पूरे बदन में सनसनी फैल गई थी, बस आँखों से आंसू ही निकलने बाकी रह गए थे, तो वो उनके एक और झटके ने निकलवा दिए जब उनका लण्ड मेरी गांड में पूरा अंदर तक समा गया था।
दर्द के मारे मैं तड़पने लगी थी और छुटने की कोशिश जिसमें मैं सफल भी रही, पर कब तक दूर रहती… मना करने का भी कोई फायदा नहीं था।
अब मेरी गांड का छेद खुल चुका था, तो पतिदेव का लण्ड चूसने लगी जो कि कुछ देर से ढीला पड़ा हुआ था, जब मैं उनकी पकड़ से आजाद हुई थी।
मैंने बहुत देर तक उनका लण्ड चूसा और अब मेरी गांड का दर्द भी कम हो चुका था।
जब उनका लण्ड पूरी तन गया तो उन्होंने मुझे फिर से घोड़ी बनाया, लेकिन इस बार मैंने पहले ही चादर मुँह में दबा ली थी क्योंकि मैं जानती थी कि गांड का छेद खुलने के बाद पतिदेव मुझे एक वहशी की तरह ही चोदेंगे।
और ऐसा ही हुआ, उन्होंने इस बार एक ही झटके में पूरा लण्ड मेरी गांड में उतार दिया और धक्के लगाने शुरू कर दिए।
उनके लण्ड की रगड़ से दर्द के साथ साथ एक मजा भी दे रहा था, सोचा नहीं था कि गांड की चुदाई भी इतनी हसीन और मीठा दर्द देती है, लेकिन मीठा दर्द थोड़ी ही देर के लिए था।
अचानक उन्होंने धक्के लगाना बंद कर दिए और मुझे बिस्तर पर घोड़ी बना दिया और इस बार तो पूरी ताकत के साथ जोरदार धक्के लगा रहे थे, पर इस बार हसीन दर्द नहीं दर्द भरा दर्द हो रहा था।
दर्द के मारे मेरी हालात खराब होती जा रही थी और मेरी पकड़ भी कुछ ढीली पड़ती जा रही थी।
5 मिनट बाद फिर अचानक उन्होंने धक्के लगाना बन्द कर दिए तो मुझे भी थोड़ी राहत मिली।
मैं उनका लण्ड चूसने लगी।
कुछ देर बाद पोज़ बदल कर मुझे चोद पर इस बार उन्होंने मुझे कुतिया बनाकर चोदा, इस आसन में मुझे भी बहुत मजा आ रहा था क्योंकि लण्ड आसानी से पूरा मेरी गांड में समा रहा था, मेरी दर्द भरी सिसकारियाँ निकलना जारी था।
थोड़ी देर बाद उन्होंने पोज़ बदला और मुझे गोदी में बैठा लिया और लण्ड गांड में फंसाकर खुद भी बिस्तर पर बैठ गए और मेरा दूध पीने लगे, मैं भी उनकी पीठ सहला रही थी।
कुछ देर ऐसे ही दूध पीने के बाद वो फिर खड़े हुए, एक हाथ मेरी कमर से व दूसरा हाथ मेरे चूतड़ पर और मैंने भी उन्हें टांगों से जकड़ लिया, मेरे हाथ उनके कन्धे पर थे।
मैंने आपको पिछली कहानी में बताया था कि यह मेरी और मेरे पतिदेव की भी सबसे पसन्दीदा पोज़ है। एक हाथ से कमर और दूसरे चूतड़ पकड़कर वो मुझे ऊपर नीचे करने लगे थोड़ी देर बाद वो धक्के लगाने लगे,
ऐसा जब भी करते, मुझे बहुत मजा आता है।
क्योंकि मैंने उनकी कमर को टांगों से कसकर जकड़ रखा था तो वो ताकत से धक्के लगाते, इससे मजा और भी बढ़ जाता।
पर एकदम उन्होंने धक्कों की गति तेज कर दी, मैं समझ गई कि उनका निकलने वाला है।
2 मिनट बाद ही वो मेरी गांड में झड़ गए और ढीले होकर हाँफते हुए वही बिस्तर पर बैठ गए।
उनका लण्ड मेरी गांड में ही फंसा था, वीर्य गांड में से निकलता हुआ उनकी जांघों पर आ रहा था। मैंने भी उन्हें टांगों से जकड़ रखा था और पीठ सहला रही थी।
वो भी मेरी पीठ को सहला रहे थे और पता नहीं मेरी गांड की तारीफ करते हुए क्या क्या बड़बड़ा रहे थे।
मुझे भी गाण्ड में एक हसीन दर्द और जलन दोनों हो रहे थे।