एंप्लायी ने अपनी सीनियर को प्रेग्नेंट किया

ये कहानी तब की है, जब मैं एक बड़ी कंपनी में एक इंटरन की जॉब पे लगा था. मेरी जो सीनियर थी, उनका नाम रेणुका अग्निहोत्री था. वो अरुणाचल प्रदेश से बिलॉंग करती थी. वो एक मॅरीड लेडी थी, पर उनको शादी के 4 साल के बाद भी कोई बेबी नही था.

मैं ज़्यादातर मेडम के सारे काम करता था. उनका पर्सनल काम भी करता था प्रमोशन के चक्कर में, जिससे मुझे भी काफ़ी फ़ायदा होता था.

एक दिन मैं ऑफीस में बैठा कुछ काम कर रहा था. तभी मेडम ने कॅबिन में बुलाया, और कहा की उनके साथ मुझे एक ऑफीस में जाना था. कुछ डॉक्युमेंट्स भी कलेक्ट करने थे, तो वो मैं ले लू.

दिन था फ्राइडे का. मेडम और मैं निकल गये करीब 3 बजे शाम में मेडम की कार में. मैं ड्राइव कर रहा था. मैं मेडम की कार कभी-कभी ड्राइव भी करता था, और मेडम मुझे काफ़ी ज़्यादा ट्रस्ट भी करती थी.

हम लोग अपनी डेस्टिनेशन पे पहुँच गये. उसके बाद सारा काम ख़तम करके हम लोग जब बाहर निकले, तो आसमान की हालत खराब हो रही थी. तो मेडम और हम जल्दी से कार में गये. फिर थोड़ी डोर जाते ही बारिश स्टार्ट हो गयी.

माँ: राहुल एक काम करो. सीधा मेरे फ्लॅट पे चलो.

मे: एस माँ!

हम लोग माँ के अपार्टमेंट में पहुँच गये. तब तक बारिश काफ़ी ज़ोरो से होने लगी.

माँ: राहुल दो वन थिंग, अभी मेरे फ्लॅट में चलो. बारिश रुकने पे तुम घर चले जाना.

वैसे मैं आप लोगों को बताना तो भूल ही गया की मेडम के हज़्बेंड प्रॉजेक्ट मॅनेजर थे सेम कंपनी में, तो वो ज़्यादातर आउट ऑफ स्टेशन रहते थे. और मेडम अकेली रहती थी अपने फ्लॅट में.

मे: ओक माँ.

हम माँ के फ्लॅट में गये. वाहा पे जाते ही मैने देखा काफ़ी बड़ा उनका फ्लॅट था. सारी चीज़े एक-दूं आचे से सजी हुई थी. काफ़ी क्लासी और रईस वाला फील आने लगा वाहा पे.

कार से निकलते वक़्त मैं और माँ तोड़ा सा भीग गये थे, क्यूंकी बारिश काफ़ी ज़ोरो से हो रही थी.

माँ ने मुझे कहा की मैं अपने कपड़े चेंज कर लू. उन्होने एक शॉर्ट्स दिया, जो उनके हज़्बेंड का था. उनके हज़्बेंड का साइज़ काफ़ी छ्होटा था, और मैं 6 फीट का था. तो शॉर्ट्स मुझे काफ़ी टाइट हो रही थी. तो मेडम ने ये देखा और उन्होने मुझसे पूछा-

मेडम: क्या तुम अपने अंडरवेर में यहा पे कंफर्टबल हो? तो फिर उसी में रहो. नो वरीस, मैं काफ़ी ओपन माइंडेड हू.

ये बातें सुन कर मुझे तोड़ा ऑक्वर्ड सा लगा. पर मैने सोचा की इतना छ्होटा सा शॉर्ट्स पहनने से बेटर है की मैं अपने अंडरवेर में ही राहु. मैने ओक बोल कर सारे कापरे खोल दिए, और सर्फ अंडरवेर में ही था.

तभी माँ रूम से निकली चेंज करके, तो मेरी तो आँखें खुली की खुली रह गयी.

माँ ज़्यादातर सलवार, या सारी, या फिर कभी-कभी फॉर्मल पहनती थी, और उनका फिगर काइंड ऑफ चब्बी टाइप था. बहुत ज़्यादा मोटी नही थी, एक-दूं पतली भी नही थी. एक मस्त सा फिगर था, और माँ का 70% रिज़ेंब्लेन्स था भोजपुरी आक्ट्रेस रानी चटर्जी से.

