तगड़े लंड वाले भाई की तगड़ी चुदाई की कहानी

विजय: रूपाली आप टेन्षन क्यूँ लेते हो? आज मैं तेरी चुदाई के सारे सपने पुर कर दूँगा.

अब विजय ने रूपाली को खड़ा किया, और लीप-किस करना स्टार्ट कर दिया. 5 मिनिट तक वो दोनो एक-दूसरे के लिप्स चूस्टे रहे. विजय रूपाली के गले पर किस करते हुए उसके बूब्स के पास आ गया.

मैं ये सब बेड पर बैठ कर देख रही थी. लिव चुदाई देखने में बहुत मज़ा आता है. विजय बारी-बारी रूपाली के दोनो बूब्स आचे से चूस रहा था. रूपाली मोन कर रही थी. उसकी आवाज़ बहुत सेडक्टिव है.

फिर विजय ने रूपाली को मेरे पास लिटा दिया, और उसके पैरों के पास बैठ गया, और छूट चाटने लगा. रूपाली मेरी और देख रही थी, और मुस्कुरा रही थी. मैने भी उसको लीप-किस किया और बूब्स चूसने लगी.

रूपाली को कुछ समझ नही आया, और विजय ने एक झटके में पूरा लंड छूट में उतार दिया. उसकी आहह निकल गयी. उसने मेरे बालों को खींच लिया. विजय ऐसे झटके मार रहा था, की रूपाली के दोनो बूब्स हिल जाते थे. ऐसे ही उसकी चुदाई चलती रही.

10 मिनिट बाद विजय रूपाली की छूट फिरसे चाटने लगा, और रूपाली एक और बार झाड़ गयी. विजय ने वो चाट लिया, और मेरे पास आ कर मुझे लीप-किस किया, और मुझे भी वो टेस्ट करवाया. हम बहुत गंदा सेक्स कर रहे थे. अब विजय ने मुझे छ्चोढ़ कर रूपाली को घोड़ी बना दिया.रूपाली अपनी गांद उपर करके घोड़ी बन गयी. विजय ने पीछे से चुदाई शुरू कर दी. रूपाली झाड़ गयी थी, इसलिए जब विजय चुदाई कर रहा था, तो पूछ-पूछ की आवाज़ आ रही थी. जब ऐसे चुदाई होती है बहुत मज़ा आता है. वो साउंड हमारे सेक्स को और बेहतर बना रहा था.

मैं भी उसके पास बैठ कर अपनी छूट में उंगली कर रही थी. फिर जैसे ही रूपाली ने मुझे ऐसा करते हुए देखा, उसने मुझे उसके आयेज लेट जाने को बोला, और मैने ऐसा ही किया. फिर रूपाली ने उसके लिप्स मेरी छूट पर रख दिए.

अब नज़ारा ऐसा था की विजय पीछे से रूपाली की चुदाई कर रहा था, और आयेज से रूपाली मेरी छूट चाट रही थी. जब मैं पॉर्न में पहले ऐसी चुदाई देख रही थी, तो मुझे अजीब लगता था. पर आज मैं खुद ऐसा फील कर रही थी. बड़ा मज़ा आता है ग्रूप सेक्स में. विजय और मेरा आइ कॉंटॅक्ट बना तो दोनो एक-दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे.

विजय: दीदी आपकी देवरानी तो बड़ी सेक्सी है. उसकी चुदाई करने में बहुत मज़ा आता है. आचे से चुड़वति है.

शीला: हा मुझे भी आज ही पता चला. थॅंक्स तो योउ की मुझे और रूपाली को आचे से सॅटिस्फाइ कर रहे हो. विजय मुझसे रहा नही जाता यार, प्लीज़ कुछ करो.

अब विजय ने उसका लंड रूपाली की छूट से निकाल कर मेरी छूट में डाल दिया. फिर मेरी 15 मिनिट तक ज़बरदस्त चुदाई की. उसमे मैं एक बार झाड़ गयी. मैं बुरी तरह तक गयी थी. विजय का होने वाला था, तो उसने लंड निकाल दिया. मैं और रूपाली घुटनो के बाल बैठ गये, और विजय का लंड चूस रहे थे. 2-3 मिनिट में ही विजय झाड़ गया, और उसका स्पर्म मेरे और रूपाली के फेस और बूब्स पर गिरा.

मैने और रूपाली ने वो एक-दूसरे के बदन से चाट लिया. मैं और रूपाली एक-दूसरे को स्माइल पास करते हुए बातरूम में चले गये.

जब हम बाहर आए तो विजय उसका बॉक्सर पहन कर रेडी था. मैने और रूपाली ने हमारे सेक्सी नाइटवेर पहन लिए. हम दोनो के बीच में विजय लेट गया.

शीला: विजय सच में यार तू बहुत मज़ा देता है. तू यूके चला गया तो मैं तो तुझे बहुत मिस करने वाली हू. मेरी इतने सालों में ऐसी चुदाई नही हुई.

