बेहन और मा के लिए बेटे की हवस की कहानी

हेलो फ्रेंड्स, मैं इन्सेस्ट-लवर आ गया हू आप लोगों के लिए भाई-बेहन की एक हवस भारी कहानी लेकर. मेरा नाम रूपम है, और आगे 19 है. मेरी बेहन का नामे है रूपा, और वो मेरी ट्विन है. वो मुझसे 6 मिनिट्स छ्होटी है बस.

एक बात आप लोगों को बता डू, की मैं 18 की उमर से ही रूपा को हवस की नज़र से देखता हू. और क्यूँ ना देखु, इतनी हॉट जो है मेरी बेहन, उसका 32-24-34 फिगर है. फिर क्या, एक कमीने भाई की तरह उसको छोड़ने के लिए मेरा लंड तड़पने लगा.

पर रूपा मुझे बहुत प्यार करती है, और मैं भी. बहुत क्लोज़ रिश्ता है हमारा, इसलिए रूपा को सेक्षुयली अप्रोच करने से डरता था. कही वो मुझे हटे करने लगी तो? इसलिए कभी कुछ करने की कोशिश नही की.

पर उसके बातरूम में मैने एक हिडन कॅम लगा दिया था, जो की विफी से मेरे लॅपटॉप में कनेक्टेड था. तो मैं लॅपटॉप से सब देखता था, और उसी से काम चलता था. ये कहानी शुरू होती है कुछ महीने पहले.

विंटर का सीज़न था. एक दिन शाम को मैं रूपा की नहाने की वीडियो देख के ब्लंकेट के अंदर हिला रहा था. तभी अचानक मेरे उपर से ब्लंकेट हॅट गयी और मैने देखा रूपा बेड के पास खड़ी थी. रूपा ब्लंकेट हटते हुए बोल रही थी-

रूपा: मुझे थोड़ी शॉपिंग ले चलो.

तब तक वो ब्लंकेट हटा चुकी थी और नज़ारा देख कर पूरी तरह से शॉक्ड थी. तो उसकी बात बीच में रुक गयी. ये सब इतनी जल्दी और अचानक हुआ, की मुझे भी कुछ देर के लिए कुछ समझ नही आया. पर मेरा लक अछा था की मैं वीडियो फोन में देख रहा था, तो मैने फोन लॉक कर दिया था तुरंत ही, जिससे उसको कुछ पता नही चला.

कुछ सेकेंड्स बाद जब हम दोनो को होश आया, तो मैने जल्दी से ब्लंकेट खींच ली, और खुद को कवर किया.

रूपा: ये सब क्या कर रहा था तू?

मैं: तू नॉक करके अंदर नही आ सकती थी?

रूपा: अछा अब मुझे नॉक करके तेरे रूम में आना पड़ेगा? इतना डिस्टेन्स कब से आ गया हमारे बीच में?

मैं: पर प्राइवेट मोमेंट भी एक चीज़ होता है.

रूपा: तो फिर तू अपने प्राइवेट मोमेंट पर डोर लॉक करके क्यूँ नही रखता?

मैं: एक तो तूने ग़लत किए, उपर से मुझे दाँत रही है.

रूपा: अछा अब ग़लती मेरी है. रुक मैं मम्मी को बताती हू की तू क्या कर रहा था.

मैं: अब मम्मी को बीच में क्यूँ ला रही है तू? अछा ठीक है, ग़लती मेरी है. मुझे ही दरवाज़ा लॉक कर लेना चाहिए था.

रूपा: मुझे कुछ शॉपिंग करनी है. ले चल, फिर मैं मम्मी को नही बतौँगी.

मैं: नही तू मेरा वॉलेट खाली कर देगी. मुझे नही जाना, तू अपने फ्रेंड्स के साथ जेया.

रूपा: मुझे शॉपिंग तेरे साथ जाना है, और तू ही लेके चलेगा. और पेमेंट्स भी तू ही करेगा. नही तो मैं मम्मी को.

मैं: अर्रे-अर्रे रुक जेया मेरी मा. ठीक है लेके चलता हू, खुश?

रूपा: और पेमेंट्स?

मैं: हा वो भी मैं ही करूँगा. अब जेया मुझे रेडी होने दे.

