दूध पीने के थोड़ी देर मैंने चूमा, किस करते करते उन्होंने मेरा ब्लाउज़ और पेटीकोट भी निकाल फेंके और मुझे पूरी तरह से नंगी कर दिया।
उस दिन मैंने ब्रा पेंटी नहीं पहनी थी।
और फिर मुझे चूम कर, नाभि चाटकर ही गर्म कर दिया पर मैंने उन्हें तड़पाना चाहती थी क्योंकि तड़पाने के बाद उन्हें बहुत गुस्सा आता है और वो मुझे और भी ज्यादा जोश के साथ चोदते हैं।
मैं दीवार के सहारे खड़ी हो गई, पतिदेव भी गर्म हो गए थे पर उन्होंने कपड़े नहीं उतारे थे और वो बार बार मेरी गांड में 2 उंगली डालकर गांड को चोद रहे थे।
आपको बता दूँ कि 16 वर्षों की शादीशुदा जिंदगी में मैंने मेरी कुंवारी गांड को पतिदेव के लण्ड से दूर रखा है। उंगली से चोदते चोदते भी मेरी गांड में हल्का सा दर्द हो रहा था।
इतनी देर में मैंने उन्हें कुछ सामान लाने के लिए बोल दिया, उन्हें गुस्सा आ गया और गुस्से में ही मेरे दोनों कूल्हों पर 8-9 चपत मार कर सामान लेने दुकान पर चले गए और कमरे को बाहर से बन्द कर दिया।
लेकिन ये चपत मुझे मीठी सी जलन दे रही थी।
उसके बाद मैं नंगी ही फिर से बेडरूम की सफाई करने लगी।
आधे घण्टे बाद पतिदेव सामान लेकर कमरे में आये और आते ही मेरे एक हाथ से मेरे गले को पकड़कर दीवार के सहारे खड़ा कर मुझे पागलों की तरह किस करने लगे और दूसरे हाथ से मेरी चूत को मसलने लगे।
मैं उनके इस हमले को समझ नहीं पाई थी, 2 मिनट में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया पर उनका मेरा गला पकड़कर किस करना जरी था और चूत में उंगली करना भी।
मेरी योनि के रज से उनकी उंगली गीली हो गई थी पर उन्होंने चूत मसलना रोका नहीं था, 5 मिनट तक मेरी चूत मसलने के दौरान मैं दूसरी बार झड़ी।
पति को माँ की गाली दी
उन्होंने भी किस करना रोक दिया था, लेकिन तब मैं मदहोश हो चुकी थी और काफी गर्म भी लेकिन मैंने उन्हें उकसाना चाहा।
उनके बाएं गाल पर तेजी से एक थप्पड़ लगाया, गाली दी- मादरचोद कहीं के!
फिर एक थप्पड़ और मारा।
उन्होंने मेरे बाल पकड़कर मुझे बिस्तर पर पटक दिया, मैं कभी कभी सेक्स करते समय उन्हें जोश दिलाने के लिए गालियाँ देती रहती हूँ।
पति का अलग सा व्यव्हार
मेरे करीब आने पर मैंने भी उनके बाल पकड़कर उनके गाल पर एक और तेज थप्पड़ मारा, बदले में उन्होंने भी मुझे गाल पर एक तमाचा जड़ दिया और फिर पागलों की तरह मुझे चूमने लगे, वो भी इस तरह कि दोनों के चेहरे थूक से गीले हो गए थे।
अचानक किस करते करते उन्होंने मेरी चूत पर भी थप्पड़ मारने शुरू कर दिए, मैंने मदहोशी में उनके बाल कसकर पकड़े और भी तेजी से किस करने लगी, लेकिन थूक निकलना जारी था।
अचानक ही उन्होंने दूर हट कर मुझे पेट के सहारे लेटाकर मेरे दोनों हाथ को पीठ की कसकर बांध दिए।
यह मेरे लिए नया नहीं था पर जो मैं चाहती थी वो उसके बिलकुल उल्टा हुआ, जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था।
मुझे कुतिया बनाकर मेरी चूत चाटने लगे मेरे मुंह से सिर्फ सिसकारियाँ निकल रही थी और गालियां भी दे रही थी।
वो मेरी चूत चाटने के साथ साथ मेरी गांड को भी उंगली से चोद रहे थे।