विधवा आंटी को देवर ने पकड़ के चोदा

हाई दोस्तों मेरा नाम विजय हे और मैं एवरेज लुक्स और बिल्ट वाला बन्दा हूँ. मेरे अन्दर सेक्स के बहुत सब सपने और डिजायर भरी हुई हे. चलिए अब मेरे बारे में ज्यादा ना कहते हुए मैं सिधे अपनी हिंदी सेक्स कहानी पर आता हूँ.

ये कहानी मेरी एक आंटी के इर्दगिर्द घूमता हे जिसका नाम लीना हे. आंटी विधवा हे और उसका फिगर मस्त हे, 32 30 36. आंटी की शादी प्रशांत अंकल से हुई थी. और वो लोग जॉइंट फेमली में रहते थे. आंटी के पति के कुछ कजिन भाई भी उसी चाल में रहते थे. लीना आंटी मिलनसार स्वभाव की थी और सब से मिलती जुलती थी.

प्रशांत अंकल भी अछे आदमी थे और उनकी बॉडी वगेरह भी हेल्धी थी. आंटी के दो बचे हे जिसमे एक लड़की हे 10 साल की और एक लड़का 7 साल का. आंटी की बॉडी सेक्सी होने के बाद भी अंकल के जीते जी किसी की हिम्मत नहीं हुई थी उसे देखने की. वो सब अंकल से डरते थे और उनकी बहुत रिस्पेक्ट भी करते थे. और फिर एक रोड एक्सीडेंट में अंकल की डेथ हो गई जब वो ऑफिस से वापस आ रहे थे.

आंटी एकदम डिप्रेस हो गई और कुछ दिनों के लिए वो अपने मइके में चली गई. उसके पेरेंट्स ने तो उसे वही रहने के लिए ही कहा लेकिन बच्चो की अच्छी परवरिश के लिए आंटी वापस कुछ दिनों के बाद अपने ससुराल वाले मकान में आ गई. वैसे आंटी का अपना जॉब भी था यहाँ पर इसलिए वो चाहती थी की उसका भी मन लगा रहे काम में.

एक साल बिता और आंटी के बदन ने उसे परेशान करना चालू कर दिया. ऐसे में अंकल के एक कजिन भाई को भी ये पता चला और वो आंटी से नजदीकी बढाने लगा. उसका नाम शंकर हे. वो आंटी के जस्ट बगल वाले कमरे में ही रहता हे. एक रात को आंटी की चाल में पार्टी थी. रात का वक्त था सब लोग अपने अपने हाथ में बियर और हॉट ड्रिंक्स लिए हुए थे. लीना आंटी भी बियर पी रही थी शंकर के पास बैठ के ही.

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शंकर की हिलचाल के ऊपर किसी की नजर नहीं पड़ी क्यूंकि सब ने ही आल्कोहोल का नशा कर रखा था. लेकिन मैंने कम पी थी तो मैंने देखा की शंकर आंटी की तरफ बढ़ रहा था और वो उसे कुछ जोक कह रहा था. आंटी भी ठहाके लगा के हंस रही थी. फिर शंकर की हिम्मत धीरे धीरे से खुलती गई और उसने आंटी की जांघ के ऊपर अपना हाथ रख दिया. आंटी ने कुछ नहीं कहा और वो इधर उधर देखने लगी. मैं एक दिवार की आड़ में हो के उन्हें देख रहा था. फिर शंकर ने सेक्सी नॉन वेज जोक्स चालू कर दिए. और उसका दूसरा हाथ लीना आंटी के कंधे को सहला रहा था.

फिर ग्लास इधर से उधर करने की एक्टिंग करते हुए शंकर ने आंटी के बूब्स को अपनी कोहनी से टच किया. आंटी ने कुछ भी रिएक्ट नहीं किया क्यूंकि उसे लगा की गलती से लगा था हाथ. लेकिन अगली 3-4 मिनिट में ही फिर से शंकर ने अपना हाथ आंटी के बूब्स के ऊपर दबाया. इस बार उसने पिछली बार से ज्यादा प्रेशर दिया था चूची के ऊपर.

लीना आंटी ने शंकर को देखा और उसके बदन में भी सेक्स का करंट दौड़ने लगा था. आंटी को अब अपने इस देवर के इरादे पता चल चुके थे. लेकिन वो खड़ी हुई और अपने कमरे में चली गई. किसी ने कुछ भी नोटिस नहीं किया था.

आंटी अपने बच्चो के लेने के लिए वापस आई. लेकिन कुछ 8 10 बच्चे आलरेडी गद्दों के ऊपर सोये हुए थे. आंटी उन्हें वही रहने दे के अकेली ही सोने के लिए अपने कमरे में चली गई. रात के लगभग ढाई बज रहे थे. लेकिन फिर आंटी की सास ने आंटी को बुलवाया और कहा की पार्टी में से ऐसे नहीं भाग जाते. वापस लीना आंटी शंकर के पास में ही बैठी.

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शंकर का हरामीपन कम नहीं हुआ था. अब की उसने अपने एक हाथ को आंटी की जांघ पर टेबल के निचे से रख दिया. लीना आंटी ने एक बार हाथ को हटा दिया. लेकिन शंकर ने वापस हाथ को रख दिया और वहाँ सहलाने भी लगा. शंकर अब आंटी से एकदम सट के बैठ गया और अपने कंधे को उसने आंटी के कंधे से टच कर दिया.

आंटी के बदन में भी अब कामुकता कस डोज चढ़ गया था. उसने अपने दुपट्टे को बूब्स के ऊपर ढंक दिया. शंकर के लिए ये एक ग्रीन सिग्नल के जैसे ही था. शंकर ने हाथ को आंटी की अंदरूनी जांघ पर ले गया और वहां पर सहलाने लगा. चूत से कुछ ही इंच दूर हाथ था उसके. आंटी की साँसे तेज हो गई थी. शंकर ने अब एकदम से अपने दुसरे हाथ से आंटी के बूब्स पकडे और उन्हें मसलने लगा. आंटी के बूब्स में नयी जान आ रही थी जैसे शंकर के फोंड्लिंग से.

लीना आंटी के ऊपर भी सेक्स हावी होने लगा था और उसकी चूत पानी पानी हो गई थी. आंटी ने अपने इमोशन पर कंट्रोल किया और वो सास को बोल के कमरे में चली गई. शंकर ने एकाद मिनिट के बाद उसके पीछे जा के कमरे में एंट्री ली ली. शायद आंटी ने अपने रूम को शंकर के लिए ही लोक नहीं किया था. शायद उसकी विधवा चूत भी आज अपने देवर के लंड को ले लेना चाहती थी. लेकिन उन्हे पता नहीं था की मैं पहले मिनिट से ही दोनों के काण्ड को देख रहा था और मेरा लंड भी खड़ा हुआ पड़ा था. शंकर के अन्दर जाने के बाद मैं उस कमरे की खिड़की के पास खड़ा हो के अन्दर देखने लगा.

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