अनजान आंटी की चूत चुदाई बस में

मुझे लगा कि यह सही मौका है, मैंने उनका हाथ अपने हाथों में ले लिया और कहा- कोई बात नहीं.. आपको आपका प्यार ज़रूर मिलेगा और जल्द ही आपके घर आपके बच्चे को खिलाते हुए आपके हाथों का लज़ीज़ खाना भी खाऊँगा।

मेरी इस बात से उनको थोड़ी हँसी आ गई और वो बोलीं- क्या बात है.. सीधे घर जाने की बात कर रहे हो, बहुत तेज़ हो।
मुझे लगा शायद मेरा ओवर कॉन्फिडेन्स बात बिगाड़ देगा.. लेकिन वो स्माइल कर रही थी, तो मैं थोड़ा नॉर्मल हुआ।

मैंने कहा- अब आपका दोस्त हूँ.. तो इतनी बड़ी बात के लिए आप मुझे अपने घर तो बुलाओगी ही।
वो भी बोलीं- हाँ.. ज़रूर!

उस वक़्त तक मौसम भी थोड़ा ठंडा हो गया था, वो भी कुछ ठंडक महसूस कर रही थीं, उन्होंने अपने बैग से एक शॉल निकाली और अपने जिस्म पर लपेट ली। इस वजह से जो मुझे उनकी सेक्सी बॉडी दिख रही थी.. वो दिखना बंद हो गई।

शॉल मेरे बैग में भी थी.. लेकिन मैंने निकाली नहीं और मैं ऐसा शो करने लगा कि मुझे भी ठंड लग रही है।

थोड़ी देर बाद उन्होंने पूछ ही लिया- तुम शॉल क्यों नहीं ओढ़ लेते?
तो मैंने झूठ बोला- मैं जल्दी में लाना भूल गया।
उन्होंने कहा- कोई बात नहीं.. आप मेरी शाल शेयर कर लीजिए।
मैं झूठा बहाना बनाने लगा.. लेकिन वो मानी नहीं और मुझे भी अपनी शॉल शेयर करने को दे दी।

हम अब भी बीच-बीच में गप्पें मार रहे थे। मैं भी उनसे फ्लर्ट करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहा था। अब बीच-बीच में मेरा हाथ उनके शरीर पर लग रहा था.. लेकिन वो कुछ नहीं बोल रही थीं।

फिर उन्होंने अचानक पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कह दिया- नहीं..
तो वो बोलीं- क्यों लड़कियों में इंटरेस्ट नहीं है क्या?
यह कह कर वो हँसने लगीं, मैं थोड़ा झेंप सा गया।

फिर अचानक मैंने कहा- इंटरेस्ट लेने लायक लड़की तो आज से पहले मिली ही नहीं.. और जो मिली वो भी पहले से मैरिड निकली।
अब झेंपने की उनकी बारी थी, वो थोड़ा सा शर्मा गईं और हम दोनों ही चुप हो गए।

मुझे लगा मेरा ओवर कॉन्फिडेन्स मरवाएगा। फिर मैंने सोचा कि थोड़ा रिस्क लेना पड़ेगा, वरना कुछ नहीं होगा। तो मैंने अपना हाथ शॉल के अन्दर थोड़ा चलाने लगा। मेरी उंगलियां पहले उनके हाथ पर टच होने लगीं.. लेकिन वो कुछ नहीं बोल रही थीं।

मुझे 50% तो लगा शायद मुझे वो ड्रीमगर्ल इन आंटी के रूप में मिल गई। फिर भी मैं लगातार आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा था।
अब मैं उन्हें जोक्स सुनाने लगा और बार-बार उनकी तारीफ़ कर रहा था।
वो भी बार-बार बोल रही थीं- तुम बहुत नॉटी हो रहे हो।

अब मैंने अपना हाथ उनकी जाँघों की तरफ ले गया और उनकी साड़ी के ऊपर से उनकी जाँघों को सहलाने लगा। कमाल की बात थी कि वो अब कुछ भी नहीं बोल रही थीं। मुझे लगा कि मामला जम सकता है।

अब मैंने उनसे पूछा- गाना सुनोगी?
‘हाँ..’
मैंने अपना मोबाइल निकाला और इयरफोन का एक एंड उनके कान में लगा दिया और दूसरा अपने कान में घुसेड़ लिया। अब हम दोनों और समीप हो गए थे। मुझे उनके शरीर की गरमाहट महसूस हो रही थी। उनके गालों के नजदीक मेरे गाल थे जिससे उनके जिस्म पर लगी खुशबू मेरे नथुनों में भर रही थी। उनके बदन से आने वाली वो खुशबू मैं आज भी नहीं भूला हूँ।

