ही दोस्तों, मैं निखिल (निकू क्रोस्स्द्रेससेर) अपनी गे सेक्स स्टोरी लेके आया हू. वैसे मैं एक लड़का हू. बुत मुझे लड़कियों के अलावा लड़के ही ज़्यादा पसंद है. वैसे मैं एक गे बॉटम हू. मुझे लड़कियों की तरह कपड़े पहनना और सब करना पसंद है.
क्यूंकी मैं बचपन से ही एक कॉनवेंट स्कूल में पढ़ा था, जहाँ 100 लड़कियों में बस 8-10 लड़के स्टूडेंट होते थे. तो मेरी ज़्यादातर लड़कियाँ ही दोस्त थी. इसलिए मुझे पहले से लड़कियों के साथ रहना पसंद था.
लड़कियों के साथ रह कर मेरी भी लड़कियों जैसी रहने की आदत हो गयी थी. 12त तक तो कुछ नही लगा, बुत कॉलेज में जाने के बाद मेरी लड़कियों की तरह बोलने-चलने और उनके साथ ज़्यादा रहने की आदत से मुझे लड़के बहुत चिढ़ते थे. वो मुझे गुद्द मीठा बुलाते थे.
बुत तभी मेरी क्लास का एक लड़का जिसका नाम था रोहित, उससे मेरी मुलाकात हुई. फिर मेरी ज़िंदगी में एक अलग ही मोड़ आ गया. उसने मुझे लड़के से पूरी लड़की बना दिया, और फिर आयेज क्या हुआ वो आप पढ़िए
तो दोस्तों बात तब की है जब मैं 12त पास आउट हो कर कॉलेज में गयी थी. तब मेरी आगे 19 यियर्ज़ थी. वैसे तो मैं लड़का हू, बुत मेरी बॉडी किसी लड़की की तरह ही स्मूद हेरलेस है. और जैसे की मैने आपको बताया, की मुझे बचपन से लड़कियों में रहना पसंद था. इसलिए कॉलेज में भी ज़्यादा मैं लड़कियों के बीच होता था, और मेरी क्लास के लड़के मुझे बहुत चिढ़ते थे.
ऐसे ही 1 साल बीट गया, और मैं 2न्ड एअर में आ गया. जब मैं पहले दिन कॉलेज गया तो रोज़ की तरह मेरी क्लास के लड़के मुझे चिढ़ने लगे. क्यूंकी मैं आते ही लड़कियों से मिलने लगा. तभी क्लास में एक नये लड़के की एंट्री हुई. वो हमारे सब के लिए नया था.
मैं लड़कियों की रो के साइड में ही बैठा हुआ था अकेले. तभी वो आ कर मेरे बेंच पर बैठ गया. उड़ने मुझे ही कहा, और हाथ मिलाया. मैने जैसे ही उससे हाथ मिलाया, मुझे एक अलग ही करेंट लगा. कुछ अलग ही फील हुआ मुझे.
उसके बाद मैने उसको एक स्माइल दी, और फिर हाथ छ्चोढ़ दिया. फिर मैं बस अपने कामो में लग गया. 10 मिनिट बाद नॅशनल सॉंग शुरू हुआ, और फिर लेक्चर्स चालू हो गये. बुत रिसेस में जब मैं अकेला बैठ कर खाना खा रहा था, और सब लड़के ग्रूप्स में तुफ्फिं खा रहे थे, तभी रोहित आया और मेरी साइड में बैठा.
उसने कहा: क्या हुआ, तुम नही जाओगे अपने दोस्तों के साथ तिफ्फ़िं खाने.
मैने कहा: नही यार, वो मुझे अपना दोस्त नही बनाना चाहते. क्या बतौ छ्चोढो, तुम लो ना तिफ्फ़िं खाओ.
मैने उसको तिफ्फ़िं ऑफर किया, और हम दोनो ने साथ बैठ कर मेरा तिफ्फ़िं ख़तम किया. फिर थोड़ी देर रिसेस में ऐसे ही घूमे, और एक-दूसरे से बात करने लगे.
तभी मुझे पता चला की उसके पापा आर्मी में थे, और वो शहीद हो गये थे. अभी उसकी मम्मी जॉब करती थी, और वो घर पर अकेला ही होता था. फिर हम वापस क्लास में आए, और लेक्चर्स शुरू हो गये. कॉलेज छ्छूटने के बाद मैं चलते-चलते अपने घर जेया रहा था. तभी रोहित आया और अपनी बिके मेरे सामने रोकी, और कहा-
रोहित: जेया रहे हो अकेले-अकेले, आओ छ्चोढ़ देता हू चलो.
मैने कहा: ठीक है.
और फिर मैं उसकी बिके पर बैठ गयी. फिर हम घर की तरफ चलने लगे. तभी उसने मुझे पूछा की मुझे लड़कों में रहना पसंद क्यूँ नही है, अकेले ही रहता हू हमेशा. तब मैने उसको मेरी कहानी बताई.
