भाई की मर्दानगी पार्ट – 2

गतान्क से आगे………………..भाई की मर्दानगी
अंमिजान कुच्छ देर के बाद बोली” देखो बच्चो, मैं तुम दोनो के बारे में सब कुछ जान गयी हूँ. मुझे कोई एतराज़ नहीं है के फरहान काफ़ी टाइम से हुमा को चोद रहा है. असल में मुझे खुशी है के हुमा ने बाहर जा कर किसी से चुदवा कर हमारी बदनामी नहीं करवाई है. फरहान के लंड को देख कर मुझे खुशी हुई है के उसका लंड काफ़ी दमदार है. अब मेरी बात ध्यान से सुनो मेरे बच्चो, अब जब के तुम्हारे अब्बू दुनिया में नहीं रहे तो मुझे भी लंड की ज़रूरत पड़ती ही रहे गी. मेरा सुझाव है कि हम तीनो घर के अंदर ही आपस में चुदाई का खेल खेलें और बाहर किसी को शक ही ना हो, और इसी बीच में हम हुमा के लिए लड़का और फरहान के लिए लड़की ढूंड लेंगे.

लेकिन यह लड़का, लड़की ऐसे होने चाहिए जिन को हमारे संबधों से कोई एतेराज़ ना हो, और हमें तुम्हारे अब्बू की सारी जयदाद भी मिल जाए,” मेरा मुह्न खुला का खुला रह गया जब अम्मी ने ये सब हम दोनो से कहा. अम्मी की उमर 45 साल के करीब थी और देखने में अभी काफ़ी जवान लगती थी. इस उमर में लंड से बिछड़ जाना कोई आसान काम नहीं था. मेरा मन ये सब सोच के उतेज्ना से भर उठा के अब से मैं और अम्मी दोनो ही भाई से चुदवा सकें गी. अम्मी ने मुझे बाहों में भर लिया और कस के मेरे होंठों को चूम लिया. अम्मी की चुचियाँ मुझ से बड़ी थी और चूतर भी ज़यादा भारी थे. मेरे हाथ भी अम्मी के दोनो, बूब्स पर टिक गये जब के अम्मी ने मेरे होंठों को किस करना जारी रखा. फरहान अपनी सीट से उठा और हम दोनो की तरफ बढ़ा.

वो अपने लंड को दबाते हुए बोला” अब्बू का मरना हमारे लिए कुच्छ अशुभ और कुच्छ शुभ साबित हुया है, मैं अब तुम दोनो के साथ चुदाई के मज़े लूट सकूँ गा पर साथ में वो वसीयत की शरत फ्री करने की भी टेन्षन है, पर अभी टेन्षन लेने की ज़रूरत नहीं है, हुमा तुम तो मेरे लंड से चुद ही चुकी हो, आज ज़रा अम्मी की चूत का स्वाद मुझे ले लेने दो, देखो अम्मी की गांद कितनी मस्त है और चुचि कितनी कड़ी हो कर तन चुकी है, ” फरहान ने अम्मी की चुचि को कस के मसल दिया और अम्मी के मुह्न से अह्ह्ह्ह निकल गई. फरहान ने अम्मी के चूतर पर हाथ फेरा और अम्मी को किस करने लगा. अम्मी के मुह्न से कराह निकलने लगी.

अम्मी भी कई महीनो के बाद आज चुदने जा रही थी और वो भी अपने बेटे के जवान लंड के द्वारा. ” हुमा तुझे चोदने के बाद तो में बेहन्चोद बन गया था और आज अम्मी की चूत चोदने के बाद मैं मादरचोद बन जाउ गा, देख अम्मी भी मुझ से चुदने के लिए बेकरार है, देख कैसे इसकी सलवार चूत वाली जगह से भीग गयी है, साली अम्मी भी बड़ी चुड़क्कड़ लग रही है मुझे, आज मैं उस चूत में अपना लंड पेलने जा रहा हूँ जिसमे से मैं पैदा हुया हूँ .

