बेटी ने मम्मी की खुशी उनकी दोस्त के साथ देखी

ही दोस्तों मेरा नाम टानू है. मैं देल्ही से हू. मेरी उमर 20 साल है, और मैं कॉलेज में पढ़ती हू. आज मैं आप सब लोगों के साथ अपनी एक रियल कहानी शेर करने जेया रही हू. तो चलिए बिना टाइम वेस्ट किए सीधे कहानी की तरफ चलते है.

मेरी फॅमिली में मैं, मम्मी, पापा, और मेरा छ्होटा भाई है. मेरा छ्होटा भाई सिर्फ़ 13 साल का है. मेरी मम्मी का नाम सुमन है, और वो 44 साल की सेक्सी औरत है. मम्मी अपनी फिटनेस का पूरा ध्यान रखती है, इसलिए अपनी उमर से 10 साल कम की लगती है. वैसे तो पापा भी हॅंडसम है, लेकिन वो अपनी फिटनेस पर इतना ध्यान नही देते.

मम्मी का रंग गोरा है, और फिगर 36-30-39 का है. किसी भी मर्द जिस औरत के लिए खराब हो जाए, मम्मी ऐसी ही औरत है. मैने काई बार चुपके से मम्मी-पापा को सेक्स करते देखा है. लेकिन कभी मैने मम्मी के चेहरे पर वो खुशी नही देखी.


इसका कारण मुझे समझ नही आता था, की मम्मी को वो खुशी क्यूँ नही होती थी. जितना मैं जानती थी, की अगर मर्द के लंड का साइज़ ठीक हो, और टाइमिंग भी अची हो, तो वो मर्द किसी भी औरत को खुश कर सकता है. पापा मम्मी के सेक्स के दौरान ये दोनो चीज़े होती थी.

जिस सेक्स को देख कर मैं फिंगरिंग करके तृप्त हो जाती थी. मम्मी उस सेक्स को करके भी खुश नही होती थी. तो ये बात समझना मुश्किल था. लेकिन फिर एक दिन आया, जब मुझे मेरे सारे सवालों के जवाब मिल गये.

हुआ यू, की मम्मी की एक पुरानी फ्रेंड घर आई थी कुछ दीनो के लिए. आंटी का नाम रीना था, और वो एक कंपनी में जॉब करती थी दूसरे शहर में. उनकी कंपनी ने उनको किसी प्रॉजेक्ट के सिलसिले में हमारे शहर भेजा था. वो रुकने तो होटेल में वाली थी, लेकिन मम्मी ने कहा की हमारा घर होते हुए वो होटेल में नही रुक सकती. इसलिए आंटी हमारे घर रुकी थी.

आंटी के बारे में बता डू. आंटी का रंग ज़्यादा गोरा नही था, लेकिन वो स्मार्ट थी. उनका फिगर 38-32-36 था. आंटी के बूब्स काफ़ी बड़े थे, और अलग ही नज़र आते थे. अगर आपने कभी बोल्लयऊूद हेरोयिन ‘शा तकिया’ को देखा हो, तो आंटी के बूब्स उसके जैसे बड़े-बड़े और अलग ही दिखते थे.

जिस दिन आंटी आई, मम्मी उनसे बड़ी खुशी से मिली. उनकी खुशी देख कर पता चल रहा था की वो बेस्ट फ्रेंड्स रही होंगी अपने टाइम में. डिन्नर करते टाइम भी दोनो मुझे और पापा को अपने पुराने किससे सुना रही थी. फिर ऐसे ही 2-3 दिन बीट गये.

एक दिन मैं सुबा कॉलेज के लिए निकल रही थी. पापा आज जल्दी ऑफीस चले गये थे, क्यूंकी उनको कोई ज़रूरी काम था. जब मैं बाहर आई, तो मैने देखा मम्मी और आंटी दोनो बैठ कर छाई पी रहे थे. मम्मी ने एक लूस निघट्य पहनी हुई थी, और आंटी ने शॉर्ट्स और त-शर्ट पहनी हुई थी.

