गाओं मे चोदी काकी की चुत चुदाई की कहानी

हेलो दोस्तो मेरा नामे शाश्वत है. और मई आज आप सब को अपनी एक स्टोरी बताने जा रहा हू. ये मेरी पहली कहानी है तो अगर कही कोई भूल हो जाए तो माफ़ कर दीजिएगा.

तो सभी मेरे भाई अपना लंड थाम कर बैठ जाइए. और सभी लड़किया और भाभीया अपनी छूट सहलाने की तैयार कर लीजिए. कहानी सुरू करने से पहले मे अपने बारे मे बता देता हू.

मे 5.7 हाइट का नौजवान हू मेरे लंड का साइज़ 7.3 इंच है. तो आपका और वक़्त ना लेते हुए सीधे कहानी पर आता हू.

ये बात 2 साल पहले की है. तब मई ग्रॅजुयेशन 1स्ट्रीट एअर मे था. गर्मियो की छुट्टी पर मे मे महीने मे अपने गाओ गया हुआ था. गाओं मे मेरी जॉइंट फॅमिली है.

हमारी फॅमिली मे मेरे एक टॉ जी है. टॉ जी की वाइफ 10 साल पहले ही ख़तम हो गयी थी. पर उन्होने दूसरी शादी नही की थी. हमारे विलेज से बाहर रोड पर हमारी एक ग्रोसरी की दुकान है. यूयेसेस दुकान मे टॉ जी बैठते है. आस पास कोई और दुकान या घर नही है.

तो एक रोज मैने दोपहर मे टॉ जी के पास दुकान मे जाने की सोची. जब मे शॉप पे पहुचा तो शॉप का शटर बंद था. मैने सोचा शायद टॉ जी सो रहे होंगे इसलिए क्लोज़ है.

फिर मैने थोड़ी सी शटर उठा कर अंदर घुस गया तो मुझे अंदर से टॉ की और किसी लेडी की आवाज़ आ रही थी शॉप के अंदर वेल रूम से. मैने यूयेसेस रूम का डोर चेक किया तो वो लॉक था.

फिर मैने चेर डोर पे लगा के डोर के उपर वाली बाल्कनी से देखा तो मई हैरान रह गया. मैने देखा की टॉ जी पूरे नंगे थे और उनके साथ हमारे गाओ (विलेज) की पंडित की वाइफ पंडिताइन काकी भी पूरी नंगी टाँग खोल कर बैठी थी. और टॉ जी पंडिताइन की छूट मे ज़ोर ज़ोर से उंगली कर र्हे थे. और पंडिताइन काकी टॉ जी का लंड सहला रही थी.

यहा मे पंडिताइन काकी के बारे मे बता डू की उनकी आगे 46 होगी और वो एकद्ूम गोरी माल थी. गाओ के बुड्ढे आज भी पंडिताइन को छोड़ने के ड्रीम देखते हैं.

टॉ जी और पंडिताइन को वाहा मज़ा करते देख मैने तुरंत टॉ जी को बाल्कनी से आवाज़ लगाई की टॉ जी आप ये क्या कर रहे हो?! मुझे देखते ही टॉ जी और पंडिताइन के होश उडद गये.

दोनो हड़बड़ी मे अपने कपड़े पहने आंड डोर ओपन किया. टॉ जी मेरे से बोलने लगे की बेटा हम कुछ नही कर र्हे थे. तू दोपहर मे यहा कहा से आ गया?

मैने बोला टॉ जी मुझे बेवकूफ़ मत बनाओ, मई सब जनता हू यहा क्या चल रहा था. टॉ जी के चेहरे मे दर सॉफ दिख रहा था और पंडिताइन काकी रोने लगी थी.

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फिर मुझे टॉ जी पे तरस आ गयी (क्यूकी टॉ जी मुझसे बहुत प्यार करते थे, घर मे मई उनका फॅवुरेट था). टॉ जी बार बार मुझसे बोल रहे थे की. बेटा घर मे किसी को मत बताना नही तो मेरी इज़ात लूट जाएगी.

मैने भी टॉ जी से बोला की टॉ जी ठीक है आप टेन्षन मत लो मे किसी से नही बतौँगा. पर आपको भी मेरा एक काम करना होगा. वो तुरंत बोले तू जो कहेगा मई करूँगा बेटा.

फिर मैने पंडिताइन काकी को भी शांत कराया और बोला मे इश्स सब के बारे मे किसी को नही बतौँगा. जब थोड़ी देर मे सब नॉर्मल हो गया. तो मैने टॉ जी से पूछा आप कब से काकी की ले रहे हो सच सच बताना?

टॉ जी बोले, “बेटा तेरी टाई के गुजरने के पहले से ही मेरा पंडिताइन से चक्कर चल रहा था. पर तेरी टाई के रहते मई पंडिताइन को ज़्यादा नही छोड़ पता था. लेकिन तेरी टाई के गुजर जाने के बाद हम खूब मस्ती करते हैं”.

मैने टॉ जी से बोला आपने तो अपना जुगाड़ किया हुआ है पर मेरा कभी नही सोचा. टॉ जी ने कहा तुझे चाहिए तो तू पंडिताइन की छूट ले ले. मैने बोला वो तो मई लूँगा ही पर मुझे किसी और की भी छूट चाहिए.

टॉ जी ने पूछा किसकी? तो मैने पंडिताइन काकी की तरफ देखते हुए बोला काकी की बहू की. जिससे दोनो शॉक्ड हो गये.

