तैयारी मा और बेटे की शादी की

हेलो दोस्तों, मैं सोनू एक बार फिरसे अपनी कहानी का अगला पार्ट लेकर हाज़िर हू. आशा करता हू आप सब ठीक होंगे. आपने इसका पिछला पार्ट ज़रूर पढ़ा होगा. अगर नही पढ़ा है तो पढ़ ले. तभी आपको ये वाला पार्ट समझ आएगा.

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मैं और मम्मी नहाते हुए चुदाई करते है. फिर नाश्ता करके कार में शादी की शॉपिंग के लिए निकल जाते है. तभी मम्मी बोलती है. अब आयेज-

मम्मी: अछा तेरे को एक बात बतौ? तू बुरा मत मानना.

सोनू: हा बताओ.

मम्मी: मैं जब तैयार हो कर बाहर निकलती हू, तब मेरे को बहुत सारे मर्द घूरते है. काई बार तो वो लोग चुप-छाप मेरे चूतड़ को मसल देते है, या फिर दूध दबा देते है, या फिर पेट को मसल देते है.

सोनू: तो आप उनको कुछ बोलती हो?

मम्मी: नही बोलती हू, क्यूंकी जब मेरे को कोई घूरता है, या मेरे बदन को चू देता है, तो मेरे को बहुत मज़ा आता है. इसलिए मैं किसी को कुछ नही बोलती, चुप-छाप इग्नोर करते हुए एंजाय करती हू.

सोनू: तब तो आप किसी से भी चुड लेती होंगी मम्मी.

मम्मी: बिल्कुल नही, मैं अपनी छूट का दरवाज़ा हर किसी के लिए नही खोलती हू. मैं किसी भी अंजन से थोड़ी ना चुड लूँगी. बस मेरे को कोई छूटा है तो मेरे को अछा लगता है.

सोनू: वाह मम्मी, आप भी कम नही हो. मज़े लेने का मौका नही छ्चोढती हो.

मम्मी: अब तोड़ा मज़ा तो बनता है ना बेटा.

सोनू: बहुत बड़ी वाली रंडी हो आप.

मम्मी: अभी तू मेरा रंडी-पाना देखा नही. मैं हमारी सुहग्रात में तेरे को अपना रंडी-पाना दिखौँगी.

सोनू: अभी तक क्यूँ नही दिखाई?

मम्मी: क्यूंकी मैं तेरे को ये सुहग्रात में दिखना चाहती हू. मेरा रंडी-पाना देख के तू खुश हो जाएगा देखना. बस तोड़ा इंतेज़ार कर ले.

सोनू: मेरी जान, अब तो मेरे से और वेट नही हो रहा है.

मम्मी: सबर का फल मीठा होता है.

फिर कुछ देर में हम लोग माल पहुँच जाते है. माल में एक शॉप होती है, जहा सिर्फ़ दूल्हा-दुल्हन के ही कपड़े मिलते है.

सोनू: मम्मी वाहा चलते है. वाहा सिर्फ़ दूल्हा-दुल्हन के ही कपड़े मिलते है

मम्मी: हा ठीक है चल.

फिर हम लोग उसी शॉप में जाते है. वाहा मैं मम्मी के लिए दुल्हन वाला लहंगा-चोली दिखाने बोलता हू. फिर हम लोग बहुत सारे लहँगे चोली देखते है, पर मेरे को पसंद नही आता है. तब मैं शॉपकीपर को धीरे से बोलता हू-

सोनू: आप ऐसा लहंगा-चोली दिखाओ, जिसमे मेरी वाइफ की पीठ पूरी नंगी रहे, और बूब्स ज़्यादा बाहर दिखे.

मेरी बात सुन कर शॉपकीपर थोड़ी शर्मा गयी, और ठीक है बोल कर चली गयी. थोड़ी देर में शॉपकीपर वापस आई, और जैसा मैने बोला था, वैसे ही वाला लहंगा चोली लेकर आई. मैं उस शॉपकीपर के सामने मम्मी की कमर को मसालने लगा. शॉपकीपर देखी, और शर्मा कर हल्की-हल्की मुस्कुराने लगी. मैं बोला-

सोनू: स्वीटहार्ट, ये ट्राइ करके देखो.

मम्मी वो लहंगा-चोली देखते ही समझ गयी की ये मेरी चाल थी. वो मेरी तरफ शर्मा के मुस्कुराइ, और बोली-

मम्मी: ठीक है जी आप जैसा बोलो.

फिर मम्मी चेंजिंग रूम चली गयी. मैं वही खड़ा रहा, तभी शॉपकीपर बोली-

शॉपकीपर: सिर आप लोग लोवे मॅरेज कर रहे है क्या?

सोनू: हा बिल्कुल.

