करीब 5-7 मिनट में वो निढाल हो गई, बोली- हो गया!
अब मैंने उसे नीचे लिटाया और बीच में आकर उसके पैरों को अपने कंधों पर रखा और उसकी चूत में अपना लन्ड डाला और धक्के मारने लगा।
वो फ़िर ‘आह्ह ह्ह्ह्ह आह ह्ह्ह ऊऊ ऊम्म्म्म्म माआआह्ह्ह ह्ह्ह…’ करने लगी।
‘आअह्ह ह्हह्हह उम्म्म्म्हह्ह…’ के साथ उसकी चूत में मैंने अपना लावा छोड़ दिया और कुछ देर हम उसी पोजिशन में रहे।
अब मैं और मेरी दिलरुबा भतीजी साथ साथ लेटे, उसने कहा- जान, जिंदगी में पहली बार मैंने इतना परम आनन्द पाया है।
हमने समय देखा, एक बज गया था, वो खड़ी होकर कपड़े पहनने लगी तो मैंने रोका और उसकी कुछ तस्वीरें ली फ़िर वो कपड़े पहन कर अपने पति के साथ सो गई और मैं अकेला रह गया।
अगले दिन वो बहुत खुश थी और मैं मेरी पत्नी के साथ वापिस आ गया।
फ़िर कुछ दिन बाद उसकी काल आई और बताया कि वो गर्भवती है और बच्चा मेरा है।
यह था मेरा और उसकी सात साल की तपस्या का फल !
मेरी कहानी पसंद आई या नहीं?