भतीजी ने मौसा का लंड चूसा

फिर मैं मौसा जी से बोली: आपकी हेल्प मुझसे कुछ करवा देगी.

मौसा जी: वो तो पता नही, लेकिन तुम्हे देख कर मैं कुछ कर ना डू.

मैं: ओह मा, तो आओ साथ में हम छाई-नाश्ता बनाते है.

तभी मैने देखा मौसा जी का लंड खड़ा हो गया था. उनके ककचे में सॉफ-सॉफ दिख रहा था, और उनके जिस्म की गर्मी भी मुझे महसूस हो रही थी. क्यूंकी वो मेरे बहुत करीब खड़े थे. फिर मैं टेबल की तरफ मूडी, और आयेज की तरफ झुकी तो पीछे से मेरी गांद पर मौसा जी का लंड एक-दूं सीधा टच हुआ.

मैं: मौसा जी, आपका क्या ख़याल है. हम पहले छाई बनाए की नाश्ता?

मौसा जी: तुम्हारी गांद बहुत मस्त है. अभी तो मेरे ख़याल में सिर्फ़ तुम्हारी गांद है, करीब 36″ साइज़ होगा.

ये सुन कर मैने उनकी तरफ मूड कर देखा, तो उनकी नज़र सीधी मेरी गांद पर थी.

फिर मैं उनसे बोली: ये क्या बोल रहे हो आप मौसा जी.

मौसा जी: ओह सॉरी, मैं ये कहना चाहता था की पहले हम नाश्ता बना ले, उसके बाद हम छाई बनाते है.

और फिर उन्होने मेरी कमर से हाथ घुमा कर मेरे हाथ को पकड़ कर ऑनियन को च्छुरी से काटने लगे. हम भाजी-पाव बनाने वाले थे, और पीछे से उनका लंड मेरी गांद को टच हो रहा था.

पर मुझे अछा लग रहा था, इसलिए मैं कुछ नही बोल रही थी.

मौसा जी: आज हम साथ मिल कर भाजी-पाव बनाएँगे जो खाने में बहुत टेस्टी होगा. तुम उंगलियाँ चाट जाओगी.

मैं: मुझे बहुत अछा लगा की आप मेरे साथ हो, और टेस्टी भाजी-पाव बनाने में मेरी हेल्प कर रहे हो.

फिर जैसे मैं आयेज से पाव बनाने के लिए आता लेने लगी, तो मौसा जी एक-दूं मेरे पीछे आ गये. अपने दोनो हाथों से उन्होने मेरे बंप पकड़ लिए, और उपर-उपर अपना लंड रगड़ने लगे. मैने नाइट ड्रेस पहनी थी, और अंदर पनटी नही पहनी थी. तो उनके लंड रगड़ने से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

मैने कुछ रिप्लाइ नही दिया, बस आता लेने की कोशिश कर रही थी. फिर मैं खड़ी हो गयी, क्यूंकी ये सब मुझे अजीब लग रहा था. मौसा जी थोड़े डोर हॅट गये.

मौसा जी: क्या हुआ? तुम क्यूँ खड़ी हो गयी?

मैं: ये ठीक नही है मौसा जी, मुझे ये अजीब लग रहा है.

मौसा जी: नही सब ठीक है. कुछ ग़लत नही है, और पहली बार हर लड़की को अजीब ही लगता है. और तुम इतनी खूबसूरत और सेक्सी हो, की मैं खुद को रोक नही पा रहा हू. मुझे अपने आप पर कंट्रोल नही हो रहा है.

मैं: मुझे इस बात की खुशी हुई की मुझे देख कर लड़कों को मैं पसंद आ जाती हू. जैसे अभी आपको पसंद आ गयी हू.

लेकिन जो हमारे बीच रिश्ता है, इसलिए मुझे ये ठीक नही लगता ये. मुझे अजीब सी फीलिंग आ रही है.

मौसा जी: इसका मतलब तुम्हे करना तो है, लेकिन बीच में रिश्ता आ रहा है.

मैं: दोनो बातें है. मेरा मॅन हा भी बोलता है ना भी बोलता है. मैं क्या करू?

मौसा जी: तो चलो तुम सब भूल जाओ. तुम सिर्फ़ मुझे एक मर्द की नज़र से देखो, और रिश्ता अभी थोड़ी देर के लिए भूल जाओ. फिर सब कुछ हो जाएगा.