शॉपकीपर: सिर आपकी वाइफ बहुत खूबसूरत है. और आप जो लहंगा चोली मेडम के लिए पसंद किए, उसमे तो मेडम ज़हर लगेंगी.

सोनू: हा वो तो है.

फिर तभी मम्मी आ जाती है. मैं बोलता हू-

सोनू: कैसा लगा स्वीटहार्ट?

मम्मी: बहुत अछा है, फिटिंग भी एक-दूं पर्फेक्ट है.

सोनू: हा चलो अछा है.

मम्मी: आप अपने लिए कुछ नही लोगे?

सोनू: हा लूँगा ना.

फिर मैं अपने लिए एक शेरवानी लेता हू. फिर हम लोग कपड़े पॅक करवा कर वाहा से निकल जाते है, और माल में घूमने लगते है. तभी मेरे को लॅडीस अंडरगार्मेंट्स की शॉप दिखती है. मैं बोला-

सोनू: मम्मी चलो आपके लिए कुछ सेक्सी वाली चड्डी ब्रा लेते है.

मम्मी: हा ऐसे भी मेरे को सुहग्रात के लिए चड्डी लेनी थी.

फिर मैं और मम्मी उस शॉप में जाते है. मम्मी धीरे से बोलती है-

मम्मी: बेटा सुन, मैं सुहग्रात के लिए पनटी ले रही हू. उसको तू प्लीज़ अभी मत देखना, क्यूंकी वो तेरे लिए सर्प्राइज़ है. बाकी तू मेरे लिए दूसरी ब्रा पनटी खरीद ले.

सोनू: ठीक है मम्मी.

फिर मम्मी अलग से उस शॉप की शॉपकीपर से बात करके अपने लिए चड्डी ब्रा देखने लग जाती है. और मैं उसी शॉप की दूसरी शॉपकीपर को मम्मी की तरफ इशारा के बोलता हू.

सोनू: सुनो उसको देख रही हो, वो मेरी वाइफ है. उसके लिए एक-दूं सेक्सी वाली ब्रा पनटी और लाइनाये दिखाओ.

शॉपकीपर मम्मी को उपर से नीचे तक देखती है, और कुछ चड्डी ब्रा और लाइनाये दिखती है.

शॉपकीपर: ये देखिए सिर, इन सभी में आपकी वाइफ बहुत सेक्सी लगेगी.

फिर मैं देखता हू ब्रा एक-दूं छ्होटी वाली रहती है, जिसमे सिर्फ़ मम्मी के निपल्स ही धकेंगे, और इसमे तो मम्मी भी ज़्यादा सेक्सी लगेंगी. फिर चड्डी देखता हू. चड्डी भी छ्होटी वाली रहती है, जिसमे सिर्फ़ मम्मी की छूट का च्चेड़ धकेगा, और चूतड़ पुर दिखाई देंगे. इसमे भी मम्मी बहुत सेक्सी लगेगी. मैं कुछ ब्रा चड्डी सेलेक्ट करके शॉपकीपर को पॅक करने के लिए दे देता हू.

फिर मैं लाइनाये देखता हू. लाइनाये पूरी जाली-दार रहती है, और डीप नेक रहती है. लाइनाये की लंबाई इतनी रहती है, की वो छूट से थोड़ी, से और नीचे तो आएगी. फिर मैं कुछ लाइनाये सेलेक्ट करके उसको भी पॅक करने के लिए दे देता हू. शॉपकीपर बोलती है.

शॉपकीपर: सिर आपकी वाइफ बहुत सेक्सी है, और इन ब्रा पनटी और लाइनाये में तो और भी ज़्यादा सेक्सी लगेंगी.

सोनू: इसीलिए तो ले रहा हू.

शॉपकीपर: जी सिर.

फिर मम्मी भी आ जाती है. मैं बोला-

सोनू: स्वीटहार्ट तुमको जो लेना था ले लिया?

मम्मी: जी ले लिया. वैसे आप भी मेरे लिए कुछ लेने वाले थे, लिए क्या?

सोनू: हा ले लिया हू. देखो मैं शॉपकीपर को बोलता हू दिखाने के लिए.

शॉपकीपर मम्मी को मेरी ली हुई चड्डी ब्रा लाइनाये दिखती है. मम्मी शर्मा जाती है. मैं मम्मी को शॉपकीपर के सामने च्चेड़ने लगता हू.

सोनू: कैसा लगा स्वीटहार्ट?

मम्मी शरमाते हुए: अछा है.

सोनू: तुम इसमे बहुत सेक्सी लगोगी. रात में तुम यही पहनना.

