मैने देखा अमित पूरा नंगा था, और उसने अपना एक हाथ मेरी गांद पर रखा था. उसने अपनी एक फिंगर मेरी गांद के होल में हल्की सी घुसा रखी थी, और ऐसे ही सोया था. मैने उसको जगाया नींद से.
मैं: अर्रे अमित उठो, 10 बाज गये यार. घर वालो के भी फोन आए है. मुझे अब घर जाना है.
अमित नींद में ही मेरी गांद को दोनो हाथो से पकड़ कर अपने पास खींच लेता है. फिर मेरी गांद को अपने लंड से चिपका कर मुझे पीछे से हग कर लिया, और मेरी चेस्ट को पकड़ कर बोला-
अमित: वाउ, मुझे ऐसा फील हो रहा है जैसे मैने तेरी बेहन को नंगी करके उसकी गांद में लंड डाल कर सो रहा हू. और उसके बड़े-बड़े बूब्स को पकड़ कर नींद में ही मसल रहा हू.
मैं: अर्रे यार तुम तो मेरी बेहन के पीछे ही पड़े हो. मुझे लगता है तुम उसको कभी ना कभी ज़रूर छोड़ दोगे.
अमित: बहनचोड़, ये तो मेरा आईं है की मैं तुम दोनो बेहन भाई को अपने लंड का गुलाम बना के रखू. तुम दोनो भाई बेहन मेरे लंड को चूसो एक साथ, और एक ही बेड पर. तुम मेरा लंड पकड़ कर अपनी बेहन के मूह में डालो, और वो रंडी की तरह सकिंग करे. ऑश मेरा तो लंड फिरसे हार्ड हो गया नवी.
मैं: नही अभी मैं नही कुछ कर सकता. मेरी गांद में पाईं है, और घर भी जाना है.
फिर मैं उससे छ्छूट कर बिस्तेर से निकल गया, बुत उसने मेरी अंडरवेर और त-शर्ट अपने नीचे दबा ली और बोला-
अमित: अगर कपड़े चाहिए तो तुम्हे मेरे लंड को 5 मिनिट किस्सस और चूसना पड़ेगा.
अब मजबूरी में क्या ना करता. और वैसे भी मैं उसके लंड का दीवाना होने लगा था. बस ओन्ली पहली चुदाई के बाद पाईं थी, तो मैं उसको नो बोल रहा था. वो अपना लंड को हाथ में पकड़े अपनी लेग्स फैलाए बैठा था और बोला-
अमित: जल्दी आओ बेड पर, और मेरे लंड को अपने मूह में लेकर इसकी गर्मी शांत कर दो.
मैं: क्यूँ नही मेरे मलिक. मैं गुलाम बनते जेया रहा हू आपका.
फिर मैं डॉगी पोज़िशन में आ गया और डॉगी की तरह चल कर उसके लंड तक पहुँचा. उसके बाद उसके लंड को हाथ में लेकर हिलने लगा, और उसकी आँखों में आँखें डाल कर स्माइल करने लगा.
मेरे माइंड में भी प्लान था उसको टीज़ करने का, और अपने कपड़े लेने का. मैने उसके लंड पर थूक फेंका, और उसके लंड के सूपदे पर अपने लिप्स लगा दिए, जिससे वो आँखें बंद करके मज़ा लेने लगा. मैने उसके लंड को पूरा मूह में भर लिया और उसकी गांद के नीचे हाथ डाल कर गांद पकड़ ली.
फिर लंड के सूपदे को लिप्स में लेकर लंबी-लंबी साँस खींचने लगा, जिससे उसका जिस्म अकड़ गया और उसने अपनी गांद उपर उठा ली. फिर मैने उसके नीचे मेरे जो कपड़े पड़े थे, वो उठा लिए, और उसके लंड को अपने लिप्स में 30 सेकेंड प्रेस करके रखा. उसके बाद एक-दूं से लंड मूह से निकाल दिया, और उसको धक्का मार कर बेड से नीचे आ गया. फिर मैं बोला-
मैं: मैं जेया रहा हू अब. तू मुझे याद करके, या मेरी बेहन को याद करके मूठ मार ले (और मैं हासणे लगा).
