तो अब तक आपने पढ़ा की मैने और निखिल ने मा को एक एक बार छोड़ लिया था और अभी मा मेरे उपर लेती हुई थी उनके बूब्स बाहर थे और मई ज़मीन पर.
मैने टाइम देखा तो रात के 2 बाज रहे थे. निखिल अब अपना लंड ले कर तैयार था और वो अब मा की छूट बजाना चाहता था. पर मा माना करने लगी. मुझे भी नींद लग रहा था.
मे – निखिल सो जाते है अभी तो पूरा दिन है कल का.
मा – हा आराम कर लो ताकि मई भी कल आक्टिव राहु.
निखिल तोड़ा नखरा कर के सोने गया तो मा ने उसको अपने पास किया और उसके मूह में अपना एक निपल पकड़ा दिया.
मा – लो अब इसे चूसो और सो जाओ.
मैने देखा तो मई भी मा को पकड़ लिया और उनके निपल को मूह में भर लिया.
मा – हा चूस लो बेटा अपने इस रंडी मा की बूब्स फिर कल खूब बजाना अपनी मा को.
मैने मा के निपल्स को छोरा और मा को किस किया और फिर उनके निपल को पकड़ कर सो गया. सुबह मेरी नींद खुली तो निखिल और मा एक दूसरे को किस कर रहे थे.
मे – सुबह होते ही शुरू हो गये दोनो.
मा – सुबह क्या ये तो पता नही क्ब से लगा हुआ है.
मे – अक्चा मा आपको कब लगा की आप भी हुंसे चूड़ने को तैयार हो गयी.
इतना सुनते ही निखिल ने मा को छोरा और बोला-
निखिल – हा आंटी मतलब लड़को का तो समझ में आता है पर आप कैसे?
मा – क्यू औरतों का मॅन नही करता क्या चूड़ने का की बस इसपर आदमियों का हक है?
मे – नही मा हुमारा वो मतलब नही था.
मा – पहले तो मुझे लगा की केवल निखिल ही मुझको छोड़ना चाहता है और मई उसके लिए तैयार थी. पर फिर मैने नोटीस किया की तुम भी मुझे छोड़ना चाहते हो.
मे – अक्चा आपको कैसे शक हुआ हुंपे?
मा – उस दिन बातरूम में जब तुम दोनो देख रहे थे तब मुझे पता चला की दोनो है. और फिर जैसे ही मई बाहर निकली की मेरे पैरों में किसी का रस लगा.
निखिल – उस दिन मई ही था जल्दिबाजी में पॉच नही पाया.
मा – जो भी रहा हो एक से भले दो सो बस उसके बाद मैने टेंप्ट किया और तुम लोग लग गये.
इतना बोलने के बाद मा ने हम दोनो को किस किया.
मा – चलो थोड़ी देर कुछ खा लेते है फिर स्टार्ट करेंगे.
मे – मा मई तो बस आपकी छूट को खाना चाहता हू.
मा – हा वो भी खा लेना पहले एनर्जी ले लो.
हुँने हल्का खाना खाया और उस टाइम कोई 10 ब्ज रहे थे. हुमारे पास आज पूरी रात तक का टाइम था. हुँने थोड़ी देर फिर रेस्ट किया और 1 घंटे बाद अब मई मा की छुदाई करना चटा था.
मा अभी भी सारी में थी,मई उनके पास गया और उनकी सारी खिच कर निकल दिया और ब्लाउस खोल दिया तभी थोड़ी दूर पर मुझे एक ट्री का स्टेम गिरा दिखा और फिर मई वंदना को लेकर व्ह गया.
उस स्टेम पर थोड़ी हार्ड लेयर थी तो मैने मा की सारी,ब्लाउस और पेटीकोत उसपर बिछा दिया और मा को उसपर पोज़ में होने को बोला.
मा ने मेरी तरफ देखा और फिर उस स्टेम पर जेया कर बैठ गयी. मैने उनको तोड़ा और झुकाया ताकि उनकी गांद की छेड़ खुल जाए. अब मा अपने हाथो के भरोसे हो कर लेट गयी और अपनी कमर उठा लिया.
मा के बाल उनके चेहरे पर आ गये थे. मई उनके पीछे गया अपने हाथों से उनके गांद को तोड़ा और खोला. मा साँझ गयी
मा – सामने आ जा तोड़ा चुड डू ताकि तेरा लंड गीला हो जाए.
मे – नही मा ऐसे ही ठीक है.
मा – मान जा बेटा, कल निखिल ने मेरी गांद की वर्जिनिटी तोड़ी थी इसलिए अभी मेरी गांद उतनी ढीली नही हुई होगी.
मे – तभी तो मज़ा आएगा ना मा ,तोड़ा अपने बेटे को भी अपनी टाइट गांद का मज़ा दे दो.
मा – टाइट गांद क्या तेरे लिए तो मेरी पूरी बॉडी ही है.
मे – तो फिर ऐसे ही गांद मरवा.
मैने निखिल को पास बुलाया और उसको मा के सामने करा के मा के कंधे को पकड़ने को बोला ताकि मा की पोज़िशन चेंज ना हो.
मैने मा के गांद में ठुका और फिर हल्का सा थूक अपने लंड पर लगाया. और फिर मैने पहली बार अपना लंड मा की गांद के छेड़ के दरवाजे पर रखा. मेरा लंड निखिल से मोटा था और इसलिए मई हल्के हल्के से अपना लंड मा के गांद के उपर घूमने लगा और फिर हल्का सा सूपड़ा अंदर किया.
