टीचर और स्टूडेंट के बीच सेक्स का खेल

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम रोहित है, और आपने पढ़ा की कैसे मेरे किरायेदारों ने मेरी सील तोड़ी, और अगले 2 साल मुझे छोड़ा. बुत उनके कॉलेज ख़तम होने के बाद वो गाओं चले गये. अब मेरी गांद को छोड़ने वाला कोई नही था. फिर मैं ऐसे ही उंगली करके दिन निकालने लगी, और एक दिन मुझे ग्ृींद्र अप के बारे में पता चला.

मैने लोग इन किया तो बहुत ई’ड्स दिख रही थी एक-दूं पास. बुत मैं दररी हुई थी, की कोई पहचान का होगा, तो इसलिए मैं किसी से मिली नही. मैं बस छत करती, और मेरे जैसे बॉटम लड़कों से बातें करती. मैने आयेज इति पढ़ने के लिए मुंबई से तोड़ा डोर खलपुर में कॉलेज लिया, ताकि घर से डोर जेया कर लंड ले साकु.

मुझे गांद मराए पूरा 1 साल हो गया था. बुत उंगली करके काम चला रही थी. फिर कॉलेज में अड्मिशन के लिए जाते ही वाहा मैने ग्ृींद्र ओपन किया. मैने देखा यहा भी बहुत ई’ड्स ऑनलाइन थी, तो मैं खुश थी.

कॉलेज शुरू हो गया था, और मेरी ज़िंदगी को एक अलग ही मोड़ मिल गया. मैं एक गे बॉटम से मेरे कॉलेज सिर की पर्सनल रॅंड बन गयी. हुआ कुछ ऐसा, की मैं कॉलेज में ही ग्ृींद्र चलती थी, तो वाहा बस हमेशा 1 फीट पर एक ईद दिखती. मुझे लगा कोई स्टूडेंट होगा इसलिए मैने उसको मेसेज नही किया.

एक हफ़्ता बीट गया, और मुझे बहुत लोग मिलना चाहते थे. बुत बड़ा इश्यू था रूम का, और मैं ऐसे झाड़ियों में यहा-वाहा चूड़ना नही चाहती थी. तो मैं ना बोल देती. एक दिन मेरी ड्प पर मैने मेरी गांद की एक सेक्सी पिक लगा दी. अगले दिन जैसे ही कॉलेज गयी तो वो ई’द जो बस 1 फीट पर दिखती थी, उसका अचानक मेसेज आया.

मेसेज: ही, तुम क्रोस्स्द्रेससेर हो क्या?

मैने कहा: ये क्या होता है?

तो वाहा से रिप्लाइ आया: कोई बात नही मैं किसी को नही बतौँगा की तुम ये सब करते हो. बुत प्लीज़ मुझे मिलो. मैं तुम्हे मेरे आठ अपनी पत्नी बना कर रखूँगा. पैसे भी दूँगा, बस बदले में मुझे तुम खुश करती रहना.

मैने पैसे की लालच में उसको हा बोल दी, और कहा: बस ये सब हम दोनो के बीच रहेगा.

फिर रिसेस में उनका मेसेज आया: डीसल मेकॅनिक की वर्कशॉप में फॉरर्मन का कॅबिन है. वाहा मिलो.

मैं हिम्मत करके चली गयी, और तभी फॉरर्मन सिर बाहर आए और कहा की अंदर आ जाओ.

मैने बोला: नही सिर, मैं बस दोस्त का इंतेज़ार कर रहा हू. आपसे कोई काम नही.

तभी सिर ने बोला: रोहित मैं ही दोस्त हू, जिसका तुम इंतेज़ार कर रहे हो.

मैं चौंक गयी. सिर की उमर कुछ 40 से थोड़ी ज़्यादा होगी. बुत सिर एक-दूं फिट थे, जैसे की एक मेकॅनिक होता ही है डेली कामो की वजह से. मैं फिर बिना कुछ बोले कॅबिन में चली गयी, और सिर चेर पर बैठ गये. डोर लॉक था, और सिर ने अपना लंड बाहर निकाला. सिर कुछ बोले, उससे पहले ही मैने उनका लंड चूसना शुरू किया.

सिर बोले: बहुत प्यासे लगते हो, बिना कुछ बोले ही टूट पड़े.

मैने मूह से लंड निकाला, और कहा: हा सिर पुर 1 साल से प्यासी हू लंड की.

और वापस लंड चूसने लगी. मुझे आचे से चूसना आता था, तो मैं अपना जादू चलाने लगी. मदहोश हो कर सिर बस मेरे मूह को छोड़ रहे थे. मेरे मूह में थूक भर गयी थी. फिर मैने सिर को कहा-

मैं: पंत निकाल दो प्लीज़, वरना गंदी हो जाएगी.

