ऑफीस में भाभी के साथ रोमॅन्स

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम कारण है. मैं आप सब के सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. उमीद है आपको पिछला पार्ट पसंद आया होगा. अगर आपने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो प्लीज़ जाके उसको पहले पढ़े.

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था, की मेरे पड़ोस की सोनिया भाभी मेरे पास जॉब के लिए आई. उसका सेक्सी फिगर देख कर मैं गरम हो गया. उसका मूड ठीक नही था, जब वो आई थी. लेकिन शाम को मैने उसका मूड ठीक किया. अब आयेज बढ़ते है.

सोनिया को ड्रॉप करने के बाद मैं अपने घर चला गया. मुझे सोनिया की गांद के ही ख़याल आए जेया रहे थे. उसके बारे में सोच-सोच कर मैं इतना गरम हो गया, की मैने अपनी बीवी को मस्त तरीके से छोड़ा. चुदाई के दौरान मैं सोनिया को इमॅजिन कर रहा था.

फिर चुदाई के बाद मैं सो गया, और सीधा सुबा जाके मेरी आँख खुली. मैं जल्दी से तैयार हुआ, और ऑफीस के लिए निकल गया. जब मैं रोड पर आया, तो सोनिया फिरसे ऑटो की वेट कर रही थी. आज उसने फॉर्मल स्कर्ट, और शर्ट पहनी थी. उसकी स्कर्ट उसके घुटने के तोड़ा उपर थी, और उसकी लेग्स सेक्सी लग रही थी. शर्ट बूब्स पर एक-दूं टाइट थी.

मैने गाड़ी उसके सामने रोकी, और उसको लिफ्ट ऑफर की. वो स्माइल करते हुए बैठ गयी. बैठते ही वो बोली-

सोनिया: कारण मैं बार-बार तुम्हारे साथ जेया रही हू. हम पेट्रोल एक्सपेन्सस शेर कर लेते है.

मैं: क्यूँ मज़ाक कर रही हो आप. मैने ऑफीस जाना ही होता है, तो खाली गाड़ी लेके जाके भी क्या करना. आप ऐसा कुछ मत सोचिए. ये कोई फेवर नही है.

तभी मुझे सोनिया के फेस पर कुछ निशान नज़र आया. मैने उससे पूछा-

मैं: सोनिया ये निशान कैसा है आपके फेस पर?

मेरी बात सुनते ही सोनिया की आँखों में आँसू आ गये, और वो बोली-

सोनिया: कल रात इन्होने मुझे थप्पड़ मार दिया.

और ये बोल कर सोनिया ने मूह दूसरी तरफ घुमा लिया. फिर मैने कहा-

मैं: आप पोलीस में क्यूँ नही जाती?

सोनिया: मुझे अपना घर खराब नही करना.

मैं: ऐसे घर का फ़ायदा भी तो नही है.

और तब तक हमारा ऑफीस आ गया. ऑफीस आते ही सोनिया गाड़ी से निकल गयी, तो हमारी आयेज बात नही हो पाई. फिर मैं कॅबिन के अंदर गया, और जाते ही मैने सोनिया को अपने कॅबिन में बुला लिया.

सोनिया जब आई, तो मैने उसको चेर पर बैठने को कहा. वो बैठ गयी. फिर मैने ड्रॉयर से पाईं रिलीफ क्रीम निकली, और उसके पास गया. वो देख रही थी की मैं क्या कर रहा था. फिर मैने हाथ में थोड़ी क्रीम ली, और उसके निशान वाली जगह पर लगाने लग गया.

मुझे ऐसा करते देख सोनिया की आँखें भर आई. वो खड़ी हुई, और उसने मुझे हग कर लिया. आहा हा हा, क्या आकड़े हुए बूब्स थे उसके, जो सीधे मेरी चेस्ट में डब गये. मैने भी अपनी बाहें उसके गिर्द लपेट ली. उसके गरम जिस्म से चिपके होने की वजह से मेरा लंड खड़ा हो गया.

एक मिनिट की हग के बाद वो मुझसे अलग हुई और बोली: तुम बहुत आचे हो कारण. कितना ख़याल है तुम्हे मेरा.

