गाओ की प्रधान मेरी मा

मा- मई कह रही थी…

मई- वो सब बाद मे पहले खाना और पानी लेके आ.

मा- जी आई.

अंदर रसोई मे जाते आग और चूल्‍हे की गर्मी से गत्री का जिस्म गरमा हो गया और पैसना आने लगे. पर अपने पति के लिए खाना भी तो बनाना था. मा वही बेत गयी और चाची के साथ बेत कर खाना बनाने लगी. कुछ ही देर मे गत्री का जिस्म पसीने से भीग गया और वो और भी मादक लगने लगी.

फिर वो खाना लेके भर आने लगी तभी चाची बोली.

चाची- अरे अपना पसीना तो सॉफ करले, तेरे जिस्म पर ऐसा पसीना देख कर हम दोनो का वो मर्द कही पागल ना हो जाए.

मा- (शरमाते हुए) तो होने दो ना चाची, अब तो इश्स जिस्म पर उनी का हक़ है.

चाची मुस्कुराने लगी और मा पानी और खाना लेके भर आ गयी.

उउम्म्म्ममम…भेंचोड़ पसीने मे भीगी हुई गत्री पानी का ग्लास लेके आई. सला उसका पसीने मे भीगा हुआ जिस्म देख कर मेरे लंड खड़ा होने लगा. निपल चोली मे से सॉफ चंक रहे थे और पेट एकद्ूम मुलयूं गोरा चमक रहा था.

मा- लो पानी.

और पानी देके मा मेरे परो मे बेत गयी और पेर दबाने लगी. वो जानती थी की मेरा लंड खड़ा हो रहा होगा और उपर से चाची को भी बोल चुकी है तो उसका अभी चूड़ना पक्का. मा मुस्कुरा रही थी और मई उसकी गरम दूध से भारी हुई च्चती देख कर लंड मसल रहा था.

मई- ठीक से पेर दबा , अपने पति की सेवा करना भूल गयी क्या तू?

मा- (शरमाते हुए) और कैसे दब्औ आप ही बता दो.

मैने अपना पेर मा की च्चती पर रख दिया और दबा दिया. उउम्म्म्मम मेरे परो के नीचे गत्री के दूध से भरे चुचे थे, उसकी सास तेज हो गयी.

मई- अब दबा सही से.

उउम्म्म्म गत्री की सास तेज होने लगी और चुचे फूलने लगी.

मा- हहूहह.हुहह….हुहह..हुहह..

और उसके हाथ मेरे परो की मालिश करते रहे. तभी मैने मा की चोली मे पेर घुसा दिया और चुचा दबा दिया.

मा- आहहुऊम्म्म्ममममम..हुहह..हा..हुहह..हुहह..हुहह..

मई- क्या हुआ मेरी जान और कितना तडपयेगी मुझे.

मा ने हवस भारी आँखो से मुझे देखा और उम्म्म्म गत्री का सनडर चेहरा गुलाबी होंठ और दूध से भारी उसकी पसीने मे भीगी हुई छ्चाटी देख कर मेरा शैतान भर निकलने लगा. तभी मैने पेर से गत्री का निपल मसल दिया और उसकी चोली खिच कर फाड़ कर फेक दी.

उपर से नंगी हो चुकी गत्री मेरी टरफ़ देखने लगी. उसकी आँखो से सेक्स की भूक सॉफ तपाक रही थी. दूध से भरे चुचे के निपल से पसीना तपाक रहा था.

मा- (हवस भारी आवाज़ मे) छोड़ ना मुझे कुत्ते…

मई-. साली…तेरी तो..

मैने मा के बाल पकड़ कर खीछे और वही घोड़ी बना दिया. साली का घग्रा फाड़ कर अब उसकी गीली कसी हुई गुलाबी छूट मेरे सामने थी. मेरी सास चल रही थी और मेरा घोड़े जैसा लंड तंन हो चुका था. मैने आव देखा ना ताव, गत्री की छूट मे एक ही झटके मे लंड अंदर तक घुसेड डाला आओउम्म्म्मम.. भेंचोड़…मेरा मोटा लंड गत्री की छूट फाड़ता हुआ अंदर तक घुस गया और उसकी सास अटक गयी बुरी तरह काप गयी. और छूट से पानी निकल पड़ा. 2 सेकेंड बाद मा बहोट तेज चिल्लाई…

मा- आआआआआआआआआआआआआआआआआआआहह…मदारचोड़……आहहाआआआआआआआआआआहह…

मई- चिल्ला मेरी कुटिया…..तेरा छूट के टुकड़े कर दूँगा साली…

और मैने जोरदार झटके मारने शुरू कारडीए..मा की चीख सुन्न कर अंदर काम कर रही चाचीने रहट की सास ली और बस फिर.

