हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम उत्पल है. मेरी उमर 31 है, और मैं देल्ही में एक इट कंपनी में जॉब करता हू. कुछ साल पहले कंपनी में मुझे एक हाइ पोज़िशन मिली, जिसके लिए मुझे मुंबई शिफ्ट होना पड़ा. अब मुंबई में मैं नया था, और रहने के लिए ऑफीस वालो ने एक फ्लॅट का इंतेज़ां किया.
मुंबई की लाइफस्टाइल मुझे मस्त सूट हो गयी. नोट ओन्ली वाहा के लोगों की वजह से, बुत मेरे नेबर की वजह से भी. चलिए आपको मेरे नेबर के बारे में बता डू. मेरा नेबर एक रिटाइर्ड आर्मी ऑफीसर था, और उनके घर पे उसकी बीवी और बहू रहती थी. उनके बेटे की मौत एक आक्सिडेंट में हुई थी.
भाभी उनके घर उनके बेटी जैसे ही रहती थी. वो दिखने में कमाल की थी. 39द बूब्स, 32″ वेस्ट, और 40″ हिप्स. मस्त भारी हुई माल थी. मोहल्ले में सब उन्हे ताड़ते थे. स्पेशली उनकी गांद को. मैं तो उनके बारे में सोच के काई बार रात को हिला लिया करता था.
कुछ ही महीनो में मैं उनसे घुल-मिल गया, और मेरा अक्सर उनके घर आना-जाना लगा रहता था. बात तब की है जब दीवाली के पहले काम के प्रेशर की वजह से मैं घर नही जेया पाया. मुझे मुंबई में ही रुकना पड़ा. एक दिन ऐसे ही सुबा घर पे बैठ के मीटिंग चल रही थी, तब अंकल आए. वो पूछे-
अंकल: बेटा दीवाली में घर नही जेया रहे हो?
मैं: नही अंकल, ऑफीस का प्रेशर बहुत है.
अब अंकल थे बड़े टिप-टॉप, तो वो बोले: कोई बात नही हमारे साथ माना लो इस बार. लेकिन घर तो सॉफ कर लो.
मैं: अंकल टाइम ही नही मिल रहा.
तो अंकल बोले: मैं बहू को बोलता हू, वो कंवली को भेज देगी. तुम टेन्षन मत लो.
मैं: थॅंक योउ अंकल.
और वो मेरी पीठ थपथपा के चल दिए. शाम को करीब 4:30 बजे बेल बाजी, तो मैने दरवाज़ा खोला. सामने भाभी खड़ी थी, और साथ में उनकी नौकरानी. दोस्तों दोनो को देख के मेरा हाल खराब हो गया था. भाभी जितनी गोरी थी, उनकी नौकरानी उतनी काली थी. पर उनका भी बदन भाभी जैसा भरा हुआ था 37द-36-39. उन दोनो को देख के मेरा 8” का लंड टाइट होने लगा था. तभी भाभी बोली-
भाभी: उत्पल ये काव्या है. ये तुम्हे घर सॉफ करने में हेल्प कर देगी. और अगर ज़रूरत पड़े तो दूसरा काम सारा कर देगी.
ये बोल के उन्होने एक अलग सी स्माइल दी. तभी मैने काव्या की तरफ देखा तो वो मेरी पंत पे बने टेंट को देख रही थी अपनी नशीली आँखों से. इसे देख मेरा लंड फड़फड़ने लगा. और दोनो भाभी और नौकरानी मुझे देख हस्स रही थी. मुझे थोड़ी शरम आई, तो मैने हाथ से धक लिया.
भाभी: कोई नही, होता है इस उमर में.
बोल के वो चली गयी. काव्या अंदर आई और घर देख के बोली-
काव्या: कहा से शुरू करू?
मैं: एक काम करो, आप किचन से शुरू करो. मैं तब तक अपनी मीटिंग कंप्लीट कर लेता हू.
काव्या: ठीक है भैया.
वो सिसकारियाँ लेके बात कर रही थी, जो मुझे और उत्तेजित कर रहा था. काव्या एक ग्रीन कॉटन सारी और रेड ब्लाउस पहनी थी. उसकी सारी कमर के नीचे थी, जिससे उसकी नेवेल सॉफ दिखाई दे रही थी. उसका ब्लाउस भी बहुत टाइट था, और बूब्स ब्लाउस फाड़ के बाहर आना चाह रहा थे. करीब 15 मिनिट में मेरी मीटिंग ख़तम हुई तो मैने बोला-
मैं: आप बेडरूम सॉफ कर दो, मैं तब तक ड्रॉयिंग रूम की शेल्व्स देख लेता हू.
काव्या: ओक भैया.
मेरा मॅन कर रहा था की अभी इसको पकड़ के छोड़ डू, और बूब्स मसल डू. मैं हॉल में शेल्व्स क्लीन कर रहा था, तभी मेरी नज़र काव्या पे पड़ी. वो अंदर फ्लोर की सफाई कर रही थी, और उसके बूब्स का क्लीवेज मुझे पागल कर रहा था.
