ट में पढ़ा की मम्मी पूरी रात गररा पहलवान से ज़बरदस्त चुड्ती है, और मैं दोनो की चुदाई देखता हू. फिर चुप-छाप आके रूम में सोने का नाटक करता हू. उसके बाद मम्मी रूम में आती है, और मेरे को सोया हुआ देखती है. मम्मी को लगता है की मैं पूरी रात सोया था. फिर मम्मी भी सो जाती है. अब आयेज-
अगले दिन सुबा 9 बजे मम्मी मेरे को उठती है. फिर मैं सीधा नहाने चला जाता हू. मैं जब नहा के बातरूम से निकलता हू, तो मम्मी रूम में ही मेरे लिए नाश्ता लेकर बैठी रहती है. मैं जल्दी से तैयार हो कर नाश्ता करने बैठ जाता हू. नाश्ता करते हुए मैं मम्मी से बोला-
सोनू: मम्मी कैसी रही गररा पहलवान के साथ चुदाई?
मम्मी: मैं तेरे को वहीं बताने वाली थी.
सोनू: तो बताओ.
मम्मी: अर्रे बहुत मज़ा आया.
फिर मम्मी गररा पहलवान और अपनी रात भर की चुदाई के बारे में बताने लगी. मैं अंजान बन कर सुनता रहा. मैने मम्मी को ये नही बताया की मैं उनकी चुदाई देख चुका था. अगर बता देता तो मम्मी को बुरा लग जाता, इसलिए मैं अंजान बन कर मम्मी की बातें सुनता रहा.
मम्मी मेरे को सारी बातें बताई जो मैं कल रात गररा पहलवान और मम्मी का सुना था. वो मेरे से कुछ नही च्छुपाई ये सही था. सारी बातें सुनने के बाद मैं बोला-
सोनू: मम्मी गररा पहलवान से चुड के तो आप खुश हो गयी, और गररा पहलवान आपको छोड़ के खुश हो गया. लेकिन मेरे को कब खुश करोगी?
मम्मी: आज रात को.
सोनू: अभी क्यूँ नही?
मम्मी: बेटा मैं पूरी रात गररा पहलवान से चूड़ी हू. बहुत तक गयी हू. तोड़ा आराम करना चाहती हू.
सोनू: अछा ठीक है, आप आराम कर लो.
मम्मी: हा लेकिन आज रात मैं तुझे ज़ोरदार चुदाई का मज़ा दूँगी.
सोनू: ठीक है मम्मी.
मम्मी: चल मैं अभी तोड़ा सो जाती हू.
फिर मम्मी सो जाती है. नाश्ता करने के बाद मेरे को भी नींद आती है, क्यूंकी मैं भी रात भर सोया नही रहता हू मम्मी और गररा पहलवान का चुदाई देखने के चक्कर में. तो मैं सो जाता हू. फिर शाम में 6 बजे मम्मी मेरे को उठती है और बोलती है-
मम्मी: सोनू हम लोग आज घर चल रहे है.
सोनू: ऐसे अचानक से?
मम्मी: हुआ ये की तेरे दादा जी के कोई रिश्तेदार है जो दूसरे गाओं में रहते है. और घर के सभी लोग तेरी चाची, बड़ी मम्मी, तेरे बड़े पापा, और दादा जी सब लोग अभी कुछ देर में उसी रिश्तेदार के यहाँ शादी में जेया रहे है. हम दोनो को भी साथ चलने को बोल रहे थे. लेकिन मैं माना कर दी. क्यूंकी वो लोग वहाँ 10 दिन रुकने वाले है. और इनके चक्कर में हम दोनो को भी रुकना वहाँ पद जाएगा.
मम्मी: और यहा तो कोई होगा नही. तो हम दोनो यहाँ रुक के क्या करेंगे? और ऐसे भी सब लोग आज ही जेया रहे है. तो हम दोनो भी अपने घर चलते है.
सोनू: हा सही की मम्मी आप. वैसे हम लोग दादा जी रिश्तेदार को जानते भी नही है, और यहाँ कोई नही होगा तो हमारे रुकने का क्या मतलब.
मम्मी: वहीं तो. तू एक काम कर. तू हाथ-मूह धो ले, मैं हम दोनो का समान पॅक कर देती हू.
सोनू: ठीक है.
मैं हाथ मूह धो कर तैयार हो जाता हू. मम्मी भी समान पॅक करके तैयार हो जाती है. फिर हम लोग नीचे जाते है, तो चाची, बड़ी मम्मी, दादा जी, बड़े पापा, सब निकालने की तैयारी कर रहे होते है. फिर मम्मी और मैं सबसे मिलते है. मैं चाची और बड़ी मम्मी से मिलता हू.
रंजीता: सोनू कुछ दिन बाद मैं और रेणु तेरे शहर आएँगे, और खूब चुदाई करेंगे.
