हाय फ्रेंड्स ये मेरी पहली ही कहानी हे इस साईट के ऊपर. और सच कहूँ तो मैं अपनी स्टोरी भेजने के लिए काफी उत्सुक सा था. मेरा नाम अंशुमान (बदला हुआ) हे और आज इ ये कहानी मेरी एक रंडी आंटी और उसकी बेटी की हे. आंटी का फिगर 34-28-36 हे और वो एकदम ही बिपाशा बासु के जैसी लगती हे. उसे देख के किसी का भी लंड खड़ा हो जाए ऐसी हे वो. और आंटी की बेटी पीया भी कम धांसू नहीं हे. उसका फिगर भी 32-28-34 हे!
ये बात लास्ट समर की हे जब मैं और मेरी फेमली वेकेशन के लिए मुंबई गए हुए थे और हम लोग अंकल के घर पर ही ठहरे थे. मैं काफी सालों के बाद उन्के वहां गया था. जब हम वहाँ पहुचे तो शाम के 7 हो गए थे. आंटी साडी के अन्दर स्लीवलेस ब्लाउज में थी और सेक्स की देवी लग रही थी. मैं तो उन्हें देख के ही लुल्ल हो गया! आंटी ने हम लोगों को वेलकम किया और हम लोगों ने साथ में बैठ के खाना खा. मैं छत के ऊपर गया खाने के बाद और सोच रहा था की इस सेक्सी पटाखे को अंकल रोज चोदते होंगे. और मैं उन दोनों की सेक्स पोजीशन को सोचने लगा था. तभी मुझे आवाज आई, हल्लो अंशुमान, राईट?
मैंने मूड के देखा तो आंटी की बेटी पिया दी वहां खड़ी हुई थी. वो तो अपनी माँ से चार गुनी सेक्सी लग रही थी.और ऊपर से उसने उस वक्त सेक्सी शोर्ट और टॉप पहना हुआ था जैसे वो खड़े लंड को और खड़ा करने के मिशन पर आई हुई थी.
मैंने भी कहा: हेल्लो दी!
पिया: तुम तो काफी बड़े हो गए हो यार, पहले देखा था तो चड्डी पहनते थे.
मैं: अरे उस बात को तो एक दशक निकल गया होगा न!
फीर वो मेरे पास में ही बैठ गई और हम दोनों बातें करने लगे. वो कोलेज में थी और उसकी पढाई खत्म होने पर उसकी शादी प्लान हो चुकी थी. ये सब और बहुत सारी बातें हमने वही बैठ के की. मेरा ध्यान बार बार पिया दी की चिकनी बिना बाल की झांघ पर जा रहा था/
2 दिन हो गए थे अंकल के घर में और मैंने माँ बेटी दोनों को फ्लर्ट करना चालू कर दिया था. वो भी पक्की खिलाड़ी थी सेक्स के खेल की क्यूंकि वो मेरी बैटन को कैसुअली ले रही थी और साला यहाँ लंड नींद चेन दोनों लुटाये हुए था. मैं दोनों में से कम से कम एक को तो अपने लंड के तांडव का अहसास करवाना चाहता था!
चौथे दिन अंकल ने प्लान बनाया मूवी का. पिया दी ने कहा की मेरे एक फ्रेंड को बुलाया हे मैंने इसलिए मैं नहीं आती. मैंने मौका देखा तो कहा की मेरे पेट में भी दर्द हे अंकल आप लोग चले जाओ. आंटी बोली मेरा भी कम ही मूड हे फिल्म के लिए तो.
अंकल ने कहा फिर एक काम करते हे कल जायेंगे.
आंटी ने कहा, अब आप प्लान कर चुके हो फिर चले जाओ. मैं अंशु का ख्याल रखूंगी आप लोग आराम से जाओ.
अंकल बाकी सब को ले के चले गए. अब घर में मैं पिया दी और आंटी ही थे.
कुछ देर के बाद मैंने आंटी को कहा, आंटी कोफ़ी पिलाएँगी मुहे?
आंटी ने कहा क्यूँ नहीं.
आंटी ने तब एक सफ़ेद टी शर्ट और योगा पेंट पहना हुआ था. उसके बूब्स और गांड इस ड्रेसिंग में एकदम ही सेक्सी लग रहे थे. आज मैं प्लान बना रहा था की कैसे आंटी के करीब जो जाऊं तो उसे चोद पाऊं. मैं आंटी के पास किचन में चला गया और उसे पानी माँगा.
आंटी ने जब ग्लास दिया तो मैंने अपनी उँगलियों से उसकी उंगलियाँ टच कर ली. फिर मैंने कहा: आंटी एक बात कहूँ तो आप को बुरा तो नहीं लगेगा ना?
आंटी: क्या बात?
मैं: आंटी आप को किसी ने कहा हे की आप बला की सुन्दर और सेक्सी हो!
आंटी: हां बहुत बार!
मैं: सच में आप बहुत हॉट हो!
आंटी: चूप कर जा, इतना बटर मत कर.
मैं: सच में आंटी, एकदम सच बोला.
आंटी: अच्छा, मुझे तो ऐसा नहीं लगता हे.
मैं: नहीं आंटी मैं कहूँ तो मैंने आप के जैसी सेक्सी लेडी नहीं देखि हे. आप की उम्र का अंदाजा ही नहीं लगता हे.
आंटी ने कहा: चलो कोफ़ी रेडी.
मैं लिविंग रूम में आ गया और आंटी कोफ़ी के साथ कुछ चिप्स भी ले के आई थी. मैंने टीवी के पर इंग्लिश चेनल लगा दी और चिप्स के बावल को मेरे लंड के ऊपर वाले हिस्से पर रख दिया. हम दोनों ही इंग्लिश मूवी देख रहे थे. आंटी अपने हाथ को बढ़ा के बावल से चिप ले रही थी. जब चिप ख़तम हुई तो मैंने चुपके से बावल को साइड में रख दिया बिना आवाज किये. जब वो चिप लेने के लिए आई तो चिप की जगह उसने मेरे लंड को ही टच कर लिया.
मैं: आई एम सो सोरी आंटी!
वो कुछ नहीं बोली. फिर एक पॉज के बाद उसने कहा, सोरी.
मैंने देखा की मौका सही हे तो मैंने आंटी को आगे बढ़ के गाल के ऊपर एक किस दे दिया. आंटी भडक गई अरे अंशु ये क्या कर रहे हो तुम!
मैं: आंटी सोरी बट आई लाइक यु सो मच और मैं खुद के ऊपर कंट्रोल नहीं कर सका.
आंटी ने मेरी पेंट को देखा जो तम्बू बनी हुई थी खड़े लंड की वजह से. फिर वो बोली: नहीं अंशु हम लोग ऐसा नहीं कर सकते हे.
वो बोली लेकिन मैं कहा रुकने वाल था. मैं आंटी के गले के ऊपर पहले हाथ फेरने लगा और वो लम्बी साँसे लेने लगी. मैंने उसके गले के ऊपर किस किया तो वो सिहर सी उठी. आंटी ने इधर उधर देखा और फिर उसकी चूत भी उसके ऊपर हावी हो गई. उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया. मैं आंटी को मोटी जांघ के ऊपर जा के बैठ गया. वो मेरे बालों में हाथ फेर रही थी और मैंने उसे हग कर के होंठो के ऊपर किस दे दिया. मेरे लंड के 12 बजे हुए थे. मैंने जल्दी से आंटी की टी-शर्ट को उतार दी. और उसके बूब्स को देख के मेरे लौड़े में अलग ही जान सी आ गई.