Meri Kunvari Gaand Ki Shaamat Aa Gai- Part 1

मैं सर हिलाकर मना कर रही थी पर उन्होंने मेरा एक पैर उनके कन्धे पर रख दिया मेरी तो मानो जैसे प्राण ही नहीं निकले बाकी और सब कुछ हो गया, इतना दर्द हो रहा था।

एक पैर कन्धे पर रखने के बाद उन्होंने लण्ड फिर गांड में डालकर इस तरह का संतुलन बनाया कि मैं गिर नहीं जाऊं… और चोदने लगे।
इस आसन में भी उन्होंने मुझे 10 मिनट चोदा, तब उन्होंने मेरे हाथ और मुँह को खोल दिया, तब मुझे थोड़ी राहत मिली।

इसके बाद मुझे जैसे तैसे फिर बिस्तर पर ले जाकर घुटनों के सहारे खड़ा किया और मेरे पीछे आकर लण्ड गांड में डाला और मेरे मम्मों को कसकर दबाने लगे।

मैंने उनकी कलाइयाँ पकड़ रखी थी, वो मेरे मम्मों को दबाकर ही मेरी गांड चोदने लगे। लेकिन इतनी देर तक चोदने के बाद भी पतिदेव अभी तक झड़े नहीं थे, यह बात मेरे दिमाग जरूर में घूम रही थी।

इस आसन के बाद उन्होंने मुझे घुमाया और अब सामने से वो घुटनों के बल बैठ गए और मुझे उनकी गोद में बैठाया पर चोदा मेरे मम्मों को पकड़कर ही।
और मेरे पूरे शरीर में सिर्फ मेरे दोनों हाथ ही अब काम करने लायक थे तो मैंने उन्हें पकड़ रखा था।

मेरा रोना अभी तक जारी था, तभी उन्होंने बोला- मैं झड़ने वाला हूँ मुँह में झड़ जाऊँ?

यह सुन कर तो मुझे ख़ुशी हुई, पर अचानक ही उन्होंने लण्ड गांड से निकालकर चूत में डाल दिया और चूत चोदने लगे।
5 मिनट में ही मेरी चूत में पानी छोड़ दिया।

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अब पतिदेव की बारी थी झड़ने की, उन्होंने भी लण्ड निकालकर मेरे मुँह में डाल दिया और मुंह को भी मेरी गांड की तरह बेरहमी से चोदने लगे।

उनका लण्ड इतना मोटा है कि मेरा मुँह बहुत बुरी तरह दुखने लगा था, 2 मिनट मुँह को चोदने के बाद लण्ड मुँह से बाहर निकालकर सारा वीर्य मेरे चेहरे पर गिरा दिया और अपने हाथ से ही मेरे चेहरे का फेशियल कर दिया।

1 घण्टे से भी अधिक समय लगा उन्हें झड़ने में… पता नहीं कौन सी गोली खाकर चोद था मुझे!

लगभग 15 मिनट तक मैं ऐसे ही बिस्तर पर पड़ी दर्द से रोती रही और पतिदेव मेरे बालों को सहला रहे थे और मुझे सॉरी बोल रहे थे पर मुझे उन पर बहुत गुस्सा आ रहा था।

15 मिनट बाद जब घड़ी में देखा तो 2 बज रहे थे।
मुझे सू सू आ रही थी पर मैं चल तो दूर हिल भी नहीं पा रही थी।

थोड़ी देर बाद पतिदेव 2 ग्लास में दूध लेकर आये जो पता नहीं कब किचन में लेने चले गए थे।
एक ग्लास मुझे पीने के लिए बोला, मैं दर्द और गुस्से से बिना कुछ बोले उनकी तरफ देखती रही, पर कर कुछ नहीं सकती थी, मेरा पूरा बदन टूट चूका था।

हारकर मैंने उन्हे मुझे बाथरूम तक ले जाने के लिए कहा, वो मुझे बाथरूम तक ले गए और वापस ले आये, पर मेरा गुस्सा अभी तक कम नहीं हुआ था।

खैर मैंने दूध लिया और फटाफट पी गई पतिदेव भी सारा दूध पी गए उसके बाद खाना लाये और खाना खाने के बाद फिर एक ग्लास दूध अपने हाथों से पिलाया।

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दूध पीने के बाद मुझे नींद आ रही थी, पता नहीं कब सो गई।

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