बेहन की सील तोड़ने में स्ट्रगल स्टोरी

पिछले पार्ट में मैं आपी की फुददी चाट रहा था. दोस्तों फुददी चूसना मेरा फर्स्ट टाइम था, लेकिन आपी की फुददी उफ़फ्फ़ किया कमाल थी. हेर क्लीन, लाइट पिंक फुददी, छ्होटे-छ्होटे लिप्स फुददी के, स्माल साइज़ फुददी, और इतनी टाइट थी की फिंगर नही जेया रही थी. आपी तड़प रही थी, और उसका भी फर्स्ट टाइम था.

रूम में आपी की आ की आवाज़ आ रही थी. मेरे सिर को वो अपनी फुददी पर दबा रही थी. आपी बहुत हॉट हो रही थी. मैने फुददी को चूस-चूस कर लाल कर दिया था. साथ ही मैं अपने हाथो से आपी के 34″ साइज़ बूब दबा रहा था. फुददी को चूस्टे-चूस्टे मैं उपर आ गया, और बूब्स चूसने लग गया.

आपी ने लेग्स मेरी कमर में डाल कर ज़ोर से पकड़ लिया था मुझे. मैं 20 मिनिट फुददी और बूब्स चूज़. 20 मिनिट बाद मैने आपी से कहा अब पोज़िशन चेंज करे. मैने आपी को 69 पोज़िशन का कहा. उस टाइम आपी नही समझी. जैसे ही आपी के मूह में मेरा लंड जाने लगा, तो आपी ने कहा-

आपी: नही मैं नही चूस्टी, ये गंदा है. मेरे मूह में नही जाएगा बड़ा है.

मैने बहुत समझाया, लेकिन वो इनकार करती रही.

मैने कहा: आप ट्राइ करे, अगर अछा ना लगे तो ना करना.

बहुत मुश्किल से मैने आपी को माना लिया लंड चूसने के लिए. जब मेरे लंड की टोपी आपी के लिप्स से लगी, उफ़फ्फ़ दोस्तों क्या हाल था मेरा मैं बता नही सकता. मुझे लगता था की मुझे दुनिया का मज़ा मिल गया था. आपी पहले तो सिर्फ़ टोपी लंड की मूह में ले रही थी.

मेरी आइज़ बंद थी. फिर मैने पोज़िशन चांग कर ली. मैं बेड पर खड़ा हो गया, और आपी को बिता दिया, और हेर से पकड़ कर आपी के मूह में लंड से झटके मारने लगा. लेकिन मेरा लंड बहुत बड़ा और मोटा है, इसलिए पूरा नही जेया रहा था. आपी का फर्स्ट टाइम था, और दूसरी बात आपी डॉक्टर बन रही थी.

आप सब जानते है कितनी नफीस और क्यूट होती है डॉक्टर. मतलब ये के अपनी केर बहुत करती है. तो दोस्तों सोचो लंड मूह में लेना फर्स्ट टाइम कैसा होगा आपी के लिए. मैं अपना ज़ोर लगा कर लंड पोरा अंदर करना चाहता था. मैं चाहता था पोरा गले तक जाए.

फिर मैं जब ज़ोर लगता था, तो आपी की साँस बंद होती थी. फिर जब निकालता लंड को, तो लंबी-लंबी साँस लेती थी. 10 मिनिट चुसवाने के बाद मैं दोबारा आपी को 69 पोज़िशन में ले आया, और चूसने लगा. क्या मज़ा आ रहा था. मैं 20 मिनिट चूस्टा रहा, और आपी का जिस्म अकड़ना शुरू हुआ.

मैं समझ गया आपी फ्री होने वाली थी. आपी ने मेरे फेस पर सारा माल डाल दिया. मैने सारा चाट लिया, और फ़ौरन पोज़िशन चांग करके आपी को किस्सिंग करना शुरू कर दिया. अब मेरा होना बाकी था. आपी को मैने कहा-

मैं: अब अंदर डालूँगा.

आपी दर गयी उसके फेस से महसूस हो रहा था, जैसे आपी को शायद सील ओपन का दर्र था. मैने आपी को किस्सिंग की, और पूछा-

मैं: क्या हुआ मेरी क्यूट स्वीट सेक्सी आपी?

तो आपी ने कहा: हेडर आपका लंड बहुत बड़ा है. कैसे अंदर जाएगा? बहुत पाईं होगा मुझे. मैने तो कभी फिंगर भी नही डाली.

मैने कहा: आपी टेन्षन ना लो. मैं आराम से करूँगा, आपको पाईं नही होगा. आयिल लगौँगा आप की फुददी पर. पहले आप लंड चूसो. जितना गीला होगा, उतना आराम से अंदर जाएगा.

बहुत मुश्किल से आपी को मनाया. आपी ने ओक कहा. मैं खुश हो गया. मैने साइड टेबल से आयिल उठाया अपने लंड पर लगाया. फिर आपी की फुददी पर लंड सेट करके रखा. लेग्स मैने उपर उठाई. फिर आराम से धक्का दिया तो मेरा लंड स्लिप हुआ.

