Dusri Suhagraat Par Gaand Chudai

कपड़े बदलने के लिए मैंने ब्लाउज निकाला तो उसके बाद उन्होंने मुझे पीछे से पकड़कर मेरे पेटीकोट का नाड़ा भी खोल पूरी नंगी कर दिया।

मैं उनसे छूटने का झूठा विरोध कर रही थी।
वो मेरे गले पर बार बार चूम रहे थे।

थोड़ी देर बाद कमरे का गेट बजाकर हमें चाय के लिए बुलावा आया।
पतिदेव ने 5 मिनट में आने का बोला, उसके बाद मैंने तुरन्त साड़ी पहनी जो मेरी सास ने मुझे गिफ्ट की थी।

उसे पहनने के बाद पतिदेव भी मुझे बहुत देर तक निहारते रहे, और फिर चुम्बन करने लगे।
तभी मेरी सास की आवाज आई, हम तुरन्त ही चाय पीने के लिए हॉल में गए।

हॉल में जाते ही मेरी सास ने हम दोनों के गालों पर चुम्मा दिया, हमने भी सास ससुर के पैर छुए और बाकी सदस्यों ने भी विश किया।
अब मुझे सिर्फ रात का इन्तजार था क्योंकि आज मेरी दूसरी बार दूसरी सील जो टूटने वाली थी मतलब मेरी कुंवारी गांड भी चुदने वाली थी, और मेरे पतिदेव 3 माह पहले से ही मुझे इसके लिए मना रहे थे।

वैसे वो मना तो पिछले 2 सालों से रहे हैं, पर अभी कुछ महीनों से कुछ ज्यादा ही पीछे पड़ गए थे, पर मैं जानती थी कि आज नहीं तो कल गांड तो फटनी ही है, तो क्यों ना आज ही शुरुआत कर दूँ, तो हाँ कर दी।

वो मेरी कुंवारी गांड की बहुत तारीफ़ करते हैं।

रात आने पर बेबी को सुलाकर मैंने वही साड़ी पहनी जो मैंने सुहागरात पर पहनी थी पर गहने नहीं पहने थे।
दूध का ग्लास पहले ही मैं ले आई थी।

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मेरी दूसरी सुहागरात
बिस्तर पर गुलाब के फूल पतिदेव ने फैलाये थे, खुशबू से कमरा महक रहा था।
थोड़ी देर बाद पतिदेव भी कमरे में आये पर सच कहूं तो मुझे बिलकुल ऐसा ही लग रहा था यह मेरी पहली सुहागरात है, और बेशक यह मेरी पहली सुहागरात ही तो है आज मेरी सील जो टूटने वाली है पर गांड की, मेरे मन में भी पहली रात वाली फीलिंग आ रही थी, थोड़ा डर, थोड़ी ख़ुशी, थोड़ी गुदगुदी।

अब टाइम ज्यादा नहीं लूँगी।
उन्होंने मुझे किस करना शुरू कर दिया था, मैं भी उनका साथ देने लगी।

चुम्बन करते करते तुरन्त उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए, उन्हें मुझे नंगी करने की बहुत जल्दी रहती है सुहागरात को भी उनहोंने तुरन्त ही नंगी कर दिया था।मैंने भी उनकी शर्ट निकाल दी और बनियान भी!

वो मेरे दोनों मम्मों को हाथ में लेकर मसलने लगे तब मेरे मम्मे कुछ खास बड़े नहीं थे, उनको मसलने से दूध भी निकल रहा था।

कुछ देर तक ऐसे ही मम्मे मसलने के बाद जो दूध की धार लग रही थी उसे चाट कर साफ़ कर दिया पर इससे मेरा पूरा पेट और स्तन चिपचिपा हो गया था।

फिर पति मेरे दोनों मम्मों को चूसकर दूध पीने लगे, बीच बीच में निप्पल को भी काट रहे थे।

दस मिनट तक उन्होंने मेरा दूध पीने के बाद मैंने ही उन्हें हटाया, क्योंकि मुझे ही अब सब्र नहीं हो रही थी।
वो अभी भी पेंट पहने हुए थे, मैंने ही उनका सर पकड़कर चूत पर लगाया।
अब वो मेरी चूत चाट रहे थे, पर डर भी लग रहा था कि पहली बार गांड में लंड जायेगा तो क्या होगा?

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उन्होंने मेरी चूत चाटते हुए ही उनकी पेंट और अंडरवियर को निकाल दिया।

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