टीचर ने सील तोड़ कर स्टूडेंट को रंडी बनाया

ही दोस्तों, आशा करता हू आपको पहला पार्ट पसंद आया होगा. आपका ज़्यादा टाइम ना लेते हुए सीधा स्टोरी पर आता हू. जैसे की आप जानते है मैने अनु को वीडियो दिखा कर सिड्यूस किया, और बस उसे छोड़ने ही वाला था, की तभी उसकी मम्मी ने आवाज़ लगा दी, और वो भाग कर चली गयी. अब आयेज-

तो अनु के जाने के बाद मेरा लंड अब तक खड़ा ही था. अनु पूरा गरम करके मुझे छ्चोढ़ कर भाग गयी थी. मैं भी बातरूम में गया, और अनु के नाम की मूठ मार कर अपने लंड को शांत किया. पर अब बस यही सोच रहा था, की कब अनु की छूट मिलेगी, और मैं अपने लंड की प्यास बूझौँगा. पर शायद मेरे लंड के नसीब में इंतेज़ार ही था.

दूसरे दिन मैं अनु का इंतेज़ार करता रहा. बुत वो नही आई. मुझे लगा उसे कुछ बुरा तो नही लग गया. तब मैं उपर टेरेस पर गया, वही 2 रूम में वो लोग किराए से रहते थे. मैने अनु को देखा तो वो नज़र नही आई. फिर मैने उसकी मम्मी से पूछा-

मैं: अनु कहा है? आज पढ़ने भी नही आई?

तब उसकी मम्मी ने बताया: उसके पापा के ऑफीस वालो ने सब के फॅमिली मेंबर्ज़ का कोविद टेस्ट करने का बोला है. तो वो पापा के साथ गयी है.

मैने तोड़ा रिलॅक्स फील किया की चलो उसे बुरा तो नही लगा, ये अछा है. फिर मैं वापस अपने रूम में आ गया, और नेक्स्ट दे का वेट करने लगा. रात को मैने खाना खाया, और लेता था, तभी मेरे मोबाइल पर कॉल आया. मैने हेलो बोला तो उधर से अनु ने हेलो कहा. मैं खुश हो गया. उसने अपने पापा के नंबर से कॉल किया था. फिर हमारी बात स्टार्ट हुई.

मैं: तुम कहा हो?

अनु: टेरेस पर हू, चुपके से पापा का मोबाइल लिया है.

मैं: मैने बहुत मिस किया यार तुम्हे.

अनु: मैने भी.

मैं: मुझे, या कल जो हुआ उसे?

अनु: आपको.

मैं: कल आओगी ना?

अनु: कल रिपोर्ट आने वाली है. अगर सब ठीक रहा तो अवँगी. वरना 14 डेज़ घर से निकल नही पौँगी.

मैं: ऐसा मत बोलो. मैं तड़प रहा हू.

अनु: ऐसा मत बोलो, मुझे शरम आती है

मैं: मैं अभी अओ क्या टेरेस पर?

अनु: नही-नही सब है. चलो बाइ मैं आती हू कल.

मैं: ओक.

उसने फोन काट दिया. मैं दूसरे दिन के इंतेज़ार में सो गया. सुबा उठा तो बस मेरे दिमाग़ में अनु का ही ख़याल आ रहा था. ऐसे ही दोपहर हो गयी, और मैं उसकी वेट कर रहा था. तभी उसने दरवाज़ा खटखटाया.

मैने जैसे ही उसे देखा, तुरंत उसे पकड़ कर अपनी और खींच लिया, और उसे किस करने लगा. उसने मुझे रोका, बुत मैं नही रुका. तो उसने मुझे अपने से अलग किया और बोली-

अनु: मेरी बात तो सुनो.

मैने कहा: बोलो.

अनु: देखो पापा घर में नही है, और मम्मी भी अभी सोई है, तो मैं 2 अवर के लिए आपके साथ ही हू. तो इतनी गड़बड़ करने की ज़रूरत नही है. और एक बात, प्लीज़ वो सब मुझे नही करना.

मैं: वो सब मतलब?

अनु: मेरा मतलब है सेक्स.

मैं: ओक, पर उपर-उपर से तो कर सकता हू ना?

अनु: ह्म, ओक.

उसने जैसे ओक कहा, मैं उस पर टूट पड़ा, और उसे बेड पर लिटा दिया, और उसके लिप्स पर किस करने लगा. वो भी पूरा साथ दे रही थी. फिर मैं धीरे-धीरे नीचे आया. उस दिन उसने एक ब्लॅक टॉप और लेगैंग्स पहनी हुई थी. मैने उसका टॉप उपर किया, तो वो रोकने लगी और बोली-

अनु: उपर-उपर से ही करो ना, मुझे शरम आती है.

मैं कहा: उपर का निकालने दो.

बस इतना कह कर मैं उसके पेट पर किस करता हुआ उसका टॉप उतारने लगा. उसने आँखें बंद कर ली, और आह आह की सिसकारियाँ निकालने लगी. मैने उसका टॉप निकाल कर फेंक दिया, और ब्रा के उपर से उसके बूब्स दबाने लगा. वो झटपटा रही थी.

