अब चाची मेरे लंड पर बैठ गई और चाची मुस्कुराती हुई चूत में लंड सेट करने लगी।
“आज तो मैं पूरा मज़ा लूंगी।”
“हाँ चाची, खूब मज़ा लो।”
अब चाची उछल-उछल कर चुदने लगी।उन्हें मेरे लंड की सवारी करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची के मस्त बोबे जबरदस्त तरीके से उछल रहे थे।
“आह्ह सिसस्स आहा ऊँह ओह कुत्ते आहा बहुत मज़ा आ रहा है, आह्ह।”
“हाँ मेरी रानी। मिटा ले आज तेरी चूत की खुजली।”
“हाँ मेरे राजा। बहुत खुजली हो रही है मेरी चूत में।”
तभी चाची और ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगी। अब ज़ोरदार झटकों से चाची का जिस्म पसीने में भीगने लगा था। आज चाची बहुत ज्यादा चुदासी लग रही थी। चाची की आँखों में लंड की भूख बहुत ज्यादा नज़र आ रही थी।
“आह्ह आह्ह सिससस्स आहा ओह साले हरामी, आह्ह।”
“ओह मेरी रानी आह्ह।”
तभी थोड़ी देर में ज़ोरदार झटकों से चाची का पानी निकल गया। लेकिन चाची फिर भी नहीं रुक रही थी। वो झटके मारे जा रही थी। फिर चाची उठी, और उन्होंने उनकी गरमा-गरम चूत को मेरे मुँह पर सेट कर दिया, और खुद ने मेरे लंड को पकड़ लिया। अब हम 69 पॉजिशन में आ चुके थे।
अब मैं चाची के चूतड़ों को सहलाते हुए उनकी चूत चाट रहा था। मुझे चाची की गरमा-गरम चूत चाटने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
चाची अपने तरीके से मेरे लंड को फिर से लॉलीपॉप बनाने में लगी हुई थी। हम दोनों एक-दूसरे की चीज़ों के साथ खेल रहे थे।
फिर हमने बहुत देर तक इसी तरह से मज़ा लिया। अब मैंने चाची को वापस पलट दिया, और मैं पलंग से नीचे उतर आया।
अब मैंने चाची की टाँगे पकड़ कर उन्हें पलंग के किनारे खींच लिया। फिर मैंने चाची की टाँगे उठा कर उनकी चूत में लंड सेट कर दिया। अब मैं चाची को झमझम चोदने लगा।
“आहा आह्ह सिससस्स आह्ह ओह आह्ह ओह साले आह सिसस्स”
“साली मां की लौड़ी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है तुझे बजाने में आह्ह।”
“बजाये जा साले कुत्ते। जितनी तेरी इच्छा हो। मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा है तुझसे चुदाने में, आह्ह।”
मैं गांड हिला-हिला कर चाची की चूत में लंड पेले जा रहा था। मेरे लंड के झटकों से पलंग चुड़-चुड़ कर रहा था। चाची मस्त होकर मेरा लंड ले रही थी।
“आह्ह सिसस्स आह्ह ओह आहा।”
मेरे लंड के ज़ोरदार झटकों से चाची के बोबे बुरी तरह से उछल रहे थे। मैं चाची को जम कर चोद रहा था।
“आह्ह आह ओह मेरे सैया।आह्ह।”
तभी धुआंधार ठुकाई से चाची का पानी गया। फिर मैंने चाची को बहुत देर तक जमकर चोदा।
अब मैंने चाची को उठाया और फिर उनके होंठो को भींच लिया। अब कमरा फिर से ऑउच्च ऑउच्च की आवाज़ों से धमकने लगा था।
फिर मैं किस करता हुआ चाची को दीवार के सहारे ले गया। अब मैं चाची के होंठो को धुआंधार तरीके से चूस रहा था। साथ में मैं चाची के बोबे भी मसल रहा था। चाची के बोबों को मसलने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। हम दोनों एक-दूसरे में खो चुके थे।
मैं चाची के बोबों को बुरी तरह से मरोड़ रहा था। चाची बुरी तरह से कसमसा रही थी। फिर मैंने चाची की चूत में उंगलिया घुसा दी। अब मैं चाची की चूत में उंगलिया करने लगा। तभी चाची चू-चू मैं मैं करने लगी।
“ओह सिससस्स आहा ओह सिससस्स।”
अब मैं किस करता हुआ बुरी तरह से चाची की चूत को कुरेद रहा था। चाची की चूत कुरेदने में मुझे बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था। चाची बहुत बुरी तरह से तड़प रही थी। अब मैंने चाची के होंठो को छोड़ दिया।
“आह्ह सिससस्स आहा ओह कुत्ते आह्ह सिससस्स।”
“ओह भेन की लौड़ी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है, आहा।”
