दीदी का चॅलेंज उन्हे चोदने का

उसने मेरे हाथो को पकड़ के अपने सिने पे रखा, और अपने बूब्स दबवा रही थी. वो एक दूं हॉट लग रही थी. मैं उसे पूरे फेस पे किस करता, और उसके बदन को सहला रहा था.

फिर मुझे कुछ याद आया, और मैने दी से कहा-

मे: दी, मेरा सर्प्राइज़?

दी: श…मुझे लगा की तू इन सब मे भूल गया होगा.

मे: दी, आप कोई भूलने की चीज़ थोड़ी ना हो, आप तो..

दी: क्या में..?

मे: आप तो खोलने की चीज़ हो, खुल के मज़े लेने की चीज़ हो.

दी: अछा जी. मेरे लिए तेरी इतनी ही वॅल्यू हैं.

मे: नही दी, ऐसा नही. मे बता नही सकता की आप मेरे लिए कितने मायने रखती हो. हुमारे समाज और रीत रिवाज के वजह से मैं आपसे शादी नही कर सकता, वरना आप से शादी करके, आपको सारे जहाँ की खुशिया देता. आपको इतना प्यार करता की आप इमॅजिन भी नही कर सकती.

दी: अब रहने भी दे, इमोटिओनल कर दिया. ये ले तेरा सर्प्राइज़.

ये बोलकर दी ने फाटक से अपना टॉप निकल दिया. बिना ब्रा के दी के दोनो वाइट बूब्स मस्त चमक रहे थे. दी की आँखे नीचे झुकी थी. मैने उन्हे उपर किया और दी को बेड के उपर लेता कर उनके नंगे बूब्स को दबाने लगा.

और स्मूछिंग भी चालू थी. कुछ देर बाद मैने दी के निपल्स को बरी बरी मूह मैं लेकर उन्हे चूसने लगा, दी मोन कर रही थी. मुझे लगा की दी गरम हो चुकी हैं, अब तो वो ज़रूर अपनी छूट देगी.

मैं धीरे धीरे से नीचे अपना हाथ उनकी छूट के उपर ले गया, देखा तो कपड़े उपर से भीगे हुए थे, मतलब दी की छूट पानी छोड़ रही थी. जैसे ही मैने उसकी छूट को सहलाना चाहा,उसने मेरा हाथ जातक दिया. मैं तो झल्ला उठा,

मे: दी, मुझे तुम्हारा सीन समाज नही आ रहा.

दी: तुमसे मैने पहले ही कहा था, की उसके लिए ट्राइ मत करना.

मे: जब कोई लड़की खुद सामने से लिफ्ट मे वाइल्ड किस करे और बाद मे नंगी हो कर, तुमसे अपने बूब्स दबाए,और उसकी छूट भी गीली हो जाए, तो इसका मतलब क्या निकलता हैं…?

दी: देख भाई, तू इतनी दूर मुझे कुछ उम्मीद लेकर आया हैं, इसलिए जहा तक हो सके, उसे पूरा कर रही हूँ. ताकि जब तू घर वापस जाए, तो तेरे चेहरे पे खुशी हो.

मे: ख्वाहिश तो मे एक ही लेकर आया हूँ, तुम्हे छोड़ने की.

दी: ये तो मुमकिन नही हैं, मैने बताया तो सही, लाइफ मैं कुछ चीज़ो का एक ही चान्स मिलता हैं, तुम्हे मिला था, तुमने जाने दिया. शादी वेल दिन, तुमने मुझे घोड़ी बनाया, तो मे उस पोज़िशन मे रेडी थी.

तुम्हे बस मों ने गाते पे दी हुई दस्तक को इग्नोर करके, मेरे कपड़े हटाकर मेरी छूट मे अपना लंड डालना था. मैं सच मे उस दिन तुझे नही रोकती. क्यूंकी मुझे तेरा जीजा का साइज़ मालूम था.

मे: मतलब.. .?

दी: शादी के एक दिन पहले, हुमारी व्हातसपप पे बात हो रही थी, तब तेरे जीजा ने मुझे नंगी देखने की इचा जाहिर की. बहुत रिक्वेस्ट के बाद मेने हा करदी, की जो चीज़ कल दिखानी हैं उसे आज क्यू नही.

और वीडियो कॉल मैं, मुझे नंगा देखकर वो भी नंगे होकर मूठ मरने लगे, तब उनके लंड का साइज़ देखा. तेरे से हाफ साइज़ का. सोचा, की ये मेरे पिछले करमो का ही फल होगा. और मुझे लगा की कल अपनी फर्स्ट नाइट इसी से करनी पड़ेगी.