फचह…फचह…फच…फच..फचह..घप्प्प्प..घप्प्प्प..घपाआ..

आआआआआआआआआआआआआहह….मरड़चोड़…..आओउम्म्म्ममममममम..

ग्घहप्पा….घपाआ..घप्प्प्प..घप्पाा..ग्घहप्प्प्प…घपाा…घप्प्प्प्प…ग्घहपाआ..

फफच..फच..फच..फच्छ….धप्पाआ..द्धप्प्प….धप्प्पाा…द्धप्प्प्प..

मा- आआआआआआआआआआअहह..मेरा पानी….भेंचूओ..आआआआआआआआआवउम्म्म्ममम….मम्मी…आहह..आहह..आहह…आहह..

पसीने मे भीगी हुई गत्री को यूयेसेस दिन मैने बहोट छोड़ा. उसकी छूट जितना पानी छ्चोड़ती मेरा मोटा कला लंड और उसकी छूट को चियर कर रख देता. उउम्म्म्म गत्री की छूट और मूह को अपने वीरये से भरने के बाद मुझे शांति मिली.

उम्म्म्ममम..गत्री वही नंगी लेती गयी. एक तो मई पहले से काफ़ी बदल चुका था और भी ज़यादा मदारचोड़ और हरामी बन चुका था. उपर से बाबा की दी हुई वो दवाई अब मुझे और भी ज़्यादा हवस का पुजारी बना रही थी. आप तो जानते है मा और चाची जब्से उन्न बाबा के पास से आई है वो दोनो कितनी जवान और मादक हो चुकी है. तो उनसे भी ज़्यादा पागल और हवस अब मेरे अंदर आ चुकी थी.

सब प्लान के हिसाब से चल रहा था लेकिन तभी मुझे टा लगा की चौधरी अब इसी गाओ से प्रधान का एलेक्षन ल्ड़ेगा मतलब् अब मेरे सामने खड़ा होगा. ये सुन्न कर सर्प्राइज़ हो गया और चौधरी को फोन लगाया. उसने फोन नही उठाया और काफ़ी कोशिश करने के बाद मई साँझ गया की अब वो हरामी चौधरी नई मानेगा. अब थोड़ी टेन्षन थी. मई जैल गया और चाचजी को बताया.

चाचजी- अरे वो चौधरी ऐसा ही है, मेरे साथ भी ऐसा ही करता था सला. सबको पागल बनता है वो.

मई- अरे चाचजी उसका रास्ता मैने सॉफ करा था अब क्या करू कुछ ब्ताओ. आप को तो लोग बहोट आचे से जानते है और मानते है पर मई अभी.

फिर चाचजी ने मुझे कुछ ब्टाया और मैने कुछ सोचा और मुस्कुरा कर आ गया. गत्री को खिच कर अपनी झांग पर बिताया और उसकी नंगी चिकनी कमर को मसालते हुए बोला-

मई- मेरी जान..इश्स बार गाओ का एलेक्षन तू लड़ेगी.

मा एकद्ूम सर्प्राइज़ हो गयी और-

मा- मई..?? अरे नही…नही..मई ये सब…तो नही बस..नही नही.

फिर मैने मा की नंगी कमर पर तपद मारा और उसका मुलयूं पेट रग़ाद कर नोचने लगा.

मा- आआआअहहुउऊउउंम्म…आहह…हा…हुहह…हुहह..

मई- मा तेरा ये जिस्म ना भोथ मादक है, सला आछो आछो का लंड का पानी निकल दे. अब मई चाहता हू तू एलेक्षन मे खड़ी होके पुउरे गाओ को अपना ये मादक जिस्म दिखाए. तेरे जेसी मादक गरम औरत देख कर सब तुझे ही वोट देंगे. ब्स तू अब सबके लंड का बटन दबा दे मेरी जान.

मा ने मुझे ब्टाया की रोज सुबह जब वो पानी लेने कुऊए पर जाती है तो 9-10 गाओ के लड़को का ग्रूप उसको चुप चुप कर घूरता और जब वो पानी खिकती है तो उसकी नंगी कमर और चोली मे दूध से भरे चुचे देख कर वो सब मूठ मारा करते थे.

और जब चाचजी ने ब्टाया की गत्री को एलेक्षन मे खड़ा कर्दे और उसके मादक जिस्म को देख कर कैसे सब पागल हो जाएँगे. प्रधान गत्री बन जाएगी और ऑर्डर तेरा चलेगा. चाचजी की ये चाल मुझे पसंद आ गयी और मैने सोच लिया की बस अब तो.

मा- (शरमाते हुए) पर मई ये सब कैसे करूँगी? मई तो बस खाना वगेरह.