मैं एक हाथ से चाची की चूत में आग लगा रहा था, और दूसरे हाथ से बोबों से खेल रहा था। अब दर्द के मारे चाची की गांड फट कर हाथ में आ रही थी।
“ओह सिससस्स ओह आईएईई मम्मी।”
अब मैंने चाची को पलट दिया। अब मेरा लंड चाची की गांड से टच हो रहा था। मैं आगे से चाची के बोबों को मसलते हुए उनके कंधो और कानो पर किस कर रहा था। चाची दीवार से सटी हुई थी। वो कसमसा रही थी।
“ओह सिससस्स आहा ओह सिससस्स ओह मम्मी, आहा सिससस्स।”
मुझे तो चाची के जिस्म पर किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। फिर मैं चाची की चिकनी चमचमाती हुई पीठ पर किस करने लगा। आहा! चाची की मखमली पीठ पर किस करने में मुझे अलग ही मज़ा मिल रहा था।
मैं झमाझम चाची की पीठ पर किस कर रहा था। चाची कसमसा रही थी।
“ओह आह्ह सिससस्स आहा ओह सिसस्ससस्स ओह रोहित।”
मैं चाची की मस्त गजराई हुई पीठ पर ताबड़-तोड़ किस कर रहा था। चाची उनके जिस्म को सिकोड़ रही थी। फिर मैंने बहुत देर तक चाची की पीठ पर किस किये।
मैं नीचे बैठ गया, और अब मैं चाची की शानदार जानदार गांड पर किस करने लगा। चाची अब गांड को इधर-उधर हिलाने की कोशिश कर रही थी। मुझे तो चाची की गांड पर किस करने के बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं चाची के चूतड़ों को काट रहा था। चाची कसमसा रही थी।
“आहा सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स।”
मुझे चाची के चिकने गोल-गोल चूतड़ों पर किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची के मस्त सेक्सी चूतड़़ बहुत ही शानदार थे।
फिर मैंने बहुत देर तक चाची की गांड पर किस किये। अब मैं खड़ा हो गया, और चाची की गांड पर चपेड़े मारने लगा।
“आह्ह बहुत मस्त गांड है मनीषा तेरी। आह्ह, बहुत चिकनी है।”
“ओह कमीने दर्द हो रहा है। आहा आईईईई आईईईई धीरे-धीरे मार।”
“मारने दे जान। बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।”
“आहा सिससस्स आहा ओह सिसस्स अहा उन्ह सिससस्स।”
फिर मैंने चाची की गांड पर चपेड़ मार कर बहुत मज़ा लिया। अब मैंने चाची को पकड़ा और उन्हें पलंग के पास ले आया। अब मैंने चाची से घोड़ी बनने को कहा, तभी चाची नखरे से करने लगी।
“यार अब मत कर ना। बहुत थका दिया तूने आज।”
“लेकिन गांड तो बाकी ही है मेरी जान। एक बार तेरी गांड की सैर तो करने दे।”
“यार गांड में बहुत दर्द होता है। गांड रहने दे ना।”
“मनीषा गांड तो मारनी ही पड़ेगी ना यार।”
“यार तू आज फिर से मेरी गांड फाड़ देगा।”
“तो फाड़ने दे ना यार। उसमे तेरा क्या घाटा है? फाडुंगा तो मैं।”
“कमीने, फटेगी तो मेरी ना।”
तभी चाची घोड़ी बन गई।
“ले फाड़ दे आज भी मेरी गांड। अब तुझसे क्या छिपाना।”
“हां मेरी जान।”
अब मैंने चाची की गांड के हॉल में लंड सेट कर दिया और फिर ज़ोर का झटका देकर चाची की गांड में लंड ठोक दिया। मेरा लंड एक ही झटके में चाची की गांड के पड़खच्चे उड़ाता हुआ पूरा अंदर घुस गया। तभी चाची की चीखे निकल गई।
“आईईईईई मम्मी मर्रर्रर्र गईईईई । आईईईई आईईईईई मरर्रर्र गईईई। धीरे-धीरे डाल कुत्ते।”
अब मैं चाची की कमर पकड़ कर झमाझम गांड मारने लगा। चाची की टाइट गांड मारने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची दर्द से छटपटा रही थी। मैं उनकी गांड के पड़खच्चे उड़ा रहा था।
“ओह आईईईई आईईईईई आईईईई आह्ह आह्ह आहहह धीरे-धीरे मां के लौड़े।”
“मां की लौड़ी, मारने दे ना। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”
“यहाँ मेरी गांड फट रही है साले कुत्ते।”
“तेरी गांड तो ऐसे ही फटेगी साली हरामज़ादी।’
मैं ताबड़-तोड़ ठुकाई से चाची की गांड मार रहा था। चाची दर्द से तड़प रही थी। मैं उनकी कमर पकड़ कर झमाझम लंड पेल रहा था। चाची बस लंड ठुकवा रही थी।