मैं कुछ नही बोली, और बस हा में सर हिलाया. तो उनको ग्रीन सिग्नल मिल गया. फिर जो वो बोलने लगे, वो मैं करने लगी. पहले उन्होने मुझसे कहा-

मौसी जी: चलो अब तुम घुटनो के बाल बैठ जाओ, और मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ कर हिलाओ.

फिर मैं घुटनो के बाल बैठ गयी और मौसा जी की अंडरवेर नीचे कर दी. तो उनका लंड उछाल कर बाहर निकला. क्यूंकी मौसा जी ने पहले से अपनी पंत उतार दी थी, मेरे ये बोलते ही. उनका लंड काफ़ी बड़ा था. मैं लंड अपने हाथ में लेकर हिलने लगी. लंड बहुत टाइट हो चुका था.

2 से 3 मिनिट ही मैने लंड को उपर-नीचे किया, और फिर मौसा जी ने मेरी बाजू से पकड़ कर मुझे खड़ा किया. फिर उन्होने मेरा नाइट ड्रेस का टॉप उतार दिया. मैने अंदर कुछ नही पहना था तो मौसा जी मेरे बूब्स के निपल देख कर वाय्लेंट हो गये. फिर उन्होने मुझे घुमा दिया, मतलब वो मेरी पीठ की तरफ आ गये.

अब वो मेरे पीछे से मेरी कमर में से हाथ डाल कर मेरे बूब्स को दबाने लगे. मेरे निपल्स खड़े हो गये थे. मेरे जिस्म में करेंट जैसा होने लगा था, और मेरी टांगे काँप रही थी. दिल की धड़कन तेज़ हो गयी थी. मुझे नही मालूम ये सब क्या हो रहा था. बस मुझे जैसा मौसा जी ने बोला वही कर रही था.

अब मौसा जी अपने एक हाथ से मेरे बूब्स दबा रहे थे, और दूसरा हाथ मेरी धोती में डाल दिया था. वो मेरी छूट के उपर हाथ फेरने लगे. मुझे अजीब ही एहसास हो रहा था. थोड़ी देर में उन्होने मेरी धोती से हाथ बाहर निकाला तो उनके हाथ की उंगलियों पर मेरी छूट का रस्स था, क्यूंकी मेरी छूट गीली हो चुकी थी.

वो रस्स चाट गये, शायद उनको पसंद था, और फिर मुझे फिरसे घुटनो के बाल बिता दिया. फिर अपना लंड मेरे मूह की तरफ किया, और मैं अपने हाथ से पकड़ कर आहिस्ते-आहिस्ते अपने मूह में लेकर कुलफी की तरह चूसने लगी. एक लम्हे के लिए तो मुझे शरम आई थी. लेकिन मुझे जोश चढ़ गया था. इसलिए मैं मौसा जी का लंड मूह में लेकर चूसने लगी.

क्यूंकी इस वक़्त हम सिर्फ़ औरत और मर्द थे बस. उनकी नज़र मेरी छूट पर, और मेरी नज़र उनके लंड पर थी. लेकिन मुझे इतना पता है की मैं जो कर रही थी, ये ग़लत था. पर जो मौसा जी ने कहा वो कर रही थी, और उनका लंड चूज़ जेया रही थी.

उनके मूह से आ आह ह की की आवाज़ निकल रही थी,

और जैसे मैने मौसा जी की तरफ देखा, तो मुझे शरम आने लगी. फिर पता नही मुझे क्या हुआ, की मैने अपने मूह से लंड बाहर निकाल दिया और एक-दूं से खड़ी हो गयी. फिर अपना एक हाथ अपने चेहरे पर रख दिया, और मैं मौसा जी से डोर हॅट गयी.

मेरे हाथ शरम के मारे काँप रहे थे. मुझे अंदर से ऐसी फीलिंग आ रही थी, की ये सब मैं ग़लत कर रही थी. फिर मैने अपनी नाइट ड्रेस उठाई, और जल्दी से अपने रूम की तरफ भाग गयी. रूम के अंदर आ कर दरवाज़ा बंद कर दिया, लेकिन बाहर से मौसा जी आवाज़ दे रहे थे. पर मैने उनको कोई जवाब नही दिया.

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