दोस्त के साथ मिल कर हाईफाई औरत की चूत गांड की चुदाई की-3

सारिका के तो जैसे होश गुम हो गए थे और वो मस्त होकर बहुत तेज-तेज मेरा लंड चूस रही थी।
मैं उससे कह रहा था- ले साली.. चुद कुतिया मादरचोद.. ले मेरा लौड़ा खा.. ले चुद आज तीन-तीन लौड़ों से रांड.. बहन की लौड़ी.. अहह सी सी उफ़.. ले ले.. आज अपनी जवानी का मज़ा.. साली बहन की लौड़ी… ले निकाल अपनी जवानी का रस आज बहनचोदी… उई मादरचोदी… आज तो तेरी गांड फाड़ दूँगा।

उसने झट से मेरा लंड अपने मुँह से बाहर निकाला और बोली- अह्ह्ह फट गई कुत्ते मेरी गांड.. बज गई मेरी.. आह्ह आह्ह्ह सी सी.. बस बस.. रोक दो आह्ह आह उई उई..

मैंने तुरंत आगे से वाईब्रेटर निकाल कर अपना खड़ा लौड़ा उसकी चूत में डाल दिया। ऐसा करने से उसे और मुझे दोनों को और मजा आने लगा। वो सेक्स मशीन से अपनी गांड भी मरवा रही थी।

सारिका को कुछ देर तक ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसे घुमा कर, उसकी बैल्ट खोली और उसकी चूत में मशीनी लंड डलवा दिया और मैं पीछे से उसकी गांड मारने लगा।

अब हम दोनों बहुत तेज-तेज ताबड़तोड़ चुदाई करने लगे। कुछ ही देर बाद उसने जोर-जोर से सिसकते हुए जोर से चीख मारी- आह अह्ह उईईई चुद गई रे..

इसी के साथ ही सारिका ने अपनी चूत से काफी सारा पानी छोड़ दिया.. जो मशीनी लंड से होता हुआ नीचे गिरने लगा।

तभी मैंने भी अपना माल उसकी गांड में ही छोड़ दिया। ऐसे हम दोनों का स्खलन हो गया। उसके बाद ऐसे ही दो बार और चुदाई हुई और फिर हम दोनों एक साथ सो गए।

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दूसरे दिन मैंने अपने दोस्त अंकुर को सारिका के बारे में बताया और उससे बोला- मैं आज रात को डिनर पर आप दोनों को मिलवाना चाहता हूँ।

अंकुर ने आने के लिए तुरन्त ‘हाँ’ बोल दी। मैं आपको थोड़ा अंकुर के बारे में बता दूँ। अंकुर मेरा दोस्त है, काफी ऊँचा लम्बा मेरे जैसा है। उसका स्टेमिना भी काफी है। बढ़िया फिगर का मालिक है, हम अपने सभी राज़ एक-दूसरे से शेयर कर लेते हैं।

मैंने डिनर पार्टी एक होटल में रखी, वहां पर मैंने हम तीनों के लिए एक सुइट भी बुक किया हुआ था।

दूसरे दिन रात को ठीक नौ बजे मैं और सारिका उस होटल में पहुँच गए और कुछ ही देर बाद वहां पर अंकुर भी आ गया।

मैंने सारिका और अंकुर को मिलवाया, वो दोनों हाथ मिला कर आपस में मिले। हम सभी बाहर लॉन में बैठ गए। होटल की तरफ से वहां हमारे लिए स्पेशल इंतजाम किए गए थे। हम बैठ कर आपस में नार्मल बातें करने लगे।

कुछ ही देर बाद मैंने कहा- यार अंकुर, रात तो मजा आ गया, अगर तुम साथ होते तो यार और मजा आता।
अंकुर बोला- क्यों ऐसी क्या बात हो गई, क्यों सारिका जी, क्या हो गया रात में?
सारिका मुस्कुराते हुए बोली- इनसे ही पूछ लो आप!

तो मैंने कहा- क्यों साली, अब इनसे पूछ लो.. बता दे न अब। अंकुर यार रात मैंने और सारिका ने बहुत मस्ती की।
अंकुर बोला- अरे बताओ भी न.. कैसे मस्ती की.. ऐसे ही ‘मस्ती.. मस्ती..’ किए जा रहे हो।
तभी बीच में सारिका बोल पड़ी- आज रात को आप भी हमारे साथ आ जाना, पता चल जाएगा।
मैंने और सारिका ने हाथ से हाथ ‘हाई फाईव’ करके उसे आने का निमंत्रण दे दिया।

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खैर रुकना तो हमने वहीं उसी होटल में था तो हमने वहां काफी देर तक मस्ती की और डिनर किया। उसके बाद हम अपने रूम में जाने लगे।
मैंने अंकुर से कहा- हमने तुम्हारे लिए भी यहीं रुकने का इंतजाम किया है.. इसलिए घर फ़ोन कर देना कि तुम आज घर नहीं आ रहे हो।

अंकुर ने अपने घर फोन कर दिया और वो भी हमारे साथ ही रुक गया।

रूम में पहुँच कर हम सभी ने ऊपर के कपड़े लगभग उतार ही दिए थे, बस सब अन्दर पहनने वाले कपड़ों में ही रहे गए थे।
सारिका नहाने के लिए वाशरूम में जाने लगी.. तो मैंने उसकी कलाई को पकड़ लिया और बोला- साली आज की रात सभी एक साथ नहायेंगे।
वो हँसते हुए बोली- हाँ जरूर.. आ जाओ न फिर.. ऐसे क्यों पकड़ रहे हो राजा..!

मैंने अंकुर को आँख मारी और फिर हम सभी एक साथ ही वाशरूम में घुस गए। सुइट का वाशरूम काफी बड़ा और खुला सा था।

जैसे कि मैंने बताया सभी ने ऊपर के कपड़े तो बाहर ही उतार दिए थे। अब अन्दर घुसते ही मैंने सारिका की समीज़ को उतार दिया।

अब वाशरूम से ग्रुप सेक्स वाली चुदाई समारोह का आगाज होने वाला है।

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