पर जब तू आया उस दिन मेरे रूम मैं, और मुझे किस्सिंग करके घोड़ी बनाया, तो मैने सोच लिया की भले ही बाद मैं, तेरे जीजू का लंड लूँगी, अपर शादी के झोड़े मे सबसे पहले बड़ा लंड ही लूँगी. पर अफ़सोस, तूने भी मुझे अधूरा छोड़ दिया. और उसी की तुझे ये सज़ा हैं समाज ले.

मे: सॉरी दी, प्लीज़ माफ़ करदो. में तुम्हे छोड़ कर आज वो ग़लती सही कर लेता हूँ.

दी: अब ये नही हो सकता, उस झोड़े मे मुझे सबसे पहले तेरे जीजू ने छोड़ा था, तो सबसे पहले हक़ उनका ही हैं. तू उनसे पर्मिशन माँग ले, मुझे छोड़ने की. हैं हिम्मत ?

मे: ह्म. मतलब की अगर जीजू मुझे चान्स दे अपने आप को प्रूव करनेका. तो तुम डोगी ना अपनी छूट मुझे…?

दी: बिल्कुल.

मे: तो ठीक हैं, अब मैं अपना चान्स जीजू से ही लूँगा, और तुझे उनके सामने ही छोड़ूँगा.

दी: इतना ओवर कॉन्फिडेन्स .

मे: नही. ये जुगाड़ हैं. तुम्हे बाद मे पता चलेगा. हन, पर तुम्हे मेरी एक छोटी सी बात माननी पड़ेगी.

दी: कौनसी बात ?

मे: वक़्त आने पे बतौँगा.

दी: तुझे अपना हाफ बॉडी दे चुकी हूँ ऑलरेडी. तो मेरी छूट या तेरे लंड से रिलेटेड ना हो ऐसी कोई भी बात मैं मान लूँगी.

मे: पिंकी प्रॉमिस ?

दी: एस, पिंकी प्रॉमिस. (मेरी पिंकी से अपनी पिंकी फिंगर को क्रॉस करते हुए)

मे: थॅंक्स दी.

दी: तुझे गुड लक अपने जुगाड़ के लिए. (और दी हासणे लगी इतने मे डोर बेल बाजी, ज्जीजू आ गये, और हम अलग हुए)

अब मुझे अपने प्लान को आक्षन मे लाना था, और इस के लिए मुझे जीजू को बॉटल मे उतरना था, उनकी एक कमज़ोरी मुझे मालूम पद चुकी थी, ‘कंजूसी’.

और मुझे उसका ही फ़ायडा उठना था. खाने के बाद मैं जीजू को नीचे गाड़ी मे रखा सामान दिखाने ले गया.

जीजू: अरे वा, तुमने तो मस्त सेट किया हैं, बहुत आचे.

मे: तांकष, जीजू. पर आपने टीवी क्यू नही लिया, बाद में ट्रॅन्स्पोर्टेशन मे टूट वूट गया तो ?और आपको तो पता हैं की दी टीवी सीरियल्स की कितनी शौकीन हैं, वाहा माइज़ॉयर जाकर नये घर मे नये टीवी लाने का बोली तो ?

इसलिए अगर ये टीवी ले जाते हैं तो 3 दिन वो टीवी देखकर अड्जस्ट कर लेगी, और हम यहा आकर बाकी का सामान ले जाएँगे.

जीजू: आइडिया तो अछा हैं, पर इसमे सेट नही होगा ना.

मे: हो सकता हैं. बीच मे आ जाएगा.

जीजू: एस, सेट हो सकता हैं. पर फिर भी एक प्राब्लम हैं, ये टीवी तो न्यू मॉडेल का हैं, पर उसमे एक बार वोल्टेज की गड़बड़ी से उसका साउंड चला गया, सर्विस मान ने बहुत खर्चा बताया.

तो मेरे फ्रेंड का एक पुराना स्पीकर पड़ा था, उसे ही सस्ते मे लेकर इसमे सेट कर दिया. और उस स्पीकर के बिना साउंड नही आएगा.

मे: ये तो समस्या हो गई, आख़िर स्पीकर को कहा सेट करेंगे..?

जीजू: यही तो दिक्कत हैं.

मे: आप बुरा ना मानो तो एक सजेशन डू.
जीजू: बोलो.