मेरा लंड भी एकदम तन गया था और वो साइड से उनको टच भी हो रहा था। फिर मैं धीरे-धीरे अपना हाथ ऊपर की तरफ ले जा रहा था। जैसे ही मेरा हाथ उनके पेट तक पहुँचा.. अचानक उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया, लेकिन उनकी आँखें बंद थीं.. और बस मेरा हाथ रोकने के बाद वो कुछ नहीं बोलीं।

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मैं समझ गया कि वो भी कुछ चाहती तो हैं.. लेकिन शायद घबरा रही हैं। मैं वहीं रुक गया और उनका पेट सहलाने लगा। उनका पेट एकदम सपाट था और बहुत ही चिकना था। मैं पेट को मसलता रहा और धीरे से अपनी उंगली उनकी नाभि में डाल दी।

मित्रों एक गोपनीय बात जो मैंने कहीं पढ़ी थी कि किसी महिला की नाभि में उंगली डालना इस बात का संकेत होता है कि मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ। यदि वो महिला इस बात को जानती होगी तो तुरन्त प्रतिक्रिया देगी।

यही हुआ.. वो हल्की सी कराह उठीं। अब मैं समझ गया कि रास्ता बिल्कुल साफ है.. तो मैं अपना हाथ सीधे उनके दूध पे ले गया।
वाह.. कितने नर्म दूध थे.. एकदम मुलायम..

उन्होंने अब भी अपनी आँखें बंद कर रखी थीं लेकिन उनकी साँसें तेज होती जा रही थीं।

मैं भी अब उनकी पूरी बॉडी को महसूस कर सकता था। मैंने उन्हें अपनी तरफ घुमाया और कहा- आप भी यही चाहती हो.. तो ये सोने का नाटक क्यों?
फिर उन्होंने अपनी आँखें खोलीं, वो थोड़ी घबरा रही थीं, मैं उनकी आँखों में एक अनजाना सा डर और खुशी दोनों देख सकता था।

मैंने उन्हें सामान्य करने के लिए बातें करना शुरू कर दीं, इसके साथ ही उनके ब्लाउज के ऊपर से धीरे धीरे उनके दूध मसलने लगा।
कुछ देर बाद जब वो थोड़ी कंफर्टबल फील करने लगीं.. तो मैं भी उनके शरीर को और अधिक मसलने लगा।
मैं अपना हाथ उनके चिकने पेट पर ले गया.. क्या चिकनी त्वचा थी उनकी।

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैं उनके चेहरे पर किस करने लगा, पहले मैंने गालों को चूमा.. फिर आँखें चूमी.. इसके बाद उनका माथा चूमा और अंत में उनके रसीले होंठों को अपने होंठों में भर लिया।
उनकी तरफ से भी मेरे होंठों को चूसा जाने लगा।
मुझे आज भी उनके होंठों का वो टेस्ट याद है।

शुरू में वो थोड़ी हिचक रही थीं.. लेकिन फिर वो भी मेरा साथ देने लगीं। अब मेरी ज़ुबान उनके मुँह में थी और उनकी रसना का रस चख रही थी। हम दोनों करीब 20 मिनट तक स्मूच करते रहे।

फिर मैं उनकी गर्दन चूमने लगा और फिर मैंने उनका ब्लाउज हटा दिया। मुझे तो मानो जन्नत के दीदार हो गए। पर्पल रंग की लेस वाली ब्रा में उनकी चूचियां कमाल लग रही थीं। मैं ब्रा के ऊपर से ही मम्मों को लिक करने लगा, मेरा दूसरा हाथ उनकी चूत की तरफ बढ़ने लगा।

अब वो धीरे-धीरे सीत्कार कर रही थीं। उनकी कामुक सिसकारी सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया।

हम लोग बस में थे और ज़्यादा देर तक रिस्क नहीं ले सकते थे.. तो मैंने जल्दी से उनकी ब्रा का हुक खोल दिया और पेटीकोट भी ढीला कर दिया। अब वो सिर्फ़ पेंटी में थीं.. जो कि चूत रस से पूरी तरह गीली हो चुकी थी।
मैंने भी अपनी पैंट नीचे सरका दी और सिर्फ़ अपनी जॉकी में रह गया। मेरा लंड मेरी चड्डी में जो टेंट बना चुका था।