मैं: अब इतनी खूबसूरत लड़की के फेस पर ऐसा दाग अछा नही लगेगा ना. पता नही तुम्हारा हज़्बेंड तुम्हे मार कैसे सकता है. तुमसे तो कोई प्यार करता ना थके.

मेरी इस बात को सुन कर वो मेरी तरफ देखते हुए बोली: क्या सच में?

मैं: हा बिल्कुल.

सोनिया: तुम मेरे जैसी लड़की को कितना प्यार करते?

मैं: अगर आप मेरी बीवी होती, तो मैं आपको बताता. लेकिन ऐसा नही है.

सोनिया: काश मैं तुम्हारी बीवी होती. मेरे हज़्बेंड ने मुझे कब से टच भी नही किया. मेरी लाइफ खराब हो चुकी है.

मैं: ऐसा कुछ नही है. जब एक दरवाज़ा बंद होता है, तो 100 दरवाज़े खुल जाते है.

सोनिया: लेकिन ये दरवाज़ा नही है, ये पति है. एक से लड़ाई हुई तो 100 नही मिलेंगे.

मैं: बाय्फरेंड्स तो मिल सकते है.

सोनिया: मॅरीड होके बाय्फ्रेंड बनाना सेफ नही है.

मैं: कोई ऐसा ढूँधो ना जिस पर विश्वास किया जेया सके.

सोनिया: मुझे तुम पर विश्वास है, तो क्या तुम मेरे बाय्फ्रेंड बनॉगे?

उसकी ये बात सुन कर मैं हैरान हो गया, और उसकी आँखों में आँखें डाल कर देखने लगा. मैं मॅन में सोचने लगा, की इसने तो मेरा काम आसान कर दिया. अब मैने कुछ बोला नही, और उसकी आँखों में देखते हुए अपना फेस उसके फेस की तरफ आयेज बढ़ने लगा.

उसने भी मुझे रोका नही, और मैने अपने होंठ उसके होंठो के साथ जोड़ दिए. अब मैं उसके होंठो को चूसने लग गया. वो भी मेरा साथ देने लगी. मैने उसको बाहों में भर लिया, और हम दोनो वाइल्ड किस्सिंग करने लगे.

उसकी और मेरी दोनो की साँसे तेज़ हो गयी थी. हम दोनो बस एक-दूसरे के होंठ चूज़ जेया रहे थे. ना वो पीछे हॅट रही थी, और ना मैं. फिर मैं होंठ चूस्टे हुए उसकी पीठ सहलाने लगा, और हाथ पीठ पर फेरते-फेरते उसकी गांद पर ले गया.

गांद पर हाथ ले-जेया कर मैने उसके चूतड़ को ज़ोर से दबाया, और तभी उसने मेरा होंठ काट लिया. मैने फिरसे उसका चूतड़ दबाया, और वो और वाइल्ड्ली किस करने लग गयी. फिर मैने किस तोड़ी, और उसकी गादान पर चूमने लग गया. मैने उसकी शर्ट के 3 बटन खोले, और उसकी क्लीवेज मुझे नज़र आने लगी.

फिर मैने अपना मूह उसकी क्लीवेज में डाल लिया, और उसको चूमने-चाटने लगा. क्या मस्त क्लीवेज थी उसकी, बड़ी अची खुश्बू आ रही थी. उसकी स्मूद स्किन को चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा था. फिर मैने उसके बाकी के बटन्स खोल दिए, और उसकी ब्रा कप में से उसका एक बूब बाहर निकाल लिया.

मैं उसका निपल चूसने ही वाला था की बाहर रिसेप्षन से कॉल आ गयी, की क्लाइंट आ गया था. हमे वही रुकना पड़ा. फिर सोनिया ने जल्दी से अपने कपड़े ठीक किए, और बाहर चली गयी. मुझे बहुत गुस्सा आया, क्यूंकी मैं पुर मूड में था.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो आप मुझे गुलाटी.गुलाटी555@गमाल.कॉम पर मैल करके फीडबॅक दे सकते है.

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