भाई की मर्दानगी

मैं उस वक्त 20 साल की थी और अपने कॉलेज मे पढ़ती थी. मैं 5 फीट और 4 इंच की हाइट वाली सेक्सी लड़की हूँ, सुंदर जवान हूँ, रंग सांवला, और जिस्म गदराया हुआ है. मेरी चुची बड़ी बड़ी है और चूतर बड़े ही मतवाले हैं. मेरा भाई फरहान बहुत ही रिष्ट पुष्ट जिस्म का 6 फुट का जवान है, चौरी छाती, सुडोल टाँगें और लोहे जैसा कड़क 9 इंच का लंड है. मैं अपने भाई को बहुत प्यार करती हूँ.

मेरी बेहन नज़ो भी बहुत सेक्सी है, उसकी हाइट 5 फीट 5 इंच है, रंग गोरा, भारी चूतर, भरे भरे स्तन, पतली कमर. मेरा इश्क मेरी क्लास के एक लड़के शमीम के साथ चल रहा था और वो मेरे साथ छेड़ छाड़ करता था.

एक दिन उसने मुझे अपने घर बुलाया क्यों कि उस दिन उस के घर मे कोई नहीं था.

मैं वहाँ गयी तो उसने मुझे जाते ही पकड़ लिया और चूमने लगा. मेरे बूब्स दबाने लगा और मेरी साँसे आनी मुश्किल हो गयी. मैं बहुत ही उतेज़ित हो चुकी थी और मेरी चूत चुदवाने के लिए तडप रही थी. शमीम ने मुझे नगा कर दिया और मेरी चूत पर लंड रगड़ने लगा. वो अभी रगड़ ही रहा था कि उसका फॉवरा फुट पड़ा और उसका सारा पानी मेरी चूत पर गिर गया. मैने पुछा कि क्या हुआ तो वो बोला” मैं तो झाड़ गया हूँ” लेकिन मैं तो आग मे जल रही थी. शमीम ने मुझे वापिस घर भेज दिया. उसका मुह्न लटका हुआ था..

मैं घर चली आ रही थी और उपर से घने काले बदल आसमान मे छाए हुए थे. मैने घर में परवेश किया तो बारिश होने लगी लेकिन मैं तो आग मे जल रही थी. मेरा जिस्म दहक रहा था और मुझे लंड के सिवा और कुच्छ नहीं सूझ रहा था. घर में पहला कमरा फरहान का था जहा से अजीब सी आवाज़ें आ रही थी,

” हुमा मेरी जान चूसो मेरे लंड को दीदी, तुम बहुत सेक्सी हो, एमरी बहना, अब चुदवाने को तैयार हो जाओ अपने भाई से” मैं हैरान हो कर देखने लगी. फरहान अपने मोटे लंड को निकाल कर मूठ मार रहा था. मैं समझ गयी के वो मेरे को इमॅजिन कर के मूठ मार रहा था. जब मैने अपना नाम उसके मुख से सुना तो दंग ही रह गयी.

मेरी चूत लंड के लिए पहले ही तरस रही थी. कामवासना इस हद बढ़ गयी कि मैं भाई बहन के रिश्ते को भूल गयी और फरहान के कमरे में चली गयी.” ये क्या कर रहे हो फरहान? मेरे नाम की मूठ मार रहे हो, तुझे शरम नहीं आती? मैं तेरी बेहन हूँ और तुम कल्पना में मुझे ही चोद रहे हो?” वो शर्मा गया और अपने लंड को ढकने लगा,” मैने उसे धमकी दी” मैं अगर ये सब अम्मी को बता दूं ‘ वो मेरे पैरों पर गिर के माफी माँगने लगा. मैं भी तो यही चाहती थी.

मैने उससे कहा ” एक शरत पर चुप रह सकती हूँ, अगर तुम अपनी बेहन को वाकई ही चोद कर ठंडी कर दो तो” उसका मुह्न खुला के खुला रह गया. मैने उसको पुछा” फरहान किया किसी लड़की की चुदाई की है” वो बोला” नहीं पर दिल बहुत करता है”मैने जवाब दिया ” तो फिर देर किस बात की है, मेरा यार तो हरामी नमार्द निकला अब देखें भाई कितना मर्द है”.

उस दिन भाई बहुत ही बेचैन था. मैं मटक मटक कर उसकी तरफ बढ़ी. ठंडी हवा चल रही थी. उसने मूड कर दरवाज़ा बंद किया, बाहर बारिश पूरे ज़ोरों पर हो रही थी और वो मेरे बूब्स की झलक देख रहा था. मैने अपनी कमीज़ उत्तर दी जिस से से मेरी छाती नगी हो उठी.