“आह्ह सिससस्स आहा ओह कमीने आह्ह।”
“बहुत मज़ा आ रहा है मेरी जान।”
“आईईईई सिससस्स आह्ह ओह मम्मी।”
तभी थोड़ी देर में ही मेरा लंड भाभी की गांड के छेद को ढीला कर चुका था। मैं भाभी की गांड में लंड पेले जा रहा था। भाभी को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। मैं खच-खच चाची की सेक्सी गांड में लंड पेले जा रहा था।
“आईईईईई आईईईई आईईईई आह्ह आहा, आह्ह आहा ओह आह्ह आह्ह बहुत दर्द हो रहा है मादरचोद।”
“दर्द में ही तो मज़ा आता है मेरी जान।”
तभी चाची जवाब देने लगी और फिर कुछ ही देर में चाची की चूत से पानी टपकने लगा। पानी निकलते ही चाची घबरा सी गई। वो पूरी पसीने में भीग चुकी थी। मैं अभी भी फूल मस्ती में डूब कर चाची की गांड मार रहा था।
“आईईईई आईईईईई ओह बस कुत्ते, अब रहने दे।”
“अभी तो मेरे लंड की प्यास नहीं बुझी है मेरी रानी।”
फिर मैंने चाची की बहुत देर तक गांड मारी। अब मैंने चाची को उठाया, और उन्हें पलंग पर ला पटका। चाची बहुत ज्यादा थक चुकी थी। आज मैं चाची के आगे और पीछे दोनों छेदों को ढीला कर चुका था।
अब मैंने फिर से चाची की टाँगे खोल दी और उनकी गरमा-गरम चूत में लंड पेलने लगा। चाची फिर से मेरे लंड के तूफान को झेलने लगी।
“आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह उन्ह, आह्ह।”
“ओह चाची, खूब मज़ा आ रहा है आह्ह।”
“आह्ह आह्ह। अब बस कर यार, मेरी चूत में दर्द होने लग गया है। ऊपर से इतना सारा काम भी पड़ा है।”
“काम तो हमेशा ही रहता है चाची। आज तो आप उस काम को भूल जाओ, और इस काम को कराओ।”
“करवा तो रही हूँ यार। मैं तो आज तुझे बिल्कुल भी नहीं रोक रही हूं। बजा ले जितना बजाना हो।”
“हां चाची, ये हुई ना बात।”
मैं चाची की चूत में लंड ठोके जा रहा था। चाची आज चुद-चुद कर पानी-पानी हो गई थी। मेरा लंड फिर भी चाची की चूत में तगड़ा घमासान मचा रहा था।
“आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह आह्ह आईईईई आईईईईई।”
तभी ताबड़-तोड़ ठुकाई से चाची की चूत फिर से पानी-पानी हो गई। मेरा लंड फिर से चाची के पानी में नहा चूका था। फिर ताबड़-तोड़ ठुकाई के बाद मेरा लंड अंतिम चरण में पहुँच गया।
अब मैंने चाची की चूत में लंड ठहराया, और फिर चाची की चूत को मेरे लंड के पानी से पानी-पानी कर दिया। अब मैं थक हार कर चाची से लिपट गया। फिर हम दोनों बहुत देर तक ऐसे ही पड़े रहे। आज फिर से चाची को बजा कर मेरे लंड की बांछे खिल उठी। चाची भी उनकी फड़वाश्रकर बहुत खुश नज़र आ रही थी।
“ओह रोहित आज तूने मेरी सारी खुजली मिटा दी।”
“अगर फिर भी हो रही हो तो बता दो और मिटा दूंगा।”
“नहीं अब तो बिल्कुल भी नहीं हो रही है।”
तभी मैं चाची की चूत में उंगलिया पेलने लगा।
“बहुत गर्म हो रही है चाची आपकी चूत तो।”
“अब तूने इतनी देर तक लंड पेला है तो गर्म तो रहेगी ही ना।”
अब चाची उठी और कपड़े पहनने लग गई। वो चड्डी ब्रा पहन कर पेटिकोट का नाड़ा बांध रही थी।
“अभी तो बहुत सारा काम पड़ा है यार। आधे कपड़े तो बिना धोये ही रह गए।”
“कोई बात नहीं चाची अब कर लेना।”
अब चाची ने बलाऊज पहना और फिर साड़ी सेट कर वो कमरे से बाहर निकल गई।
“तू भी कपड़े पहन ले।” हाँ चाची।
अब मैंने भी उठ कर कपड़े पहन लिए। अब चाची वापस कपड़े धोने लग गई थी। फिर मैंने थोड़ी देर चाची से बात-चीत की। चाची मुस्कुरा रही थी।
“चाची एक बार और लोगी क्या?”
“कमीने रहने दे अब। खूब देर तक ले लिया मैंने तेरा।”
“तो एक बार और लेलो।”
“नहीं अब नहीं। इतना सारा काम पड़ा है मेरा।”
मैं चाची को फिर से लेने के लिए पटा रहा था, लेकिन चाची दुबारा देने के लिए तैयार नहीं हो रही थी। फिर मैं घर आ गया।
कोई भी चाची, भाभी, आंटी, लड़की दोस्ती करे–