रूपाली: हा भाभी मेरी भी. विजय ने तो मेरी छूट को सूजा दिया है. आज पूरा दिन छोड़ा है. पर आपका भाई बहुत प्यारा है. बहुत केरिंग भी है.

शीला: हा अपनी बेहन की कितनी सेवा कर रहा है.

विजय: आप जैसी सेक्सी बेहन हो तो कोई भी भाई करेगा. वैसे मैने सोचा नही था की इंडिया आ कर मुझे ऐसे 2-2 सेक्सी लॅडीस के साथ सेक्स करने को मिलेगा.

रूपाली: यूके में किसकी चुदाई करते थे?

विजय: मैं जब सिंगल गया था, तब 3 गर्ल्स के साथ हुआ. पर जब से तेरी भाभी आई है फिर सब बंद कर दिया.

शीला: रूपाली तेरा कोई पस्त था?

रूपाली: 10त में थी तो मेरा बाय्फ्रेंड था, पर उसके साथ बस लीप-किस हुआ. और कॉलेज में थी तो बहुत से लड़कों ने प्रपोज़ किया. पर फ़ायरवेल्ल पार्टी में मुझे एक लड़का मिला जो मुझे काफ़ी अछा लगा. फिर उसने मुझे अपने साथ उसके प्ग पर मिलने को अप्रोच किया, तो मैं माना नही कर पाई. जवानी का जोश था, तो उसके साथ हो गया.

शीला: फिर क्या हुआ?

रूपाली: बस मज़ा किया और मूव ओं कर दिया ( रूपाली हासणे लगी).

उसकी बात शन कर हम दोनो भी हासणे लगे. हम बहुत तक गये थे, तो ऐसे ही बात करते-करते सो गये. मॉर्निंग 4 बजे रूपाली की आँख खुली तो उसने विजय और मुझे जगा दिया. फिर रूपाली और विजय अपने कमरो में चले गये. हम सब बच्चो के साथ दिन में देल्ही घूमते.

बच्चे भी विजय के साथ आचे से घुल-मिल गये थे. विजय के आने के बाद सब कुछ चेंज हो गया था. विजय बहुत अछा कुक था, तो वो हमे आचे डिशस बना कर खिलता था. मैं और रूपाली बच्चो के सामने बहुत ही डीसेंट रहते.

एक दिन रूपाली के बेटे ने रूपाली से पूच लिया: मम्मी आप रात को कहा चली जाती हो?

मैने बात को घुमा दिया की वो मेरे रूम में आती है, और मुझे ऑफीस का काम कंप्लीट करने में हेल्प करती है, और कभी-कभी विजय मामा भी हेल्प करने आ जाते है. अब बच्चो को यही लगता था की हम ऑफीस का कम कर रहे थे.

सच तो ये था की हम बस रात होने का इंतेज़ार करते और बच्चो के सोने के बाद मैं और मेरी देवरानी मेरे भाई के साथ चुदाई का खेल खेलती. हमने लगातार 5 रात ऐसे ही चुदाई की.

एक दिन सुभह 7 बजे डोरबेल बाजी. मैने सोचा कों होगा. फिर मैने जैसे ही डोर ओपन किया, मेरे लिए एक अनएक्सपेक्टेड चीज़ हुई. बाहर संजय (मेरे हज़्बेंड) और जिग्नेश ( मेरे देवर) खड़े थे.

शीला: आप दोनो यहा कैसे? ( फिर मैने क्वेस्चन चेंज किया) मीन्स आप आज आने वेल थे तो बोला क्यूँ नही?

संजय: मैं सर्प्राइज़ देना चाहता था. आक्चुयल में विजय आया है तो हमने कुछ सिटीस में जाना स्किप कर दिया.

जिग्नेश: वैसे भाभी कोविद अभी भी काई जगह सेन्सिटिव है. तो सेफ्टी के लिए हमने कॅन्सल किया है. भाई झूठ बोल रहे है.

संजय: अर्रे ये झूठ बोल रहा है. रूपाली को मिस कर रहा था, तो इसको आने की जल्दी थी.

शीला: हा रूपाली भी तुम्हे मिस कर रही थी, और मैं भी आपको ( मुझे ये बताते हुए हस्सी आ गयी).

मेरे हज़्बेंड और देवर को कहा पता था की उनकी बीवी या घर के ही एक लंड से रोज़ अपनी छूट मरवा रही थी. संजय और जिग्नेश के आने के बाद हमारा चुदाई का खेल ख़तम हो गया. पर विजय अभी भी 1 महीना था तो मैने एक जुगाड़ लगाया. वो मैं आपको नेक्स्ट पार्ट में बतौँगी. आपको स्टोरी अची लगे तो मुझे मूडछंगेरबोय@गमाल.कॉम पर मैल करे. और प्लीज़ कॉमेंट करके बताया करे की आपको कैसा फील होता है स्टोरी पढ़ कर. कहानी अची लगे तो अपने दोस्तों और सेक्स पार्ट्नर के साथ शेर करे.

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