बहन को चुदाई का जोरदार प्लान

हम सब बंगलोरे आ चुके थे. दीदी और जीजू को कंपनी की और से एक घर मिला था. मैं स्टार्टिंग मे उन्ही के साथ रहने लगा. मेरा बंगलोरे आने का एक ही मकसद था, अनु दी की चुदाई.

उनकी बेटी कायरा भी अब बड़ी हो रही थी इसलिए मैने उसके सामने कोई चान्स नही लेना था. मुझे पता था की डिड को उनके घर मे छोड़ना तोड़ा मुश्किल होगा. इसलिए मैने दीदी से बात की कही और रहने जाने की.

पहले तो वो नही मानी, पर उन्हे लगा की मैं अब बड़ा हो चुका हूँ तो फिर वो मान गशाई.

तो मैं जॉब करता, एक्सट्रा वर्क भी करता एक्सट्रा इनकम के लिए और किराए के घर की तलाश जारी थी. और साथ साथ ही अपनी दी को अपने नीचे लाने के लिए कोशिश जारी थी.

देसीकाहानी पे मैने भाई बेहन की चुदाई की करीबन हर स्टोरीस को पढ़ा और अनॅलिसिस किया की एक शादीशुदा बेहन किन सिचुयेशन्स मे अपने भाई के साथ सेक्स करती हैं. और उन पायंट्स की एक लिस्ट अपने डाइयरी मे बनाई और उनको अपनी अदू दी के साथ कंपेर किया की उनमे कौनसा फिट बैठेगा, जैसे की-

1) पैसो के लिए, जो बेहन ने भाई से उधर लिए हो अपने हब्बी के लिए और वापस ना दे सकने की सिचुयेशन मे वो अपनी छूट देती हैं.

2) बेहन को पैसे चाहिए अपने हब्बी के बिज़्नेस के लिए, जिसके बदले वो भाई को अपनी बॉडी ऑफर करती हैं.

3) अगर बेहन अपने पति से सॅटिस्फाइड नही हैं.

4) अगर बेहन को पति से बचा नही हो रहा.

5) अगर बेहन का कही बाहर अफेर हैं, तो उसे ब्लॅकमेल करके.

6) अगर बेहन के पति का कही बाहर अफेर हैं तो उसका फ़ायडा उठा कर, बेहन को फुसलाकर, उसे भी बाहर अफेर करने का बता कर उसे छोड़ा जा सकता हैं.

7) अगर भाई किसी तरहा सिस्टर को एमोशनल ब्लॅकमेल करके उसे चुदाई के लिए राज़ी करता हैं तो.

पहली दो पैसो वाली सिचुयेशन अनु दी के केस मे फिट नही बेत रही थी क्यूंकी उनके पास अछा पैसा था.

दीदी और जीजू की चुदाई मैने काई बार रात को कीहोल से देखी तो पता चला की जीजू उसे आचे से छोड़ते थे. डेली नही छोड़ते थे पर दीदी सॅटिस्फाइड लग रही थी, उनके लंड का साइज़ भी आवरेज था.

दीदी की एक बड़ी लॅकिंग हैं तो बचे ना होने का रीज़न भी समाप्त. जीजू या दीदी का कोई अफ़फई भी नही लगा तो वो भी ख़तम. दीदी और मैं बहुत टाइम से एक दूसरे के टच मे नही. इसलिए मेरा उन्हे मेरे लिए एमोशनल होना मुझे नही लगा की काम करेगा.

एक बात तो अब तय लग रही थी की दीदी की छूट लेनी हैं तो कुछ ना कुछ जुगाड़ लगाना पड़ेगा. मैं सोचने लगा की ऐसी कोंसि चीज़ हैं जिसके बदले अनु दी अपनी छूट मुझे देगी?

मैं ये सोच ही रहा था की तभी कायरा स्कूल से आ चुकी थी और उसने मुझे सोचते हुए देखा-

कायरा: कहा खो गये अंकल ?

मे: कही नही, वो तो कुछ सोच रहा था बस ऐसे ही.