मैं उसके पास चली गयी और वो मुझे घूर कर देखने लगा. उसने हाथ बढ़ा कर मेरी चुचि पर हाथ रख दिया, मेरा मन धक धक करने लगा. मेरी चूत एक बार फिर पनिया गयी. मैने उससे कहा” फरहान अब अपने कपड़े भी उतार दो” वो बोला,” मेरा लंड तो तुम देख ही चुकी हो दीदी, चलो अपनी सलवार भी उतार दो ता कि मैं अपनी ज़िंदगी मे पहली बार चूत के दर्शन तो कर लूँ” मैने कहा” फरहान, झूठ क्यों बोलते हो. क्या तुम ने कभी चूत नहीं देखी?’ वो बोला’ सच दीदी, कभी नहीं’ मैने मज़ाक किया’ साले झूठ क्यों बोलता है, जब पैदा हुआ था तो अम्मी की चूत नहीं देखी थी?’ वो सकपका गया.’ वो तो है पर तब मैं छ्होटा था अब मैं मर्द बन गया हूँ.”

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मैने कहा” चलो देखते हैं कितना मर्द बन गया है तू, क्या अपनी बेहन को चोदने के काबिल हो गया है के नहीं” उसने अपनी पॅंट और कमीज़ खोल दी और नंगा मेरे सामने खड़ा हो गया तो मेरे पैरों तले से ज़मीन खिसक गयी. मेरी आँखें फटी की फटी रह गयीं क्योंकि, उसका लंड कम से कम 8 इंच का हो गा.बल्कि उसने मुझे भी पूरी तरह से नंगी कर दिया. मेरी नज़र उसके लंड पर गयी और सॉफ देखा के वो अभी अभी शेव कर के बाहर निकली थी.

मैं अपने आप को काबू ना रख सकी और मेरी चूत की हालत खराब होने लगी. मैं गरम हो कर बोली” भाई जान, अब मुझे चोद डालो ” वो बोला जल्दी का काम शैतान का, चलो तुम मेरे लंड को हाथ मे लेकर प्यार करो और मैं आपकी चुचि दबाता हूँ.” मैने आगे बढ़ कर उसे अपनी बाहों मे भर लिया. वो मेरे शरीर का स्पर्श पा कर तो पागल हो गया.मेरी चुचि को बेरेहमी से दबाने लगा. ” भाई धीरे से मेरा यह पहला चान्स है, प्लीज़ मुझे दर्द मत देना भाई’ मैने उसे ज़ोर से भींच लिया और उसके होंठों का चुंबन लिया, मेरे हाथ उसके लंड को सहलाने लगे.

वो मुझे किस करने लगा और हमारी साँसें उखरने लगी. मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती. लेकिन फरहान का तो कोई और ही इरादा था. उसने मेरी चुचि को मुह्न मे ले लिया और बच्चो की तरह चूसने लगा. मेरी हालत और खराब होने लगी. मेरी चूत में से पानी बहने लगा, फिर भाई ने अपना मुह्न मेरी चूत पर सटा दिया और चूमने लगा” ओह्ह्ह भाई ये कैसी आग लगा दी तुम ने मेरी चूत तो आग की तरह दाहक रही है इसको शांत कर दो मेरे भाई, प्लीज़” उसने मेरे मुह्न में अपना लंड डाल दिया और हम 69 पोज़िशन में एक दूसरे को चूमने लगे.

थोरी देर के बाद उसने अपना लंड मेरी चूत पर रख दिया और उसका लंड मेरी चूत पर रगड़ खाने लगा. वो कराह उठा” ओह्ह बहना, तैयार हो जाओ चुदने के लिए, तुम्हारा जिस्म अब चुदाई के लिए तैयार है और उसका लंड मेरी चूत पर दस्तक देने लगा,” क्या अपनी बहन को नहीं चोद दो गे भाई, आह, बहुत मज़ा आ रहा है भाईजान मैं तो तेरी चुदसी हो रही हूँ, फरहान भाई, मेरी आग शांत कर दो भाई, मुझे अपने लंड से ठंडा कर दो’ वो मेरे साथ लिपट गया. उसने मेरी चुचि चूमि और मेरे, निपल कड़े हो चुके थे और उसके हाथ मेरे चूतरो पर रेंग रहे थे.

भाई का लंड फूँकार उठा और वो अब रुकने वाला नहीं था. उसने मुझे बाहों मे उठाया और बेड पर लिटा दिया. उसका नंगा जिस्म मेरे सामने था और मैने अपनी आँखें बंद कर ली. वो मेरी चुचि चूसने लगा. ‘ओह भाई कितना आनंद आ रहा है और चूसो मेरी चुचि को भाई जान, पेल डालो अपने लंड को मेरी चूत मे आज तोड़ डालो मेरी सील को मेरे भाई”, मैं बोली ‘ उसने अपना लंड मेरी चूत के मुहाने पर रख दिया और ज़ोरदार धक्का मारा.

मैं दर्द के मारे चीख पड़ी,” मेरी जान ही निकाल दो गे बेह्न्चोद धीरे से चोदो अपनी बेहन को, मुझे दर्द हो रहा है ” वो धीरे धीरे धक्के लगाने लगा और उसका लंड मेरी चूत में आराम से जाने लगा और मुझे भी मज़ा आने लगा,”ओह भाई चोद डालो अपनी बेहन को आज मैं चुदवाने के लिए मर रही हूँ, पेल दो अपना लंड मेरी चूत में, मेरी चूत चुदने के लिए तडप रही है मेरा यार सला नमार्द ही निकला है’ वो लंड चूत में धकेल रहा था, उसका लंड पूरा मेरी गरम चूत में समा रहा था.