अब एक बार फिर से मैं उनका दूध पीने में लग गया। उनकी सीत्कारें अब और थोड़ी तेज़ हो गई थीं। मैंने सोचा कि कहीं कोई सुन ना ले.. तो मैंने अपनी उंगली उनके मुँह में डाल दी। वो उसे चूसने लगीं और मैं उनके दूध पीने में लग गया।

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अब मैं धीरे-धीरे नीचे उनकी जन्नत की तरफ बढ़ रहा था। उनकी चूत की मादक महक मुझे पागल कर रही थी।

मैं झुक कर उनकी पेंटी के ऊपर से ही उनकी चूत चाटने लगा। गीली पैंटी से चूत के रस का मजा मिल रहा था.. क्या मस्त स्वाद था।

मुझे तो अब भी उनकी चूत चाटने में बहुत मजा आता है।

फिर थोड़ी देर बाद उनकी चूत चाटने के मैंने जरा सा सीधे हो कर अपनी चड्डी एक पैर से निकाल दी और अपना लंड उनके हाथों में दे दिया। वो उसे प्यार से मसल रही थीं। ऐसा लग रहा था कि वो लंड बहुत दिनों बाद देख रही हों।

मैंने उनको कुछ इस तरह बैठने को कहा जिससे एक दूसरे को मजा दे सकें। कुछ ही पलों में हम दोनों एक दूसरे के गुप्तांगों को मजा देने लगे।
थोड़ी देर की रगड़ाई और चुसाई में हम दोनों झड़ गए।

मैंने उनकी चूत का पूरा रस उंगलियों से चाट लिया। वो भी मेरा पूरा अपने हाथ चाट कर साफ़ कर गईं और उसे फिर से लंड के ऊपर झुक कर लंड चाटने लगीं।

मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। वो बोलीं- अब इसे किसी तरह मेरी चूत में डाल दो।
मैंने उनको अपनी गोद में बिठा लिया और अपना लंड उनकी चूत में लगा कर एक जोरदार ठाप लगा दी।
उनके मुँह से एक चीख निकलने को हुई तो मैंने जल्दी से अपना हाथ उनके मुँह पर रख दिया, ताकि कोई आवाज़ ना निकले। फिर 2-3 धक्कों में मेरा पूरा लंड उनकी चूत में अन्दर घुस गया।

अब हमारी चुदाई शुरू हो गई। मैं बीच-बीच में उनके मम्मों को भी मसल रहा था। करीब दस मिनट बाद हम दोनों ने अपनी पोज़िशन चेंज कर ली और अब मैंने उन्हें आगे की सीट के सहारे से घोड़ी सा बना दिया था। हम लोग फिर से चुदाई करने लगे। जब मैं झड़ने वाला था तो फिर से मैंने उन्हें फिर से नीचे अपनी गोद में कर लिया और दो-तीन तेज़ धक्के मारते हुए उनकी चूत के अन्दर ही झड़ गया।
हम दोनों पसीने से भीग गए थे।

फिर थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे, वो बोलीं- आज बहुत दिनों बाद मुझे मजा आया।
मैं भी बोल पड़ा- यहाँ टाइम और जगह की दिक्कत थी.. वरना मजा तो बहुत आ सकता था।
अब मैं उनके दूध से खेलने लगा।

फिर मैंने घड़ी देखी.. उसमें 4 बज रहे थे। हम लोगों ने खुद को सही किया, मैंने अपने कपड़े ठीक से पहने और उन्होंने भी अपने कपड़े ठीक किए।

लेकिन मैंने यादगार के लिए उनसे उनकी ब्रा और पेंटी माँग ली.. उन्होंने मुस्कुरा कर मुझे दे दीं। मैं उनके सामने ही ब्रा पेंटी को लिक करने लगा।
यह देखकर उनकी सीत्कार निकल गई, वो बोलीं- जब असली माल सामने है तो ये क्यों?
मैं समझ गया और उनको फिर से किस करने लगा।

हम दोनों ने अपने मोबाइल नंबर एक्सचेंज किए और फिर अपने स्टॉप का वेट करने लगे। जब तक हमारा स्टॉप आया.. तब तक मैं उनके मम्मों से खेलता रहा और वो मेरे लंड से खेलती रहीं।

फिर स्टॉप आते ही हम दोनों गुडबाई किस की और अपने-अपने घर की तरफ निकल गए।

तो दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी थी, कोई भी ग़लती हो तो क्षमा करें। मैं अगले भाग में बताऊँगा कि कैसे मैंने उनकी पूरी रात चुदाई की और गांड भी मारी।
बाद में मैंने उनकी नौकरानी की चूत की चुदाई भी की।

अनजान आंटी की चूत चुदाई की कहानी आपको कैसी लगी?

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