फिर उसने मुझे कहा: ये नॉर्मल है यार. कुछ ग़लत नही है. सब की अपनी पसंद होती है. तुम्हे जैसे पसंद है तुम जियो.
ऐसे ही हमारी दोस्ती गहरी होती गयी. हम बाहर भी मिलने लगे. 2 मंत में ही हमारी दोस्ती बहुत गहरी हो गयी थी. उसको मेरे बारे में सब पता चल चुका था अभी तक, की मुझे लड़के दोस्त बनाना ज़्यादा पसंद नही, क्यूंकी मैं खुद को ही एक लड़की मानने लगी थी.
ऐसे ही एक दिन शाम को हम मिले. 4 दिन बाद मेरा बर्तडे था, और मैने रोहित को ये बताया नही था. बुत उसको शायद पता था. रोहित ने ऐसे ही मुझे पूच लिया-
रोहित: क्या मेरे साथ घूमने चलोगे बिके ट्रिप पर?
मैने कहा: नही यार रोहित, घर वाले नही मानेंगे. और मैं कभी ऐसे बाहर नही गया हू अकेले.
उसने कहा: ठीक है.
और फिर हम घर चले आए. अगले दिन सुबा कॉलेज के लिए वो मुझे पिक करने मेरे घर आया. मैने कॉलेज की तैयारी की, कपड़े पहने, और जैसे ही घर से बाहर निकली, तो देखा रोहित जॅकेट हेल्मेट लेकर रेडी था. मैं उसकी बिके पर बैठने गयी, तो उसने मुझे कहा-
रोहित: वापस जाओ, और सारी बुक्स वापस घर पर रख दो, और सिर्फ़ एक शर्ट अपने बाग में डालो, और चलो.
मैने कहा: क्यूँ?
तो उसने कहा: मुझ पर ट्रस्ट है?
मैने हा बोला, और वापस घर पर गया. सारी बुक्स वापस रखी और चुपके से एक शर्ट बाग में डाल दी. बुत मैने जल्दी-जल्दी में देखा ही नही की वो मेरी शर्ट नही बल्कि मेरी दीदी का टॉप था. फिर मैं रोहित के साथ बिके पर बैठ गयी, और हम निकल पड़े. पर रोहित मुझे कॉलेज ले जाने की बजाए कहीं और ले जाने लगा.
मैने पूछा तो उसने कहा: कुछ नही होता, तुम टेन्षन मत लो. आज मेरा बर्तडे है और आज का दिन मैं बस तुम्हारे साथ बिताना चाहता हू निखिल.
मैने कहा: ठीक है, बुत हम जेया कहाँ रहे है बताओ?
फिर वो मुझे किसी बंगलो में ले गया, और वहाँ पर हम फ्रेश हुए. उसके बाद वो मुझे उस बंगलो के एक रूम में ले गया. देखा तो वो रूम पूरा सज़ा हुआ थी जैसे कोई फंक्षन हो.
मैने जैसे ही पूछा: क्या है रोहित ये सब? किसके लिए है?
तभी वो अपने घुटनो पर बैठा और मेरा हाथ अपने हाथो में लिया और कहा: ई लोवे योउ निखिल सो मच. मैं तुम्हे बहुत पसंद करता हू रोहित, क्या तुम मेरी बनोगी. मैं तुम्हे कभी धोखा नही दूँगा निकू. तुम भी मुझसे प्यार करती हो ना बताओ?
मैं शॉक्ड थी और मैं उसके हाथ से अपना हाथ च्चूधा कर रूम की गॅलरी में चली गयी. 2 मिनिट बाद वो भी मेरे पीछे से आया, और मुझे पीछे से हग करके मुझे मानने लगा. उसने मुझे मेरी कमर पर हाथ डाल के पकड़ लिया, और नेक पर किस्सस करने लगा. वो मुझे सिड्यूस करने लगा.
मैं जैसे-तैसे वहाँ से भी भाग निकली, पर वो नही मान रहा था. मैं जेया कर वहीं हॉल के सोफे पर बैठ गयी, और वो मेरी साइड में बैठ गया, और मुझे पूछने लगा-
रोहित: क्या हुआ बोलो ना? क्या मैं तुम्हे पसंद नही हू.
उसकी ये बात सुनते ही मैं उसकी बाहों में घुस गया, और रोने लगा. मुझे ऐसे देख कर वो एमोशनल हो गया, और मेरी आँखों में आँखें. डाल के देखने लगा. मुझे पता ही नही चला वो आइ कॉंटॅक्ट कैसे लीप किस्सस में तब्दील हो गया. फिर उसके बाद क्या-क्या हुआ वो मैं आपको अगली स्टोरी में बतौँगी. मेरी गे सेक्स स्टोरी अची लगी तो रिप्लाइ करना