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वो बोला” हाए मेरी बहना, तू कितनी अच्छी है, तेरी बुर कितनी प्यारी है, यह ले अपने भाई का लंड,चुदवा ले आज अपने भाई से, अब तेरा भाई तुझ में घुस गया है, मेरी रानी चुदवा ले अपनी चूत को’ मैं भी पूरी तरह गरम हो चुकी थी और चूतर उठा उठा कर लंड पेल्वा रही थी. वो मेरी छाती से चिपक कर चोद रहा था. कमरे से फ़चा फ़च की आवाज़ें आ रही थी. ” ओफफफ्फ़ चोदो भाई मुझे, मैं झरने वाली हूँ, मेरी चूत छ्छूटने को है, चोदो मुझे ज़ोर से भाईजान, मेरी चूत पानी छोड़ने वाली है, पेल दो अपना लॉरा मेरी चूत में, बेहन्चोद चोद दो मेरी बुर’

वो भी झरने के नज़दीक था और जल्दी जल्दी धक्के लगा कर लंड मेरी चूत में अंदर बाहर करने लगा” मैं भी झरने वाला हूँ मेरी बहन, तूने मुझे धन्य कर दिया, आज से तू मुझ से ही चुदाये गी मेरी प्यारी बहना, देख तेरा भाई तेरी चूत में अपना माल डाल रहा है, साली ज़ोर से धक्के लगा, साअली गश्ती, चुदवा अपने भाईजान से.’ हम दोनो एक साथ झाड़ गये तो मैं बोली” आज तो तूने मेरी आग भुजा दी है मेरे भाई आज के बाद मैं कभी उस नमार्द . शमीम के पास नहीं जाउ गी”

पहली बार फरहान से चुदवाने के बाद तो मैं उसके लंड की पूरी तरह से दीवानी हो गयी, और शमीम को मैने लगभग छ्चोड़ ही दिया. वो मुझे किसी ना किसी बहाने बुलाता रहता था और मैं उस को मिलने चली भी जाती थी. सारे सर्कल में मैं और शमीम प्रेमी प्रेमिका के संबंध से जाने जाते थे, लेकिन असल बात कुच्छ और ही थी.

असल प्रेमी तो मेरा भाई फरहान था जो मुझे जब मौका मिलता चोद लेता और मैं भी चुदाई की दुनिया में खूब जवानी के मज़े लेने लगी थी.. किसी को भी हम भाई बेहन के संबंधो की भनक नहीं थी. बस एक दिन जब अम्मी बाज़ार गयी हुई थी और नाज़ हॉस्टिल में पढ़ रही थी, मैं और फरहान बिस्तर में चुदाई के मज़े लूटने में लगे हुए थे तो अचानक अम्मी वापिस घर आ गयी. असल में अम्मी अपना पर्स भूल गयी थी.

जैसे ही वो घर में घुसी हम चुदाई में इतने व्यस्त थे के हमारा ध्यान ही नहीं गया, के कोई हमें देख रहा है. अम्मी कुच्छ देर हमे चुदाई करते हुए देखती रही, जबकि फरहान अपने लंबे लंड से मुझे निहाल करता रहा. मैं चुदाई में करहती रही जब की फरहान मुझे बे-रहमी से चोद्ता रहा. अम्मी चुप चाप बाज़ार चली गयी. हम को इस बात का पता ही ना चलने दिया के हमारा राज़ अब राज़ नहीं रहा.

उसी दिन रात को टेलीग्राम आया के अब्बू का इंतकाल हो गया था. वो कार आक्सिडेंट में मारे गये. मेरे अब्बू अमेरिका में रहते थे जहाँ के वो एक अच्छी नौकरी करते थे. अम्मी बहुत उदास थी. अम्मी ने हम दोनो को अपने पास बुलाया और बताया के अब अब्बू इस दुनिया में नहीं रहे. सारे लोग रोने धोने लगे और हमारी आर्थिक स्थिति भी अब काफ़ी कमज़ोर हो गयी थी.

दो दिन के बाद अब्बू के वकील ने हमारे घर आ कर अब्बू की वसीयत दिखाई जिसमे लिखा था कि अब्बू की जयदाद हम लोगों को तभी मिलेगी जब हम तीनो भाई बेहन अपनी 25 साल की उमर के अंदर अंदर पक्के तौर पर निकाह कर लेंगे और 25 साल की उमर तक कम से कम एक बच्चे को जनम दे देंगे.

हम में से अगर कोई भी ऐसा ना कर पाए गा तो उसे अब्बू की जयदाद से कुच्छ नहीं मिलेगा. हमारे लिए स्थिति बहुत ही मुश्किल और जटिल बन चुकी थी.
क्रमशः……………………



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