हुमा तुम अम्मी की चुचि को चूस कर अम्मी को गरम कर दो तब तक मैं कुच्छ खाने पीने का बन्दो बस्त कर के आता हूँ, बस 15 मिनिट में वापिस आता हूँ.’ यह कह कर फरहान बाहर चला गया और मैने अम्मी की कमीज़ उतार दी और ब्रा के उपर से अम्मी की भरपूर चूचियाँ को मसल्ने लगी, अम्मी गरम होती गयी, मैने उसकी ब्रा भी उतार फेंकी.”

क्या तू मेरे सारे कपड़े ही उतार देगी क्या मुझे नंगा कर देगी साली, मैं तेरी मा हूँ, मुझे नंगा करते हुए तुझे शरम नहीं आती, हुमा.” अम्मी बोली तो मैने उसकी सलवार भी खोल डाली और अम्मी पूरी नंगी हो गयी, मैने एक हाथ अम्मी की बुर पर रगड़ दिया और उसकी मस्तानी चूत पर हाथ फेर कर कहा’ अंमिजान, तुम तो नंगी होने से ही घबरा गयी, तब क्या होगा जब भाईजान अपना मोटा लंड तेरी चूत में पेल देंगे, उसका लंड सच में बहुत बड़ा और मोटा है, आज वो अब्बू की जगह तुम को चोदेगा और तुम को बहुत मज़ा आएगा.

देख तेरी चूत तो उसके लंड के स्वागत के लिए पहले ही पानी छ्चोड़ रही है, आज मैं भी मा को बेटे से चुदवाते हुए देखूं गी, आअज से फरहान तेरी चूत का भी मलिक बन जाए गा,” मैने अम्मी को कहा. ” मुझे शरम आ रही है यह संब करते हुए. मेरी बेटी, बात करनी एक बात है और असल में चुदाई करनी दूसरी बात है, मेरा तो हाल बुरा हो रहा है, ना जाने कहाँ चला गया है फरहान,”

थोड़ी देर के बाद अम्मी बहुत ही चुदासि हो गयी थी. इधर मुझे भी उतेज्ना होने लगी और मैने अम्मी की चूत को छेड़ना शुरू कर दिया. मेरा दिल करने लगा कि मैं अम्मी की चूत को चूम लूँ, उसमे जीभ डाल कर चोद डालूं.. मैने अम्मी की जांघों को खोल कर अपना मुह्न अम्मी की चूत के लिप्स के अंदर डाल दिया. उनका नमकीन रस मेरे मुह्न में आने लगा और वो उतेज्ना की सारी हद पार कर गयी. अम्मी ने अपनी गांद उपर उठाई और अपनी चूत मेरे मुह्न में थेल दी. अम्मी का छ्होला फरफ़राने लगा.

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अम्मी की उंगलियाँ मेरे बालों से खेलने लगी और मुझे चूत चाटने के लिए कहने लगी. कोई 20 मिनिट्स के बाद जब फरहान कमरे में आया तो उसके हाथ में एक बॉटल विस्की की थी और साथ में तंदूरी मुर्गा और खरा सोडा. उसने सब समान टेबल पर रखा और अम्मी को बाहों में भर के बेतहाशा चूमने लगा. उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया और मुझे कहने लगा के मैं उसके लंड की मूठ मारू. मैने अपने हाथ उसकी जांघों पर फेरने शुरू कर दिए और उसके लंड को सहलाने लगी. अम्मी ने भी अब शरम त्याग कर फरहान की छाती पर हाथ फेरना शुरू कर दिया.

