होली में जम कर चुदाई करवाई

में खुद को उससे छुडवाने की कोशिश करने लगी पर उसकी पकड़ बहुत मजबूत थी. वो बुरी तरह मेरे बूब्स को मसल रहा था और कह रहा था, “साली रांड़, शादी के बाद मस्त हो गयी है. बूब्स का साइज़ भी बड़ गया है और तेरी गांड भी गोल सी हो गयी है. बहनचोद किसी ब्लू फिल्म की रांड़ जैसी लग रही है. आज तो तुझे चोद के ही रहूगां.

वो ठीक ही कह रहा था. असल में में हो भी कुछ कुछ वेसी ही हो गयी थी. थी तो में शादी से पहले भी सेक्सी पर शादी के बाद तो में और ज़्यादा मस्त हो गयी थी. हालाँकि मेरा पति चुदाई में कोई खास एक्सपर्ट नही था और 10 मिनिट में मुश्किल से मुझे 1-2 बार ही ठंडी कर पाता था पर वो दिन रात मेरे बदन से खेलता था. तो मेरे 32 साइज़ के बूब्स अब 34 के हो गये थे. मेरा शरीर भी भर गया था और मेरे अंग अंग पर निखार सा आ गया था.
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जिस तरह से रोहित मेरे बूब्स मसल रहा था और उनके निपल्स से खेल रहा था में गर्म सी होने लगी थी. उपर से उसकी पेन्ट मे कसा लंड मेरी गांड के छेद मे रगड़ ख़ाता बड़ा लंड मुझे और मदहोश कर रहा था. मेरे बूब्स टाइट हो गये थे और उनके निपल्स भी तन गये थे. मेरे मुँह से हल्की हल्की सिसकारियां निकलने लगी थी और अब मैने उसे अपने से दूर करने की कोशिश करनी बंद कर दी थी, बल्कि मैने अपने हाथ उसके हाथो पर रख दिये थे और अपनी गांड पीछे को निकाल कर उसका लंड अच्छे से महसूस करने लगी थी.

जब में पूरी तरह से गर्म हो गयी तो मै पलटी और उसकी तरफ मुँह करके खड़ी हो गयी. अचानक ही उसके बालो मे हाथ फँसा दिया और उसे किस करने लगी. उसने भी मेरे बाल पकड़ लिये और बस फिर हम एक दूसरे की जीभ चुस रहे थे. वही मैने एक हाथ से पेन्ट के उपर से उसका खड़ा लंड पकड़ा हुआ था और उसे सहला रही थी.

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रोहित से में शादी से पहले भी कई बार चुद चुकी थी और मुझे मालूम था की वो चुदाई मे एक्सपर्ट था. ऊपर से उसका लंड भी मेरे पति के लंड से करीब 1.5 गुना बड़ा था. थोड़ी देर बाद हम अलग हुये और में उसके सामने घुटनो पर बैठ गयी. उसकी पेन्ट की चैन खोल कर उसका बड़ा लंड बाहर निकाला और उसे चाट कर बोली, “रोहित, बड़े दिन हो गये है लंड लिये हुये.”

“क्यो तेरा पति तुझे चोदता नही है क्या.” उसने पूछा.

“ऐसी बात नही है पर तेरे लंड के हिसाब से देखे तो उसके पास लुल्ली है. और वो सिर्फ़ चूत मारने का शौकीन है जब की तुझे तो पता है की में तो अपने बूब्स चुदवाती हूँ चूत और गांड में भी लंड लेती हूँ और लंड की मलाई की तो में दीवानी हूँ. तो तू बता मुझे मज़ा कैसे आता होगा पर साले से कह भी तो नही सकती.” इतना कह कर मैने उसका लंड मुँह मे भर लिया और अभी उसे चुसना शुरू किया ही था की दरवाजे पर किसी ने लॉक किया. में तुरन्त सीधी हो गयी और रोहित को अलमारी के पीछे छुपा दिया.

फिर अन्दर से ही अवाज़ लगाई, “कौन है.”

“अरे नैनसी में हूँ.” ये मेरे पति की अवाज़ थी.

“जी में कपड़े बदल रही हूँ.” मैने कहा.

“तो क्या हुआ. दरवाजा खोल और मुझे अन्दर आने दे. मेरे सामने कपड़े बदल लेना.” उसने कहा.

मैने धीरे से दरवाजा खोला तो वो अन्दर आ गया. में नंगी ही उसके सामने खड़ी थी. वो मुझे देख कर बोला, “नैनसी मेरा बड़ा दिल कर रहा है तेरी चूत मारने का.”

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“दिल तो मेरा भी कर रहा है चुदाई करवाने का पर क्या करूं. सब लोग है घर पर.” मैने जवाब दिया.

उसने मुझे बाहों मे भर लिया और मेरे बूब्स मसलते हुये बोला, “पाँच मिनिट ही तो लगेंगे. मार लेने दे ना मुझे एक बार अपनी चूत.”

मैने उसे पीछे धकेलते हुये कहा, “जाओ भी. कोई आ गया तो मुसीबत हो जायेगी. बाद में घर जाकर सारी रात नंगी ही रखना मुझे. फिर जी भर के मारना मेरी चूत…”

इतना कह कर मैने उसे किसी तरह कमरे से बाहर निकाला और दरवाजा बन्द कर दिया. तब रोहित अलमारी के पीछे से निकल कर मेरे पास आ गया और एक बार फिर मुझे पकड़ लिया और किस करने की कोशिश करने लगा. उसका लंड अब भी पेन्ट से बाहर था. मैने उसका खड़ा लंड पकड़ कर हिलाते हुये कहा, “देख रोहित अभी कोई भी आ सकता है. तो बाद मे….”

“हट रंडी, अब मेरा मन बना है तुझे चोदने का और तू कह रही है बाद मे.”

“तो ठीक है.. में मम्मी से पूछती हूँ की वो ही कोई प्रोग्राम बना दे हम दोनो का.” इतना कह कर में कपड़े पहन कर और नीचे आ गयी.

मम्मी किचन मे थी. में तुरन्त अपनी माँ के पास किचन मे गयी और उससे कहा, “मम्मी, रोहित मिला था छत पर.”

“मुझे पता है. बड़ी ज़िद कर रहा था. तो मैने ही उसे ऊपर भेजा था और इसीलिए तुझे भी ऊपर जा कर ही कपड़े बदलने को कहा था.” मम्मी ने जवाब दिया.

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