सिर ने पंत निकाल दी और मैं फिरसे चालू हो गयी. कुछ 10 मिनिट चूस्टी रही, और अचानक सिर ने मेरा मूह लंड पर दबा दिया. फिर अपना सारा पानी मेरे मूह में निकाल दिया. मैं बिना कुछ बोले सब पी गयी और सिर का लंड सॉफ कर दिया. फिर मैं पास ही की बेसिन में मूह धो रही थी की सिर ने पीछे से पकड़ लिया.

मैने कहा: नही सिर, यहा नही. प्लीज़ बाहर कही करेंगे. मैं आपकी सारी ख्वाहिशें पूरी करूँगी पक्का, बस आप किसी को बताना मत.

मेरे ये कहने से सिर खुश हो गये और मुझे एक लीप किस दिया. फिर मैं कॅबिन से निकल कर क्लास में आ गयी. उस दिन फ्राइडे था, और कॉलेज को 2न्ड आंड फोर्त सॅटर्डे हॉलिडे होता है. तो सीधा मंडे कॉलेज आना था. तभी सिर मेरी क्लास के बाहर आ गये, और मेडम को बोल कर मुझे बाहर ले गये. मुझे लगा फिरसे छोड़ेंगे, बुत सिर बाहर लेकर गये और कहा-

सिर: घर पर बता देना कुछ काम है प्रॉजेक्ट का, सो वीकेंड दोस्त के घर पर रहना चाहता हू.

मैने बोला: सिर घर वाले नही मानेंगे.

तो सिर ने बोला: पापा का नंबर दो, बात कर लूँगा. पापा प्रिन्सिपल की तो बात मानेंगे?

मैने कहा: ठीक है, और नंबर दे दिया.

सिर ने शायद बाद में बात की, और कॉलेज ऑफ होते ही पापा का कॉल आया. पापा ने बताया की कॉलेज से कॉल आया था, की वर्कशॉप के लिए वही रुकना है.

मैने कहा: हा पापा मैं आपको घर आ कर बताने वाला थी. बुत शायद फॉरर्मन ने आपको पहले ही कॉल कर दी.

पापा बोले: कोई बात नही रुक जाओ. बस टाइम पर खा पी लेना, और ख़याल रखना.

मैने सोचा आयेज क्या, और कॉलेज के बाहर ही 1 घंटा खड़ी रही. सब लड़के जेया चुके थे, और 1 घंटे बाद सिर लोग भी घर जाने लगे. तभी फॉरर्मन सिर बाहर आए, और मेरे पास आ कर बिके रोक दी. उन्होने कहा बैठ जाओ, और मैं बिना कुछ बोले सिर की बिके पर बैठ गयी.

सिर सीधा अपने घर लेकर गये, और अंदर जाते ही बोले: नहा लो मैं भी फ्रेश होता हू.

सिर का घर बहुत अछा था 2 भक, बुत सिर अकेले ही रहते थे घर में. मैं नंगी हो कर नहाई क्यूंकी मेरे पास दूसरे अंडरगार्मेंट्स थे नही, और सोचा सिर भी तो उतारेंगे ही, फिर पहें कर क्या मतलब? मैं नहा कर बाहर आई, तो सिर भी रेडी हो गये थे, और बेड पर एक रेड कलर की सारी, और साथ एक ओनेपीएसए ड्रेस पड़ी थी.

मैने सिर को पूछा: ये क्या है?

तो सिर बोले: तुम्हे जो पसंद है पहन लो. मैं तुम्हे लड़की बना कर छोड़ना चाहता हू.

मैं थोड़ी शर्मा गयी.

मैने सिर को कहा: सिर मैने ये सब नही किया कभी.

सिर बोले: आज से तुम मेरी रश्मि हो, और तुम्हे ये सब पहनना होगा.

फिर मैने ओनेपीएसए पहनने का सोचा ताकि ज़्यादा दिक्कत ना हो. मुझे सारी पहनना तो आता नही था.

सिर बोले: रश्मि मेरे लिए आज की रात सारी पहन लो ना प्लीज़. आज तो फर्स्ट नाइट है हमारी.

मैने सिर को कहा: सिर मुझे पहँनी नही आती.

सिर हास्से और उन्होने सारी ब्लाउस और पेटिकोट उठाया. फिर मेरे पास आए और एक अछा सा लीप किस किया.

फिर वो बोले: चलो मैं पहना देता हू.

इसके बाद सिर मुझे सारी पहनने लगे.

इसके आयेज क्या हुआ, ये आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा.

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