पूजा को लगा वो उसे लीप किस करेगा, पर लखन ने सीधे अपनी जीभ उसकी छूट पर रख दी. पूजा ने सोचा नही था की वो ऐसा करेगा. क्यूंकी मैने भी कभी उसकी छूट पर किस नही किया था. पूजा को बहुत मज़ा आ रहा था. उसने अपनी आँखें बंद की, और लखन के सर को धीरे-धीरे सहलाने लगी. लखन ने रुक कर पूजा से पूछा-
लखन: भाभी कैसा लगा आपको?
पूजा ने बिना कुछ बोले लखन के बालों को पकड़ा, और फिरसे अपनी छूट पे रख दिया. लखन समझ गया था पूजा क्या चाहती थी. लखन ने फिरसे किस करना शुरू किया. इस बार लखन ने पूजा के पैरों को पूरा फैलाया, और छूट में अपनी जीभ अंदर तक डालने लगा.
पूजा बहुत बुरी तरह तड़पने लगी. उसने एक तरफ करवट लेके लखन के सर को अपनी टाँगो से दबा लिया, और उसके सर को अपनी छूट में दबाने लगी. पूजा बॅस आ आहह कर रही थी. फिर अचानक ज़ोर से आ आ करते हुए अपना सारा पानी लखन के मूह में छ्चोढ़ दिया. लखन ने उसी पोज़िशन में पानी पी लिया.
पानी निकालने से पूजा शांत हो गयी. उसका शरीर ढीला पद गया. उसने लखन को अपनी गोरी जांघों की गिरफ़्त से आज़ाद कर दिया, और सीधी लेट गयी.
लखन: मज़ा आया ना भाभी?
पूजा: हा बहुत ज़्यादा.
लखन: इस मज़े के बदले मुझे क्या मिलेगा?
पूजा: देवर जी जो आपको जो चाहिए वो दूँगी. जैसे चाहिए वैसे दूँगी. बहुत ज़्यादा प्यार करूँगी हमेशा. कभी नही भूलूंगी ये सब.
लखन: सोच लो भाभी, मैं पूरी रात बहुत सारा दर्द देना चाहता हू आपको, तड़पाना चाहता हू आपको. प्रॉमिस करो भाभी आज की रात जो भी होगा उसे हेस्ट हुए एंजाय करोगी.
पूजा पूरी तरह भावुक थी, और उसी में उसने बोल दिया: ई प्रॉमिस योउ देवर जी. जो करना है कर लो. जितना दर्द देना है दे लो. कुछ नही बोलूँगी. आज मैं सब से लूँगी आपके लिए.
मैं ये सब बैठा देख रहा था. तभी मैं बोला-
मे: लो भाई, देवर का प्यार मिलते ही भूल गयी आप मुझे.
पूजा ने बेड से मुझे अपनी और आने का इशारा किया. मैं उठा, और उसकी तरफ बढ़ा. पूजा ने मेरा हाथ पकड़ा, और मुझे अपने पास बिता लिया, और बोली-
पूजा: ई लोवे योउ शिवम. ये सब मैने आपके लिए किया. आपके बोलने पर किया.
मुझे बहुत अछा लग रहा है. सच में अब मैं आप दोनो के साथ खुल के बहुत सारा सेक्स करना चाहती हू, जैसा आप चाहते हो. आप दोनो के बीच गेहू की तरह पीसना चाहती हू.
मे: ई लोवे योउ टू मेरी जान. मैं भी चाहता हू की अब तुम्हारी गांद की सील तोड़ डू. जैसे ही मैने ये बोला. लखन मुझे देखने लगा. उसे पता नही था की पूजा ने आज तक अनल सेक्स नही किया था. लखन अचानक बोल पड़ा-
लखन: तीस इस नोट फेर भाभी. शिवम तो हमेशा आपके साथ ही रहेगा. मैं तो कभी-कभी ही मिल पौँगा. और वैसे भी शिवम ने आपकी छूट की सील तोड़ी है. गांद की सील तोड़ने का मौका मुझे मिलना चाहिए. पूजा हासणे लगी ये सुन के. तभी मैं बोल पड़ा.