रूपा: मी स्वीट ब्रदर.

ये बोल के उसने मेरा गाल दबा दिया.

मैं: यार तुझे कितनी बार बताया है की गाल मत दबाया कर.

रूपा: पर मुझे अछा लगता है.

ये बोल के वो चली गयी. फिर मैं रेडी होके नीचे गया तो देखा रूपा सोफा पर लेट कर फोन चला रही थी. रूपा पहले से ही रेडी थी. उसने रिप्ड जीन्स और टॉप पहनी थी. लेटने की वजह से टॉप तोड़ा उपर उठा हुआ था, तो उसका पेट एक्सपोज़्ड था. हाए क्या लग रही थी मेरी बेहन. मॅन कर रहा था की डूब जौ उसके नाभि की गहराई में.

मैं मम्मी को ढूँढ रहा था. रूपा से पूछा तो वो बोली की मम्मी आंटी से बात कर रही थी, और उसने मम्मी को बता दिया था. फिर हम ऑटो लेकर माल गये. माल में जाने के बाद हम सीधा एक शॉप की तरफ जेया रहे थे. शॉप के बाहर जेया कर रूपा मुझसे कार्ड माँग कर बाहर रुकने के लिए बोली.

मैं: क्यूँ? मैं बाहर रुक के क्या करूँगा? अंदर चलता हू मैं तेरे साथ.

रूपा: ईडियट, ये लॅडीस अंडरगार्मेंट्स शॉप है. मेल्स अलोड नही है.

फिर मैं बाहर वेट करने लगा, और बाहर हॉट-हॉट लड़कियाँ देखने लगा. 10 मिनिट बाद रूपा बाहर आई, तो मैने पूछा-

मैं: हो गया! घर चले?

रूपा: अभी थोड़ी और बाकी है. मेरी नाइट शॉर्ट्स फटत गयी है वही खरीमीद्नी है.

तो हम एक और शॉप की तरफ गये .

मैं: ठीक है, मैं बाहर वेट करता हू, तू जल्दी आना.

रूपा: इधर बाहर वेट करने की ज़रूरत नही है. अंदर चल मेरे साथ.

हम अंदर गये. फिर रूपा शॉर्ट्स चूज़ करने लगी, और एक रेड आंड एक पिंक कलर की कॉटन शॉर्ट्स चूज़ की. फिर वो टॉप्स सेक्षन की तरफ जाने लगी.

मैं: तू तो बोली थी सिर्फ़ शॉर्ट्स लेनी है. तो टॉप्स की तरफ क्यूँ जेया रही है?

रूपा: एक टॉप भी ले लेती हू. बिल तो तू पे करेगा.

ये बोल के दो हाथो से मेरा गाल दबा दिया.

मैं: तुझे कितनी बार बताया है पब्लिक में ऐसे गाल मत दबाया कर. एंबॅरसिंग लगता है.

रूपा: मैं तो दबौुंगी. मुझे अछा लगता है. अब चल.

ये बोल के मेरा हाथ पकड़ कर टॉप्स सेक्षन की तरफ ले जाने लगी. वाहा 2 टॉप्स खरीदे, और फिर हम वाहा से निकल गये. फिर उसने ज़िद पकड़ी की रेस्तूरंत में खाएगी. फिर क्या, हम पास ही में एक रेस्टोरेंट में गये. वाहा हम बैठ के खाना खा रहे थे, की तभी रूपा बोली-

रूपा: वैसे एक बात कहनी थी माइंड मत करना. काफ़ी बड़ा है तेरा.

मैं: क्या?

रूपा: वही जो मुझे नही देखना चाहिए था.

मैं: हम पब्लिक प्लेस में है. तुझे अभी ये सब बातें करनी है? और उस बारे में बात मत कर. मैं ऑलरेडी काफ़ी एंबॅरास्ड हू.

रूपा: सोच मैं ज़िंदगी में पहली बार किसी का लंड देखी, वो भी किसका. अपने ही भाई का.

वो अपनी हस्सी रोकने की कोशिश कर रही थी. पर मुझे ये फेक लग रहा था.

मैं: अब आक्सिडेंट हो गया है, उसका क्या ही किया जेया सकता है?

