चूत चुदाई और चटाई की शर्त की अनोखी कहानी

मेरा नामे नील है, और मैं आगरा का रहने वाला हू. ये एक काल्पनिक कहानी है. उम्मीद करता हू, की आपको ये कहानी बहुत पसंद आएगी.

मेरी आगे 18 है, और मैं ब्स्क 1स्ट्रीट एअर का स्टूडेंट हू. दोस्तों कहानी थोड़ी लंबी हो सकती है, और मैं पहली बार कुछ लिख रहा हू, तो कोई ग़लती हो तो प्लीज़ मुझे माफ़ कर देना.

मेरी कहानी की फीडबॅक देने के लिए आप मुझे मेरी मैल ईद पर मस्सेगे कर सके है और चुदाई के लिए भी.

बात कुछ महीने पहले की है. एक दिन मैं सुबा उठा तो देखा सभी लोग गायब हो चुके थे. कही पर भी कोई भी इंसान नही था.

मैने बहुत ढूँढा, पर कोई नही दिखा. मैं घर की गली में खड़ा था, और वही बैठ गया. मुझे सामने से एक लड़की दिखाई देती है. मैने गौर से देखा तो वो लड़की स्वेता थी.

स्वेता दिखने में गोरी थी, और मोटे-मोटे बूब्स वाली कमाल की लड़की थी. उसका फेस कट बहुत अछा था और वो एक सीधी लड़की थी. वो भी बहुत परेशन थी. हम रो रहे थे की तभी आसमान से एक आवाज़ आती है और वो कहती है-

आवाज़: ये सब मेरी ग़लती से हो गया है. आप लोग ही बच पाए हो, और बाकी सभी लोग एक दूसरी दुनिया में चले गये है, जहा से उन लोगों को वापस लाने का सिर्फ़ एक तरीका है.

मे: क्या है वो तरीका?

आवाज़: तुझे इस आखरी बची हुई लड़की की छूट का पानी पीनी पीना होगा. जैसे ही तू ये सब करेगा, तो उसके एक घंटे बाद सभी लोग वापस आ जाएँगे. और रोज़ तुझे एक नयी लड़की छोड़नी होगी इस खेल में. बताओ क्या तुम्हे ये सब मंज़ूर है.

स्वेता (रोते हुए और थोड़ी बहुत शरम के साथ): मुझे मंज़ूर है.

मे: मुझे माफ़ कर देना ये सब के लिए.

स्वेता: तुम्हारी कोई ग़लती नही है.

मे: स्टार्ट करते है.

स्वेता ने ब्लॅक कलर की टाइट जीन्स, और पिंक कलर की जॅकेट उपर पहन रखी थी. वो कमाल की लग रही थी.

स्वेता: ओके

फिर मैं स्वेता को दीवार के साथ लगा देता हू, और उसके बूब्स को कपड़ो के उपर से ही किस करते हुए धीरे-धीरे नीचे जाता हू. पंत के उपर से अपना मूह स्वेता की छूट पर रख कर मूह अंदर की तरफ दबा देता हू, और दोनो हाथो से उसके छूतदों को पकड़ कर दबाता हू. मैने अपने दांतो से स्वेता की पंत की चैन खोली, और हाथो से पंत का बटन खोल दिया.

अब मुझे स्वेता की ब्लॅक कलर पनटी दिखाई दी, जो उसकी छूट में धस्सी हुई थी. मुझे देख कर बहुत मज़ा आया उसकी पनटी को. स्वेता की छूट के अंदर धस्सी हुई थी उसकी पनटी, और उसकी छूट के होंठ बाहर दिख रहे थे.

मैने छूट के होंठ दबा दिए, और स्वेता के मूह से एक ज़ोरदार आअहह की आवाज़ सुनाई दी. फिर मैने पूछा-

मैं: स्वेता क्या हुआ?

स्वेता: मज़ा आ रहा है. मेरी पनटी हटा कर छूट को चाट ना.

मे: हा तेरा कुत्ता हू ना, जो तेरी छूट को चातु.

स्वेता: तो बन जेया ना.

मे: चुप.

स्वेता: छूट को चाटने वाला मर्द कुत्ता ही होता है.

मे: अर्रे जा कुटिया.

स्वेता: चल जल्दी चाट मुझे(और मूह टेढ़ा कर लिया उसने गुस्से में).

मे: चाट-ता हू.

स्वेता ने खुद ही अपने हाथो से पनटी उतार दी, और मेरे कुछ करने से पहले ही स्वेता ने अचानक अपनी छूट मेरे होंठो से टच कर दी. ये लगभग 1 सेक का किस था स्वेता की छूट पर जो उसने मुझे खुद दिया था.

