सूरज से गांद चुदाई करने के बाद हम सब नाश्ता करने लगे. मॉर्निंग 10 बजे.
सूरज: मयंक तेरा लॅपटॉप दिखा दे, मेरी मीटिंग है.
सूरज उपर मेरे रूम में चला गया मीटिंग लेने. अजय ने मुझे कस्स कर पकड़ लिया.
अजय: जब से सूरज आया है तेरी गांद लेने का टाइम ही नही मिलता.
मैने रूम का लॉक बंद किया, और हम दोनो एक-दूसरे के बदन की गहराइयों में खो गये. आज अजय अंकल बहुत हार्ड फक कर रहे थे.
मैं: लगता है आज फाड़ ही दोगे.
अजय: क्या करू, तेरी गांद है ही इतनी मस्त. बीसी बहुत कंट्रोल करा हुआ था. अब नही.
30 मिनिट की चुदाई के बाद अंकल मेरी गांद में ही झाड़ गये. दोपहर 3 बजे मैं रसोई में बर्तन सॉफ कर रहा था. सूरज ने मुझे पीछे से पकड़ लिया.
सूरज: अजय को दवाई दे दी है मैने. अब वो शाम से पहले नही उठने वाला.
ये बोलते-बोलते सूरज ने मेरा पाजामा नीचे कर दिया, और मेरी गांद में अपना लोड्ा डाल कर छोड़ने लगा. मैं बर्तन सॉफ करता-करता गांद मरवा रहा था. 20 मिनिट्स चूड़ने के बाद अंकल मेरे मूह में सारा माल निकाल कर चले गये.
शाम को सूरज अंकल खाना बना रहे थे, और अजय अंकल मौका देख कर फिरसे मुझे रूम में छोड़ने लगे. ऐसे ही अगले दिन मेरी गांद दोनो बार बार मार रहे थे. अब मेरी गांद बहुत दर्द होने लगी थी. मैं बहुत परेशन हो गया था ऐसे च्छूप-च्छूप कर चूड़ने से. इसलिए मैने सोचा क्यूँ ना दोनो को साथ मिला लेते है.
मैने एक प्लान बनाया और दोनो से चूड़ते हुए दोनो को समझाया. मैने सूरज से चूड़ते हुए बोला-
मैं: मुझे अजय अंकल के लिए बहुत बुरा लगता है. वाइफ के जाने के बाद उनका भी बहुत मॅन करता होगा.
सूरज: लेकिन क्या करे यार?
मैं: हम तीनो एक साथ कर सकते है?
सूरज: मेरा अछा नही लगता क्या, जो उसके बारे में सोच रहा है?
मैं: नही यार, वो आपके दोस्त है. आप नही सोचोगे तो कों सोचेगा?
सूरज: मुझे नही लगता वो मानेगा.
मैं: वो आप मुझ पर छ्चोढ़ दो.
इसी तरह मैने अजय से गांद मरवाते टाइम अजय को बोला-
मैं: यार बार-बार ऐसे च्छूप-च्छूप कर सेक्स करना पद रहा है. अगर सूरज ने हमे देख लिया तो?
मेरी बात बीच में रोकते हुए अजय बोले-
अजय: तो हम तीनो साथ में कर लेते है. वैसे भी तेरी गांद सूरज को पागल कर देगी. वो साला तो कॉलेज में भी लड़कों को छोड़ चुका है.
अजय अंकल की बात से मैं हैरान था. लेकिन अजय ने मेरा काम आसान कर दिया.
मैं: लेकिन आप उनको बोलना मत. मैं कुछ करता हू.
डिन्नर टाइम:-
मैं: उपर अकेले सोने में दर्र लगता है. आज क्या मैं आप दोनो के साथ सो जौ?
दोनो ने हा बोल दिया. सोने से पहले मैं नहा कर ब्रीफ अंडरवेर में बाहर आया.
मैं: आज गर्मी बहुत है. आप दोनो भी अंडरवेर में ही सो जाओ. वैसे भी यहा और कों आने वाला है?
दोनो बोना कुछ बोले आज मेरी हर बात मान रहे थे. मैं गाते पर लॉक लगा रहा था.
सूरज ने अजय को बोला: मयंक की गांद बड़ी मस्त है ना? कितनी मोटी है. काश एक बार मिल जाती.
अजय: तू बोले तो ट्राइ करे क्या?
दोनो ने एक-दूसरे को देख कर हस्स दिया.
मैं दोनो के पास आ कर बोला: सूरज अंकल, आपकी बॉडी तो बहुत मस्त है.
अजय: चू कर देख ले अंकल है है तेरा.
मैं उनको छूने लगा.