मे: टीवी को बीच में और स्पीकर को पीछे की सीट पे रख देंगे.

जीजू: और तुम कहा बेतोगे?

मे: मे बस मे आ जौंगा.

जीजू: नही, अंजाने शहर मैं तुम्हे अकेला नही छोड़ सकता.

मे: ये भी हैं, तो फिर एक ही उपाय हैं, मे और दी आयेज की सीट मे अड्जस्ट करले तो..? बस का किराया भी बच जाएगा.

जीजू: ऐसा हो सकता हैं..?

मे: मुझे कोई दिक्कत नही. पर दी को आपको कन्विन्स करना होगा.

जीजू: ठीक हैं.

मे: दी को अभी मत बताना,सुबह निकलते वक़्त ही उन्हे पता चलेगा, तो ज़्यादा अपोज़ नही करेंगी.

मे: देखते हैं. पर अगर जगह कूम पड़ी, और दी को मेरी गोद मे बिताना पड़े तो, आपको कोई परेशानी नही होगी ना?

जीजू: अरे, परेशानी तो तुम्हे होगी, पैर तुम्हारे दर्द करेंगे वाहा जाकर.

मे: कोई दिक्कत नही, अगर इस जुगाड़ से आपके और दी के कुछ पैसे बचते हैं तो अची बात हैं ना.

जीजू: ओक.

मे: मेरी एक रिक्वेस्ट हैं आपसे. बचपन मे दी मुझे अपनी गोद मे बिताकर घूमती थी, एक दिन मैने उनसे कहा था की, मैं उन्हे अपनी गोदी मे बिथौँगा. पर दी को वो मज़ाक लगा, उन्हे लगता हैं की मैं अभी भी छोटा हूँ, उन्हे गोद मे बिताकर ऐसे जर्नी नही कर सकता. तो आप प्लीज़ मेरी एक हेल्प कर दो?

जीजू: क्या ?

मे: जब, मैं दी से अपने आप को प्रूव करने के लिए एक चान्स मंगु, तो आप दी को बोलना की वो मुझे एक चान्स दे दे.

जीजू: ओक.

फिर जब हम उपर आए तो दी बेडरूम मे थी, अब मेरा अगला सीन यही था.

दी और जीजू की दीवार पे लगी फोटोस के पास चला गया.

मे: जीजू, एक मिनिट यहा आना.

जीजू: हन बोलो.

मे: कल कितना टाइम लगेगा..?

जीजू: तकरीबन 3 घंटे.

मे: ह्म. मैं सोच रहा था की, आप भी कल ट्राउज़र मैं होंगे, मे भी शॉर्ट बर्म्यूडा डालूँगा, पर दी का क्या. उसे पता नही की उसे सीट अड्जस्ट करनी हैं, तो उसको भी कंफर्टबल होना चाहिए.

जीजू: ह्म…बात तो तेरी सही हैं.

मे: तो दी ने जो ये फोटो मे स्कर्ट और टॉप डाला हैं, अगर वो कल पहने तो उसे पूरा कंफर्टबल रहेगा, और हम दोनो को दाँत भी नही पड़ेगी.

जीजू: आइडिया अछा हैं, मैं तेरी दी से बात करूँगा.

मे: ओक. पर याद रखना, सीट अड्जस्टमेंट वाली बात अभी मत करना.

और जीजू अपने रूम मे चले गये. वाहा के होल से मैं अंदर का नज़ारा देखने लगा, दी को उठाकर जीजू किस करने लगे. मुझे ये सही वक़्त लगा अपना काम निपटने का.

मैने बिना ज़्यादा आवाज़ किए टीवी को निकाला, उसे उसके बॉक्स मे पॅक किया, और नीचे कार मे सेट किया, फिर स्पीकर को पीछे की मेरी सीट पे सेट किया. आयेज की साइड सीट मे उतनी ही जगह रखी की एक ही इंसान बेत पाए.

फिर जब मे उपर आया तो देखा की, जीजू दी को छोड़ रहे थे. मैने देखा की जीजू का लंड छोटे साइज़ का था. कुछ धक्के मरने के बाद वो सो गये और दीदी अधूरी सी बगल मे लेती हुई थी.

मैने हल्के से अपने आप से कहा, “कोई बात नही दी, डॉन’त वरी, कल से आपकी जिंगड़ी बदलनेवाली हैं.” और मैं भी अलार्म रख के सो गया.

स्टोरी कैसी लगी कॉमेंट्स मे ज़रूर बताईएएगा.

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