रेणु: हा सोनू, और जब हम दोनो तेरे घर आएँगे, तो पुर टाइम बिना कपड़ों के रहेंगे.
सोनू: बिल्कुल, और आप दोनो जल्दी आना.
रंजीता: हा आएँगे.
फिर सब से मिलने के बाद शाम में 7 बजे मैं और मम्मी अपनी कार में अपने शहर आने के लिए निकल जाते है. करीबन रात के 9 बजे मैं और मम्मी एक ढाबे में रुक के खाना खाते है. फिर वापस से कार में निकल पड़ते है. ऐसे भी हम लोगों को शहर पहुँचने में सुबा होनी थी.
रात के 2 बाज रहे होते है. मैं कार चलते रहता हू, और मम्मी भी जागी रहती है. हम दोनो मस्त रोमॅंटिक गाना सुनते हुए जाते रहते है, और पूरा रास्ता सुनसान रहता है. रास्ते में एक भी घर नही रहता है, पूरा जंगल होता है. चारों तरफ अंधेरा रहता है. रोड पे एक भी स्ट्रीट लाइट नही होती है, सिर्फ़ कार के हेडलाइट में रोड दिख रही होती है.
मैं और मम्मी मस्त रोमॅंटिक सॉंग एंजाय करते जाते रहते है. तभी अचानक से हमारी कार बंद पद जाती है. मैं कार स्टार्ट करने की बहुत कोशिश करता हू. लेकिन कार स्टार्ट नही होती है. फिर मैं और मम्मी दोनो धक्का मार के कार को सड़क के किनारे लाते है.
फिर कार का बॉनेट खोल के देखते है. लेकिन हम दोनो को कुछ समझ नही आता है. आस-पास कोई भी मेकॅनिक नही होता है. पूरा इलाक़ा जंगल रहता है. फिर मैं बोला-
सोनू: मम्मी मेरे तो कुछ समझ नही आ रहा है. इसको अब मेकॅनिक ही ठीक कर पाएगा, और अभी यहाँ पे मेकॅनिक नही मिलेगा. और कोई गाड़ी आती-जाती भी नही दिख रही है. दिख जाता तो किसी से मदद माँग लेते.
मम्मी: सोनू एक काम करते है. हम दोनो कार के अंदर चलते है. क्यूंकी चारों तरफ जंगल है, और रात का भी टाइम है. कोई जानवर हमला कर दिया तो?
सोनू: हा मम्मी, सही बोल रही हो. चलो कार के अंदर ही बैठ जाते है. अगर कोई गाड़ी आती दिखी तो उससे मदद माँग लेंगे. नही तो हम लोगों को पूरी रात यहीं कार में ही गुज़ारनी पड़ेगी.
मम्मी: हा ठीक है.
मम्मी कार के अंदर जाके बैठ जाती है. मैं बाहर ही रुक के तोड़ा देखता हू की कोई गाड़ी दिख जाए. लेकिन कोई नही दिखता. तो आख़िर में मैं भी कार के अंदर आके बैठ जाता हू. जैसे ही मैं कार के अंदर आके बैठता हू, तो देखता हू मेरे बगल वाली सीट में मम्मी नही रहती है. बल्कि सीट में मम्मी की सारी, ब्लाउस, पेटिकोट, चड्डी और ब्रा पड़े रहते है. ये वहीं वाले कपड़े रहते है, जो मम्मी अभी पहनी हुई थी. मैं सोच में पद जाता हू, की मम्मी नंगी हो कर कहाँ गयी थी.
फिर मैं पीछे वाली सीट में देखता हू, तो मम्मी पूरी नंगी रहती है. वो अपनी दोनो टाँगे फैला के अपनी छूट दिखाते हुए बोलती है-
मम्मी: सोनू डार्लिंग, देख क्या रहा है. जल्दी से अपने बदन को कपड़ों की क़ैद से आज़ाद करके मेरे पास आ.
मैं तुरंत कार लॉक कर देता हू, और अपने कपड़े उतार कर पीछे वाली सीट पे चला जाता हू. फिर मम्मी की गोदी में बैठ जाता हू, और मम्मी मेरे को ज़ोर से जाकड़ लेती है. मैं मम्मी के होंठो को चूसना शुरू कर देता हू, और मम्मी भी मेरे होंठो को चूस्टे हुए मेरी पीठ को सहलाती है. वो मेरे छूतदों को मसालते रहती है.
कार के अंदर मेरा और मम्मी का रोमॅन्स चलते रहता है. मैं मम्मी की गर्दन को चूमते हुए चाटने लगता हू, और मम्मी मेरे सर को सहलाते रहती है. फिर मैं मम्मी के दूध चूस्टे हुए दबाने लगता हू, और मम्मी मेरे सर को सहलाते रहती है
मम्मी: उःम्म्म उःम्म्म आ मेरा पूरा दूध पीजा मेरी जान अयाया उःम्म्म ऑश.