मे: अर्रे मेरे भाई. तू तोड़ ले सील बस. पूजा से पूच ले पहले. तेरा लंड मुझसे भी मोटा है. क्या वो ले पाएगी पहली बार में इतना मोटा?
लखन: तू टेन्षन मत ले. भाभी ने अभी मुझे प्रॉमिस किया है, तो वो माना नही करेगी.
पूजा: अर्रे-अर्रे बस करो. कोई भी करोगे, तो कॉन्सा एक बार में ढीली हो जाएगी. वैसे भी तुम दोनो बारी-बारी आयेज-पीछे करोगे ही.
मे: ह्म कोई बात नही. वैसे भी मुझे छोड़ने से ज़्यादा देखने में मज़ा आ रहा है पूजा को.
लखन: तो ठीक है, तू जेया वापस सोफे पे बैठ जाके. और हा, पूजा और मेरे लिए ड्रिंक बना दे थोड़ी हार्ड.
मैने फिर दोनो के लिए ड्रिंक बनाई, और उसमे सेक्स पवर की गोलियाँ डाल दी. ताकि दोनो को बहुत ज़्यादा मज़ा आए. उनको ड्रिंक देके मैं सोफे पर बैठ गया. लखन और पूजा ने एक बार में पूरा ग्लास खाली कर दिया. लखन ने पूजा से ग्लास लिया, और साइड में रख दिया, और फिरसे पूजा की छूट की तरफ बढ़ने लगा.
तभी पूजा ने उसके चेहरे को अपने दोनो हाथो से थाम के उपर खींच लिया, और लीप किस करनी लगी. दोनो एक-दूसरे में डूब गये थे. एक-दूसरे के मूह में जीभ डाल कर किस कर रहे थे. 15 मिनिट तक ऐसे ही स्मूच करने के बाद लखन ने पूजा के गले पे किस करना शुरू किया.
पूजा पूरी लाल पद गयी थी. पूरा रूम श श की आवाज़ से गूँज रहा था. अब लग रहा था दोनो को डॉवा और दारू दोनो का असर हो गया था. लखन दोनो हाथो से पूजा के बूब्स दबा रहा था, और पूजा बोल रही थी-
पूजा: धीरे से देवर जी, पूरी रात बाकी है.
और वो लखन को अपनी तरफ खींचे जेया रही थी. लखन ने अपना लंड पूजा की छूट पे रखा, और एक बार में घाप से पूरा लंड छूट में डाल दिया था. पूजा के चेहरे पे दर्द और सुकून का अजीब संगम देखने को मिल रहा था. दर्द से उसकी आँखों में आँसू आ गये थे, और मज़े के कारण एक स्माइल थी. उसको दवाई का इतना असर हो गया था, की वो अब बस बुरी तरह चूड़ना चाहती थी. उसने लखन से कहा.
पूजा: लखन प्लीज़ छोड़ लो मुझे. तुम्हारा लंड वाकाई कमाल है.
पर लखन साला गांद का दीवाना बोला: नही भाभी, मैं पहले आपकी गांद मारूँगा.
और ऐसा बोल के अपना लंड छूट से निकाल लिया. पूजा मुझे बोली-
पूजा: देखिए ना शिवम, समझाइये ना अपने ज़िद्दी फ्रेंड को. इनका इतना मोटा है की आयेज लेने में आँसू निकल आए. पीछे लूँगी तो क्या होगा.
मे: मेरी जान प्रॉमिस किया है आपने. ये तो पहले सोचना था, और ये बचपन से ज़िद्दी है. अब कर ही दो इसकी ज़िद पूरी.
पूजा मूह बना के बोली: हा ठीक है. मैं भी कर ही दूँगी ज़िद पूरी. उसके बाद सब मेरे मॅन का कार्ओौगी.
लखना: भाभी जान, आपका गुलाम बन जौंगा पूरी लाइफ के लिए.
ये सुन कर पूजा हासणे लगी और पीछे की और मूड गयी और बोली-
पूजा: ठीक है फिर, लो कर लो अपनी ज़िद पूरी बेरहम देवर. देख लूँगी आपको, बस आज की रात आपकी है.
