डेरे वाले बाबा जी और सन्तान सुख की लालसा-1

आरती के मम्मे मसलते और चूमते हुए जसवंत उसकी गाँड पे हाथ फेरने लगा। आरती भी अपनी आँखें बँद करके जसवंत की पैंट खोलने लगी और उसे नीचे करके उसने जसवंत का लंड पकड़ लिया। उसे अब भी यकीन नहीं हो रहा था कि पूजा किसी लड़के से चुदवाती है। वो जसवंत का अंडरवीयर नीचे करके उसकी आँखों मै आँखें डाल के उसका नंगा लंड बिना देखे सहलाते हुए बोली, “नहीं नहीं… जसवंत मेरी बेटी ऐसी नहीं है, आप झूठ बोल रहे हो। कौन लड़का है जिससे मेरी बेटी के शारीरिक सम्बंध हैं।” जसवंत अपनी पैंट पैरों से निकाल के आरती के मम्मे मसलने लगा और आरती आहें भरते बोली, “उउफफ़फ़फ़ जसवंत आराम से मसल ना मेरे मम्मे, दर्द होता है। अब मैं पूरी कीमत दे रही हूँ तो प्यार से करो ना, दर्द क्यों दे रहे हो?” इस कहानी का शीर्षक ’आरती की वासना’ है!

जसवंत ने बिना कुछ बोले आरती की पैंटी उतार के उसे पूरी तरह नंगी कर दिया। अब आरती सिर्फ अपने सफेद रंग के हाई हील्ड सैंडल पहने हुए थी और जसवंत भी बिल्कुल नंगा था। आरती ने जसवंत का लंड देखा तो थोड़ी डर गयी पर खुश भी हो गयी। जसवंत का ९” लम्बा और ४” मोटा राजपुताना लंड उसे भा गया था और आरती उसका लंड सहलाने लगी। जसवंत भी आरती की बिना झाँटों वाली नंगी चूत देख के खुश हुआ। जब उसने एक अँगुली आरती की चूत में घुसाई तो आरती की गीली चूत ने जसवंत की अँगुली को दबोच लिया। जसवंत आरती की गीली चूत में अँगुली करते हुए उसके मम्मे चूसने लगा और उधर आरती जसवंत के गरम लंड को सहलाते हुए उसे प्यार करने लगी। आरती की चूत अँगुली से चोदते हुए जसवंत बोला, “साली आरती तेरी जैसी गरम माल को तो दर्द के साथ चोदना चाहिए, इससे मुझे भी मज़ा आयेगा और तुझे भी। अब तेरी रंडी बेटी की बात गयी भाड़ में… पहले मुझे पूजा की गरम माँ को जी भर के चोदने दे… बाद में तेरी बेटी की बात करेंगे राँड।”

जसवंत अब आरती को सोफ़े पे बिठा के उसके सामने खड़े होके अपना लंड आरती के चेहरे पे घुमाने लगा। आरती उसका लंड पकड़के चूमते हुए कहने लगी, “ऊफ़फ़फ़ जसवंत तेरा यह लंड तो बहुत मस्त और बड़ा और लम्बा है। मुझे दर्द तो नहीं देगा ना तू?” जसवंत अपना लंड आरती के लिप्स पे रखते बोला, “साली छिनाल! तुझे कबसे दर्द होने का डर है? क्या पहली बार इतना बड़ा लंड देख रही है तू… राँड? मुझे लगा तू बड़ी चुदक्कड़ औरत है और ऐसे बहुत लंड चूस चूकी है… क्यों? चल साली बहनचोद… चल चाट मेरा लंड हरामी।” जसवंत की गालियों से आरती की चूत और गरम हो गयी। उसने सैंकड़ों लंडों से चुदाई की थी लेकिन जसवंत जैसे किसी मर्द ने उसे इतनी गालियाँ पहले से ही देके और डॉमिनेट करके गरम नहीं किया था। आरती अब जसवंत के लंड को मुठ मार के चूसने लगी। जसवंत का लंड पूरा हलक तक लेके उसे चूसती हुई वो जसवंत की गोटियाँ भी मसलने लगी। जसवंत ने आरती का सिर पकड़के उसका मुँह अपने लंड से मस्ती में चोदते हुए बोला, “हाँ ऐसे ही चूस मेरा लंड… राँड साली… तेरी बहन को चोदूँ… छिनाल। आआआहहह चूस मेरा लंड और गोटियाँ भी मसल हरामी राँड। साली तेरी चूत बड़ी गरम लगती है… इसलिए इतनी जल्दी मुझसे चुदवाने को तैयार हो गयी तू।” जसवंत का लंड चूस के आरती उस गीले लंड को मुँह से निकाल के अपने चेहरे पे घुमाते हुए बोली, “ऊम्म्म्म्म… बड़ा मस्त लंड है तेरा जसवंत, तेरा राजपुताना लंड चूसने में मज़ा आ रहा है मुझे। हाँ जसवंत मैं बड़ी गरम औरत हूँ और तेरे जैसे गरम मर्द के सामने यह राज़ मैं छिपा नहीं सकती… मेरी चूत तो हमेशा चुदने को तैयार रहती है… मेरे राजा। तेरा यह लंड देखके मैं बड़ी खुश हुई जसवंत। दिल करता है यह लंड हमेशा चूसती और उससे चुदवाती रहूँ।”