मई- तुझे कुछ नही करना मेरी जान, बस पूरे गाओ मे घूम कर नमस्ते करनी है और इश्स गाओ के हर हरामी और शरीफ मर्द को अपने जिस्म से गले लगा कर उनका लंड खड़ा करना है.

फिर देख एकबार तेरे जिस्म को देख कर उनके लंड का बटन सिद्धा डब जाएगे और हम जीत जाएँगे. मा शरमाने लगी.

मई- क्या सोच रही है?

मा- कुछ नही आपका ऑर्डर मई कैसे म्ना कर सकती हू. आप जो बोलॉगे वो मेरे लिए भगवान की ज़ुबान है.

मई- ये हुई ना बात.

मा- (शरमाते हुए) मुझे सब मर्दो को गले लगाना होगा ना?

मई- साली बदी खुश हो रही है, अभी से गरम हो रही है.

मा मुस्कुराने लगी.

मा- (मुस्कुराते हुए) देखो जब ये सारे हरामी मर्द दिन बाहर मेरे इश्स मुलयूं जिस्म को गले मिल कर मसलेंगे तो मई तो गरम हो जौंगी, (मेरा हाथ अपनी चोली मे मसालते हुए) फिर मुझे तन्ड़ा कों करेगा.

उउम्म्म्मममम..मजा आ गया. मैने मा को पकड़ कर आयेज खिछा और उसका कड़क गुलाबी निपल मसालने लगा.

मा- हुहह…उम्म्म्मम….उउम्म्म्म..आअहहूऊम्म्म्म..उम्म्म्म..आहहूऊंम्म..

मई- मई करूँगा तुझे तन्ड़ा मेरी जान….हुउम्म्म्मम..तुझे पूरा तन्ड़ा कर दूँगा.

मा- आहह…उउम्म्म्मम….आअहहूहहूऊंम्म…आहह…मेरी जान पूरी रात तन्ड़ा कर डियो मुझे उउम्म्म्म…

और ऐसे मसालते हुए मई गत्री को अंदर ले गया और फिर गत्री ने मेरे लंड की आचे से मसाज करी और उसका पानी पी गयी. अगले दिन सब सेट हो गया था अब बस गाओ के 10-15 मर्दो को बुलाया और समझाया की इश्स बार गत्री एलेक्षन लड़ेगी. पहेले वो सब बोलने लगे की एक औरत कैसे प्रधान हो सकती है पर जब घग्रा चोली मे गत्री निकल कर आई….उउम्म्म्ममममममममममममम..

उसकी चोली मे आधे भर निकले हुए दूध से भरे चुचे….उसका मखमल जैसा सफेद मुलयूं पेट उूउउफफफफ्फ़….उसका चिकनी पतली नंगी कमर और छूट के बॉर्डर तक पहना हुआ उसका घग्रा. गत्री की इश्स मादक काया को देख सब कुत्टो के लंड खड़े होने लगे और मूह बंद हो गया और कुछ के मूह से राल तपंके लगी.

सब बेत गये और मई खड़ा हुआ और-

मई- ये गत्री है, मेरी ख़ास है बहोट. अब ये एलेक्षन लड़ेगी. अगर किसी को दिक्कत है तो हाथ उपर करो.

किसी ने नही करा और सब घूरते रह गये. मई साँझ गया अब आधा काम बन गया. मा शर्मा कर मूह झुका कर खड़ी थी. तभी सबके सामने मा की कमर मे हाथ डाला और नोच दी. मा ने मॅन ही मॅन सिसकिया ली सास तेज करली और ऐसा देख वो सब मर्द और भड़कने लगे.

“सुनील भाई अब तो भाभिजी ही जीतेगी और हुमारी प्रधान बनेगी”

मेत्टिंग मे कुछ और बाते हुई और फिर सब चले गये. मई जानता था की मा ने आग लगा दी है और अब बस हाहत सेकना बाकी है. वो सब मर्द चले गये लेकिन बाते शुरू हो चुकी थी..

“भेंचो क्या चीज़ है यो साली का जिस्म देखा, एकद्ूम माखन जेसी है साली”

“मेरा तो लंड खड़ा हो गया देख कर, साली का पेट इतना गोरा था भेंचोड़”

“ये प्रधान बन गयी तो साली को देख कर रोज लंड का पानी निकालूँगा”

गाओ के मर्दो के बीच मा का जिस्म की गर्मी फेल चुकी थी और अब यही गर्मी मा को प्रधान बनाएगी और मुझे फाएेदे ही फायेदा होगा. अब बस कल से अपनी इश्स मादक गत्री के साथ एलेक्षन के गाओ बाहर मे घूमना शुरू करना था. जब इसकी चिकनी कमर मे हाथ डाल कर घुमौँगा और जब ये हर मर्द को गाओ के अपने जिस्म से गले लगा कर मिलेगी तो बस सारा वोट हुमारा होगा.

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