स्लीपर बस में सेक्सी मामी को चोदा

हाई दोस्तों आज से कुछ समय पहले की बात हे ये जिसे मैंने अपनी सेक्स कहानी के स्वरूप में आप लोगों के लिए सबमिट किया हे. ये बात उस समय की हे जब जून महीने की जोरदार बारिश हो रही थी और मुझे अपनी ऑफिस के काम से बंगलौर जाना था. दोस्तों आगे कहानी में डीप उतरने से पहले मैं आप को अपनी सेक्सी मामी के बारें में बता दूँ.

मेरी मामी सांवले रंग की हे और उसका फिगर एकदम सुडोल हे. गाँव की होने की वजह से उसकी बॉडी टाईट हे महनत की वजह से. उसके बूब्स 38 इंच के और गांड 40 की हे. कोई उसे देख ले तो मुठ मारे बगैर नहीं रह सकता हे..

बात उस दिन की हे जब मुझे ऑफिस के काम से बंगलौर जाना था. तो एस यूजवल मैं टिकट चेक कर रहा था. तभी मेरी मामी का फोन आ गया. वो कहने लगी की वो भी मेरे साथ बंगलौर चलना चाहती हे किसी दोस्त से मिलने के लिए. मैंने तुरंत हां बोल दिया मामी को और मामी को टिकट भी करवा ली उसी स्लीपर बस के अन्दर.

जब हम दोनों बस में चढ़े तब तक तो मेरे मन में मामी के लिए कोई भी गलत ख्याल नहीं था. फिर ऐसे ही इधर उहर की बातें हम करने लगे और करीब रात के 12 बजे पता चला की साला हमने तो बातो बातो में काफी घंटे निकाल दिए थे. अब सोने का समय हुआ. मैं और मामी एक ही दिशा में सो गया. क्यूंकि बारिश का मौसम था इसलिए चलती हुई बस में ठंडी का भी अहसास हो रहा था हम दोनों को.

थोड़ी देर के बाद मुझे ऐसा लगा की मेरे लंड के ऊपर कुछ हल्का हल्का सा टच हो रहा था. मैंने देखा तो हिलती हुई बस की वजह से मामी की गांड मेरे लंड से टकराती थी और दूर होती थी. मैं मामी को गांड को देख के एकदम से विचलित हो उठा और मेरे लंड में ताजगी और ऊर्जा का निर्माण होने लगा! मेरा 6 इंच का लंड मेरी पेंट के अन्दर तम्बू बनाता हुआ खड़ा हो गया. मुझे डर तो लग रहा था की कही मामी जग ना जाए. पर थोड़ी हिम्मत कर के मैंने उसकी कमर में हाथ डाल दिया और उसकी गांड में अपना कडक लंड चिभा दिया साडी के ऊपर से ही.

जब मैंने देखा की मामी एकदम गहरी नींद में सो रही हे तो मैंने थोड़ी हिम्मत और की. और उसकी साडी को धीरे धीरे से ऊपर की तरफ सरकाया. वो गाँव में रहने की वजह से ब्रा पेंटी नहीं पहनती थी. मुझे मामी की झांट के जैसा फिल हो रहा था. फिर थोड़ी देर लंड चुभा रखा और उसके ब्लाउज के बटन भी खोल दिए मैंने. स्लीपर के डोर को मैंने बंद कर दिया, अचानक ही वहां मेरी नजर पड़ी थी. मामी के बूब्स के ऊपर नजर पड़ते ही मेरे लंड में और भी जान आ गई. मैंने मामी के निपल्स को अपने मुहं में ले लिए और उन्हें चूसने लगा.

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चूसने की वजह से मामी की नींद खुल गोई और वो हडबडा कर उठी और मुझे अपने से दूर धकेलने लगी. फिर वो पूछने लगी की मैं ऐसा क्यूँ कर रहा हूँ उसके साथ!

मैंने उस से बोला, मामी आप कितनी सुंदर और सेक्सी लगती हो! और मैं आप को बहुत प्यार करता हूँ.

मामी ने इसका कोई जवाब नहीं दिया और मैंने मामी को अपने पास खिंच के उसके होंठो पर होंठो को लगा के लिप किस चालू कर दी. मामी ने पहले पहले थोडा नाटक किया लेकिन फिर वो भी मेरा साथ देने लगी थी.

फिर मैंने अपने सारे कपडे उतार दिए और मामी को अपना लंड चूसने के लिए बोला. हम दोनों 69 पोजीसन में आ गए. मामी मेरा लंड लोलीपोप के जैसे चूस रही थी और मैं उसकी चूत को चाट रहा था. चूत चाटने की वजह से वो पागल सी हो रही थी और थोड़ी देर में उसका पानी निकल गया. मामी के खारे पानी को मैंने पूरा चूस के और चाट के पी लिया.

फिर देर न करते हुए मैंने तुरंत उसकी टाँगे फैला दी और अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ना चालू कर दिया. लंड का टोपा अन्दर जाते ही मैंने एक झटका लगाया और पूरा लंड मामी की चूत में घुसेड दिया. मोटा और लम्बा लंड चूत में घुसने की वजह से मामी की चीख निकल गई जिसे मैंने अपने होंठो से किस कर के दबा दिया.