तभी उसने मुझे देख लिया, और हल्के से अपना पल्लू गिरा दिया, जिससे मुझे पुर बूब्स की क्लीवेज का दर्शन हो गये. मैने अपने आप को तोड़ा काबू में किया, और काम करने लगा. शेल्व्स सॉफ करके मैं खिड़की के पास जाके सिगरेट पी रहा था. तभी मुझे लगा कोई मुझे देख रहा था.
पीछे मुड़ा तो देखा काव्या दीवार से सतत के मेरा उसेड अंडरवेर, जिसपे मैने कल रात को मूठ मारी थी, उसे सूंघ रही थी, और मेरी तरफ देख रही थी. मैने उसको देखा तो वो धीरे-धीरे मेरी तरफ आई और बोली-
काव्या: मुझे इस पर्फ्यूम का बॉटल देखना है भैया जी प्लीज़.
मुझसे कंट्रोल नही हुआ, और मैं उसको अपनी और खींच कर किस करने लगा. काव्या मुझे ज़ोर से पकड़ी और मेरी गोद में कूद पड़ी.
काव्या: आह अहह और करो आ.
मैं उसको लिप्स, नेक, इयर्स हर जगह किस कर रहा था. तभी उसने मेरे बालों को पकड़ के खींचा और मेरे मूह में अपनी जीभ डाल दी. थोड़ी देर ऐसे किस करते-करते दोनो पुर गरम हो गये थे. तभी काव्या बोल पड़ी-
काव्या: बेडरूम में ले चलो अपनी इस रंडी को, और इसके रंडी-पाने के लिए इसको पनिश करो. चलो ना प्लीज़. मैं पूरी गीली होती जेया रही हू.
मैने उसे गोद में लेके वैसे ही बेडरूम में ले गया, और बिस्तर पे पटक दिया. काव्या तभी अपनी सारी की पल्लू हटाई, और अपने ब्लाउस खोल दिया. जैसे ही उसने ब्लाउस खोला, उसके बूब्स बाहर उडद पड़े.
मैं: इतनी गर्मी क्या है तुझे साली, अपना ब्लाउस आते ही खोल दी?
काव्या: जब से आपके लंड का साइज़ देखा है, मेरी छूट में खुजली हो रही.
मैं: हाए मेरी रंडी छिनाल साली.
अब मैं काव्या के बूब्स चूसने लगा, और मसालने लगे. मुझे भी जोश चढ़ा हुआ था, तो मैं उसके बड़े-बड़े बूब्स पे काट भी लेता था.
काव्या: आह खा जाओ.
मैं: साली कितनी खुजली है तेरे में.
तभी वो अपने बूब्स पर छानते मारने लगी और बोली-
काव्या: ऐसे मार मार के चूस कुत्ते भद्वे.
करीब 5 मिनिट तक उसकी चुचियों को मसालने के बाद मैने देखा उसकी चुचियाँ लाल हो गयी. तब मैने उसकी नेवेल में जीभ डाली तो वो मचल उठी, और बेडशीट पकड़ के खींच रही थी. साथ ही साथ सिसकारियाँ भी ले रही थी.
काव्या: आह, क्या मज़ा दे रहा है कुत्ते.
फिर मैने उसकी सारी फादी, और खींच के खोल दी. पेटिकोट भी उतार दिया. मेरे सामने काव्या पूरी नंगी थी. उसकी छूट में घने काले बाल थे, जो उसकी छूट के पानी से मिल के चमक रहे थे. तभी काव्या उठी और मुझे बिस्तर पे धक्का देके मेरी शर्ट फाड़ दी.
काव्या: मदारचोड़ कितना सताएगा? मेरी छूट में कीड़े दौड़ रहे है. चाट इसे जल्दी-जल्दी चाट.
और वो मेरे मूह पे बैठ गयी. उसकी काली छूट में से मस्त खुश्बू आ रही थी. मैं उसकी छूट में जीभ डाल दिया, और आचे से चाटने लगा.
काव्या: खा जा मेरी छूट आह. ऐसे ही कर.
काव्या ने मेरे मूह पे स्क्वर्ट कर दिया, जिससे पूरा बिस्तर और मेरा मूह सब गीला हो गया.
काव्या: अहह, क्या छाता है सेयेल.
2 मिनिट बाद काव्या उठी, और मेरी पंत उतार दी. फिर मेरे लंड को अंडरवेर के उपर से सूंघने लगी. उसने अचानक से मेरी गांद को पकड़ा, और अपने मूह को लंड पे घिसने लगी. फिर उसने मेरा अंडरवेर उतरा, और लंड को पकड़ लिया.
काव्या: हाए, क्या मस्त लंड है. भाभी सही बोलती थी. तुम्हारा लंड मस्ट लंबा और मोटा है.