कायरा: क्या मैं कुछ हेल्प कर सकती हूँ?

मे: मैं सोच रहा था की तुम्हारी मों विदेश जाकर काफ़ी बदल गयी हैं.

कायरा: मतलब?

मे: मतलब की पहले वो काफ़ी एमोशनल हुआ करती थी, अब लगता हैं की उसे कुछ फराक ही नही पड़ता.

कायरा: ऐसा नही हैं, अभी भी एक चीज़ हैं जिसके लिए मों काफ़ी सेन्सिटिव हैं.

मे: वो क्या हैं?

कायरा: मैं.

मे: मतलब?

कायरा: आपको बाहर से शायद ना लगे पर मों मेरे लिए अंदर से बहुत सेन्सिटिव और एमोशनल हैं.

मे: मुझे नही लगता ऐसा.

कायरा: जस्ट आ मिनिट. (फिर कायरा ने पेट दर्द का चिल्लाते हुए अंदर गयी तो अनु दी किचन मे से दौड़कर बाहर आ गयी और उसे फुसलाने लगी. ये देखकर मेरे दिमाग़ में बत्ती जाली. ये पूरा ड्रामा ख़तम होने के बाद कायरा मेरे पास आई.)

मे: तुमने सही कहा था, तुमने तो मेरा काम कर दिया.

कायरा: ह्म…

मे: इसके लिए तो तुझे ट्रीट देनी बनती हैं. चल मोविए और खाना एक दिन मेरी तरफ से. कल मुझे कॉल करना.

कायरा: कल नही, नेक्स्ट ट्यूसडे.

मे: नेक्स्ट वीक क्यू?

कायरा: क्यूंकी पापा मंडे को लंडन जा रहे हैं तो फिर उस टाइम कोई दिक्कत नही होगी.

मे: ओक फिर, नेक्स्ट ट्यूसडे पक्का.

अपने रूम पे आकर मे अपना फाइनल प्लान बनाने लगा. और बड़ी भेजामारी करने के बाद मैने एक ऐसा प्लान बनाया की जो सब कुछ सही से हुआ तो ट्यूसडे को दीदी मेरे बिस्तर पर, मेरी टॅंगो के बीच होगी.

नेक्स्ट मंडे ईव्निंग को हुँने जीजू को लंडन के लिए सी ऑफ किया. और उसके बाद धीरे से कायरा को कल के प्लान के बारे मे बता दिया. वो कल के लिए एग्ज़ाइटेड लग रही थी पर उससे ज़्यादा एग्ज़ाइटेड तो मई था.

आख़िरकार वो दिन आ गया.

सुबह मुझे कायरा की कॉल आई और मैं उससे स्कूल के गाते के बाहर मिला-

मे: क्या तुम एग्ज़ाइटेड हो आज के लिए?

कायरा: एस अंकल और थोड़ी नर्वस भी हूँ. अगर मों को पता चल गया तो?

मे: मैं अभी तुम्हारी प्रिन्सिपल से बात करके आता हूँ. (तभी मेरा फोन मे रखा अलार्म बजता हैं. मैं उसे कॉल जैसे आक्टिंग करता हूँ.)

मे: हा हेलो.. राकेश…हेलो..हेलो…हेलो. लगता हैं फोन कट गया. मेरे मे नेटवर्क नही आ रहा, तुम्हारे मे आ रहा हैं क्या?

कायरा: हाँ…मेरे मे तो दिखा रहा हैं.

मे: तो अपना फोन दो, एक कॉल करनी हैं.

कायरा: ये लो.

मे: तुम यही बेतो मई तुम्हारे प्रिन्सिपल से बात करके आता हूँ. (और मैं वाहा से प्रिन्सिपल की ऑफीस की और जाता हूँ और वाहा वॉशरूम मे जेया कर कायरा के मोबाइल मे से उसके व्हातसपप को वेब के ज़रिए अपने फोन मे ओं कर लेता हूँ. फिर कुछ देर बाद वापस चला जाता हूँ.)

कायरा: हो गयी बात..?