मैं उसके बूब्स मसल रहा था, और वो ह आहह कर रही थी. अब मैने उसे किस करते हुए ब्रा के अंदर हाथ डाल दिया. वो कुछ नही बोली. फिर मैं उसके गर्दन पर किस करते हुए नीचे आया. वो आह ह्म ह कर रही थी. अब मैने उसकी ब्रा उतार दी, और उसके निपल्स को चूसने लगा. उसकी साँसे तेज़ हो गयी ह उहह आ.

मैं मज़े से चूस रहा था, और वो धीरे-धीरे आहह कर रही थी. वो अब पूरी तरह गरम हो गयी थी. मैने उसका हाथ अपने लंड पर रखा.

उसने कहा: इतना बड़ा!

मैने झट से अपना अंडरवेर उतार दिया. मेरा 7 इंच का लंड उसके सामने आ गया. उसने आँखें बंद कर ली.

मैने कहा: 2 दिन से ये तुम्हारे लिए तड़प रहा है. आज इसकी प्यास बुझा दो. वो शर्मा गयी.

फिर मैने उसका हाथ अपने लंड पर रखा, और वो सहलाने लगी.

मैने उसे कहा: चूसो इसे, अपने मूह में लेलो.

उसने माना कर दिया. तब मैने वापस उसके बूब्स को चूसना स्टार्ट कर दिया. वो ह आह उफफफ्फ़ आह प्लीज़ धीरे करो ह करने लगी. मैं बूब्स चूस्टे हुए उसकी छूट पर हाथ फेरने लगा. उसने कुछ नही बोला. वो भी पूरी गरम हो गयी थी. मैने मौके का फ़ायदा उठाया, और उसकी पनटी पकड़ कर लेगैंग्स नीचे खीच ली.

उसने रोका: नही प्लीज़, उतरो मत.

बुत तब तक मैने उतार दी. उसने अपना फेस हाथ से च्छूपा लिया, क्यूंकी वो मेरे सामने पूरी नंगी थी. मैने भी इसका फ़ायदा उठाया, और उसकी छूट चाटने लगा. वो मुझे रोकने लगी, लेकिन थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा.

क्या बतौ यार मेरे सामने एक कुवारि छूट थी. हल्के-हल्के बाल वाली वर्जिन छूट. और मैं उसे चाट रहा था. अब मैने देर ना करते हुए अपना लंड उसकी छूट पर सेट किया, और धक्का दिया. पर लंड स्लिप हो गया. उसकी छूट बहुत टाइट थी. वो मुझे रोकने लगी-

अनु: नही प्लीज़ मत करो. ये बहुत बड़ा है. मुझे बहुत दर्द होगा.

मैने उसे चुप कराया और कहा: नही होता, दर्द बस तोड़ा सा होगा. बाद में बस मज़ा ही मज़ा है.

इतना बोलते हुए मैने दोबारा लंड सेट किया, और उसके होंठो को अपने होंठो से पॅक कर दिया, और एक झटका मारा. मेरे लंड का टोपा अंदर चला गया, और वो चीखने लगी. पर मैने उसके होंठो तो पकड़ लिया, और फिर एक झटका मारा. मेरा आधा लंड अंदर चला गया. वो झटपटाने लगी, और आँखों से आँसू आ गये.

मैने उसको नज़र अंदाज़ किया, और धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा. जब वो तोड़ा शांत हुई, तो मैने एक ज़ोरदार झटका दिया, और पूरा लंड अंदर चला गया. वो चीख भी नही पा रही थी, बस आँखों से आँसू आ रहे थे. और मैं उसे छोड़ रहा था.

करीब 5 मिनिट बाद जब वो नॉर्मल हुई, तो मैने उसके लिप्स को छ्चोढ़ दिए, और लंड धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा.

अनु: आहह आहह मॅर गयी अहह रूको प्लीज़.

करीब 10 मिनिट की चुदाई के बाद अब उसे भी मज़ा आने लगा, और अब वो भी गांद उठा-उठा कर चुड रही थी, और अहह अहह अहह उहह आहह ह्म्‍म्म्म अहह करने लगी. ऐसे ही मैं 25 मिनिट तक उसे छोड़ते रहा. वो 2 बार झाड़ चुकी थी. अब मैं भी झड़ने वाला था, तो मैने अपने लंड बाहर निकाला, और उसके मूह में दे दिया.

उसने भी मूह में ले लिया, और फिर मैने थोड़ी देर उसके मूह में झटके मारे. अपना पानी मैने उसके मूह में छोढ़ दिया, और उसने पूरा पानी पी लिया. फिर मैं उसके उपर लेट गया. जब मैं बेड से उठा, तो देखा की बेड पर पूरा खून था. वो देख कर दर गयी.

फिर मैने उसे शांत किया, और बताया की पहली बार में ऐसा होता ही है. फिर हमने बेड सॉफ किया, और फिर बातरूम में नहाने चले गये. नहाते वक़्त फिर मैने उसे जाम कर छोड़ा, और उसके बाद 1 साल तक दोपहर में जब भी मौका मिलता, हम चुदाई करते.

मैने उसे अपनी रंडी बना लिया था. फिर उसका कॉलेज स्टार्ट हो गया, और मेरा ऑफीस भी. तो मैं बाहर चला गया. बुत आज भी जब मैं घर जाता हू, और हमे मौका मिलता है, तो हम खूब चुदाई करते है.

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