मेरा नाम हितें है. दिखने में एक-दूं मस्क्युलर और हॉट बंदा हू. पर मैं एक बाइसेक्षुयल हू. वैसे तो लड़कियाँ छोड़ना पसंद है. पर जब बात लड़कों की आती है, तब मेरी टांगे अपने आप लंड गांद में लेने के लिए खुल जाती है.
कॉलेज के दीनो में फ्रेंड्स मेरी ले लिया करते थे. पर अब बहुत वक़्त हो गया कोई मिला नही. घर वालो की ज़िद के कारण मैने श्वेता नाम की लड़की के साथ शादी कर ली. शादी के एक हफ्ते में ही हम बंगलोरे शिफ्ट हो गये.
क्यूंकी यहा मैं नौकरी करता था. शुरुआत के दीनो में मैं श्वेता के करीब जाने की कोशिश करता था, पर श्वेता माना करती थी. मुझे लगा की नयी-नयी शादी हुई थी, इसलिए शरमाती होगी, या दर्र जाती होगी. लेकिन आज नही तो कल हमे एक तो होना ही है.
सॅटर्डे का दिन था. मैने उसे बाहर घुमाया और रात को होटेल में खाने के बाद हम घर आए. उसके नहाने के बाद मैं भी नहाने गया. फिर थोड़ी देर रात को मैने उसे अपनी बाहों में भरने की कोशिश की. उसे पकड़ा, और किस करने की कोशिश की. पर उसने मुझे झटका देके डोर कर दिया.
मैं: क्या हुआ श्वेता? क्या मैं तुम्हे प्यार नही कर सकता?
श्वेता कुछ नही बोली, और थोड़ी देर बाद रोने लगी. मेरे पूछने पर उसने कहा की उसने ये शादी उसके मा-बाप के कहने पर की थी. उसका मॅन नही था. मुझे लगा इसलिए श्वेता सेक्स के लिए तैयार नही थी.
मैं: कोई बात नही श्वेता. टके युवर टाइम. अब जो हो गया उसे हम बदल नही सकते, पर मैं तुम्हारी मर्ज़ी के बिना कुछ नही करूँगा.
श्वेता: आप समझ नही रहे. मैं आपको वो कभी नही दे सकती जो आपको चाहिए.
मैं: मैं कुछ समझा नही.
श्वेता: मैं एक शेमले हू, लड़की नही.
ये सुनते ही मेरे होश उडद गये. कमरे में सन्नाटा छा गया. हम दोनो बिना कुछ बोले बैठे रहे. बहुत सोचने के बाद मैने सोचा की श्वेता को जैसी वो है अपना लू.
मैने उसे मेरे पास बुलाया. उसे मेरे सामने खड़ा किया, और उसे बाहों में भर लिया. इस बार श्वेता ने मुझे डोर नही किया. श्वेता के सामने मैने अपनी त-शर्ट उतरी, और उपर अब मैने कुछ नही पहना था.
फिर मैने श्वेता का हाथ पकड़ा और कहा: श्वेता, आज मैं तुम्हे देखना और प्यार करना चाहता हू. तुम जैसे भी हो आज मैं तुम्हे और तुम मुझे अपना लो.
श्वेता की आँखों में आँसू थे. मैने श्वेता की सारी उतरी, और उसके बाद मैने उसका ब्लाउस और पेटिकोट उतरा. अब वो सिर्फ़ ब्रा और पनटी में थी. पर उसने मुझे अपने अंदर के कपड़े नही उतारने दिए. वो मेरे सामने आधी नंगी थी, पर उसने अपने बदन को अपने हाथो से धक दिया.
मैने अपनी जीन्स और चड्डी उतार दी. अब मैने उसके सामने नंगा हो चुका था. मैने पीछे से उसे पकड़ा, और अपना लंड उसकी गांद पर दबाया. मैने उसके हाथ उसकी पनटी और ब्रा के उपर से हटाए. फिर उसकी ब्रा को निकल फेंका.
