अनजान युवा लड़की की ट्रेन में चुदाई

ट्रेन पूरी स्पीड में दौड़ रही थी। ट्रेन के हिलने से हमारे कंधे एक-दूसरे को बार-बार टच कर रहे थे। मेरा तो लंड बाहर आने को बेताब था। कुछ देर बाद मैंने देखा कि बड़ा लड़का भी सो गया.. लेकिन वो उसे अपनी गोद में रखे हुए ही मूवी देख रही है।

मैंने उससे बोला- जाओ इसे भी सुला दो।
उसने बोला- नहीं.. मूवी खत्म होने के बाद..
मैंने कहा- सुला के आ जाओ.. मैं मूवी पॉज़ कर देता हूँ.. आकर फिर से पूरी मूवी देख लेना।

मेरी बात मानते हुए वो दूसरे बच्चे को भी सुलाने चली गई। मैंने मूवी को पॉज़ किया और अपने बेड पर लेट गया और अपने मोबाइल पर कुछ फन्नी वीडियो देखने लगा।

वो बच्चे को सुला कर मेरी सीट पर आ गई।
उस वक़्त सभी लोग सो गए थे, ट्रेन में बिल्कुल अंधेरा था।
मैंने अपना लैपटॉप उठा कर उसको दे दिया। इस दौरान मैंने जानबूझ उसकी जाँघों को टच किया। मैं जानना चाहता था कि उसका क्या सोच है।

उसने कुछ भी रिएक्शन नहीं किया। मन ही मन में मैं उसे चोदने का विचार करने लगा.. जिससे मेरा लंड पूरी तरह से उत्तेजित हो गया.. मानो मेरे लंड में करेंट दौड़ रहा हो।

उसका भी ध्यान लैपटॉप की तरफ़ कम और मेरे मोबाइल और मेरी पैंट की तरफ ज्यादा था।

मैंने सोचा कि अब पहल की जाए, मैंने उससे पूछा- ठीक से बैठी हो ना.. कोई दिक्कत तो नहीं?
उसने कहा- नहीं.. कोई दिक्कत नहीं।
मैंने उससे बोला- आराम से पैर फैला लो..

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मैं लेटे हुआ मोबाइल पर फन्नी वीडियो देख रहा था और वो मेरे पैर के पास बैठी हुई थी।
मैंने उसे अपने पास बुलाया और बोला- आराम से पैर फैला लो।
वो मेरे पास आ गई तो मैंने करवट ले ली।

मैंने उससे पूछा- तुम्हें बच्चों की मूवी अच्छी लगती हैं?
तो उसने बोला- आप क्या देख रहे हैं?
मैंने कहा- फन्नी वीडियोज.. तुम देखोगी?

उसने ‘हाँ’ में सर हिला दिया। मैंने उसे जगह दी और बोला- इधर लेट जाओ। मैंने लैपटॉप बन्द करके बैग में रख दिया और मोबाइल पर उसे वीडियो दिखाने लगा। जब वो लेटी तो उसकी गाण्ड मेरे लंड के पास थी। मैंने अपने लंड को अपने पैंट से आज़ाद किया और मैंने उसे अहसास दिलाया कि थोड़ी प्राब्लम हो रही है

मैंने बोला- थोड़ा एड्जस्ट करो यार।

चूत चुदाई की शुरूआत
उसने अपनी कमर को पीछे किया.. तो मेरा लंड उसकी गाण्ड के बीच में जा कर चिपक गया। मेरा लंड उसके कपड़े फाड़ कर उसके प्यारी चूत में अन्दर जाने को बेताब था।

मेरी इस हरकत पर भी उसने कुछ प्रतिक्रिया नहीं की तो मैंने सोचा कि लड़की भी रेडी लग रही है मेरे लंड को अपने अन्दर लेने के लिए।
मैं तो कब से उसे पेलने के लिए तड़प रहा था।

ट्रेन पूरी स्पीड में होने से मेरे लंड उसकी गाण्ड में आगे-पीछे हो रहा था.. बहुत मज़ा आ रहा था।

मैंने उससे पूछा- कैसा लग रहा है?

उसने कुछ नहीं बोला.. तो मैं अपना हाथ उसके गोल-गोल चूतड़ों पर फेरने लगा। वो कुछ नहीं बोली तो उसके बाद मैं अपना हाथ उसके मम्मों पर ले गया और मम्मे सहलाने लगा।

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धीरे-धीरे उसके मम्मे कड़े होने लगे। मैं सोच रहा था कि क्या मस्त रात है ये। मैं अपने हाथ सरकाते हुए उसकी बुर के पास ले गया।
जैसे ही मैंने उसकी बुर को टच किया.. उसने अपनी कमर को और पीछे को कर लिया.. इससे मेरा लंड उसकी गांड से हटता हुआ उसकी टांगों के बीच में चला गया।

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