अजय: कुछ भी बोलो सूरज, एक्सर्साइज़ करने वालो के लोड छ्होटे रह जाते है.
सूरज चिल्ला कर बोला: देखेगा क्या? मयंक तू भी दिखा दे सेयेल को.
सूरज खड़ा हो कर नंगा हो गया, और मेरी अंडरवेर भी उतारने लगा.
मैं: आपका भी तो दिखाओ कितना बड़ा है.
अब हम तीनो नंगे थे.
अजय: देख ले तेरे अंकल का लोड्ा.
मैं: वाउ कितने बड़े है आप दोनो के. एक बार चू कर देख लू?
दोनो के लोड मैने चू कर देखे. दोनो मेरा हाथ पकड़ कर हिलने लगे.
सूरज: मयंक यार एक बार मूह से कर ना.
मैं दोनो के एक-एक करके चूसने लगा. 5 मिनिट तक एक एक का चूसने के बाद अजय मेरे पीछे आ गया और मेरी गांद दबाने लगा.
अजय: सूरज क्या मस्त गांद है मयंक की.
अजय अंकल एक उंगली मेरी गांद में डाल कर आयेज-पीछे करने लगे. मैं अभी भी सूरज का लोड्ा चूस रहा था. सूरज अंकल तेज़-तेज़ झटके के साथ मेरा मूह छोड़ रहे थे.
अजय: सूरज हिलने मत डियो इसको. एक बार गांद में लोड्ा डालने दे इसकी.
सूरज नाटक करते हुए: मयंक तोड़ा दर्द होगा. अपने अंकल के लिए इतना नही करोगे?
मैं हा बोल कर सूरज का लोड्ा चूसने लगा. दोनो आक्टिंग कितनी बढ़िया कर लेते है. सालों को क्या पता दोनो ने पहले ही मेरी गांद को फाड़ रखा था. अजय अंकल लोड्ा अंदर डाल कर तेज़-तेज़ झटके के साथ छोड़ने लगे.
तभी अजय मुझे दीवार पर लगा कर मेरी गांद में लोड्ा डालने लगा. सूरज ने एक बॉक्स से अजय को एक गोली दी.
सूरज: अजय ये खा ले. आज मामला लंबा चलना चाहिए.
फिर एक गोली खुद भी ले ली. सेक्स पवर बढ़ने की थी शायद वो गोली. गोली लेने के 10 मिनिट तक अजय नॉर्मल झटकों से मुझे छोड़ रहा था. फिर अचानक उसने झटके बहुत तेज़ कर दिए. इतने तेज़ झटके थे की मुझे खड़ा होना भी बहुत मुस्किल हो रहा था.
मैं अचानक से गिर गया, और सूरज मुझे बिस्तर पर लिटा कर, मेरी गांद में पूरा लोड्ा एक साथ डाल कर कस्स कर छोड़ने लगा. अब दोनो इंसान नही जानवर बन गये थे. सूरज मुझे डॉगी स्टाइल में छोड़े जेया रहा था, और अजय मेरे मूह को कस्स कर छोड़ रहा था. सूरज ने मेरे दोनो हाथो को पीछे से पकड़ रखा था, और अजय ने मेरे सर को पकड़ कर मूह छोड़ रहे थे.
मेरी हालत खराब हो रही थी, लेकिन मज़े भी बहुत आ रहे थे. फिर अजय सूरज को हटा कर मुझे मिशनरी पोज़िशन में छोड़ने लगा. अब मेरा च्छेद बहुत ज़्यादा खुल गया था. सूरज मेरे दोनो चुचो को बहुत ज़ोर-ज़ोर से दबा कर चूसने लगा.
1 घंटा छोड़ने के बाद एक ने मेरी गांद और एक ने मेरे मूह को अपने माल से भर दिया. मेरा पानी तो चूड़ते-चूड़ते ही पता नही कब निकल गया पता ही नही चला. हम सब किस करके नंगे ही सो गये. सूरज और अजय ने मॉर्निंग होते ही फिर मेरी गांद छोड़नी शुरू कर दी. अब तो हम तीनो नंगे ही रहने लगे थे. जब मॅन करता दोनो में से कोई ना कोई मुझे छोड़ता ही रहता.
हम सब अगले 4 दिन खूब चुदाई के मज़े लेने के बाद अपने-अपने घर चले गये. सूरज डोर रहता है, इसलिए वो बहुत कम आते है. जब भी आते है हम तीनो फिरसे अजय के घर चुदाई करने लगते है. लेकिन अजय से आज भी हफ्ते में 2 बार ज़रूर चूड़ने चला जाता हू.
तो ये थी मेरी कहानी. आपको कैसी लगी ज़रूर बताना