माँ बाहर आई, एक शॉर्ट ब्लॅक ट्रॅन्स्परेंट सी शियर निघट्य में, जिसमे उनका रेड कलर का इननेरवेार सॉफ-सॉफ दिख रहा था. मैं उस वक़्त तोड़ा शाइ-शाइ फील कर रहा था, तो माँ मुझे कंफर्टबल फील करवाने के लिए कॅष्यूयली बातें करने लगी.

माँ: क्या हुआ, काफ़ी चुप लग रहे हो आज?

मे: हंजी माँ, वो इतनी बारिश हो रही है. घर कैसे जौंगा, वही सोच रहा हू.

माँ: डॉन’त वरी, बारिश रुके तो जाना. सरना कल सॅटर्डे है रह जाना, और कल चले जाना.

मे (टेन्षन में): देखते है, क्या होता है.

माँ: अछा क्या खाना है बताओ?

मे: मुझे अभी भूख नही है. वैसे भी बारिश रुकने पे निकल जौंगा.

माँ: अछा ठीक है, चले जाना. पर अभी मेरी थोड़ी हेल्प करदो ना खाना बनाने में.

मे: ओक.

फिर मैं और माँ किचन की तरफ चल दिए. मैं पीछे-पीछे जेया रहा था. मैने देखा माँ की गांद काफ़ी बड़ी लग रही थी नॉर्मल डेज़ के हिसाब से. मेरी बॉडी में एक अजीब से सनसनाहट होने लगी. तभी अचानक से माँ मेरी तरफ मूडी, और पूछने लगी-

माँ: राहुल सुनो ना, मॅक आंड चीज़ खाओगे ना तुम?

मे: एस मॅक & चीज़ इस मी फॅवुरेट. ई लोवे इट.

माँ: और क्या है जो योउ लोवे थे मोस्ट?

मे: ऐसा कुछ ख़ास नही है.

अचानक से माँ ने पूछा-

माँ: एक बात सॅकी-सॅकी बताना. दो योउ हॅव अन्य गर्लफ्रेंड?

मे (बिना हिचकिचाते हुए): नो माँ, ई डॉन’त.

माँ: सफेद झूठ बोल रहे हो (एक सेक्सी सी स्माइल करते हुए).

मे: नो माँ, सीरियस्ली.

माँ: बुत वाइ?

मे: सारा दिन तो आपके साथ रहता हू. टाइम मिले तब ना किसी को पाटने का सोचु.

माँ: हा बात में पॉइंट तो है.

ये कहते हुए माँ बेंड हुई कुछ नीचे वाला समान कपबोर्ड से निकालने के लिए. तभी उनकी रेड पनटी मुझे दिखने लगी. मेरी तो हालत अब खराब होने लगी थी.

माँ: हा तो मैं क्या कह रही थी (मेरे बोनेर को देख कर). अर्रे ये क्या? इस तट आ बोनेर?

मे: एस माँ, ई आम सॉरी.

ये कह कर मैं वाहा से सीधा बाहर आया, और अपने कपड़े लेने लगा. मुझे लगा की शायद मेरी नौकरी गयी.

माँ (मेरा हाथ पकड़ते हुए): अर्रे लिसन ना. क्या हो गया? मैने कुछ बोला क्या? नही ना, इतनी क्यूँ टेन्षन ले रहे हो? इट’स नॉर्मल, डॉन’त वरी.

मैं चुप था.

माँ: अर्रे बोलो कुछ.

मे: माँ ई आम सॉरी. आइन्दा से ऐसा नही होगा.

माँ: अर्रे फर्गेट इट ना.

मे: ओक.

माँ: खाना रेडी है, लेट’स ईट इट.

मे: ओक.

माँ (खाते हुए): लगता है बारिश नही रुकने वाली. तुम आज यही पे रह जाओ, इफ़ योउ डॉन’त माइंड.

मे: ई कुड मॅनेज माँ, डॉन’त वरी. अभी 8 बाज रहे है. मैं चला जौंगा.

माँ: इतनी बारिश हो रही है, कैसे जाओगे? काफ़ी देर से बारिश हो रही है. जाओगे तो पूरा भीग जाओगे, और पता नही कहा पे ट्रांसपोर्ट का क्या हाल है (काफ़ी गुस्से से बोल रही थी).

मे: हा माँ, बात तो सही है.