फिर मुझे देख कर मम्मी किचन में नाश्ता बनाने चली गयी. मैने नाश्ता किया, और कॉलेज के लिए निकल गयी. मैं ऑटो में कॉलेज जेया रही थी. कॉलेज के पास पहुँच कर जब मैने बाग चेक किया तो उसमे एक असाइनमेंट मिस्सिंग थी, जो मुझे आज सब्मिट करवानी थी.

मैने जल्दी से ऑटो वाले को ऑटो वापस मोड़ने को कहा. थोड़ी देर में मैं वापस घर पहुँची. मैं जल्दी से घर के अंदर गयी, और फिर अपने रूम की तरफ गयी. मम्मी कही नज़र नही आ रही थी, लेकिन मेरे पास उनको ढूँढने या बात करने का टाइम नही था. मैने जल्दी से असाइनमेंट ली, और वापस जाने लगी.

जैसे ही मैं आंटी के रूम के पास से गुज़री, तो मुझे किसी के चीखने की आवाज़ आई. अचानक आई इस आवाज़ से मैं दर्र गयी. मैने आंटी के रूम का दरवाज़ा तोड़ा सा खोला, और अंदर झाँका, ये देखने के लिए, की सब ठीक था या नही. लेकिन जो मैने देखा, उसकी मैने कभी कल्पना भी नही की थी.

मम्मी और आंटी दोनो ब्रा और पनटी में बेड पर लेती हुई किस कर रही थी. दोनो के हाथ एक-दूसरे की पनटी में थे. शायद दोनो में से किसी ने दूसरे की छूट में उंगली घुसाई थी, इसलिए चीख की आवाज़ आई थी.

मुझे अपनी आँखों पर यकीन नही हो रहा था की मैं क्या देख रही थी. मेरे पैर वही जम्म गये, और मुझे कॉलेज भी जाना था, ये मैं भूल गयी थी. फिर वो दोनो उठी, और अपने घुटनो पर खड़ी हो गयी. दोनो के चेहरे पर मदहोशी छाई हुई थी.

दोनो ने अपनी-अपनी ब्रा उतरी, और एक-दूसरे को बाहों में भर कर किस करने लगी. उन दोनो के नंगे बूब्स आपस में डाबब रहे थे. ये सब देख कर इधर मेरी छूट में हलचल हो रही थी.

फिर मम्मी ने किस तोड़ी, और आंटी की गर्दन को चूमने लग गयी. आंटी भी मम्मी का सर सहला रही थी. गर्दन चूमते हुए मम्मी उनके बूब्स चूसने लगी. आंटी आ आ करने लगी. मम्मी वाइल्ड तरीके से उनके निपल्स खींच-खींच कर चूस रही थी. और आंटी पूरा मज़ा ले रही थी.

कुछ देर तक बूब्स चुसवाने के बाद आंटी ने मम्मी को फिरसे बेड पर लिटा दिया, और उनके उपर आ गये. वो मम्मी के होंठो को चूसने लगी, और कुछ देर में ही उनकी गर्दन पर किस करने लगी. मम्मी के चेहरे पर जो संतुष्टि वाले एक्सप्रेशन्स आज तक मैने नही देखते थे, आज मुझे वो देखने को मिल रहे थे.

फिर आंटी मम्मी के बूब्स चूसने लगी. वो माँगो की तरह दबा-दबा कर उनके बूब्स चूस रही थी. मम्मी भी आंटी के सर पर हाथ रख कर उनके मूह को अपनी ब्रेस्ट में दबा रही थी. कुछ देर बूब्स चूसने के बाद आंटी मम्मी के पेट पर आई, और उनकी नाभि चूसने लगी. उसके बाद आंटी नीचे मम्मी की पनटी पर आई.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स को भी शेर करे. कहानी पढ़ने के लिए आप सब रीडर्स का तहे दिल से धन्यवाद. आपका दिन शुभ हो.

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