अमित: सेयेल कुत्ते बहनचोड़, तेरी बेहन की छूट सेयेल मदारचोड़. बीच में छ्चोढ़ कर जेया रहा है, मैं तेरी गांद फाड़ दूँगा. तेरी बेहन को छोड़-छोड़ कर अपनी दीवानी ब्ना लूँगा. सेयेल भद्वे, कुत्ते, हरामी, तेरी मा की छूट में लंड सेयेल.
और मैं फिर भाग गया उधर से. बुत सच बतौ दोस्तों जो अमित ने मुझे छोड़ा था रात को, वो मैं कभी नही भूल पाया. मैं सच में दीवाना हो गया था उसके लंड का. सच में मुझे ऐसी फीलिंग आ रही थी की मैं लड़का नही एक कुवारि लड़की हू. जो अपने यार से रात भर चुड कर आई थी. नेक्स्ट नाइट को मैने अमित को याद करके मूठ भी मारी, और अपनी गांद में उंगली भी की.
फिर कुछ दिन गुज़र गये. हम सारे दोस्त रोज़ मिलते. बुत हमने उस रात के बारे में किसी को कुछ भी नही बताया. अमित सबसे आँख बचा कर मेरी गांद पे हाथ फेरता, मुझे टीज़ करता, और बोलता की-
अमित: उस दिन मेरे खड़े लंड पे डंडा मारा था तुमने. अब किसी दिन तुम्हारी तड़पति गांद को दिल भर के तडपा-तडपा कर छोड़ूँगा. यार नवी तुम्हारी बेहन मुझे बहुत हॉट आंड सेक्सी लगती है. प्लीज़ मेरी हेल्प कर ना उसको पाटने में, और उसकी छूट छोड़ने में. तेरी बेहन को सारी रात नंगी रखुगा और इतनी बार छोड़ुगा की उसकी छूट में से सारा दिन पानी निकलता रहेगा.
मैं: अमित मी डार्लिंग तुमने मेरी गांद तो फाड़ दी. अब तुम मेरी बेहन की क्यूँ फाड़ना चाहते हो?
अमित: यार नवी, एक काम करेगा मेरा? क्या तुम नेक्स्ट सनडे को मेरे साथ सिटी में जाओगे? मुझे काम भी है, और हम दूसरे दिन वापस आएगे. और क्या तुम अपनी बेहन की ब्रा और पनटी लेकर आ सकते हो?
मैं: अर्रे वाह, अब क्या मेरी बेहन की ब्रा-पनटी से फीलिंग लेनी है तुम्हे? ओक, मैं ट्राइ करूँगा अगर मिल गयी तो.
अमित (खुश होते हुए): थॅंक्स नवी. योउ अरे मी बेस्ट फ्रेंड.
मैं: हा बेस्ट फ्रेंड तो होऊँगा ही, अपनी बेहन की अंडरवेर आंड ब्रा जो लेकर अवँगा तेरे लिए.
सॅटर्डे नाइट को मैं अपनी बेहन के रूम में गया, और वाहा लॉंड्र में मेरी बेहन रीत की ब्लॅक ब्रा और पनटी पड़े थे, जो उसने आज ही उतारे थे. मैने वो चुपके से उठा लिए, और रूम में आ गया.
फिर सनडे को हम आचे से रेडी हुए, और सिटी को चले गये. सारा काम ख़तम करते-करते रात के 9 बाज गये, और तो अमित ने बोला-
अमित: मेरा एक दोस्त इधर रहता है प्ग में, तो हम वाहा चलते है, और उसको मैने बताया था की हम आएँगे.
जब हम वाहा रूम में पहुँचे तो अमित का फ्रेंड रेडी हो रहा था. उसको अपनी गफ़ के साथ कही जाना था, तो वो रेडी हो कर चला गया, जो कल सुबह वापस लौटेगा.
अमित ने मुझे देख कर स्माइल की. मैं समझ गया की आज मेरी गांद की चुदाई होगी, और अमित मेरे से उस रात का रिवेंज भी लेगा. मैं खुश भी था, और दर्र भी रहा था की आज वो मुझे बहुत तड़पने वाला था. फिर अमित ने एक ग्लास वॉटर लिया, और कामराज कॅप्सुल खा लिया और बोला-
अमित: आबे बहनचोड़ सेयेल, अपनी बेहन की ब्रा और पनटी दे मुझे.
