टीचर, स्टूडेंट और गर्लफ्रेंड की चुदाई कहानी

मेरा नाम नेहा कुमारी (नोट रियल नामे). ये कहानी पूरी सही है. मैं पटना में अपनी फॅमिली के साथ रहती हू. मेरी उमर 22 साल है, और मेरी ग्रॅजुयेशन कंप्लीट हो चुकी है. ये कहानी 3 साल पहले की है, जब मैं 12त में थी.

मेरा बॉडी फिगर 34-30-34 है, जो किसी लड़के के लंड को खड़ा करने के लिए काफ़ी है. मेरा पूरा बदन गोरा है. मैं काफ़ी हू सुंदर हू. अब टाइम बर्बाद ना करते हुए कहानी पे आते है. मैं 12त में कोचैंग जाती थी. मेरे सब्जेक्ट्स बॉटेनी, ज़ुवालजी, मेद्स, केमिस्ट्री थे.

ये कहानी तब शुरू होती है, जब मेरे कोचैंग के टेस्ट में कम मार्क्स आए थे, तो टीचर ने दांता था. टीचर और मेरी फॅमिली में अची दोस्ती थी, तो बात होती रहती थी. पर जब मार्क्स कम आए तो टीचर ने टुटीओन के लिए अपने घर पे बुलाया. मैं जाने लगी.

टीचर पढ़ते वक़्त कभी कभार ग़लत टच कर देते थे. मैं तोड़ा इग्नोर कर देती थी. मेरा एक बाय्फ्रेंड था, और उसका नाम रोहन था. एक दिन की बात है. मैं रोहन से पार्क में मिल रही थी. तभी वो मुझे किस करने लगा.

मुझे ठीक नही लगा, पर उसी वक़्त मेरे टीचर भी वही मौजूद थे, और वो पूरी घटना कॅमरा में क़ैद कर लिए. फिर वो मेरे पास आए और बोले-

टीचर: तुम ये यहा क्या कर रही हो?

उसके बाद वो रोहन को दाँत कर भगा दिए, और मुझे बिताया, और वो पिक्स दिखाने लगे जो वो फोन में क्लिक किए थे. फोटो में उसके लिप्स मेरे लिप्स पे थे, और उसका हाथ मेरी शर्ट के उपर चूची पे.

फिर वो बोले: यही करना था तो मुझे बोलती. मैं हू ना.

मैं सॉरी सिर बोल कर जाने लगी तो वो बोले: चलो मेरे साथ आओ.

और टुटीओन का भी वक़्त हो रहा था. तो मैं चली गयी उनके पीछे. वो घर में अकेले रहते थे. टीचर की आगे 24-25 थी. वो घर आते ही गाते बंद कर दिए, और बोले-

टीचर: तुम बोलो पापा को बता डू क्या कर रही थी खुले पार्क में?

मैं बोली: नही सिर, ऐसा मत कीजिए.

तो वो बोले: ठीक है, पर एक शर्त पे.

मैं बोली: क्या शर्त?

तो फिर वो कुछ ऐसा बोले जो मेरे होश उड़ाने के लिए काफ़ी था.

वो बोले: मुझे तुम्हे छोड़ना है.

मैं बोली: नही सिर, ऐसा मत कीजिए.

तो वो बोले: ठीक है, तुम्हे कुछ ऑप्षन दे देता हू.

मैं तुम्हे जाम कर छोड़ूँगा.
तुम्हे 15 दिन तक नंगी करके रखूँगा और लंड चूस्वौनगा, जब मॅन किया तब. और 5 दिन गांद भी मारूँगा.
बस 1 मंत डेली आ कर मॉर्निंग और ईव्निंग लंड चूसना.
पापा को बता डू और ये फोटो भेज देता हू.

मैं बोली: मुझे सोचने के लिए कल तक टाइम चाहिए. पर 4 ऑप्षन नही चाहिए.

तब टीचर ने इतना बोलते ही अपना ट्राउज़र उतार लिया, और 8.5 इंच का तन्ना हुआ लंड फड़फड़ाने लगा. मैने इतना बड़ा लंड नही देखा था. मैं लंड 2-3 इंच का देखा था, पर इतना बड़ा नही देखा था.

फिर सिर बोले: अपने कपड़े उतार सकती हो खुद, या मैं ही उतारू?