मम्मी और ज़्यादा शर्मा जाती है. हम लोग पूरा समान पॅक करवा के बिल देते है, और निकल जाते है. फिर हम लोग माल में ही एक गोल्ड की शॉप से मंगलसूत्रा और मम्मी के लिए कुछ गहने लेते है. फिर माल में तोड़ा और घूमते है. मैं मम्मी की कमर को कस्स के पकड़ के घूमता रहता हू. सब को ऐसा लगता है जैसा हम कपल हो. थोड़ी देर बाद मैं बोला-

सोनू: मम्मी खाना खाने का टाइम हो गया है. क्यूँ ना आज हम लोग बाहर ही खाना खा ले?

मम्मी: सही बोल रहा है बेटा. चल किसी आचे से होटेल में खाना खाते है.

हम लोग माल से निकल जाते है, और आचे से होटेल में जाके खाना खाते है. खाना खाने के बाद हम लोग घर आ जाते है और आके सो जाते है. फिर शाम को हम उठते है, छाई पीते है. फिर मम्मी खाना बनती है और मैं अपने दोस्त के साथ तोड़ा घूमने निकल जाता हू.

उसके कुछ घंटे बाद घर आके खाना-वाना खा के रूम में चला जाता हू. कुछ देर बाद मम्मी किचन का काम ख़तम करके आती है, और मम्मी मेरे को बिस्तर में लिटा के सीधा मेरे होंठो को चूमती है. मैं तुरंत मम्मी को रोक देता हू, और बोलता हू-

सोनू: आज हम लोग चुदाई नही करेंगे. कल सुहग्रात में करेंगे.

मेरी बात सुन के मम्मी खुश हो जाती है, और मेरे से लिपट के बोलती है-

मम्मी: कल बहुत मज़ा आएगा. कल का मेरे को बेसब्री से इंतेज़ार है.

सोनू: मेरे को भी है.

फिर हम लोग एक-दूसरे से लिपटे हुए सो जाते है. अगले दिन सुबा मैं उठता हू, तो मम्मी मेरे से पहले उठ के नाश्ता बनती रहती है. मैं भी नहा धो के नाश्ता करता हू. नास्था करने के बाद मैं बोलता हू-

सोनू: मम्मी मैं आता हू.

मम्मी: अर्रे कहा जेया रहा है? आज तो हम लोगों की शादी है.

सोनू: उसी के लिए जेया रहा हू पंडित से बात करने. और हम लोग शहर के बाहर जाके शादी करेंगे. अगर शहर में शादी करेंगे तो कही ना कही से लोगों को पता चल जाएगा.

मम्मी: हा सही बोल रहा है. हम लोगों को ऐसी जगह चुननी पड़ेगी, जहा हमे कोई भी नही जानता हो.

सोनू: मेरे को एक जगह पता है. शहर से बाहर एक सुनसान जगह है. वाहा एक मंदिर भी है. हम लोग वही शादी करेंगे. और वाहा हम लोगों कोई भी नही जानता है.

मम्मी: ठीक है, तू वापस कब तक आएगा?

सोनू: मैं दोपहर तक आ जौंगा.

मम्मी: ठीक है, आराम से जाना.

सोनू: हा.

फिर मैं कार लेके निकल जाता हू. 2 घंटे में मैं वाहा पहुँच जाता हू. वो पूरी जगह बहुत ज़्यादा ही सुनसान रहती है. पुर रास्ते में सिर्फ़ 4-5 घर ही रहता है. मैं मंदिर के पास पहुँच के कार रोकता हू. तो देखता हू मंदिर का पुजारी बाहर ही बैठा रहता है. मैं बोलता हू-

सोनू: नमस्ते पंडित जी.

पंडित: नमस्ते बेटा. बोलो क्या काम है?

फिर मैं पंडित को शादी के बारे में बताता हू. लेकिन मैं पंडित को ये नही बताता हू, की मैं अपनी सौतेली मा से शादी कर रहा हू. मैं पंडित को ये बताता हू की मैं एक लड़की से प्यार करता हू, और हमारे घर वाले हमारी शादी के खिलाफ है, इसलिए हम लोग भाग के शादी कर रहे है. पंडित बोलता है-

पंडित: ठीक है, आज शाम को 7 बजे का मुहूरत है आ जाना.

सोनू: ठीक है.

फिर मैं वाहा से निकल जाता हू, और 2 घंटे बाद घर आ जाता हू. फिर खाना खाते हुए मम्मी को सब बता देता हू. खाना खा के मैं तोड़ा आराम करता हू. फिर कुछ देर बाद मैं तैयार होने के लिए रूम में जाता हू, तो दरवाज़ा अंदर से बंद रहता है. मैं मम्मी को आवाज़ देता हू, तो मम्मी बाहर आती है.

अगले पार्ट में बतौँगा कैसे मम्मी और मेरी शादी हुई. कहानी पढ़ कर अपना फीडबॅक ज़रूर दे.

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