करीब 15 मिनिट बाद मामी फिर से झड़ गई और साथ ही में मैं भी उसकी चूत के अन्दर ही झड़ गया. सच बोलता हूँ जबरदस्त मजा आया अपने वीर्य की पिचकारियाँ मामी की चूत में छोड़ने में. फिर मामी ने और मैंने कपडे ठीक किये और थोड़ी देर में सो गए. तभी बस एक ढाबे के ऊपर रुकी और हम खाने के लिए निचे उतरे. हमने फ्रेश होकर खाना खा लिया.

कुछ देर में बस फिर से रोड के ऊपर दौड़ रही थी. और मेरी और मामी की बातें फिर से चालु हो गई. मामी अब मुझे गर्लफ्रेंड वगेरह का पूछने लगी. मैंने मामी को आँख मार के कहा की गर्लफ्रेंड तो हे लेकिन वो तुम्हारे जैसी सेक्सी माल नहीं हे. मामी ने मुझे एक मारा जांघ के ऊपर और बोली, चल हट जूठा कहीं का.

मैंने कहा, मामी सच में तुम में जो सेक्स की कशिश हे वो कीसी और में नहीं दीखता हे मुझे.

और ये कह के मैंने मामी को अपनी तरफ खिंचा और उसके होंठो को अपने होंठो से मिला दिया. और मामी के हाथ को पकड़ के अपने लंड के ऊपर रख दिया. उसके लंड के ऊपर हाथ घुमाने से मेरा 6 इंच का लंड फिर से ताजा हो गया. मैंने किस खत्म की और फिर मामी को लंड चूसने के लिए कहा. उसने कहा तुम भी मेरी चाटो न साथ में.

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कपडे निकाल के हम दोनों फिर से 69 पोजीसन में आ गए. वो गपागप मेरे लोडे को गले तक भर के चूस रही थी और डंडे को हिला रही थी. और मैं उँगलियों के साथ छेड़खानी करते हुए उसकी चूत को चाट रहा था. हम दोनों एक दुसरे को मन लगा के चुसे जा रहे थे. फिर हम दोनों से रहा नहीं गया और वो मेरे मुह पर ही झड़ गई और मैंने उसके मुहं में अपना सारा माल निकाल दिया. मामी मेरा माल गटक गई और फिर से लंड को हिला के चूसने लगी. मामी की चिपचिपी चूत को मैंने भी होंठो से चुसना चालू रख के अपनी जबान से पानी को गटक रहा था.

फिर हम वापस से सीधे हुए और मैंने उसके बूब्स को चुसना चालू किया. मामी बोल रही थी की बस कर अब सोने दे उन्हें. पर मैं ऐसा हसींन मौका अपने हाथ से निकलने नहीं देना चाहता था.

थोड़ी देर निपल्स चूसने के बाद फिर से हमने सेक्स के लिए पोस बनाया. मैंने मामी की टांगो को फैला दिया और अपना लंड उसकी चूत में डाल के उसके ऊपर चढ़ गया. मामी की चूत मस्त गीली थी इसलिए लंड एकदम सही बैठ गया चूत के अन्दर और एक ही झटके में पूरा घुस भी गया. मामी के बूब्स को चूसते हुए मैं उसकी चूत को चोदने लगा. फिर मैंने मामी को अपने ऊपर ले लिया. उसके बूब्स हवा में लटक रहे थे और मेरे मुहं के सामने आ रहे थे. मैंने मामी के बूब्स चुसे और वो मेरे ऊपर हिल हिल के अपनी चूत को लंड के ऊपर मार सी रही थी. मेरे हाथ से मैंने उसकी गर्दन को पकड़ी हुई थी. और वो मेरे बालों को पकड़ के अपनी चूत को चुदवा रही थी.

हम दोनों ही पागलों की तरह चुदाई कर रहे थे. करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद मैं फिर से उसकी चूत में ही झड़ गया. मेरा गरम लावा उसके अन्दर जाने से वो भी गर्माहट की वजह से मेरे लंड के ऊपर ही झड़ गई.

फिर थोड़ी देर ऐसे ही मैं उसकी चूत में लंड डाल के सो गया. सुबह हुई तो कंडक्टर ने आवाज लगाईं की थोड़ी देर में बस बंगलौर पहुँच जायेगी और सब रेडी होने लगे. हम दोनों रेडी हो गए और जब तक बस स्टॉप पर नहीं आई तब तक हम दोनों ने फ्रेंच किस की एक दुसरे को. बस से उतरते ही मैंने मामी को कहा, मामी चलो ना आज का दिन होटल में बिताते हे.

वो बोली, तेरे में बड़ी ताकत हे!

मैंने कहा, आप का इरादा क्या हे?

वो बोली. तुझे पता हे कोई होटल?

और इस सवाल में ही उसका इरादा उसने मुझे बता दिया था.



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