वैसे तो उसके बूब्स बहुत बड़े थे, की कोई भी लड़का फिसल जाए. फिर मैने उसे मेरी तरफ किया, और नीचे घुटनो पर बैठ गया. मैने उसकी चड्डी पकड़ी, और नीचे खींच दी. मेरे सामने एक डुमदार लंड खड़ा हो गया था.
मेरे अंदर का बाइसेक्षुयल वाला मर्द उसे देख कर खुश हो गया. मैने उसे पकड़ा, और उसके लंड पर एक किस कर दिया. पहले श्वेता चौंक गयी, क्यूंकी कोई भी लड़का ये नही करता. फिर मैने श्वेता को धक्का देके बेड पर गिरा दिया.
अब वो मेरे सामने नंगी लेती हुई थी. मैं पागल जानवर की तरह उसके बदन पर कूद गया. और हमारे जिस्म एक होने लगे. मैने उसके बूब्स दबाने और काटने शुरू किए. उसने मेरी अप्पर बॉडी लीक करी. मैने उसके लंड को चूसना शुरू किया, और उसको गरम किया.
फिर उसने मेरे लंड को चूसा, और इस तरह हमने एक-दूसरे को ब्लोवजोब दे दिया. पर अब तक हमारा पानी नही निकला था. फिर मैने उसे बाहों में लिया और पूछा-
मैं: जानेमन क्या करना चाहती हो? डोगी या लॉगी?
उसने कहा: पहले आप.
मैने उसे मिशनरी में लिटाया, और अपना लंड उसकी गांद पर सेट किया. उसने हल्के से मुझे कहा-
श्वेता: प्लीज़ धीरे करना, मेरा पहली बार है.
मैने कहा: चिंता मत करो. मैं हू ना.
फिर कुछ धक्को के बाद मेरा लंड उसकी गांद में घुस रहा था. श्वेता दर्द से रोने लगी और कहने लगी-
श्वेता: निकालो इसको प्लीज़. मैं नही ले पौँगी.
मैने वेट किया. फिर कुछ देर बाद फिर प्रयास किया. और इस तरह दर्द के साथ मेरा लंड उसकी गांद में घुस चुका था. मैने हल्के-हल्के धक्के लगाए, और उसकी गांद मारनी शुरू कर दी. 15-20 मिनिट लगातार चुदाई करने के बाद मेरा माल उसके पेट पर निकल गया.
आधे घंटे तक हम एक-दूसरे से चिपक कर सोते रहे. फिर मेरा हाथ अचानक उसके लंड पर गया. वो तंन गया था. अब मैने श्वेता को देखा तो वो शर्मा गयी.
मैने उससे कहा: आज के बाद जब भी मॅन करे बता देना. मैने उसे इशारा किया, की वो मेरी मार सकती थी.
उसने कहा उसे डॉगी वाला पोज़ पसंद था.
मैने कहा: ठीक है.
फिर मैं डॉगी बन गया, और अब उसके लंड ने धीरे से मेरे अंदर प्रवेश किया. इस बार दर्द में मैं था. श्वेता ने भी 15-20 मिनिट तक मेरी चुदाई की, और अपना सारा माल मेरी गांद पर निकाल दिया. उस रात हम दोनो एक-दूसरे के साथ नंगे सो गये. और ये राज़ हमारे बीच में ही रह गया.
हर रात अब मेरे और उसके बीच यू ही सेक्स होता है. मैं और वो एक-दूसरे की खूब लेते है, और अपनी हवस पूरी करते है. उसके बर्तडे के दिन हम दोनो ने एक लड़की को लाया था, जिसकी छूट हम दोनो ने मारी, और अपने लंड की ख्वाहिश पूरी की.
ये कहानी फिर कभी बतौँगा. अगर इस तरह की कहानी आपको पसंद आई, तो मैं और लिखूंगा. बस कॉमेंट में बताना, और लीके भी करिए. हमने और भी अलग-अलग तरह से चुदाई की है. मेरी गांद मैं उछाल-उछाल के मरवाता हू, और मेरी बीवी की भी मैं उसी जोश से मारता हू. अब हम हर दूसरे दिन एक दूसरे को पेलते है.