Dusri Suhagraat Par Gaand Chudai

जब मैं झड़ने के करीब पहुँची तो मैंने उन्हें अलग कर दिया, पर उन्होंने फिर मेरी चूत को चूसना शुरू कर दिया और आधा मिनट बाद ही मेरा शरीर अकड़ने लगा और चूत ने पानी छोड़ दिया, वो सारा रस पी गए।

मेरी गांड में उंगली
सारा रस चाटने के बाद उन्होंने ताकत से एक उंगली मेरी गांड में डाली, मुझे हल्का सा दर्द हुआ, मैंने चादर पकड़ ली।
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पर एक गुदगुदी भी हो रही थी, मेरी धड़कनें तेज हो गई थीं और उत्तेजना में गांड भी ऊपर हो गई थी।

फिर वे मेरी नाभि को चाटने लगे, एक अलग ही अहसास हो रहा था, आज 7-8 महीने के बाद जो मेरी नाभि को चाट रहे थे, सच में इतना मजा आ रहा था।
जब वो हटने लगे तो मैंने फिर उनका सर पकड़कर नाभि चाटने के लिए कहा,

कुछ देर नाभि चाटने के बाद जब हटे और मैं बैठी तो उन्होंने फिर बिस्तर पर लेटा दिया, दोनों हाथों की उँगलियों में उंगलियों को फंसा कर उनका लण्ड मेरे मुँह के पास लाए।
मैं उसे आइसक्रीम की तरह चूसने लगी।

कुछ देर ऐसे ही चूसने के बाद वो अब मेरा मुँह चोदने लगे। 3-4 मिनट में ही उनका लण्ड तैयार हो गया।
उनका लण्ड पूरे 8 इंच का है और मोटाई 2.5 इंच है।

अब मैं भी बहुत गर्म हो गई थी, उन्होंने भी मेरी हालत समझते हुए लण्ड को चूत में डालने में देरी नहीं की। मेरी दोनों पैर को उनके कन्धे पर रखकर 3-4 झटकों में ही लण्ड मेरी चूत की दीवार को चीरता हुआ बच्चेदानी से जा टकराया और फिर पूरे कमरे में थप थप की आवाज गूंजने लगी।

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मेरे मुंह से भी आनन्द आह अहह की आवाज की आवाज निकल रही थी और दोनों हाथों से चादर को खींच रही थी।
5 मिनट ऐसे ही चोदने के बाद मुझे किस करने लगे और दूध पीकर अब मेरा एक पैर कन्धे पर रखकर धक्के लगाने लगे।

उनका लण्ड हर धक्के के साथ मेरी बच्चेदानी से टकरा रहा था।

10 मिनट की चुदाई के बाद मेरा पूरा बदन अकड़ने लगा तो मैंने चादर छोड़ उनके हाथों को पकड़ लिया और 1 मिनट में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।

पानी छोड़ते ही मैं थोड़ी ढीली पढ़ गई और पतिदेव ने भी धक्के लगाना रोक कर मुझे किस करना शुरू कर दिया और फिर मुँह को चोदने लगे।

तभी अचानक पतिदेव बोले- तैयार हो जाओ!
और मुझे फर्श पर बिस्तर के सहारे घोड़ी बना दिया।

मेरी गांड में लंड
मैंने बिस्तर की चादर को तुरन्त भींच लिया, तभी पतिदेव हंसते हुए बोले- अभी से इतना डर रही हो तो गांड फाडूंगा तब क्या करोगी?

मैं कुछ नहीं बोली और वे लंड को गांड में फ़ंसाने लगे।
मैंने भी गांड को ढीला छोड़ दिया पर लण्ड अंदर जा नहीं पा रहा था तो मेरी गांड में उंगली डालकर छेद को बड़ा करने लगे।
फिर उंगली निकाल ली और एक साथ 2 उंगलियाँ घुसा दी।

जब छेद थोड़ा खुल गया तो लण्ड फंसाया तब कुछ हिस्सा अंदर गया, मुझे थोड़ा दर्द होने लगा।

उन्होंने लण्ड को बाहर निकाला और फिट उंगली डालकर छेद को बड़ा करने लगे। कुछ देर ऐसे ही करने के बाद उन्होंने फिर लण्ड को अंदर घुसाया इस बार उनका आधा लण्ड अंदर गया, मेरे चेहरे की तो हवाइयाँ उड़ गई थी, इतना दर्द हो रहा था अगर मैंने चादर मुँह में नहीं ली होती तो पूरे घर में मेरी चीख पहुँच जाती।

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