रूपा: वैसे वो वेस्ट है तुझमे. कोई लड़की तो पट्टी नही तुझसे.

मैं: हा उसमे तेरा क्या? तू अपने काम से मतलब रख ना.

मैं मॅन ही मॅन सोचने लगा की तुझे क्या मालूम की कितनो को पेल चुका हू मैं.

रूपा: वैसे साइज़ कितना होगा? 6 इंच?

मैं: तुझे उससे क्या लेना है? लेना है तुझे?

रूपा: कमीना कही का. मैं भला क्यूँ लूँगी तेरा. अपने भाई का कोई लेता है क्या?

मैं: हा तो तुझे इतना इंटेरेस्ट क्यूँ है?

रूपा: ज़िंदगी में पहली बार देखा, वो भी इतना बड़ा, उपर से अपने ही भाई का. क्यूरीयासिटी है बस. बोल ना.

मैं: 6.8 इंच. तुझे कुछ ज़्यादा ही क्यूरीयासिटी है अपने भाई की चीज़ पे.

रूपा: तुझे इतना प्यार जो करती हू.

गिर रात को करीब 8 बजे हम घर आ गये. मम्मी किचन में डिन्नर बना रही थी. हम बोल दिए की हम खा के आए थे. तो मम्मी गुस्सा करने लगी. अब तोड़ा मम्मी को इंट्रोड्यूस करता हू. जैसी बेटी वैसी मा. मम्मी एक नंबर की मिलफ है, और मेरी पहली क्रश और इन्सेस्ट फॅंटेसी है.

शुरू से ही मम्मी के सेक्सी जिस्म पर मेरी नज़र थी. और क्यूँ ना हो, बड़े-बड़े 36″ के बूब्स, 30″ की कमर, और जितना चाहिए उतनी ही मेध, और 37″ की बड़े और उँचे पहाड़ जैसी टाइट गांद. 39 की उमर में भी बदन में इतनी आग है, की मुर्दे का भी खड़ा हो जाए.

अगर मा ऐसी हो तो किसी भी बेटे का अपनी मा के लिए हवस भारी फीलिंग्स आ जाएँगी. एक हिडन कॅमरा मम्मी के बातरूम में भी है. मैने जाके मम्मी को पीछे से हग किया तो मम्मी बोली-

मम्मी: बाहर से आ रहा है, जाके चेंज कर ले जल्दी से.

मैं: कर लूँगा, पर पहले आपको तोड़ा प्यार तो कर लू.

मम्मी: छ्चोढ़ मुझे वरना मार पेडेगी.

मैं: आपकी मार भी मुझे मंज़ूर है मम्मी.

मम्मी: बहुत फ्लर्ट कर लिया, अब जेया.

इतने में रूपा हमे टीज़ करते हुए बोली-

रूपा: अभी तो उसने फ्लर्ट शुरू किया है बस.

मम्मी: और तुझे जलन हो रही है. बेटा जेया अपनी बेहन को तोड़ा प्यार कर ले.

रूपा: मैं भला क्यूँ जालूंगी?

मम्मी: जब वो तुझे कड्ड्ल करता है, मैं तो कुछ नही कहती.

रूपा मूह लाल करके वाहा से चली गयी.

मम्मी: देख बेचारी नाराज़ हो गयी.

मैं: वो आप चिंता मत करो, मैं संभाल लूँगा.

मैं भी अपने रूम में चला गया, और लॅपटॉप ओं किया, और डोर लॉक करके रूपा को नहाते हुए देख के हिलने लगा. 15 मिनिट बाद मैं झाड़ गया, और बातरूम जेया कर नहा लिया. फिर पापा आए. वो एक प्राइवेट कंपनी में अकाउंटेंट है. मम्मी-पापा डिन्नर काके सोने चले गये.

मम्मी सोने से पहले नहाती है, इसलिए मैं लॅपटॉप लेके बैठ गया. वो बातरूम में आई, और क्लोद्स हॅंगर में अपनी ब्लॅक कलर का सॅटिन निघट्य रख के, मिरर के सामने खड़ी होके, धीरे-धीरे अपने शरीर से सारी, पेटिकोट, ब्लाउस उतार के फेंक दिए.