फरहान ने अब हम तीनो के लिए पेग बनाए, सोडा डाला और चिकन की टाँग पकड़ कर बोला. ” आज तो पहले शराब पीते है और फिर अपने घर की संपूर्ण चुदाई का प्रोग्राम बनाते हैं, हुमा तू तो चुदाई का स्वाद मेरे साथ चख ही चुकी हो, आज पहले मैं अम्मी की चुदाई करूँ गा और फिर तेरी और उसके बाद तुम दोनो ही मुझ से मज़े लेते रहना. हम ने पेग अपने होंठों से लगाए और चुस्की लेने लगे. इस बीच फरहान के कपड़े मैने उतारने शुरू कर दिए. उसका लंड साँप की तरह फूँकार उठा. थोड़ी देर में ही हम सब पर नशा छाने लगा और अम्मी अपने आप पर काबू ना रख पाई. उसने फरहान के लंड को मुह्न में डाल कर चूसना शुरू कर दिया और फरहान भी चोदने के लिए बेकरार हो गया.

फरहान ने अम्मी के नंगे शरीर को सहलाया और चूत पर चुम्मा लिया और अम्मी को घोड़ी बना दिया. अम्मी की गांद हवा में उठी हुई थी और फरहान ने अम्मी की गांद पर हाथ फिराया और चूत में उंगली डाल दी” अहह फरहान अब मत तड़पाओ, मेरे लाल, मैं चुदवाने को तड़प रही हूँ, ज़रा अपना लंड मेरी प्यासी चूत में पेल डालो मेरे राजा बेटा, तेरी अम्मी को लंड चाहिए, आज तुम अपने अब्बू की जगह ले कर मुझे तृप्त कर दो मेरे राजा, मुझे वैसे ही चोद डालो जैसे तुम ने अपनी बेहन को तृप्त किया था, आज मेरी प्यास बुझा दो, मेरी चूत की आग शांत कर दो अपने लंड से मेरे राजा,’

फरहान ने अम्मी की गांद की तरफ से पोज़िशन ली और अपना लंड अम्मी के चूतरो के बीचो बीच ले कर पीछे से अंदर पेल दिया, अम्मी के मुह्न से एक चीख निकल गयी, ‘ अहह, कितना बलिष्ठ लंड है तेरा, मेरे राजा बेटा, आज अपने अब्बू को भूलने मैं मेरी मदद करो, तेरे अब्बू ने तो सारी उमर दूसरी औरतों के साथ मज़े लूटे हैं जब की मैं तो घर में उसके लंड का इंतज़ार ही करती रही, अब तुम अब्बू की कमी दूर कर दो मेरी चूत को निहाल कर दो मेरे राजा, आज से तू अपनी बेहन और अम्मी की जवानी का मालिक है, चोद देना हमें जैसे चाहो, जब चाहो, हम तेरी हैं, मुझे अपना लंड दे दो मेरे बेटे, मेरे मालिक,” अम्मी बिना मतलब के बोले जा रही थी. मैने भी आगे बढ़ के भाई के लंड को पकड़ कर अम्मी की चूत में धकेल दिया और फरहान लगा धक्के मारने और अम्मी अपनी गांद को पीछे की तरफ उच्छालने लगी. फरहान का लंड पूरा अम्मी की चूत में समा गया.

मैं खड़ी हो कर अपनी चुचि फरहान के मुह्न में डालने लगी, और फरहान नीचे से अम्मी को चोदने लगा और उपर से मेरी चुचि को चूसने लगा. मेरी साँसें मुश्किल से चल रही थी, मेरा छ्होला भड़क रहा था. फरहान ने चुदाई की स्पीड और तेज़ कर दी और वो अम्मी की चुचि को पकड़ कर दबाने लगा.” अम्मी तुम तो बहुत टाइट हो, मुझे पता ही नहीं था कि अम्मी एक चुड़ाकड़ छिनल है, अम्मी तेरी चूत तो बहुत टाइट है, अम्मी तेरी चूत ने मेरे लंड को कैसे जाकड़ रखा है, तेरी चूत तो क़िस्सी कुँवारी लड़की जैसी है, सच बहुत मज़ा दे रही है तेरी चूत मुझे, ” मैने अब अपनी पोज़िशन बदल ली और अम्मी के नीचे लेट गयी और अम्मी की चूत चाटने लगी.