लखन: थॅंक योउ भाभी.
और लखन ने आयिल निकाला और पूजा की गांद की धरी पे आयिल डालने लगा. आचे से आयिल लगाने के बाद लखन ने पूजा की गांद में अपनी बीच वाली उंगली डाली. पूजा ने बेड के गद्दे को भींच लिया ज़ोर से, और आँखें बंद कर ली.
लखन उंगली अंदर-बाहर करने लगा. पूजा को दर्द हो रहा था, पर वो रिक्ट नही कर रही थी, प्रॉमिस जो किया था. वो पुर तंन और मॅन से अपना प्रॉमिस निभाना चाहती थी.
कुछ देर ऐसा ही करने के बाद जब लखन को लगा की गांद का होल तोड़ा ढीला हो गया था, तब लखन ने अपना लंड पूजा की गांद पे सेट किया. मैं बहुत ध्यान से देख रहा था, और एक-एक पल एंजाय कर रहा था. लखन ने जैसे ही ज़ोर लगाया, पूजा के मूह से आ की आवाज़ निकली.
फिर लखन रुक गया और बोला: क्या हुआ भाभी, अभी तो डाला ही नही. बस ज़ोर लगाया है.
पूजा: देवर जी, बहुत दर्द होगा मुझे. मेरे मूह से चीख निकल जाएगी.
लखन: कोई बात नही भाभी जी. होटेल का हर रूम साउंड प्रूफ है. जितना मॅन हो उतना ज़ोर से चीख लेना.
पूजा: देवर जी अब कर लो, मैं रेडी हू. जितना भी रुकने का बोलू मत रुकना, चाहे मैं गिड़गीडौ, बस कर ही लेना.
बस यही सुनने की देर थी. लखन ने पूजा के दोनो हाथ अपने एक हाथ से पकड़े, और लंड गांद पे सेट किया. पूजा ने एक लंबी साँस ली, और जैसे ही आँखें बंद की, लखन ने पूरी ताक़त से अपना आधा लंड पूजा की गांद में घुसा दिया. वो बहुत ज़ोर से चीखने लगी-
पूजा: आहह आहह माआ लखन प्लीज़ रूको, निकाल लो प्लीज़.
लखन ने पूजा को अनसुना करते हुए एक झटका और दिया. उसने अपनी पूरी ताक़त लगा दी थी. पूजा की आँखें बाहर आने को हो गयी. वो दर्द से बेसूध सी हो गयी. मैं झट से उठ के उसके पास पहुँचा, और देखा पूजा पूरी पसीने में तार-बतर हो गयी थी.
फिर मैने लखन से बोला: हॅट जेया तू पूजा के उपर से. तुझे दया नही आ रही?
तभी पूजा ने मेरा हाथ पकड़ा और धीरे से बोली: अगर लखन दया करेगा तो कभी भी मेरा थ्रीसम नही कर पाओगे शिवम. ये तो होना ही था. आपकी इक्चा पूरी करने के लिए हो रहा है.
लखन: हा भाई, सब हो जाएगा. तोड़ा दर्द तो सहन करना पड़ेगा. और जब दोनो एक साथ छोड़ेंगे, तब तू गांद मारना मैं छूट मारूँगा. थोड़ी देर बैठ जा सोफे पे.
मे: पर मुझसे पूजा का दर्द नही देखा जेया रहा है.
लखन: तू एक काम कर, 30 मिनिट के लिए बाहर चला जेया. तब तक भाभी भी नॉर्मल हो जाएगी.
पूजा ने भी बोल दिया: हा शिवम, मैं भी खुल के लखन के साथ एंजाय करना चाहती हू. फिर हम तीनो एक रौंद खेलेंगे.
पर मैं कुछ मिस नही करना चाहता था, इसलिए कॅमरा ओं करके रख दिया जाते-जाते. आयेज जो हुआ, वो कॅमरा रेकॉर्डिंग से ही बतौँगा.
आयेज की स्टोरी अगले पार्ट में बतौँगा. अगर स्टोरी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो कॉमेंट करना.