अब आप सभी को मई कहानी की मैं हेरोयिन से मिलवाता हू. पंडित काका का लड़का आकाश बचपन से मेरा दोस्त था. उसकी शादी 22 की आगे मे कर दी गयी.

जेसा की आप सब जानते है विलेज मे लोगो की शादी जल्दी हो जाती है. आकाश की शादी एक ग़रीब घर की लड़की से हुई थी जिसका नामे अपर्णा है. यही है इश्स स्टोरी की हेरोयिन.

क्यूकी अपर्णा ब्राहमान परिवार से है तो वो एकदम केसर मिले दूध की तरह गोरी है. उसकी हाइट 5.2 इंच होगी. बिल्कुल काले स्ट्रेट कमर तक बाल (हेर), सुर्ख गुलाबी होंठ, बड़ी आँखे, सुराही सी गर्दन, उपर से गर्दन पर तिल (मोले), 32 के पके आम से बूब्स, पतली संगमरमर सी कमर, डीप नवल, 34 की उभरी हुई गांद. पूरी की पूरी स्वर की अपसरा उर्वर्षी थी वो.

मेरा दोस्त आकाश मुंबई मे दुकान चलता है तो बहुत कम ही गाओ आता है. और उसके पास इतना पैसा नही है की वो अपनी वाइफ को मुंबई मे रख सके.

गाओ मे अपर्णा भाभी से मेरी ही हेलो और थोड़ी बहुत ही बात हो पाती थी पहले. बुत जब से मैने भाभी को देखा था तब से मैने काई बार उनको सपनो मे छोड़ते हुए मूठ मारी थी.

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मैने काकी की छूट मे हंत लगाया तो छूट पूरी गीली हो चुकी थी. और काकी भी सिसकारी लेने लगी थी आअहह… हमम्म्म.. सस्शह.. हा एसए ही बेटा ह्म…

मैने टॉ की तरफ देखा तो वो भी लंड मसल र्हे थे. फिर मैने पंडिताइन के मूह मे लंड भर दिया जिसे वो बड़े मज़े से लपक के चूसने लगी.

उसका मूह गरम था और सस्रर्प्प्प.. की आवाज़े आ रही थी. जब लंड आचे से गीला हो गया. तो मैने लंड पंडिताइन के मूह से निकल कर पंडिताइन को मिस्सीनोरी पे लिटा कर उसकी टाँगे फैला कर छूट मे पेल दिया.

पंडिताइन की छूट खुली हुई थी. इतने सालो से चुड कर वो भोसड़ा बन गयी थी पर गजब की गरमी थी उसकी छूट मे. मे ज़ोर ज़ोर से धक्के मरने लगा.

पंडिताइन – आहह राजा बड़ा मस्त लंड है तेरा आहह… हमम्म्म… ईइसस्स्स्स्स्शह.. कहा था अब तक राजा आहह… तेरे जेसे जवान लंड का मज़ा ही अलग है बेटा. तू बस मुझे एसए ही मज़े देते रह. मई अपनी बहुरिया की टाँगे खोल के छुड़वा दूँगी तुझसे आअहह… छोड़ डाल अपनी काकी को.

छूट खुली होने के करां मई ज़्यादा टाइम ले रहा था झदाने मे. मई 15- 30 मीं तक डॉगी आंड मिशनरी पोज़िशन मे पंडिताइन की छूट मारी. फिर उसकी छूट मे ही झाड़ गया.

हमारी चुदाई देख के टॉ भी मूठ मारी के वही लेट गया. उसके बाद मैने एक बार और पंडिताइन की छूट मारी फिर पंडिताइन मुझसे अपनी बहू की छुड़ाने का वाडा कर के चली गयी. और मे और काका वही लेट कर आराम करने लगे.

वापस आते है टॉ जी की दुकान पर पहले तो काकी माना करने लगी. बुत फिर काका के कहने पर मान गयी आंड प्रॉमिस करी की अपनी बहू की छूट मुझसे ज़रूर चुड़वाएगी.

फिर मैने कहा उसकी छूट जब मिलेगी तो मिलेगी, अभी तो काकी आप अपनी छूट दो. उसके बाद मैने काकी की सारी निकल दी. अंदर से काकी नंगी ही थी. उन्हे ब्लाउस पेटिकोट पहनने का मोका नही मिला था.

पंडिताइन काकी के चुचे अभी भी मस्त सॉफ्ट आंड बड़े बड़े थे. मे अपने कपड़े उतार के नंगे हो गया और काकी के चुचियो से खेलने लगा. मज़े से काकी के चुचे दबाने लगे और काकी मेरा लंड पकड़ के हिलने लगी.

तो दोस्तो ये था मेरी स्टोरी का पहला पार्ट स्टोरी कैसा लगा इसके बारे मे ज़रूर मेरे मैल पर बताए. और कोई भी भाभीया या जवान लड़किया जिसे सेक्स छत, फोन सेक्स, या रियल मे सेक्स, या और कोई भी हेल्प चाहिए हो ज़रूर मेरे को मैल मे बताए.

प्लीज़ नेक्स्ट पार्ट के लिए मैल करे तभी नेक्स्ट पार्ट मे पंडित की बहू यही अर्पिता भाभी की चुदाई डालूँगा. प्लीज़ कुछ मिस्टेक्स हुई हो तो माफ़ कर दीजिएगा [email protected] 



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