अम्मी की चूत के अंदर फरहान का लंड आ जा रहा था और उसमे से रस टपक रहा था, जिसे मैने चाटना शुरू कर दिया और अम्मी की चूत पर अपनी ज़ुबान रगड़नी शुरू कर डाली जिस कारण अम्मी और भी जोश में आ कर चुदवाने लगी और शोर मचाने लगी,’ पेल दो मेरी चूत में अपना लंड ज़ोर से फरहान, मेरी चूत में तो आग लगी हुई है, अपने मस्त लंड से इसको बुझा डालो, हुमा तेरी ज़ुबान तो ग़ज़ब ढा रही है, मैं तो झड़ने वाली हो गयी हूँ, बेटा ज़ोर से चोद डालो अपनी अम्मी को, तेरा लंड तो तेरे अब्बू से भी ज़यादा दमदार है.

मैं तेरे लंड को अपनी चूत में लेकर धन्य हो गयी, मेरी चूत अपना पानी छ्चोड़ रही है, पेल डालो अपनी अम्मी को मेरे रजाआआअ, ओह, मैं मरी मैं झडियी, चोदूऊ, मेरी चूत झाड़ रहियीईई है,’ फरहान ने ज़ोर से धक्के मारने जारी रखे और अम्मी झाड़ कर निढाल हो गयी, उसकी चूत से फरहान का लंड निकल आया, जब कि वो अभी भी कड़ा था और अभी नहीं झाड़ पाया. फरहान ने मेरी तरफ देखा और आँखों आँखों में इशारा किया. मैने अपने आप को पूरी तरह नंगी कर दिया और फरहान की गोद में जाकर बैठ गयी.

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अम्मी ने हम दोनो की तरफ देख कर कहा” बेटे, अब तुम अपने लंड का पानी अपनी बेहन की चूत में ही गिरा दो, मैं तो अब तेरा साथ और नहीं दे पाउ गी, मेरी तो चूत का कचूमर निकाल दिया है तेरे हल्लाबी लंड ने, तू वाकाई ही मर्द है, मेरे राजा, अब अपनी मर्दानगी से अपनी बेहन को निहाल कर दे.”

फरहान ने मेरी चुचि को मुह्न में ले कर चूसा और मेरी चूत तो पहले ही पनिया चुकी थी. उसने मुँझे बिस्तर पर चित लेटया, मेरी जांघों को उपर उठाया, मेरी चूत पर अपना हाथ फिराया, जिस कारण मेरी चूत पानी से चिपचिपा गयी. उसका लंड मेरी चूत के दरवाज़े पर दस्तक देने लगा. फरहान बोला,” बहना अब में और वेट नहीं कर सकता, मेरा काम आधा तो पहले ही हो चुका है, अब अपनी मस्त चूत से मेरे लंड का पानी निकाल दो, मेरी हुमा बेहन, अब मेरे लंड का स्वागत अपनी प्यारी चूत में कर डालो, आज शराब के कारण मेरा लंड नहीं छूट रहा है, चल खोल अपनी चूत मेरी बहना, ले लेने दो मुझे अपनी चूत के मज़े,”

मैने भी टाँगें खोल कर फरहान को निमंत्रित करते हुए कहा” मेरे भाई, मैं तो पहले से ही तेरी जवानी की गुलाम हूँ, चोद डाल अपनी बेहन को जिस तरह तेरा दिल चाहे, मैं तेरे लंड की हर ज़रूरत पूरा करने के लिए तय्यार हूँ, पेल दो अपना लंड अपनी बेहन की चूत में, अब से मैं तुम्हारी हूँ, मेरे राजा भैया,”

फरहान ने एक मिनिट भी इंतज़ार नहीं किया और अपना लंड मेरी चूत में पेल दिया. लंड माखन की तरह मेरी चूत में दाखिल हो गया किओं के मेरी चूत से पानी एक नदी की तरह बह रहा था. फरहान पहले से ही गरम था और पूरे ज़ोर से चोदने लगा, उसने अपने हाथ मेरी गांद पर रखे और कस के पकड़ लिया.