मैं बोली: नही मैं ठीक हू.

फिर मैं बोली: मैं जेया रही हू, कल आपको सोच कर बता दूँगी.

तब उन्होने मुझे रोक लिया, और बोले: बस अपने जिस्म का दर्शन तो करा दो.

मैं बोली: कल ही कर लीजिएगा.

तब सिर मेरी शर्ट उतारने लगे. मैं ज़्यादा नही रोकी. उन्होने 2 बटन्स ही खोले, और मेरे चूचे निकाल कर चूसने लगे, जैसे कोई दूध के लिए काई दीनो से भूखा हो. पर मुझे कुछ अजीब लग रहा था. चूची चूस्टे-चूस्टे ही वो मेरी जीन्स उतार दिए, और पनटी के नीचे हाथ डाल दिए.

तभी वो बोले: तुम बाल सॉफ नही करती क्या?

मैं बोली: नही.

आक्च्युयली मैं सेक्स बहुत पहले की थी. उसी टाइम क्लीन शेव की थी, और कभी-कभी बस गांद मरवा कर काम चला लेती थी.

वो फिर अपने बातरूम में गये, और शेविंग रेज़र लेकर आए और पानी लेकर आए. मैं पनटी में वही बैठी थी.

फिर वो बोले: चलो आज तुम्हारी छूट का जंगल सॉफ कर देता हू. मैं बोली: नही, मैं खुद कर लूँगी.

तब बोले: मैं हू ना, कर देता हू.

तो मैं बोली: फिर स्नान कैसे करूँगी?

वो बोले: यही कपड़े खोल कर स्नान कर लेना.

फिर उतने में ही उन्होने मेरे शरीर से सभी कपड़े उतार दिए, और छूट के बालों पे हाथ फेरने लगे. फिर पानी दे कर क्रीम लगाए, और शेव करने लगे. वो अपनी शेव मुझे करने को बोले, तो मैने माना कर दिया.

तब वो बोले: यही पास बैठो, तुरंत कर लेता हू. फिर दोनो स्नान करेंगे साथ में.

उसके बाद शेव करके बातरूम में स्नान करने लगे. तभी उनका लंड फिरसे खड़ा हो गया तो बोले-

टीचर: बस चूस लो थोड़ी देर.

मैं बोली: नही. लेकिन फिर मैं मान गयी.

और फिर मैं लंड का पानी पी गयी. उसके बाद नहा कर आने पे वो बोले-

टीचर: तुम्हे मैं कपड़े पहनना चाहता हू. पहले मुझे पहनने दो फिर.

मैं फिर रुकी रही. फिर वो मुझे को एक बच्ची के तरह कपड़े पहनाए, और फिर मैने बाल सही किए और चली गयी. नेक्स्ट दे आई, तो मैने बस 2 ऑप्षन्स चुनी.

ऑप्षन्स चुनते ही मुझे नंगी करके मेरा पूरा मज़ा लिया. ऐसे 3-4 दिन ही हुआ था, की सिर की एक गफ़ सलोनी आ गयी, जो मेरे ही घर में किराए पे रहती है. मैं नही जानती थी वो सिर की गफ़ थी. पर उसकी मेरी मम्मी के साथ अची बनती थी. तो जब वो गाते नॉक की, तो मैं कपड़ा लेकर दूसरे रूम में च्छूप कर चली गयी, और कपड़े पहनने लगी.

पर मुझसे एक भूल हो गयी की मेरी ब्रा वही डेस्क पे छूट गयी, और ब्रा के बिना त-शर्ट पहन नही सकती थी. क्यूंकी अगर पहन कर बाहर गयी तो सब की नज़र मुझपे ही होती, क्यूंकी त-शर्ट बहुत लाइट थी.

सलोनी आते ही सिर को बिना कपड़ों में देख कर बोली-

सलोनी: क्या कर रहे हो?

उसके बाद मेरी ब्रा देख कर वो और गुस्सा हो गयी. उसके बाद वो मुझे खोजने लगी क्यूंकी मेरी मम्मी मेरे घर की चाबी उसके थ्रू मुझे देने को बोले थे. मैं आई तो मुझे देख कर बोली-

सलोनी: क्या है ये सब? यही करने आती हो य आहा?

मेरे बूब्स क्लियर दिख रहे थे त-शर्ट के उपर से.

