Meri Kunvari Gaand Ki Shaamat Aa Gai- Part 1

5 मिनट ऐसे ही तड़पने के बाद मेरा दर्द और रोना थोड़ा कम हुआ तो मैं पतिदेव की तरफ देखने लगी जो कोने पर ही कुर्सी पर बैठे हुए उनका लण्ड सहला रहे थे और मुझे तड़पता और रोता हुआ देखकर बहुत हँस भी रहे थे।

बेदर्दी बालमा
तभी मेरे करीब आकर मेरे दोनों निप्पलों को मसलने लगे, मुझे आनन्द आने लगा था पर गांड का दर्द ज्यादा हो रहा था।
फिर उन्होंने दुपट्टा मुँह से खोलकर उनके मोबाइल से कुछ फ़ोटो ली और मुझे किस करने लगे।

तब तक उनका लण्ड ढीला पड़ चुका था, उन्होंने लंड मेरे मुंह में रख दिया, मैंने कराहते हुए ही मना कर दिया तो उन्होंने गांड को दबाना शुरू कर दिया।

और जैसे कोई बच्चा चीखता है वैसे मैं चीखने लगी।
उन्होंने फिर लण्ड मुँह में लेने के लिए कहा।

अब मैं मरती क्या ना करती… लण्ड को मुंह में ले लिया और फिर वो मेरे मुंह को फिर से चोदने लगे।
मेरा मुंह बांधकर एक बार और मुझे कुतिया बनाया और फिर पूरी ताक़त से एक झटके में ही लण्ड मेरी गांड में उतार दिया।

मैं एक बार और छटपटाने लगी और इस बार भी उन्होंने मुझे पहले की तरह छोड़ दिया और अलग हो गए, मुझे इस बार पहले से भी ज्यादा रोना आ गया था।

उन्होंने कहा- आज कुंवारी गांड चोदने का आनन्द ही दिला दिया, 16 साल की तड़प अब मिटने वाली है, अब तुझे निचोड़ के रखना ही पड़ेगा, आज तुझे बचाने के लिए तो तेरे सास-ससुर भी यहाँ पर नहीं हैं।

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आपको बताना चाहूंगी कि कई बार जब मेरा मूड चुदाई का नहीं होता था तब पतिदेव जरूर सेक्स करते थे और चूत भी सुजा देते थे।
इस बात को मैंने मेरी सास को अप्रत्यक्ष बताया तो समझ जाती थी और मुझे अपने कमरे में ही सुलाती थी।
पर आज तो सच में ही…

अब वो मेरे करीब आने लगे, मैं उन्हें सर हिला कर मना करने लगी और पीछे सरकने लगी, पर उन्होंने मुझे पकड़ लिया और मैं छुटने की कोशिश करने लगी पर बचती भी कब तक, जितना कोशिश कर सकती थी की… पर मेरे प्यारे पतिदेव आज पूरा शक्ति कपूर बने थे।

मैं समझ चुकी थी कि ऐसे ही नहीं छोड़ने वाले नहीं थे, तो मैंने भी हार मान ली।
मेरे पति ने मुझे घोड़ी बना दिया और इस बार उन्होंने थोड़ी नरमी से गांड में लण्ड डाला था और धीरे धीरे धक्के लगा रहे थे और गति तेज कर दी।

लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, मैं रोती हुई गांड मरवा रही थी, पर मेरे पतिदेव पर मेरे रोने का और मेरे दर्द का कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा था, पता नहीं उन्हें रोने से कौन सी ऊर्जा मिल रही थी, वो धक्के पे धक्के मारते जा रहे थे।

15 मिनट तक घोड़ी बने रहने के कारण मैं थक गई थी और अचानक ही मेरा संतुलन बिगड़ गया और मैं वही गिर गई।

तभी पतिदेव ने एक जोरदार थप्पड़ मेरे चूतड़ पर मारा, उसका असर मेरी गांड पर हुआ और मैंने दर्द सर कराहते हुए गांड ऊँची कर दी और रोने लगी।

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मेरी गांड इस कदर सूज चुकी थी कि हल्का हाथ भी लगाये तो मैं छटपटाने लग जाऊँ!

तभी पतिदेव ने मुझसे खड़े होने के लिए कहा पर मैं तो हिलने की स्थिति में भी नहीं थी, मैं बिस्तर पर ही पड़ी रही, उन्होंने मुझे खड़ा किया और मेरी जांघ पर हाथ फेरने लगे मुझे दर्द होने लगा।

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