माँ: जस्ट स्टे हियर, कल देखते है.

मे: ओक.

खाना ख़तम करके मैने प्लेट्स ढोई. मैं जब किचन से बाहर आया तो देखा, माँ ने दारू निकली हुई थी (माँ अकेशनली ड्रिंक करती थी).

माँ: आ जाओ लेट’स हॅव आ ड्रिंक( कूल वे में).

मे: वैसे भी रहना है, तो पी लेते है.

माँ: सिगरेट्स है क्या?

मे: एस, ई हॅव.

माँ एक सिगरेट निकाल कर पीने लगी. फिर हुँने उसी सिगरेट को काउंटर लगाया, और फिर दारू भी काई सारे पेग पीने लगे. मैने जैसे माँ की तरफ देखा, तो उनको काफ़ी पसीना आ रहा था.

फिर मैने पूछा की एसी चला डू, तो उन्होने माना किया क्यूंकी सिगरेट पी रहे थे दोनो. फिर अचानक से वो उठी, और मेरी तरफ देख कर बोली-

माँ: ओये हीरो, सुन ना. तू किसी को बताना मत ये सब बात, ओक? मैं तोड़ा फ्री हो कर पीना चाहती हू. ई होप की तुझे कोई दिक्कत नही है.

मे: या-या नोट आन इश्यू.

माँ ने झट से अपनी निघट्य उतार दी. मेरा तो मूह खुले के खुला ही रह गया. मैं बस देखता रहा. मेरे हाथ में फुल पेग था. मैने माँ को देखते-देखते पूरा बॉटम्स उप मार लिया. अब माहौल काफ़ी नशे वाला हो गया था.

माँ ने म्यूज़िक लगाया, और एक बॉक्स निकाला छ्होटा सा, जिसमे रेडी जायंट्स थे. फिर एक जलाया, और फिर हम लोग एक नेक्स्ट लेवेल पे पहुँच गये. फिर माँ ने मुझे पूछा की मैं वर्जिन था क्या.

मैने ना में सर हिलाया. वो खुशी से उठ खड़ी हुई, और अपनी ब्रा और पनटी उतार दी, और मेरा अंडरवेर भी निकाल दिया. फिर वो मुझे लेकर वॉशरूम में गयी, और शवर ओं करके आचे से नहाने लगी, और नहलाने लगी.

फिर आचे से नहाने के बाद नशा काफ़ी हल्का हो गया था. हम दोनो बेडरूम में नंगे बैठ कर दारू पीने लगे. माँ बाहर से किचन से चॉक्लेट लेकर आई, और मेरे लॉड पे चॉक्लेट को लगा कर खूब चूसने लगी.

मेरी हालत तो एक-दूं खराब होने लगी. मुझे लगा की मैं झाड़ जौंगा, क्यूंकी एक अलग टाइप की सेन्सेशनल सी फीलिंग हो रही थी मुझे. फिर उन्होने लंड को मूह से निकाला, और अपनी चिकनी छूट में ढेर सारा चॉक्लेट लगा कर मुझे चाटने को बोला.

मैने खूब छाती उनकी छूट. बहुत मस्त सी स्मेल थी उनकी छूट और चॉक्लेट के कॉंबिनेशन की. फिर उन्होने ड्यूर्क्स का एक लूब्रिकॅंट निकाला, और आचे से मेरे लंड पे और अपनी छूट पे लगाया, और मुझे बोला की छूट में डालो. मैने कॉंडम के बारे में पूछा, तो उन्होने माना किया.

उन्होने कहा: मेरा हज़्बेंड गे है. ई वॉंट तो गेट प्रेग्नेंट. ते उसकी भी इक्चा है.

ई वाज़ रेडी. मैने अपना लंड उनकी छूट में डाला, और वो चिल्ला उठी. पर मैं रुका नही, और खूब छोड़ा और छोड़ता रहा. वो एक बार झाड़ गयी, और उन्होने अपना पानी छ्चोढ़ दिया. मैने करीब 15 मिनिट के बाद उनकी छूट में सारा माल निकाल दिया.

फिर हम दोनो वैसे ही सो गये. अगली सुबा क्या हुआ, वो मैं नेक्स्ट पार्ट में बतौँगा. फिलहाल मेरी पहली स्टोरी में अगर कुछ ग़लती हुई हो, तो माफ़ करना, और मेरी न्यू स्टोरीस का वेट करना.

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