वो बोली: इसको पहन लो.

फिर मैने वही अपनी त-शर्ट निकाल दी, और ब्रा पहनने लगी. तभी सिर ने सलोनी के लिप्स पे किस कर लिया, और मेरे बूब्स पकड़ लिए, और बोले-

टीचर: आज तुम दोनो के साथ मैं मज़ा लूँगा.

और ये बोलते ही वो सलोनी के बूब्स दबाने लगे. सलोनी भी रेडी हो गयी. फिर सलोनी मेरे पास आई, और मेरे बूब्स चूसने लगी. मैं हड़बड़ा गयी और सोचने लगी ये लड़की हो कर क्यूँ चूस रही थी. पर मैं कुछ नही बोली. उसके बाद मैं चुप ही थी. तभी सिर उसके पीछे आ गये, और मेरी एक चूची चूसने लगे.

वो बोले: तुम्हारी चूची तो बहुत ज़्यादा मस्त है.

फिर सलोनी जो की कुरती और लेगैंग्स पहन कर आई थी, उसकी कुरती सिर ने निकाल दी. उसके बाद उसकी लेगैंग्स भी निकाल दी और फिर पनटी निकली. फिर उसके बाद सिर उसकी छूट चाटने लगे, और मैं वही बैठी थी तो सलोनी मेरी चूची दबा और चूस रही थी.

तभी सिर ने उसकी चूची पकड़ी, और छूट में लंड पेल दिया, और छोड़ने लगे. बहुत देर तक वो उसको छोड़ते रहे. उसके बाद वो मेरी छूट चाटने लगे. मुझे कुछ अलग तरह का फील होने लगा और फिर मेरा पानी निकल गया.

फिर सिर उसकी गांद में भी लंड डाल दिए और मज़े से छोड़ने लगे. तब तक वो मेरी दोनो चूचियाँ और छूट को बहुत आचे से चूस रही थी, जैसे कोई लड़का चूस्टा है. फिर मैं भी उसकी चूची दबाने और चूसने लगी. उसकी चूचियाँ मेरे से छ्होटी थी. उसकी शेप 32-30-34 थी.

मैं काफ़ी चूस्टी रही. तभी मेरे गांद में कोई चीज़ फील हुई, और वो सिर का मोटा लंड था, जो मेरी गांद में आधा घुस गया था. अब मैं दर्द से कराह रही थी तो सलोनी अपनी चूची मेरे मूह में पीला रही थी.

उसके बाद सिर मेरी गांद में ही अपना पानी निकाल दिए, और तभी सलोनी अपना मूह मेरी गांद पे लगा कर माल चाटने लगी.

फिर वो बोली: तुम्हारा इतना मस्त बदन है, की अगर मैं लड़का होती, तो तुझे तो रोज़ छोड़ती.

उसके बाद हम सब साथ में स्नान किए. मेरी गांद में दर्द होने लगा था, तो मैं कपड़े पहन कर चली गयी. फिर रात को सलोनी मेरे घर आई, और मम्मी से बोली-

सलोनी: आंटी आज इसको मेरे साथ सोने के लिए भेज दो ना.

मा बोली: खुद ही बोल लो.

तो वो मेरे रूम में आई, और मेरी चूची पे हाथ फेरते हुए बोली-

सलोनी: दर्द तो नही है?

मैं बोली: नही.

तो वो बोली: चलो ना मेरे साथ. मैं बोली: ठीक है, खाना खा कर आती हू.

फिर रात को हम दोनो नंगे थे, और एक दूसरे को पूरा चूज़. उसके बाद हम चिपक के सो गये. फिर नेक्स्ट दे मैं और सलोनी दोनो ने सिर के पास जेया कर सेक्स किया, और मैने सब पिक्स डेलीट करवा ली.

फिर कभी-कभी वो मुझे अपने ब्फ से भी चुडवाई, तो मैं भी उसको अपने 2-3 फ्रेंड्स से चुडवाई. अब उसकी मुंबई में जॉब लग गयी थी. और टीचर और मेरे बीच आब कोई बात नही होती. पर कभी भी सिर मेरे घर आते, तो मेरे चूचियाँ बिना दबाए जाते नही थे.

आब आप बताओ आपको कैसी लगी कहानी? ये पूरी कहानी सही है, बस नेम्स चेंज है.

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