सौतेली मा से नफ़रत से प्यार तक-2
दिन बा दिन हवस बढ़ती गयी. लंड अब मूठ से नही मानता था, छोड़ लेना चाहता था उसे, पर कैसे? मैने एक दिन उससे बात की- मैं – एक बात बोलू, ये घर पर आप सारी में क्यू रहती हो? सोनाली – मतलब, सारे ना पहनु तो क्या पहनु? मैं – मेरा मतलब ये की …