टीचर ने स्टूडेंट की गांद चुदाई की

ही दोस्तों, मैं रोहित आ गया हू आपके लिए कहानी का 2न्ड पार्ट लेकर. लास्ट पार्ट में पढ़ा की कैसे सिर ने लंड चुस्वाया, और अपने घर ले जेया कर मुझे सारी पहनाई. अब आयेज-

सिर ने मुझे सारी पहनाई, और उपर से गले में मंगलसूत्रा, कान में बालियां, पैरों में पायल, और तोड़ा सा मेकप किया. फिर उसके बाद मुझे अपने बेडरूम में उठा कर ले गये, और बेड पर बैठा दिया, और बाहर चले गये.

5 मिनिट्स बाद वापस आए, तो उनके हाथ में एक दारू की बॉटल और ग्लास थे. सिर ने वो टेबल पर रखे, और मेरे पास आए. फिर मेरे सिर से पल्लू हटाया, और मेरी आखों में देखने लगे. मैं तो जैसे खो गयी थी. मुझे पता ही नही चला कब हमारे लिप्स एक-दूसरे से मिल गये, और हम डीप लीप किस्सस में खो गये.

10 मिनिट बाद सिर ने किस्सिंग तोड़ी, और मेरे माथे पे, नेक पर, गालों पर, चूमने लगे. मेरे मूह से ह उम्म्म श सिर, ऐसी सिसकारियाँ निकालने लगी. फिर सिर मुझे किस्सस करते-करते मेरा पल्लू साइड किए, और मेरे कंधो पर चूमते-चूमते पता नही कब मेरा ब्लाउस खोल दिया.

मेरे मूह से ह आह ऐसी सिसकारियाँ निकल रही थी. तभी सिर ने मेरे निपल चूसने चालू किए, और मैं पागल हो गयी. मैं उम्म उम्म कर रही थी.

तभी सिर बोले: मेरे लिए पेग बना दो.

तो मैने वैसे ही निपल चुस्वते हुए बॉटल से थोड़ी वाइन ग्लास में डाली, और सिर को दी. सिर ने मुझे लिटाया, और मेरे उपर वो वाइन डालने लगे. मुझे अलग फील हो रहा था. मान बस ह उम्म्म्म कर रही थी.

सिर मेरे निपल्स पर दारू डाल-डाल कर चाट रहे थे, चूस रहे थे, काट रहे थे. मेरे दोनो निपल्स लाल कर दिए थे सिर ने, और तभी सिर तोड़ा नीचे खिसकते-खिसकते कमर तक पहुँच गये. फिर वो मेरी सारी खोलने लगे.

मैं बस नशे में मस्त हो रही थी, और उम्म्म्म आह आउच ऐसी सिसकारियाँ ले रही थी. सिर मेरे बॉडी के हर पार्ट को चूम रहे थे, काट रहे थे. फिर अचानक सिर ने मुझे बेड पर उल्टा लिटा दिया, और बॅक पर किस करने लगे. उसके बाद नीचे जाने लगे, और एक-दूं से मेरे गांद पर ज़ोर से काट लिया.

मैं चिल्लाई: आउच! जी आराम से करिए ना, पूरी रात है हमारी.

बुत सिर सुनने का नाम नही ले रहे थे. वो मेरी गांद में बस अपनी टंग घुमाते जेया रहे थे. मेरी गांद चाट रहे थे. मैं जैसे पागल हो रही थी, जैसे कोई मेरी छूट चाट रहा हो. ऐसा मेरे साथ पहली बार हो रहा था, क्यूंकी किरायेदारों ने तो मुझे ऐसे कुछ नही किया था, बस बेरेहमी से छोड़ा था.

सिर का प्यार पा कर मैं बहुत सुखी हो गयी थी, की अचानक सिर ने मुझे उठाया, और अपने उपर 69 की पोज़िशन में लिटाया. मैं सिर का लंड चूस रही थी, और तभी सिर ने लंड पर बूँद-बूँद वाइन डालना चालू किया. मैं वैसे ही सिर का लंड चूस्टी रही.

