दोस्त के साथ मिल कर हाईफाई औरत की चूत गांड की चुदाई की-2
(Dost Ke Sath Mil Kar Hi Fi Aurat Ki Choot Gaand Chudai Ki- Part 2)
मित्रो, आपने अब तक पढ़ा..
सारिका मुझसे अपनी चूत चुदाने आई थी, वो मेरे सामने सिर्फ एक पेंटी में नंगी खड़ी थी।
अब आगे..
मैंने अपना एक हाथ उसके पूरे जिस्म पर फिराया और अब मैंने उसको बिस्तर पर लिटा दिया। अब मैं अपने होंठों से उसके गाल और कान चूसते हुए धीरे-धीरे नीचे की ओर जाने लगा। फिर उसकी गर्दन के आस-पास उसे खूब चूमा.. साथ-साथ मैं सारिका के उन मादक अंगों पर अपनी लार टपकाता जा रहा था। चुम्बनों के दौर में आखिर मैं उन दो उन्नत मम्मों के बीच बनी गहरी खाई तक अपने होंठ और जीभ ले आया था।
सारिका बस मदमस्त होकर इस खेल का मजा लिए जा रही थी, वो तो शायद आने वाले पल का सोच-सोच कर रोमांचित हो रही थी।
फिर मैंने उसकी चूचियों के बीच की खाई में एक गहरा चुम्बन लिया और फिर वहां लार छोड़ते हुए, उसके एक मम्मे को अपने मुँह में भर लिया।
अब सारिका का एक मम्मा मेरे हाथ में था और दूसरा मेरे मुँह में दबा था। मैं उसकी चूची को पिए जा रहा था और कभी-कभी दांत से काट देता.. कभी-कभी उसके मम्मे के आस-पास तक अपनी जीभ घुमा देता। ऐसा करने से सारिका भी मदमस्त हो गई थी।
मैंने अब उसका दूसरा मम्मा भी ऐसे ही अपने होंठों में ले लिया था और फिर उसे भी खूब चूमा और चूसा।
अब मैंने एक साथ दोनों मम्मे पकड़ लिए थे। उसकी दोनों चूचियां को पास-पास करके उनके ऊपर अपनी जीभ घुमाई और फिर उन्हें चूसा भी!
ऐसा करने से इतना मजा आया कि नीचे मेरे अंडरवियर में मेरा लौड़ा तड़फने लगा था, मेरे लंड की नसें तक टाईट हो गई थीं, मेरा लंड अब आज़ाद होने के लिए तड़प रहा था।
मैं अपने एक हाथ को सारिका की पीठ पर ले गया और उसको थोड़ा सा ऊपर उठाया। फिर उसकी पीठ सहलाते हुए अपने हाथ को उसकी गांड तक ले गया, फिर मैंने उसकी गांड के ऊपर पहनी हुई उसकी पेंटी में हाथ डाला और उसकी गांड को पेंटी के अन्दर से ही एक बार सहलाया और एक उंगली से थोड़ा सा गांड के छेद को टच करके चैक किया।
जैसे ही मैंने अपनी उंगली सारिका की गांड के छेद में लगाई तो सारिका सिहर उठी और गांड हिला कर छटपटा कर बोली- उई.. ये क्या कर रहे हो, छोड़ो..
मैंने फिर अपने होंठों को सारिका के होंठों से भिड़ाते हुए कहा- बहनचोद, अभी तो कुछ किया ही नहीं, अभी से छोड़ो.. छोड़ो.. बोलने लगीं।
इसी के साथ ही पीछे से मैंने उसकी पेंटी को पकड़ कर एक झटके से उसकी टांगों के रास्ते उसके जिस्म से अलग कर दिया, अब सारिका पूरी नंगी हो चुकी थी, मैंने बिजली की रफ़्तार से बहुत तेजी से एकदम अपना अंडरवियर और बनियान भी उतार दी। हम दोनों के जिस्म अब नंगे हो गए थे।
मैंने अब सारिका की गांड के नीचे एक तकिया रखा और सारिका ने भी मेरे सामने अपनी दोनों टांगें बिल्कुल खोल दीं। मैंने सारिका की जवान नंगी चूत के दीदार किए। साली की लाल रंग की चिकनी चूत बिल्कुल साफ़ की हुई और उसमें से सुगंध भी आ रही थी। शायद वो अपनी चूत पर कोई सेंट या कुछ ऐसा पदार्थ लगा कर आई थी.. जिससे चूत में खुशबू आए।
उसकी चूत बेशक मुझसे पहले खूब चुदी हुई थी, परन्तु आज तो वो बिल्कुल एक लकीर जैसे दिख रही थी। शायद वो अपने शरीर को फिट रखने के लिए हर रोज़ व्यायाम करती है.. उसकी वजह से उसकी जवानी एकदम मस्त दिख रही थी।
अब मैंने उसकी चूत के ऊपर अपनी जीभ को भिड़ाया और अपनी जीभ से उसको नीचे से ऊपर तक सहलाता चला गया। सारिका की चूत एकदम से सिहर उठी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
उसकी सिहरन से मुझे मजा आया तो मैंने दुबारा फिर से वैसे ही उसकी चूत को नीचे से ऊपर तक जीभ से सहला दिया.. उसकी फिर से चूत सहम सी गई।
अब तो मुझे खूब मजा आने लगा था और मैं फिर ऊपर से नीचे की तरफ अपनी जीभ को उसकी चूत को सहलाता हुआ बिल्कुल बीच में आकर रुक गया।
अब मैंने अपने होंठों से उसकी चूत पर एक स्मूच टाइप का गहरा चुम्बन किया और उसकी दोनों फांकों को अलग अलग करके बीच में अपनी जीभ भी उतार दी।
मेरे इस वार से सारिका बच न पाई और उसने अपनी गांड उठा कर जोर से एक सिसकी ली और बोली- उई.. आह.. आह उई.. मर गई.. बस बस..
परन्तु मैं अब उसकी चूत को अपनी जीभ से कुरेदता रहा और वो अपनी दोनों टांगों को हिलाती हुई.. इस चूत चुसाई के सफर की शुरुआत का मजा लेती रही।
मैं अपनी जीभ को कभी उसकी चूत के अन्दर करता और कभी बाहर करता। फिर मैंने उसकी चूत को जोर से जीभ से चोदना शुरू कर दिया।