फिर मेरे से ब्रा-पनटी लेकर उसकी खुश्बू लेने लगा, और लंड को मसालने लगा. तकरीबन 35-40 मिनिट बाद अमित मेरे पास सोफे पे आया और खड़ा रह कर बोला-
अमित: चल बे सेयेल बहनचोड़, मेरे लंड को बाहर निकाल और उसको किस्सस कर.
मैं स्माइल करते हुए नीचे घुटनो पे बैठ गया. फिर उसने मेरा फेस पकड़ कर अपने लंड के साथ लगा लिया. मैने पंत की ज़िप खोल कर पंत नीचे कर दी, तो उसका मोटा लंबा लंड फंफनता हुआ बाहर निकल कर मेरे फेस पर लग गया. अमित मेरी बेहन की पनटी को किस और स्मेल कर रहा था, और मैं अमित के लंड को पकड़ कर उपर-नीचे कर रहा था.
उसको अब वो कॅप्सुल का नशा हो गया था. उसके लंड के उपर एक छ्होटी सी पानी की ड्रॉप आई, तो मैने उस ड्रॉप को लिप्स लगा कर चूस लिया. उसके सूपदे को मैं पहले जीभ से चाटने लगा, और पूरा मूह ओपन करके उसका लंड मैं जितना हो सके अंदर लेने लगा. अमित ने मेरा फेस पकड़ा और मेरे मूह में लंड डाले हुए था. फिर वो बोला-
अमित: सेयेल गान्डू, अगर लंड एक भी बार मूह से निकला, तो तेरी गांद में पूरा का पूरा हाथ डाल दूँगा. फिर तेरी बेहन को वो तेरी गांद वाला हाथ सक कार्ओोगा.
मैने लंड को बाहर नही निकालने दिया, और अपने मूह से गरम-गरम हवा लंड के सूपदे पे मारने लगा. अमित मोनिंग करने लगा-
अमित: आह श श चूस, चूस रंडियों की तरह चूस सेयेल.
मैं साथ-साथ उसके लंड को उपर-नीचे करता, और साथ-साथ लंड को पूरा मूह के अंदर बाहर करता. फिर अमित मुझे बेड पे लिटाया, और 69 पोज़िशन में आ गये. मैं पागल कुट्टिया की तरह उसका लंड चूस रहा था, और अमित ने मेरी टांगे उठा के गांद के च्छेद को सक करना चालू किया.
वो मेरी गांद से खेल रहा था, और उसपे छानते मार रहा था. मेरी गोरी गांद उसने रेड कर दी थी, और साथ-साथ गंदी गालियाँ दे रहा था. अब मैं बहुत गरम हो गया था. मैं लंड मूह से निकाल कर बोला-
मैं: अमित प्लीज़ मेरी गांद में अब गर्मी और खुजली स्टार्ट हो गयी है. अब और बर्दाश्त नही होता. प्लीज़ मेरी गांद को छोड़ो अपने लंड से.
अमित (गुस्से में): सेयेल बहनचोड़, तेरी मा का भोंसड़ा कुत्ते, तेरी बेहन की छूट में लंड हरामी. तुमने लंड कैसे मेरे बिना बोले मूह से निकाला?
और तभी उनसे मेरे दोनो गाल पर 2 थप्पड़ लगाए. मुझे बहुत अछा लगा, और फिरसे किसी लड़की की तरह लंड चूसने लगा. अमित ने मुझे बहुत गरम कर दिया था. मैं बस अब चुदाई चाहता था. जब उसको पता चला की अब मैं और सबर नही कर सकता था, तो उसने मुझे उठा कर बेड से उतार दिया और बोला-
अमित: मुझे नही तेरी गांद छोड़नी, सेयेल भाग यहा से.
मैं टेन्षन में आ गया. फिर मैं उसके क्लोज़ गया तो उसने मुझे फिर डोर फेंक दिया. मैं तो पागल हो गया. मुझे चुदाई चाहिए थी. मैं उसकी मींते करने लगा. उसके हाथ जोड़ने लगा. वो सोफे पे बैठा था लंड को पकड़े.
मैं तड़प्ते हुए नीचे फ्लोर पे बैठ गया, और मींते करने लगा की प्लीज़ मुझे छोड़ो, प्लीज़ मेरी गांद मारो, जो तुम बोलॉगे मैं करूँगा.