आज उसका टेस्ट बहुत अलग था वाइन की वजह से. लेकिन मैं पुर मॅन से अपने पति का लंड चूस रही थी. फिर सिर ने वैसे ही मुझे घोड़ी बनाया बेड पर, और मेरी गांद फिर थोड़ी सी छाती. मैं बोलने वाली थी सिर को, की तभी अचानक सिर ने अपना लंड मेरी गांद में पेल दिया. 1 साल से चूड़ी नही थी मैं, और गांद टाइट थी, तो दर्द हुआ.

मैं चिल्लाई: आह उफफफफ्फ़ जी छ्चोढिए मुझे, मम्मी!

बुत सिर नही माने, और मुझे छोड़ने लगे.

मैं बहुत रोई: प्लीज़ जी, आराम से कीजिए. पत्नी हू मैं आपकी, रांड़ नही.

लेकिन सिर को नशा चढ़ा हुआ था. सिर सुनने को राज़ी नही थे. वो बस ज़ोर-ज़ोर से घोड़ी बना कर छोड़ रहे थे, और पीछे से मुझे काट रहे थे, नोच रहे थे. मैं बसस्स अहह जी आहह उफफफफफफ्फ़ आराम से ना ह आ ऐसे चिल्ला रही थी. बुत सिर नही रुके.

उसके बाद उन्होने मुझे गोदी में बिताया, और उठा-उठा कर छोड़ने लगे. मैं बस मस्ती में ह उफफफफ्फ़ जी आराम से ना आअहह बेबी ऐसे कर रही थी, और सिर कम से कम 1 घंटे बाद मेरे गांद में फ्री हुए. उसके बाद मैं बहुत तक गयी थी, इसलिए बातरूम जेया कर नहाई, और सिर वही बेड पर सोए थे.

मैं फ्रेश हो कर ऐसे ही घर की गॅलरी में खड़ी थी. बस ब्रा पनटी के उपर मॅक्सी डाल कर, की तभी सिर पीछे से आए, और मुझे अपनी बाहों में भर लिया, और नेक पर किस करने लगे.

मैने कहा: प्लीज़ जी, अभी बस तक गयी हू. इतने दीनो बाद किया है.

बुत सिर सुन नही रहे थे. वो बस मेरे बूब्स पीछे से दबाते हुए मेरी नेक पर यहा-वाहा किस कर रहे थे. पहले ही बॉडी पर बहुत दांतो के निशान थे. बुत सिर मानने को तैयार नही थे, और सिर ने अचानक मेरी मॅक्सी पीछे से उठाई और मैं कुछ बोल पाती तब तक सिर मेरे अंदर लंड घुसा चुके थे.

मैं अचानक से चिल्लाई ह आहह, और सिर बस मुझे छोड़े जेया रहे थे.

मैं सिर को रिक्वेस्ट कर रही थी: प्लीज़ अंदर चलते है, कोई देख लेगा.

बुत सिर मेरे मूह पर हाथ रख के झुका दिए, और बस अपनी ताल में लगे रहे. मेरे मूह से आवाज़ भी नही निकल पा रही थी. मैं अम्म्म्म अम्म्म उम्म्म्म करती रही, बुत सिर मुझे बेरेहमी से बूब्स दबाते हुए छोड़े जेया रहे थे, और बाहर की ठंडी की वजह से कुछ अलग ही मौसम हो रहा था.

मैं मज़े में अहह आह बेबी आराम से ह उम्म्म उफफफ्फ़ जी किए जेया रही थी. सिर अपनी मस्ती में बस मुझे छोड़े जेया रहे थे. फिर सिर ने मुझे वही गॅलरी में सीधा खड़ा किया, और गॅलरी के उपर बिताया, और सामने से छोड़ने लगे. मैं पागल हुए जेया रही थी.

सिर ने उस रात मुझे 3 घंटे बहुत छोड़ा. दारू के नशे की वजह से सिर का पानी जल्दी गिर भी नही रहा था, और सिर ने मुझे गॅलरी में अपना पानी पिलाया. फिर हम वही गॅलरी में एक-दूसरे को लिपट के सो गये. सुबा जब उठी तो 6 बजे थे, और मैं नंगी ही सिर से लिपटी थी. अछा हुआ कोई देखा नही. मैने झट से सिर को उठाया, और अंदर आ गये. उसके आगे क्या हुआ, वो नेक्स्ट पार्ट में बताती हू.

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