मा हल्का सा हिली पर निखिल ने उन्हे पकड़ रखा था. मैने थोड़ी भी देर ना करते हुए पूरा लंड मा की गांद में धकेल दिया और मा बिल्कुल ही चीख पड़ी आआआआअहह… सााालल्ल्ल्लीीई आआआआप्प्प्प्प्प्पंंनन्निईीईईईईईई म्म्म्मममाआआआअ कककककक्कीईईईईईईईईईईई गाआान्न्ननन्न्ँद्द्द्द्ड माआररर्ररर र्र्ररराआहहाा कीईीीइसस्स्स्सिईईई र्र्ररराआंन्न्ँदडडिईई कीईईईईई न्न्न्नाआहहिईीई..
मे – तू भी तो मेरी रंडी ही है वंदना साली,ओह सॉरी हम दोनो की रंडी है तू साली!
मा – हहााआ टत्त्टतततूऊऊओ आआअरर्र्ररराांम्म्ममम सस्स्स्स्स्सीईई म्म्म्ममाआआअरर्र्र्र्र्र्ररर न्न्ननणन्नाआआअ ब्ब्बभहााागगगगगगगग न्न्नणन्नाआहहिईीईई र्रर्राआहहिईिइ कककककााहहिि…
मे – बब्भाआगेगी भी कहा साली तू ऐसे नंगी!
मा अब कुछ बोल न्ही रही थी ब्स मोन कर रही थी और अपने पैरों को पटक रही थी. जिसके वजह से उनके पायल से छान छान की आवाज़ आ रही थी. निखिल का लंड टाइट हो गया था और मा उसे चूसना चाहती थी पर उसने बड़ी तेज़ी से अपना लंड हटा लिया.
मे – निखिल अब तू हट जा अब मा चाहे तो अभी नही हिलेंगी, क्यूँ मा?
मा – हा सही बात है अब तो मज़ा आना शुरू हुआ है.
मई मा की गांद मार रहा था और वाहा ठप ठप की आवाज़ गूँज रही थी. मुझे अभी 5 मिनिट्स ही हुए थे की हूमें कुछ हलचल सुनाई दी. मई मा के गांद में लंड डाले ही वैसे ही रुक गया.
और फिर धीरे धीरे वो आवाज़ तेज होती गयी और फिर तभी झाड़ियों से निकल कर एक नीलगाय हुमारे सामने आ कर रुका. वो हुंसे 200-300 मीटर की दूरी पर था.
मैने मा के बालों को पकड़ा और उनका सिर उपर कर दिया जिससे मा की नज़र सांड़ पर टिक गयी. मैने फिर से उनकी गांद मारनी शुरू किया और मा अब बहुत ही मादक आवाज़ निकलना शुरू किया. और तभी हुँने देखा की उस नीलगाय का लंड भी खड़ा हो रहा था. मा ने भी अब अपने दोनो हाथों से अपने बूब्स पकड़ लिए और मेरा साथ देने लगी.
मे – क्या लगता है मा आपकी छूट ये लंड ले लेगी.
मा – पता नही पर अगर पूरा नही तो आधा से ज़्यादा तो ले ही लेगी.
अब निखिल भी मेरे पास आ गया और वो खुद ही मुट्त् मारने लगा और तभी मा भी झाड़ गयी पर हम दोनो अभी नही झाडे थे.
निखिल – क्या बात है आंटी आज आप पहले.
मा – हा मज़ा ही इतना आया.
मे – मज़ा आया या वो लंड देख कर हो गया.
मा – दोनो.
मैने अपना लंड मा की गांद से निकाला और मा उसी स्टेम पर बैठ गयी और हम दोनो अपना लंड हिलने लगे और जैसे ही रस निकाला हुँने मा के बूब्स पर उसे मसल दिया.
हुँने थोड़ी देर रेस्ट किया और तब ट्के वो नीलगाय वही खड़ा था. मैने निखिल को देखा,निखिल ने मा को देखा और मा मेरी तरफ देख कर बोली-
मा – नही नही नही जो तुम दोनो सोच रहे वो नही होने वाला.
मे – एक बार.
मा – नही.
निखिल – आंटी एक बार लेट’स ट्राइ.
माने कुछ सोचा और बोली 1 घंटे तक अगर रहा तो सोचेंगे. हुँने एक घंटे वेट किया तब ट्के वो वही था
मा – लगता है इसको भी चाहिए, तो यही सही.
मा नंगी ही थी और वो हुंसे 100 मीटर और आयेज जा कर एक ट्री के 2 ब्रॅंचस के बीच में जेया कर मूड कर खड़ी हो गयी और अपने गांद पर खुद छपत लगाने लगी. हुँने उस नीलगाय को देख तो उसका लंड टाइट होने लगा. पर थोड़ी देर बाद ना जाने उसको क्या हुआ वो वाहा से चला गया. मा हुमारे पास आई-
मा – चलो जान बची.
निखिल – आंटी जान बची या चूत?
मा – दोनो.
इतने बोल कर हम तीनो हासणे लगे. हुँने वाहा उस रात एक बार और थ्रीसम किया और फिर उसी रात वापस आ गयी. आयेज की कहानी जारी रहेगी.