अमित: भाग यहा से भोंसड़ी के, मुझे नही छोड़नी तेरी गांद.
फिर 15-20 मींते करने के बाद अमित बोला: ओक ठीक है, बुत जो मैं बोलूँगा वो तुम्हे करना पड़ेगा.
मैं: ओक-ओक मैं रेडी हू. प्लीज़ बताओ क्या करना है?
अमित: पहले ये ले, तेरी बेहन की पनटी आंड ब्रा. इसको पहन कर आ.
मैने जल्दी से अपनी बेहन की पनटी ब्रा उठाई, और वो हॉट सेक्सी पनटी पहन ली, और ब्रा भी लगा ली. ब्रा में चेस्ट में कुछ कपड़े डाल कर बूब्स भी बना लिए.
अमित: छल अब घोड़ी बन जेया, और डॉगी स्टाइल में चल कर मेरे लंड को बिना हाथ लगाए मूह में डाल और चूस.
मैं कुत्ते की तरह चल कर उसके पास आया. वो सोफे पे बैठा था, और मैने उसके लंड को लिप्स से उठाया, और चाटने-चूसने लगा.
अमित (लंड मेरे मूह से निकाल कर): चल अब बोल की मेरी बेहन पूजा गस्ति है. और मैं अमित के सामने उसको नंगी करूँगा.
मैं: अमित मेरी बेहन पूजा बहुत बड़ी गस्ति है. मैं उसको तुम्हारे लंड पर खुद बिथौँगा. तुम मेरी बेहन को बहुत सारा छोड़ना. उसकी गांद में भी लंड डाल कर गांद ओपन कर देना.
अमित मज़े ले रहा था, और मुझे उसने सोफा पर डॉगी-स्टाइल में होने के लिए बोला.
मैं भी उसी वक़्त अपनी गांद को बाहर को निकाल कर डॉगी-स्टाइल में आ गया. मेरी गांद उँची हो गयी, और मैने फेस सोफे पर टीका लिया, जिससे मेरी गांद का होल डाइरेक्ट बिल्कुल लंड के सामने था.
अमित ने मेरी गांद पर अपना थूक फेंका, और लंड का सूपड़ा मेरी गांद पे लगाया. फिर एक पुश में ही आधा लंड गांद में चला गया. मुझे दर्द होने लगा तो तोड़ा सा मैं हिल गया. तभी अमित ने मेरी गांद पर ज़ोर से थप्पड़ मारा और बोला-
अमित: सेयेल बहनचोड़, अगर ज़रा सी भी हरकत की चुदाई टाइम, तो तेरी गांद में हाथ भी डाल दूँगा.
अब मुझे बिल्कुल भी हिलना नही था. बस अमित के लंड के धक्के बर्दाश्त करने थे, वो भी 40-45 मिनिट तक लगातार. क्यूंकी उसने कॅप्सुल खा रखा था. फिर मेरी गांद चुदाई स्टार्ट हो गयी, तो मैं दर्द होते हुए भी गांद को पर्फेक्ट प्लेस पे रखा, ताकि झटके आचे से लगे और लंड को पूरी सैर मिले गांद चुदाई की.
अमित मेरी कमर को दोनो तरफ से पकड़ कर मशीन की तरह गांद चुदाई करने लगा. वाउ मैं तो सातवे आसमान में था. जैसे कोई लड़की अपने आशिक़ से चुड्ती है, वैसे मुझे फीलिंग आ रही थी की मैं लड़की था, और मेरा आशिक़ मेरी छूट चुदाई कर रहा था.
फिर उसने कम से कम 50 मिनिट मेरी गांद चुदाई की, और जब उसका पानी निकालने वाला था, तो उसने मेरे मूह में लंड दे दिया और मैं चूसने लगा. करीब 5 मिनिट बाद उसके लंड ने बहुत सारा पानी छ्चोढा, जो सारा मूह में निकल गया.
मेरे मूह से बाहर निकल रहा था उसका वीर्या. फिर वो साइड हो कर लेट गया. उस रात उसने सुबह तक मेरी 4 बार गांद छोड़ डाली. मैं भी गे बन गया था. फिर शाम तक रेस्ट करके हम घर चले गये.
दोस्तों इस स्टोरी का एक और पार्ट है, वो भी मैं लिखुगा,