बॉयफ्रेंड ने मुझे शादी का झांसा देकर चोदा

इस बार धर्मराज मुझे पीछे से घोड़ी बनाकर चोदना पेलना चाहता था। उसने मुझे मेरे दोनों हाथो और घुटनों पर घोड़ी बना दिया और मैंने अपना सफ़ेद गोरा पिछवाडा पीछे किसी ऊंट की तरह उपर उठा दिया। धर्मराज मेरी चिकनी गांड और सफ़ेद गुलाबी चूतडों को देखकर मोहित हो गया और जीभ लगाकर मेरे चुतड चाटने लगा। वो बार बार मेरी गांड पर हाथ लगाकर बेहद कामुक अंदाज में सहला रहा था। फिर धर्मराज पीछे से सिर झुकाकर मेरी चूत पीने लगा। कुछ देर बाद उसने मेरा लंड एक बार फिरसे मेरी चूत में डाल दिया और बेहद नशीले धक्के मारने लगा। आज मैं घोड़ी बनकर अपने आशिक से चुदवा रही थी। हम दोनों की अभी शादी नही हुई थी, पर मैं उसके साथ सारे काण्ड कर चुकी थी और कई बार चुद चुकी थी।

शादी से पहले ही मैं अपने प्रेमी धर्मराज के साथ सुहागरात मना चुकी थी। उस दिन धर्मराज ने मुझे घोड़ी बनाकर ढेड़ घंटे तक बिलकुल नंगा करके चोदा। और मेरी दहकती बुर में लंड डालता रहा। फिर वो झड गयी। उसके बाद उसने मेरी गांड मारी। दोस्तों, आज तक मेरी गांड कुवारी थी, अनचुदी थी, पर आज तो मेरे बॉयफ्रेंड से मेरी कसी गांड को भी माफ़ नही किया। मैं दर्द से आआआआअह्हह्हह. अई.अई.. .ईईईईईईई..करती रही पर धर्मराज लगातार बिना रुके नॉन स्टॉप मेरी गांड चोदता रहा। मुझे बहुत दर्द भी हो रहा था, पर आधे घंटे बाद मेरी गांड का छेद बहुत बड़ा हो गया और मैं मजे से गांड चुदवाने लगी। उस दिन भी मेरे बॉयफ्रेंड से मुझे कई बार चोदा। अब तो मैं उससे और जादा प्यार करने लगी थी। मेरी सेक्स और वासना पूरी तरह से जाग गयी थी। बिना लंड के अब मेरा काम नही चलता था। साफ साफ कहूँ तो मुझे सेक्स की लत लग चुकी थी। मैं पूरी तरह से धर्मराज पर विश्वास करने लगी थी।

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शाम को जब हमारी सिफ्ट खत्म होती तो मैं अपने बॉयफ्रेंड धर्मराज के साथ उसके कमरे पर चली जाती और रात भर खूब चुदवाती। कुछ दिन बाद तो मेरा उसके बिना काम ही नही चलता था। धर्मराज ने अपने रूमपार्टनर को हटा दिया और अब मैं उसके साथ ही लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगी। हम लोग पति पत्नी की तरह ही अब रहने लगे। हम लोग रात रात भर सिर्फ और सिर्फ चुदाई करने लगे। मेरा बॉयफ्रेंड धर्मराज भी 26 साल का था, इसलिए हम लोग हम उम्र थे और हम दोनों में बहुत गर्मी थी। सारी सारी रात वो मुझे नंगा ही रखता था और मेरी चूत मारता और घिसता रहता था। ६ महीनो में धर्मराज ने मुझे इतना चोद डाला की मेरी चूत पूरी तरह से फट चुकी थी और देखने में किसी रांड की चूत लगती थी। मैं सुबह उठकर अपने आशिक धर्मराज के लिए खाना बनाती थी और उसे अपने हाथों से खिलाती थी। इस तरह उसके साथ में लिव इन रिलेशनशिप में रहते रहते मुझे पूरा एक साल हो गया।

“धर्मराज..तुम कब मुझसे शादी करोगे???” मैंने एक दिन झल्लाकर पूछा

“शेफाली…बस कुछ दिनों में मेरी बहन की शादी होने वाली है, उसके बाद मैं तुरंत घर पर जाकर अपने घर वालो को तुम्हारे बारे में बता दूंगा और तुमसे शादी कर लूँगा। मेरे घर वाले बहुत अच्छे और बहुत सीधे है” धर्मराज बोला

मैंने उसकी बात का फिरसे विश्वास कर लिया। उस रात उसने मुझे पूरी तरह से नंगा कर लिया और अपने लंड पर बैठकर चुदवाने लगा। धीरे धीरे मैं भी इस तरह धर्मराज के लंड पर बैठकर चुदवाना सीख गयी। मैं उसके मोटे लौड़े को चूत में लेकर तेज तेज धक्के मारने लगी। आआआआआहहहह. इस तरह मैं पहली बार चुद रही थी। सच में बहुत मजा मिल रहा था। धर्मराज मेरी कड़क निपल्स को अपनी उँगलियों से मसल रहा था और मजे मार रहा था। उसने मेरे ३६” के भरे भरे दूध को अपने हाथ में ले रखा था और तेज तेज दबा रहा था, दूसरी तरफ मैं खुद ही अपनी कमर मटका मटकाकर धर्मराज के लौड़े पर उछल उछलकर चुदवा रही थी। इस तरह मेरे बॉयफ्रेड से मुझे सारी रात लंड पर बिठाकर चोदा।

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कुछ दिन बाद उसने मुझे कहा की वो गाँव जा रहा है। उसकी बहन की शादी हो रही है। धर्मराज अपने गाँव चला गया। वहां से उसने फोन किया की उसकी बहन की शादी के लिए कुछ पैसे कम पढ़ गए है इसलिय मैं उसे १ लाख रूपए उसे बैंक में लगा दूँ। मैं सोचा की उसकी बहन तो मेरी होनी वाली नन्द लगी, मुझे धर्मराज की मदद करनी चाहिए, इसलिए मैंने अपनी सारी कमाई सारे पैसे जो मैंने सिलाई करके बड़ी। मेहनत से जमा किये थे, धर्मराज के बैंक एकाऊंट में लगा दिए। उसके बाद से आजतक वो मुझे नही मिला। उसने मुझे कई साल शादी का झांसा देकर चोदा भी और मेरी सारी जमा पूंजी लेकर गाजब हो गया। उसने एक्सपोर्ट हाउस की नौकरी भी छोड़ दी। मुझे पूरा विशवास है की अब वो किसी नयी फ्रेश माल को पटाकर चोदता होगा, उसे भी शादी का झांसा देता होगा, जैसा उसमे मेरे साथ किया।

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