फिर मैं मम्मी का दूसरा दूध चूसने लग जाता हू.
मम्मी: आ उःम्म्म सोनू अया पूरा दूध पीजा अया उःम्म्म मज़ा आ रहा है उःम्म्म.
कुछ देर दूध पीने के बाद मम्मी मेरे को सीट में बिता और खुद मेरी बगल में बैठ जाती है. फिर मेरे लंड को चूसने लगती है.
सोनू: चूसो मम्मी, मज़ा आ रहा है, और चूसो.
मम्मी मेरे लंड को चूस्टे हुए मेरे टॅटन को चूस्टी है. वो मज़े से मेरे लंड और मेरे टॅटन को चूस्टी है. मेरे को बहुत मज़ा आते रहता है. कुछ देर लंड चूसने के बाद मम्मी उठ कर मेरे उपर बैठ जाती है. मेरा लंड अपनी छूट में घुसा के वो कूदने लगती है.
मम्मी: अया अयाया अयाया सोनू अया मज़ा आ रहा है अया अया अया.
मेरा चेहरा मम्मी के दूध में दबा रहता है, और मम्मी मज़े से मेरे लंड पे कूदते रहती है.
मम्मी: अया अया छोड़ मेरे को मेरे राजा. आ अया किसी से भी चुड लू अया आ, लेकिन तेरे से चुड़े बिना अया अया मेरे को चैन नही आता है. आ अया छोड़ मेरे को अया अया आ.
मम्मी अब और ज़ोर-ज़ोर से कूदने लगती है. पूरी कार हिलते रहती है और कार से मम्मी के चिल्लाने का आवाज़ और फटत-फटत की आवाज़ आते रहती है. मम्मी अपनी स्पीड और तेज़ कर देती है और अब और ज़डा आवाज़ आती है.
मम्मी: आ अया अया आ अया अया अया ओह सोनू आ आ. तेरी रंडी मम्मी अया, अया अब झड़ने वाली है अया आआआः अया.
सोनू: मैं भी झड़ने वाला हू.
फिर मैं और मम्मी दोनो साथ में झाड़ जाते है, और मम्मी और मैं एक-दूसरे से लिपट के बैठे रहते है. कुछ देर बाद मम्मी अलग होती है, और बोलती है-
मम्मी: सोनू अब हम लोग कपड़े पहन लेते है.
सोनू: हा.
मम्मी: कार में तो मेरे को सारी पहनते नही बनेगा. मैं कार के बाहर हेडलाइट की रोशनी में सारी पहन लूँगी.
सोनू: हा ठीक है.
मम्मी: लेकिन पहले मैं मूट लेती हू.
सोनू: मम्मी मेरे मूह में मूट दो. मैं आपका मूट भी पी लूँगा.
मम्मी हेस्ट हुए: मैं भी तेरा मूट पी लूँगी. लेकिन आज नही, किसी और दिन.
फिर मम्मी नंगी ही कार से बाहर निकलती है. मैं भी कार से बाहर निकलता हू. ऐसे भी आस-पास कोई नही रहता है. फिर मम्मी कार लाइट की रोशनी के सामने जाती है. फिर वो बैठ के मूतने लग जाती है. मैं मम्मी को मूट-ते हुए देखता हू.
मम्मी का चूतड़ मस्त दिखते रहता है. फिर मम्मी अपनी सारी पहनती है और मैं भी अपने कपड़े पहन लेता हू. हम दोनो अपने कपड़े पहन के कार के अंदर जाने वाले रहते है. तभी हम लोगों को एक कार आते हुए दिखती है.
मैं और मम्मी उस कार वाले को रोकने के लिए हाथ मारते है. वो कार वाला हम लोगों को देख के कार रोकता है. मैं उससे बात करने जाता हू, तो देखता हू वर्मा जी बैठे होते है. वो बिज़्नेसमॅन है जो मेरे को जानते होते है. वो बताते है की वो अपनी फॅमिली के साथ घूमने गये थे.
उनको मैं अपनी कार खराब होने वाली बात बताता हू. फिर वो बोलते है की उनका भाई कार का एक्सपर्ट था. फिर वो अपने भाई को मेरी कार ठीक करने के लिए बोलते है. उनका भाई हमारी कार ठीक करता है, और हमारी कार स्टार्ट हो जाती है. फिर वो लोग चले जाते है.
फिर मैं और मम्मी भी अपनी कार में निकल जाते है. हम आख़िरकार लगभग दोपहर के 1 बजे मैं और मम्मी अपने घर पहुँच जाते है. फिर घर आ कर सीधा मैं और मम्मी सो जाते है. फिर शाम को उठ के, खाना-वाना खा के, थकान के वजह से वापस सो जाते है.
आयेज क्या हुआ अगले पार्ट में पता चलेगा.
तो बे कंटिन्यूड…