कोई 10 मिनिट में ही मैं भी झड़ने को तय्यार हो गयी और मेरी चूत पानी छ्चोड़ने लगी,” मैं झडियी भाई, अब मैं नहीं रुक सकती, मेरी चूत पानी छ्चोड़ गयी है, तुम अपना लंड निकाल लो, अम्मी मैं मरी,” फरहान का लंड अब भी वैसे ही खड़ा था, वो गुस्से में बोला,” साली दो दो मस्त चूतो के बावजूद मैं नहीं झाड़ पा रहा हूँ, हुमा चल मेरा पानी निकाल दे क़िस्सी तरह, मेरा कुच्छ करो मेरी बहना, मैं क्या करूँ इस मस्त लॉड का?” अम्मी ने मुझ को कहा,” हुमा फरहान से कभी गांद मरवाई है क्या?” मैने ना में जवाब दिया.

अम्मी ने कहा” बेटे, चल आज मैं तुझ से गांद मरवा कर तेरी गरमी निकाल देती हूँ, क्या मेरी गांद का स्वाद चखे गा तेरा लंड?” फरहान की आँखों में एक वहशत सी नज़र आने लगी. वासना की आग में देहक्ते हुए फरहान ने अम्मी को फिर से घोड़ी बनाया और अपने लंड को क्रीम से लिपलीपा करने के बाद गांद में पेल दिया, अम्मी की चीख निकल गयी और वो दर्द के मारे चिल्ला पड़ी, ‘ मर गयीईइ मेरी मा, यह क्या किया मैने, तेरा लंड तो किसी लकड़ी के डंडे की तरह मेरी गांद को फाड़ रहा है, मैं तो भूल ही गयी थी कि तेरे अब्बू का लंड छ्होटा सा था जिस के साथ मेने गांद मरवाई थी, लेकिन मैं तो भूल ही गयी थी कि मेरे बेटे का लंड तो बहुत ज़ालिम है, आराम से चोद मेरी गांद बेटे, बहुत दर्द हो रहा है,’

फरहान का लंड अम्मी की टाइट गांद में जा कर अटक गया और वो धीरे धीरे धक्के मारने लगा,” उफ़फ्फ़ कितनी टाइट है तेरी गांद अम्मी, मैने कभी गांद नहीं मारी अभी तक, लेकिन बहुत मस्त है तेरी गांद अम्मी जान, अब मैं भी ज़यादा देर ना रुक सकूँ गा, मेरा झड़ने को ही है, चोद लेने दो अपनी गांद मुझे, बहुत ही मस्त हैं तेरे चूतर अम्मी, क्या बात है तेरी मस्त चुदाई की, देख मेरा रस तेरी गांद में गिरने को है, ले लो मेरा सारा रस अपनी गांद में, मैं झाड़ रहा हूँ, अम्मी,” इसके साथ ही फरहान अम्मी की गांद में झाड़ गया, उसका रस अम्मी की गांद में गिर गया और अम्मी के चूतरो पर फैल गया जब फरहान ने अपना लंड अम्मी की गांद से निकाला.

एक छप की आवाज़ आई और फरहान अम्मी की पीठ पर औंधे मुह्न निढाल हो कर गिर गया. हम तीनो सारी रात बेहोश सोते रहे. हम चुदाई कर के थक कर मस्त थे और किसी को किसी बात की सुध ना थी. इस तरह हम तीनो की चुदाई का खेल शुरू हुआ जो आज तक चल रहा है और जिसमे काफ़ी कुच्छ और भी शामिल हो चुका है जिस कारण फरहान आज दो नहीं बल्कि बहुत सी औरतों की चुदाई कर के अपनी मर्दानगी का सबूत दे रहा है और जन्नत के मज़े लूट रहा है और हमें भी मस्त कर रहा है.

*** समाप्त ***



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