मे: हन मैने बात करली हैं. पर मुझे तुम्हारी एक हेल्प चाहिए.

कायरा: क्या..?

मे: मेरे फ्रेंड से मेरी बात हुई वो एक फोटोग्राफर हैं मॅगज़ीन मे. और उसको एक लोकल लड़की का फोटो चाहिए जिसे किडनॅप किया गया हो.

कायरा: तो मैं क्या हेल्प कर सकती हूँ?

मे: तुम ऐसा पोज़ दे सकती हो क्या अभी? तुम दे सकती हो तो बोलो, वरना मैं उसे माना कर देता हूँ.

कायरा: ओक, करना क्या होगा?

हम स्कूल से बाहर आते हैं, आज का न्यूसपेपर जो दी के घर आता हैं उसे ख़रीदकर एक सुनसान सी जगह पर गये. वाहा एक कोने मे कायरा को बिताया, उसका दुपट्टा उसकी आँखो पे बँधा और मूह मे रुमाल डाल कर उसे बेहोश होने की आक्टिंग करने को कहा. और उसके आयेज आज का न्यूसपेपर रख दिया.

इस सीन का फोटो और वीडियो मैने ले लिया.

फिर उसे खड़ा करके हम मेरी बिके पे पास के शॉपिंग माल आ गये. वाहा पहले से उसकी एक फ्रेंड वेट कर रही थी. कायरा ने वॉशरूम जाकर घर से लाए हुए अपने कपड़े पहन लिए.

उसने टाइट जीन्स और टाइट टॉप पहना हुआ था. शायद ये उसके लंडन के कपड़े थे जो उसने आज पहली बार यहा पहने थे. उसमे उसे देख कर आज पहली बार लगा की वो बड़ी हो चुकी हैं.

मे: ठीक हैं, ये लो मोविए के टिकेट्स और ये कॅश. पहले तुम कुछ खाना खा लो, माल मे घुमओ फ़िरो. फिर मोविए देख कर 3 भजे मुझे तुम्हारे घर के पास वेल पार्क मे मिलना, फाउंटन के पास.

कायरा: ओक अंकल.

मे: (कयरा को उसका मोबाइल देते हुए, उसके सामने ही स्विच ऑफ करते हुए) तुम अभी स्कूल मे हो, इसलिए तुम्हारा फोन स्विच ऑफ हैं. याद रखना की मुझसे पार्क मे मिलने के बाद ही इसे ओं करना.)

कायरा: ओक.
मे: एंजाय करो खूब.

वो दोनो गयी. उस वक़्त करीबन 10.30 बाज रहे थे. अब मैने अपना खेल शुरू किया. वही शॉप से पर्फ्यूम, कॉंडम, फ्लवर्स, कॅंडल्स एट्सेटरा लेकर अपने रूम पे आ गया.

मैने अपने रूम को आचे से तोड़ा सजाया. वाहा कोने मे कॉंडम का पॅकेट रखा जो आसानी से नज़र आए.

फिर मैं बाहर आकर चेर पे बेत कर कायरा के व्हातसपप से अनु दी को कायरा का वो किडनॅपिंग वाला फोटो भेजा और नीचे मेसेज लिखा: “इसे मज़ाक मत समजना, तुम्हारी बेटी मेरे कब्ज़े मैं हैं. पोलीस या किसी और को इनफॉर्म मत करना वरना अंजाम बुरा होगा. फोटो मे न्यूसपेपर देखो आज का ही हैं. पहले तुम स्कूल वगेरा से कन्फर्म करो की तुम्हारी बेटी गायब हुई हैं की नही,फिर बात करते हैं. और हन ग़लती से भी किसी और को इसके बारे मे मत बताना.”

दीदी: ठीक हैं, मेरी बेटी को कुछ मत करना.

अगले पार्ट मे पढ़िएगा की आख़िरकार मेरा अनु दी को छोड़ने का प्लान सक्सेस जाता हैं या नही? क्या मेरे नसीब मे शादीशुदा बेहन को छोड़ने का सुख हैं या फिर उसके नाम पे मूठ मारने का लिखा हैं?

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