Delhi Metro Me Mili Hamsafar Hui Hambistar

फिर भी मैं पूरी मेहनत से लगा हुआ था उसकी जवानी की प्यास बुझाने में!
काफी देर तक करने के बाद उससे रहा नहीं गया, अब वो चुदने का मूड बना चुकी थी, पर वहाँ पर चुदाई कर पाना संभव नहीं था तो उसने मुझसे किसी होटल में चलने के लिए कहा।

हमने फिल्म बीच में ही छोड़ दी और होटल की तलाश में निकल पड़े, बाहर आकर टैक्सी की और होटल के लिए निकल पड़े पर कुछ दूर जाने के बाद उसको घर से फ़ोन आया तो उसको घर जाना जरूरी हो गया।

उस दिन तो मेरे लंड पर क्या बीती, मैं शब्दों में नहीं बता सकता पर उसने वादा किया कि वो जल्दी ही दोबारा मिलने आएगी या फिर मुझे अपने घर पर बुलायेगी।

मैंने दिल पर पत्थर रख कर किसी तरह उसको घर के बाहर छोड़ा और घर आकर उसकी भेजी हुई नंगी फोटो को देखता हुआ उसके साथ बिताए हुए पलों को याद करता रहा और एक दो बार मुठ भी मारी।

जैसे है रात हुई, उसने हमेशा को तरह फ़ोन सेक्स के लिए मूड बना लिया।
मैं तो दिन से तड़प रहा था पर मैंने उदास होने का नाटक करते हुए उसको मना कर दिया।

उसको एहसास हो गया कि मैं ऐसा क्यों कर रहा हूँ उसने मुझे बड़े प्यार से समझाया तो मैं मान गया।
फिर उसने बताया कि उसके घर वाले एक दो दिन में कहीं बाहर जाने वाले है और वो घर पर अकेले रहेगी तो मुझे मौका मिलेगा जी भर के चुदाई करने का!

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अंदर से तो मैं बहुत खुश हुआ पर बातों से उसको पता नहीं चलने दिया।

खैर उस रात भी वीडियो कॉल करके हमने सेक्स का आनन्द लिया।
और कर भी क्या सकते थे, अपने ही हाथों से अपनी उम्मीदों का गला घोंटा।

मुझे उस दिन का बेसब्री से इंतजार था जब वो एकदम नंगी मेरी बाँहों में होगी। उसके लिए मैं इंतजार की घड़ियाँ गिन रहा था।

2-3 दिन तक ऐसे ही चलता रहा हम रोज रात को वीडियो कॉल करके एक दूसरे के अंगों के दर्शन करते।

फिर एक रात मैं उसके कॉल का वेट कर रहा था पर उसका कॉल नहीं आया।
काफी देर बाद जब उसने कॉल किया तो पता चला कि घर वाले अभी अभी निकले हैं।
समय करीब 11 बजे का रहा होगा, इसी वजह से कॉल करने में देर हो गई।

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उसने कहा- कल हम ज़रूर मिलेंगे!
पर मेरा लंड और इंतजार करने के लिए राजी ना था तो मैंने उसको बोला- मैं अभी आ रहा हूँ।

वो भी मान गई, आखिर मानती भी कैसे ना… चुदाई की प्यास जितनी मुझे थी उससे कहीं ज्यादा उसको थी।

करीब 12.30 बजे मैं उसके घर के गेट पर था, उसको फोन किया तो वो गेट खोलने के लिये आ गई, मैं तो उसको देखता ही रह गया, उसने एक झीनी सी नाइटी पहन रखी थी जिसमें से उसके टाइट निप्पल जैसे मेरे स्वागत में खड़े हो गए हों।

मन तो किया कि गेट पर ही धर के रगड़ दूँ पर उसने इशारे से अंदर आने को कहा।
पूछने पर पता चला कि उसका बेटा सो रहा है और कोई घर पर नहीं है।

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बस फिर क्या था, मैं उसके ऊपर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा, उसकी नाइटी उतरी या फटी, मुझे नहीं पता, मैंने तो उसको बाँहों में भरा और वहीं सोफे पर पटक दिया और उसके होठों को चूसने लगा।

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