अब मम्मी सिर्फ़ पनटी और ब्रा में थी. क्या मस्त लग रही थी. मेरी तरफ मम्मी की गांद थी, पर मिरर में मुझे फ्रंट व्यू भी मिल रहा था. मैं अपना लंड निकाल कर हिलने लगा. इतनी ठंड में भी मम्मी को देख कर मैं इतना गरम हो रहा था, की मुझे पसीना आ रहा था.

फिर मम्मी मिरर में खुद को घूर्ने लगी. जैसे ही फिर उन्होने अपनी ब्रा उतरी, उनके मुममे जैसे उछाल के बाहर निकल आए. क्या मोमेंट था. फिर वो झुकी, और अपनी पनटी उतारने लगी. पीछे से मम्मी की गांद क्या लग रही थी.

मॅन कर रहा था, की दौड़ के मम्मी के पास जौ, और उनकी गांद को चमते मार-मार के लाल कर डू, और ज़ोर-ज़ोर से छोड़ू. पर तभी डोर पे नॉक हुआ, तो मैने वीडियो बॅकग्राउंड सिंक में लगा कर लॅपटॉप बंद करके दरवाज़ा खोला.

दरवाज़ा खोल के देखा तो रूपा बाहर खड़ी थी. उसने एक डीप नेक वाली इन्नर और रेड कलर की शॉर्ट्स पहनी थी.

मैं: क्या हुआ?

रूपा अंदर आते हुए बोली-

रूपा: नींद नही आ रही तो सोची तेरे साथ सो जौ.

मैं: ठीक है आजा.

ये बोल के मैं बिस्तर पर लेट गया, और उसको ब्लंकेट के अंदर बुलाया. रूपा ब्लंकेट के अंदर घुस के सीधा मेरे उपर चढ़ के लेट गयी और बोली-

रूपा: मुझे तोड़ा कड्ड्ल करना है. मूड ऑफ लग रहा है.

मैं: क्यूँ शाम को शॉपिंग गये, फिर रेस्टोरेंट में खाना खिलाया, फिर भी मूड ऑफ लग रहा है?

रूपा: आज कल तू मुझे पहले की तरह प्यार नही करता. पहले मुझे नींद नही आती थी, तो तू मुझे कितना प्यार से सुलटा था.

मैं: अछा ठीक है, आजा.

ये बोल के मैने रूपा को अपनी तरफ खींचा, और रूपा मुझे चिपक के सो गयी, और एक टाँग मेरे उपर रख के मुझसे गले लगा कर सो गयी. पर मैने उसकी कमर पकड़ कर उसको अपनी उपर उठा लिया और उसके सिर को थपथपाने लगा. रूपा मूह उठा के मेरी तरफ देखने लगी और बोली-

रूपा: ई लोवे योउ भैया.

मैने उसके सिर पर एक किस किया तो वो शरमाने लगी. उसका फेस रेड हो गया, और वो ब्लश करने लगी. वो बहुत ही खुश लगी.

मैं: अभी मूड ठीक हुआ?

रूपा (मेरे सीने में अपना मूह छुपाते हुए बोली): नही पता.

मैं: इतना प्यार किया, फिर भी.

रूपा: नही. मुझे ऐसे ही आज रात तेरे साथ सोना है.

मैं: हा तो मैने कब माना किया?

रूपा: तू अभी भी मुझे सारा प्यार नही दे रहा.

मैं: क्यूँ?

रूपा: डमी.

मैं: बोलेगी नही तो पता कैसे चलेगा?

रूपा: मैने तुझे ई लोवे योउ बोला, और तूने रिप्लाइ नही किया.

मैं: किया ना, तुझे किस किया.

रूपा: पर ई लोवे योउ नही बोला.

मैं: अछा बाबा ई लोवे योउ मेरी प्यारी बहना. तू तो जान है मेरी.

रूपा: तू दुनिया का सबसे बेस्ट भाई है.

मैं: तू दुनिया की सबसे बेस्ट सिस्टर जो है, मुझे तो बेस्ट भाई होना ही पड़ेगा.

ऐसे ही बातें करते-करते हम कब सो गये हमे पता ही नही चला.

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आंड स्टे ट्यूंड फॉर थे नेक्स्ट पार्ट.

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