मैं: भाभी को कैसे पता?
काव्या: भाभी ने तुझे काए बार घूरते हुए देखा है, और तेरा तन्ना हुआ लंड भी. इसलिए मुझे आज भेजी है और बोली- जेया उसके हथियार का टेस्ट करके आजा, ताकि बाद में दोनो मिल के मज़े ले सके.
ये बात सुन के मुझे और जोश चढ़ गया की भाभी भी मेरे से छुड़वाना चाहती थी. मुझे जोश चढ़ गया तो मैने अपना लंड उसके मूह में डाल दिया.
मैं: ले अब चूस मेरा लंड. फिर देख कैसा लगता है चूस कर.
काव्या: उम्म, मस्त है रे लंड तेरा, चॉक्लेट जैसा.
फिर कभी वो मेरे लंड को चाट-ती तो कभी चूस रही थी. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. ऐसे ही उसने मूह से लंड निकाला, और हिलने लगी और नीचे मेरे टट्टो को चूसने लगी.
काव्या: लॉड सेयेल पूरा माल भरा है इन टट्टो में. पूरा पी जौंगी आज इसे.
अचानक उसने मेरे पैर खोले, और लंड को हिलाते हुए गांद में जीभ डाल दी.
मैं: आह, क्या मस्त चाट रही है.
काव्या: आहह तेरी गांद से लेके लंड तक आज सब मेरा है.
मैने उसका बाल पड़के, और उसके मूह में लंड पेल दिया, जो उसके गले तक जेया रहा था, और मूह छोड़ने लगा.
मैं: अगर मैं तेरा हू, तो तू भी मेरी रखैल है. ले चूस मेरा मेरा लोड्ा.
उसके मूह से लंड निकाला तो वो तो मेरे लंड पे थूक दी, और मैं उसके मूह पे लंड घिस दिया.
मैं: रंडी साली कुटिया. मूह खोल बुरछोड़.
काव्या: ये ले डाल मेरे मूह में. डाल छूतिए.
ऐसे करते-करते 5 मिनिट की मूह चुदाई में मैं उसके मूह में झाड़ गया, और वो रंडी सारा पी गयी. फिर भी उसने लंड नही छ्चोढा और चूस्टी रही. मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया. वो अब मेरे उपर आई और बोली-
काव्या: अब रहा नही जाता. डाल दे दे अपना हथियार मेरे अंदर और मेरी मा छोड़ दे. मेरे लॉड कुत्ते.
मैने अपना लंड उसकी छूट में सेट किया, और ज़ोर का झटका मारा. इससे पूरा लंड एक ही बार में अंदर तक चला गया. काव्या इसके लिए तैयार नही थी, और वो चीख पड़ी.
काव्या: आआआआअ मार डाला रे मदारचोड़.
मैं: अर्रे टेस्ट करना था ना तुझे, तो ले पूरा का पूरा टेस्ट कर मदारचोड़. फिर तेरी भाभी को भी बोलना की पूरा टेस्ट.
इतने में मैने उसकी गांद में एक उंगली डाल दी.
काव्या: क्या कर रहा है भद्वे, गांद में उंगली मत कर कुत्ते.
थोड़ी देर ऐसे ही रहा. फिर उसे तोड़ा आराम आया तो वो गांद हिलने लगी. तब मैं धीरे-धीरे उसकी छूट मारने लगा, और गांद में उंगली डाल के रखी. मैं स्पीड बढ़ते गया, और वो सिसकारियाँ लेती गयी.
काव्या: आह, ज़ोर से करो आ, मज़ा आ रहा है. तेरी रखैल बनी रहूंगी आज से.
वो पागलों की तरह छुड़वा रही थी, जैसे कोई 100 साल की भूखी आत्मा उसके अंदर आ गयी हो. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर वो मेरे उपर आके बैठ गयी. मेरे लंड पे बैठ के वो कूदने लगी. वो मेरे लंड पे ज़ोर-ज़ोर से कूदने लगी, और अपनी चुचियाँ दबाने लगी.
कुछ देर ऐसे ही उछालने के बाद उसका पानी निकल गया. अब मेरा भी होने वाला था, तो मैने उसको कहा-
मैं: रुक जेया मेरी नंगी रंडी, मेरा होने वाला है. बता कहा लेगी?
काव्या: मूह में देदे मेरे डल्ले.
मैने अपना लंड निकाला, और उसके मूह पे हिलने लगा, तो सारा माल उसके चेहरे पे और बालों में झाड़ गया. उसका सारा मूह मेरे माल से भर गया था. उसके बाल बिखर गये थे, काजल भी लिपट गया था.
काव्या: हाए रे, क्या छोड़ा है तूने मुझे. साला छूट मार-मार के लाल कर दी है.
फिर वो बातरूम गयी, और वापस आके घर चले गये.
तो बे कंटिन्यूड…