मे: अर्रे ची-ची, गंदी लड़की स्वेता डार्लिंग .

स्वेता: तो चाट के इस गंदी लड़की को अची लड़की बना दे.

मैने अपने होंठो को उसकी छूट पर रखा, और एक स्मूच किया. मैने पीछे से दोनो हाथ से उसकी गांद को आयेज की तरफ धक्का दिया. स्वेता के मूह से सिसकिया निकल रही थी-

स्वेता: अया उफफफ्फ़ मज़ा आ रहा नीलू.

फिर मैने दोनो हाथो से स्वेता की छूट के दोनो दरवाज़े खोले, और उसके उपर मैने स्वेता की छूट के दाने पर जीभ डाली. इससे स्वेता पागल सी हो गयी, और फिर उसने अपने दोनो हाथो से मेरे सर को पकड़ लिया, और अंदर की तरफ ढाके देने लगी.

जब मैं बाहर मूह करता, तो वो फिर धक्का देकर छूट के अंदर मेरा मूह डाल देती. स्वेता बहुत हॉर्नी हो चुकी थी, और अब मैने भी उसकी छूट में अपनी जीभ पूरी अंदर डाली, और जीभ से उसकी छूट छोड़ने लग गया.

स्वेता: मेरा पानी निकालने वाला है.

मे: निकाल दे मेरे मूह में.

स्वेता: अवव मेरा कुत्ता मेरी छूट का पानी पिएगा?

मैं स्वेता की छूट चूसने लग गया, और चूसने की स्पीड बढ़ा दी. स्वेता की सिसकिया बहुत तेज़ हो गयी थी. वो पहले दोनो पैरों पर खड़ी थी, लेकिन अब उसने अपनी एक टाँग को उठा कर मेरे कंधे पर रख दिया था.

उसने टाँगो से मेरा मूह जाकड़ लिया था, और मैं पीछे नही हो पा रहा था. स्वेता अपनी छूट को बड़े ही मज़े से चटवा रही थी. और फिर दो या टीन झटके में स्वेता ने अपनी छूट से पानी छोढ़ दिया, और वो बहुत खुश थी.

फिर वो बोली: वाह मेरे कुत्ते, क्या छूट चाट-ता है तू. क्या तू मेरा कुत्ता बनेगा प्लीज़? मैं तुझे अपना प्यारा सा क्यूट पप्पी बना के रखूँगी.

मे: ठीक है, बन जाता हू. पर तुझे मेरा पूरा ख़याल रखना होगा.

स्वेता: जैसे की?

मे: जैसे की मुझे जब भी चाहिए पैसे डोगी?

स्वेता: ठीक है मान लिया. चल फिर मुझे अपना लंड दिखा.

मैने स्वेता को पंत उतार कर अपना 6 इंच का खड़ा लंड दिखा दिया.

स्वेता: बहुत मस्त है ये तो.

मे: लेलो इसको अपनी छूट में जानू.

स्वेता: पहले मूह में लेलू.

और हम दोनो हस्स पड़े. स्वेता बहुत अछा लंड चूस्टी थी. उसने मेरा लंड मूह में लेके मेरे लंड का सूपड़ा पकड़ लिया, और लॉलिपोप की तरफ चूसने लगी.

और मैं कुछ देर बाद झाड़ गया. स्वेता ने भी मेरा पानी पी लिया, और मैं भी स्वेता को कुटिया बुलाने लग गया.

इसके एक घंटे बाद सभी लोग वापस आ गये, और मैं और स्वेता ने अपने आप को ठीक किया. फिर उसके बाद मैं जब घर जेया ही रहा था, तो स्वेता बोली-

स्वीटा: कल फिर से करेंगे?

मे: तुझे बड़ी जल्दी हो रही?

स्वेता: बिकॉज़ ई लोवे..

मे: लोवे क्या?

स्वेता: लोवे मी नया कुत्ता.

मे: अछा.

स्वेता: बस एक मिनिट रुकना, मैं अभी आती हू.

कुछ देर बाद स्वेता आई, और मुझे एक पानी की बॉटल देके बोली-

स्वेता: इसमे मेरी छूट का आशीर्वाद है, घर पे ही रहना.

दोस्तों कैसी लगी स्टोरी? अपना फीडबॅक ज़रूर दीजिए. मैं कोई राइटर नही, पर अपनी फॅंटेसी को एक स्टोरी दी है. अगर मुझे इसका अछा रेस्पॉन्स मिला, तो मैं इसका नेक्स्ट पार्ट लिखूंगा की कैसे स्वेता ने मेरी बेहन की छूट चटवाई उसका मूह धक कर.

थॅंक योउ.

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