लीबिडो कामपिपासा अन्तर्वासना

मेरे बालों पर उसकी पकड़ मजबूत होती जा रही थी।
‘क्या कर रही हो.. मेरे बाल दुख रहे हैं..’ अपने मुँह से उसके निप्पल को निकालते हुए मैंने कहा।

उसने आंख खोल कर मेरी ओर देखा और मुझसे लिपट कर अपना मुँह मेरे कान तक ले आई और धीरे से कहा- बहुत ही अच्छी फीलिंग दी है तुमने.. चलो अब बिस्तर पर ठीक से बैठो, मैं आती हूँ। वैसे यदि तुम चाहो तो थोड़ा आराम कर सकते हो।

बाहर अंधेरा छटने लगा था, चिड़ियों की चहचहाट सुनाई देने लगी थी।

अपना हाथ जब ऊपर की ओर निकाल कर देखा तो उस पर लसलसाहट सी थी, हल्के उजले रंग का गाढ़ा सा तरह पदार्थ था।

वह हँसते हुए बोली- जाकर हाथ-मुँह धोकर आओ और अपना ‘सामान’ भी अच्छे से धो लेना।

मैं उठकर बाथरूम की ओर गया, पहले अच्छे से अपने हाथ धोये.. फिर पेशाब करने के लिए अपना लंड बाहर निकाला तो देखा कि उसमें से भी थोड़ा-थोड़ा सा रस निकल रहा है।
मैंने अपने लंड को साबुन से अच्छे से धो लिया और वापस कमरे में आया।

‘तो राइटर महोदय.. आज कुछ लिखने के लिए मिला तुम्हें.. रियलिस्टिक चीज?’ उसने अर्थभरी नजरों से मुझे देखते हुए कहा।
वह बेड पर आराम से लेटी हुई थी।

उसका नंगा बदन
‘शिवांगी मैं तुम्हें न्यूड देखना चाहता हूँ.. ऊपर से नीचे तक..’
‘ठीक है दिखाऊँगी.. लेकिन इसके बाद तुम वही करोगे.. जो मैं कहूँगी..’
‘आज भर के लिए या उम्रभर के लिए?
‘तुम्हें क्या लगता है?’
‘जीवनभर का वादा मैं नहीं कर सकता.. वैसे भी बीवी जैसी चीज का मैं क्या करूँगा?’
‘इन सब चीजों पर हम बाद में बात कर लेंगे.. अभी मैं तुम्हारी इच्छा पूरी करती हूँ.. फिर तुम मेरी कर देना.. बस आज भर के लिए इतना।’

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इतना कहते हुए उसने टॉप को पूरी तरह से खोलकर हटा दिया, उसकी दोनों चूचियां पपीते की तरह लटक रही थीं, निप्पल सख्त हो रहे थे।
फिर वह खड़ी हो गई और उसने अपना स्कर्ट भी हटा दिया।
चूचियां उसकी जितनी बड़ी थीं.. कमर उतनी ही पतली… पेट बिल्कुल सपाट था, चूत के ऊपर गुच्छेदार काले-काले बाल चमक रहे थे।

वह खड़ी मुस्करा रही थी, उसे इस बात का अहसास था कि उसका शरीर बेहद-बेहद खूबसूरत है।

‘अब जरा पीछे की ओर घूम जाओ..’ मैंने कहा।

वह तुरंत पीछे की ओर घूम गई। उसके बाल कंधे तक थे। पीछे से उसके पूरे शरीर में सिर्फ उसके चूतड़ ही दिख रहे थे.. अपनी पूरी गोलाई के साथ।

‘अब जरा हाथ ऊपर उठाकर एक्सरसाइज करते हुए आगे की ओर झुको..’ ऐसा करते हुए जब वह आगे की ओर झुकी तो उसकी गोलाई लिए हुए गांड की पहाड़ी और भी विशाल लगने लगी।

मैं उसके करीब आया और उसके चूतड़ों को सहलाते हुए बोला- तुम्हारे जिस्म में सबसे सेक्सी पार्ट तुम्हारा ये है।

‘मुझे पता है.. जब मैं खुद को आइने में देखती हूँ तो मुझे भी सबसे अच्छा मेरा हिप ही लगता है। हम लड़कियां मर्दों की निगाह को अच्छी तरह से समझती हैं। मेरे ऑफिस में भी सभी मर्दों की नजर मेरे हिप पर ही होती है.. कमेंट्स भी सुनने को मिलते हैं। वैसे किसी का इस तरह का कमेंट्स करना मुझे अच्छा नहीं लगता।’
वह अभी भी झुकी हुई थी।

मैंने उसे खड़ा किया और बोला- तुम्हारे होंठ मोटे हैं।
‘अब देख लिया ना.. अब मैं जैसा कहूँगी तुम्हें वैसा ही करना होगा। चुपचाप बेड पर बैठो.. लात नीचे लटका कर।’
‘तुम करना क्या चाहती हो?’
‘बैठो तो सही.. फिर बताती हूँ.. उसने धक्का देते हुए मुझे बिस्तर पर बैठा दिया।

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