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आरती ने फिर जसवंत की गोटियों को चूसा और आरती से गोटियाँ चूसवाने में जसवंत को बहुत अच्छा लगा। जसवंत की गोटियाँ चूसने के बाद आरती ने फिर लंड मुँह में लेके उसे मस्ती से चूसते हुए अपना मुँह चुदवाने लगी। अब जसवंत से रहा नहीं गया और अपना लंड आरती के मुँह से निकल के, आरती को उठा के नीचे कारपेट पे लिटा के उसकी टाँगें खोलके और उनके बीच बैठ गया। अपना लंड आरती की गरम चूत पे रखते हुए जसवंत बोला, “बहनचोद रंडी… देख तुझे कैसे चोदता हूँ। तेरी बहन की चूत चोदूँ हरामी राँड साली… तू आज मेरा लंड लेके ज़िंदगी भर उसे याद करती रहेगी।” आरती भी बेशरम होके जसवंत का लंड अपनी चूत पे रख के बोली, “हाँ चोद डालो मेरी गरम चूत जसवंत… जबसे तुझे देखा, मेरा अपने दिल पे काबू नहीं रहा। मुझे ऐसे चोद कि मैं तेरी गुलाम बनके रहूँ राजा। ऐसे ही मेरे ऊपर आके मेरी चूत अपने तगड़े राजपुताना लंड से चोद।”

जसवंत आरती की दोनों टाँगें उठाके चूत को २ अँगुली से खोले लंड दबाने लगा। आरती की चूत उसे टाईट लगी और इसलिए लंड और ज़रा दबाके लंड की टोपी अंदर घुसा के बोला, “गाँडू साली… साली तेरी चूत तो अभी भी बड़ी टाईट है, लगता है पूजा के बाप ने तुझे ज़्यादा नहीं चोदा है।” जसवंत का मोटा लंड घुसने से आरती को ज़रा दर्द हुआ और जसवंत की कमर पकड़ के वो बोली, “जसवंत अब आराम से डाल नहीं तो मेरी चूत फटेगी। यह बात बराबर है कि मेरा पति मुझे ज्यादा नहीं चोदता है लेकिन यह बात तुझे कैसे पता चली? आआआआहह ज़…हीईई..र मेरीईईई चूऊऊऊ..त गयीईईईई। मुझे बहुत दर्द हो रहा है… मैं मर गयीईईईई मेरीईईई चूत फट गयीईईई जसवंतऽऽऽऽ।”

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जसवंत ने आरती की बातों पे ध्यान दिये बिना एक धक्का और मारा और आधा लंड आरती की गरम चूत में घुसा दिया। दोनों हाथों से आरती के मम्मे मसलते हुए वो बोला, “नहीं फटेगी रानी, तेरी चूत अभी भी बड़ी टाईट और जवान है, बड़े सम्भाल कर रखी है तूने अपनी चूत।” आरती को दर्द अभी भी हो रहा था और वो अपनी कमर सोफ़े में दबा के जसवंत से दूर होने लगी तो जसवंत उसके मम्मे ज़ोर से दबा के बोला, “बहन की चूत तेरी… छिनाल नखरे मत कर साली छिनाल… ज़रा चूत उठा-उठा कर धक्के ले अंदर।” जसवंत ने आरती की गाँड के पीछे हाथ डाल के उसे उठाया और एक धक्का और मारके पूरा लंड आरती की चूत में घुसा के आरती को टाईट पकड़ के रखा जिससे दर्द होने पे आरती उसके हाथों जा नहीं सके। आरती नीचे मचल रही थी लेकिन जसवंत ने उसे टाईट पकड़ा था। इसलिए वो कुछ कर नहीं सकी। जसवंत ने ८-१० धक्के मार के आरती की चूत पूरी तरह खोल दी जिससे आरती का दर्द भी कम होने लगा। जसवंत अब आरती की चूत ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। आरती जसवंत के मुँह में अपना एक निप्पल दे के चूत उठा-उठा की चुदवाने लगी और बोली, “उउउफ्फ़्फ़्फ़ जसवंत तेरा राजपुताना लंड बड़ा तगड़ा है, मेरी तो साँस ही बँद कर डाली तूने। लेकिन अब जी भरके चोद मुझे राजा।”

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