आपी ने कहा: भाई नही जाएगा, आप को कहा है ना बहुत टाइट है मेरी फुददी.

मैने कहा: वेट.

मैने फिरसे सेट किया, और अपने आप को आपी के उपर ले गया. फिर लिप्स पर लिप्स रखे, ताकि अगर सील टूटे, तो आपी की चीखे बाहर ना जाए. बाहर सारे नौकर थे. अम्मी अब्बू तू कराची थे, लेकिन बाहर नौकर थे. फिर जैसे ही मैं धक्का मारने लगा, डोर नॉक हुआ.

दोस्तो बहुत गुस्सा आया. मैने आपी से कहा पूछो कों है डोर पर. आपी से इसलिए कहा क्यूंकी आपी का रूम था. फिर आपी ने पूछा तो 1 नौकरानी की आवाज़ आई-

नौकरानी: बाजी आप के कोई गेस्ट आए हुए है.

मेरा मूड लंड पर चार गया. सोचो दोस्तों क्या हाल हो गया मेरा. फुददी आयेज थी, उपर रख कर अंदर डालने ही वाला था, की गेस्ट आ गये. दिमाग़ ऐसा घूमा की जौ और जो गेस्ट आए हुए है उनको छोड़ू. पर अभी मेरी किस्मत में फुददी नही थी शायद. ये सोच कर उतरा मैं बेड से.

मैने आपी को कहा: ड्रेस पहन कर आप जाओ. मेरे नसीब में शायद मूठ मारना लिखा है. मैं आपी के बातरूम में घुसा, वाहा मूठ मारने लग गया. आपी ड्रेस पहन कर बाहर गेस्ट के पास चली गयी. मैने मूठ मारी, और अपने रूम में चला गया. फिर फ्रेश हो कर बाहर आया तो आपी की फ्रेंड आई हुई थी, जिसका नामे तासीर दुआ है.

क्या मस्त फिगर था यारों. 5’2″ हाइट, 36-32-36 साइज़, रंग गोरा, क़ातिलाना आइज़ थी उनकी. मेरा तो मूड फिर बन गया मूठ मारने को. लेकिन मैने मारी नही. उससे हेलो-ही हुई. फिर लाइन मारने के चक्कर में बैठ गया. उसने ब्लू डार्क शर्ट और ब्राउन कलर की जीन्स पहनी हुई थी. टाँग पर टाँग रख कर बैठी थी, और क्या नज़ारा था उफ़फ्फ़, जान निकलने वाला.

तासीर: हेलो वसीम, कैसे हो आप?

मे: मैं ठीक, आप कैसी हो आपी?

उसको भी आपी कहता था आपी की वजह से.

तासीर: आज कल कहा बिज़ी हो, नज़र नही आते.

मे: आपी बस घर ही रहता हू, अम्मी अब्बू कराची गये हुए है इसलिए.

तासीर: वाउ ग्रेट, तो मैं सही टाइम पर आई. आप मुझे और सीरत को कही घूमने ले चलो ना.

मे: ले तो चालू, मेरा क्या फ़ायदा होगा (मैने धीमी आवाज़ में ये कहा, लेकिन आपी सीरत ने सुन लिया).

सीरत: हा तुम तो मौका देखो बस, और कोई काम है?

मे: ओक स्वीटहार्ट, जैसे हुकुम.

सीरत: ह्म

हम लोग निकल गये, वाहा कुछ ख़ास नही हुआ रात को घर पहुँचे मैने आपी को कहा-

मैं: आपी जो काम पूरा करना था, मैं रूम में आ रहा हू करते है.

लेकिन आपी ने माना कर दिया. मैने कहा: आपी ये क्या, आपने फुददी चटवा कर मज़ा ले लिया. मैने तू नही लिया.

दोस्तों आपी मेरे लंड से शायद बहुत दर्र गयी थी. वो लेना नही चाह रही थी. मैने जान-बूझ कर ज़्यादा फोर्स नही किया, इसलिए की कम जो बना हुआ था बिगड़ ना जाए.

मैने कहा: आपी ठीक है, आपको जैसे लगे. लेकिन मुझे कुछ तू मज़ा दो, फ्री तो कर दो चूस कर.

आपी ने ओक किया. फिर मैं उनके रूम में आया, और ड्रेस उतार कर किस्सिंग करने लगा. आपी ने लंड को फ़ौरन मूह में ले लिया. शायद सुबा जो दर्र था वो अब कम था. आपी को लंड चूस्टे हुए 20 मिनिट हो गये थे. मैं फ्री होने वाला था. मैने रोक लिया.

मैने कहा: आपी फुददी चूसनी है, जीन्स उतरो.

आपी की जीन्स उतरी, फिर पनटी उतरी और चूसने लगा. आपी को बहुत हॉट किया और अपने लंड पर बहुत थूक लगा कर आपी की फुददी पर सेट किया. उन्होने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा दोस्तों, और कहा नही अबी कोशिश जारी है लंड डालने की.

नेक्स्ट पार्ट में बतौँगा मैं आपी की फुददी में लंड डाल सका या नही. दोस्तों कहानी अची लगे तो फीडबॅक ज़रूर देना.

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